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प्रारूप:पैग़म्बर को अपश्बद कहने वाला

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पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाला, यानी इस्लाम के पैग़म्बर (स) का अपमान करने वाला या उन्हें बुरा भला कहने वाला, न्यायशास्त्रीय विषयों मे से एक विषय है जिसके लिए न्यायशास्त्र मे मौत की सज़ा दी गई है। यह फैसला शिया और सुन्नी फ़ुक़्हा के माने हुए फैसलों में से एक है, जिसे मुस्तफ़ीज़ और इज्माअ की रिवायतों में दर्ज किया गया है। सलमान रुश्दी की हत्या वाला इमाम ख़ुमैनी का फ़तवा इसी फैसले का एक उदाहरण है।

शिया न्यायविदो के एक समूह के अनुसार, जो व्यक्ति इस्लाम के पैग़म्बर का अपमान या बुरा भला सुनता है, तो वह किसी धार्मिक शासक (हाकिम ए शराअ) की इजाज़त के बिना अपमान करने वाले की हत्या कर सकता है। शिया न्यायविदो ने पैग़म्बर का अपमान करने वाले के फैसले को ऐसे मामलों में जैसे कि अपमान करने वाले का इरादा न होना, तक़य्या और इच्छाशक्ति की कमी हो लागू नहीं मानते। शिया न्यायशास्त्र मे अल्लाह, आइम्मा और हज़रत ज़हरा जैसी पवित्र चीज़ों का अपमान करने वाले का हुक्म पैग़म्बर को अपश्बद कहने वाले के हुक्म के बराबर है।

परिभाषा और स्थान

साब्बुन नबी वह व्यक्ति है जो हज़रत मुहम्मद (स) को अपशब्द कहता है।[] कुछ शोध के अनुसार, “साब्बुन नबी” शब्द सिर्फ पैग़म्बर (स) को अपशब्द कहने वाले व्यक्ति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें किसी भी तरह का अपमान, बुरी भाषा और पैग़म्बर (स) का मज़ाक उड़ाना आदि भी शामिल है;[] जैसा कि 10वीं सदी के न्यायविद मुक़द्दस अर्दबेली ने रिवायतों में “सब्ब”, “शत्म” और “नैल” शब्दों को एक जैसा माना, और उन सभी में पैग़म्बर (स) की किसी भी तरह का अपमान शामिल माना।[] दूसरी ओर, 14वीं सदी के न्यायविद हुसैन अली मुंतज़री ने “पैग़म्बर को अपशब्द कहने” को गाली और अपमान बतया, और इसमें दूसरे अपमानो को शामिल नहीं किया।[]

ज़्यादातर शिया हदीस और न्यायशास्त्रीय सोर्स में, “पैग़म्बर (स) को अपशब्द कहने” का ज़िक्र सज़ाओं से जुड़े हिस्से में और फिर क़ज़्फ़ की सज़ाओं से जुड़े मामलों में किया गया है;[] क्योंकि सुन्नी आम तौर पर इसे इरतेदाद के अंतगर्त बयान करते हैं और ऐसे इंसान को मुरतद्द मानते हैं।[]

इमाम खुमैनी ने शैतानी आयात नामक किताब के लेखक सलमान रुश्दी को मौत की सज़ा दी, जिससे दुनिया में अपशब्द कहने वाले की इस्लामी सज़ा को बढ़ावा मिला।[] पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले की सज़ा की चुनौतियों में बोलने की आज़ादी का विरोध,[] धर्म और संप्रदायो को कमज़ोर दिखाना, और लोगों का धर्म से बोर होना शामिल है।[]

न्यायशास्त्रीय नियम

इस्लाम के पैग़म्बर को अपशब्द कहना शरई सज़ा के साथ एक पाप के रूप में पेश किया गया है[१०] और हराम होने के अलावा, अपमान करने वाले व्यक्ति को मौत की सजा का प्रावधान है।[११] इस हुक्म पर शिया और सुन्नी दोनो संप्रदायो मे सहमति है।[१२] पैग़म्बर को अपशब्द कहना, अपमान करने वाले की हत्या करना उन लोगों पर वाजिब है जिन्होंने उसे अपमानित करते हुए सुना है।[१३] 10वीं शताब्दी के न्यायविद शहीद सानी के अनुसार, अगर अपशब्द कहने वाला व्यक्ति पश्चात भी कर ले तब भी यह हुक्म नहीं हटाया जाता है।[१४]

न्यायशास्त्रीय नियम का दस्तावेज़

पैग़म्बर को अपशब्द कहने के नियम का कानूनी आधार मुस्तफ़ीज़ा रिवायतो में बयान किया गया है।[१५] और शिया न्यायविदों के एक समूह का इज्माअ (आम सहमति)[१६] पैग़म्बर को अपशब्द कहने के शीर्षक को अपशब्द कहने वाले की हत्या करने के लिए पर्याप्त मानता है, और इसे किसी अन्य शीर्षक की पूर्ति पर निर्भर नहीं बनाया है।[१७] हालांकि, कुछ न्यायविद पैग़म्बर को अपशब्द कहने को धर्मत्याग का मामला मानते हैं, और पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले की हत्या करने के नियम को धर्मत्याग के नियम का एक उदाहरण मानते हैं;[१८] जैसा कि मुक़द्दस अर्दबेली का मानना है कि पैग़म्बर का सम्मान करना धर्म की आवश्यकताओं में से एक है, और जो पैगम्बर को अपशब्द कहने वाला इस आवश्यक नियम से इनकार करता है और मुरतद (धर्मत्यागी) है।[१९]

हौज़ा ए इल्मिया के कुछ शोधकर्ताओं ने पैगम्बर को अपशब्द कहने को इस्लाम और धर्म पर हमला माना है, और धर्म और मज़हब की रक्षा के लिए पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले की हत्या करने को वाजिब को माना है।[२०]

नियम कैसे लागू होता है, और छूट

साहिब जवाहिर के अनुसार, शिया फ़िक़्ह में एक मशहूर नज़रिया यह है कि पैग़म्बर को अपश्बद कहने वाले व्यक्ति पर हुक्म लागू करने के लिए इमाम की या हाकिमे शरअ की इजाज़त की ज़रूरत नहीं होती और जो कोई भी पैग़म्बर को अपशब्द कहते सुनता वह अपशब्द कहने वाले व्यक्ति की हत्या कर सकता है।[२१] हालांकि, शेख़ मुफ़ीद इस हुक्म को लागू करने को इस्लामी शासक के इख़्तियारात में से मानते हैं।[२२]

यह भी कहा गया है कि पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले की हत्या करना सिर्फ़ उसी पर वाजिब है जिसकी जान, माल और इज़्ज़त महफ़ूज़ हो।[२३] हालांकि, मुक़द्दस अर्दबेली का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति की जान, माल या इज़्ज़त सुरक्षित भी ना है, तब भी वह पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले की हत्या कर सकता है।[२४] कुछ न्यायविदो ने निम्नलिखित मामलों में पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले की हत्या के हुक्म के कार्यान्वयन को स्वीकार नहीं किया है:

  • अपशब्द कहने वाला व्यक्ति इसका इरादा नहीं रखता है;[२५]
  • तीव्र क्रोध की स्थिति में अपशब्द कहना;[२६]
  • इख़्तियार का ना होना;[२७]
  • तक़य्या और अनिच्छा की स्थिति;[२८]
  • अज्ञानता।[२९]

पैग़म्बर को अपश्बद कहने के मामले और उस पर प्रतिक्रिया

इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) द्वारा पैग़म्बर (स) से सुनाई गई एक रिवायत के अनुसार, पैग़म्बर (स) ने हुज़ैल कबीले के एक आदमी को मारने का आदेश दिया जिसने उन्हे अपशब्द कह रहा था, और उनके कुछ सहाबियो ने उसको अंजाम दिया।[३०] इसके अलावा, मक्का की विजय के दौरान, कुछ को छोड़कर सभी मुशरिकों को माफ़ कर दिया गया था, जिनमें दो महिला गायिकाएँ भी शामिल थीं जिन्होंने पैग़म्बर (स) का मज़ाक उड़ाया था, और पैग़म्बर (स) ने उन्हें मारने का आदेश दिया।[३१]

सितंबर 1988ई में, शैतानी आयात नामक किताब[३२] , जो इस्लाम के पैग़म्बर (स) के बारे में एक अपमानजनक उपन्यास है,[३३] प्रकाशित हुई, और उस समय शिया मरजा ए तक़लीद और इस्लामी गणराज्य ईरान के नेता इमाम खुमैनी ने पुस्तक के लेखक सलमान रुश्दी की हत्या का हुक्म जारी किया,[३४] और दुनिया भर के मुसलमानों ने पुस्तक के लेखक और प्रकाशक के खिलाफ प्रदर्शन किए।[३५]

वर्ष 2022 ई में, सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया और उसकी गर्दन में घाव हो गया।[३६] इसके अलावा 30 सितंबर, 2005 ई को, डेनिश अखबार जाइलैंड्स-पोस्टेन (Jyllands-Posten) ने पैग़म्बर मुहम्मद (स) के अपमानजनक कार्टून प्रकाशित किए,[३७] जिसके कारण मुसलमानों द्वारा डेनिश सामानों का बहिष्कार किया गया।[३८] 2011 ई में, फ्रांसीसी पत्रिका चार्ली हेब्दो (Charlie Hebdo) में पैग़म्बर मुहम्मद के अपमानजनक कार्टून के प्रकाशन के कारण विभिन्न देशों में मुसलमानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।[३९]

दूसरे मुक़द्देसात का अपमान

मुख्य लेख: मुक़द्देसात का अपमान

फ़िक़्ही किताबों में, पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले के नियम को इन मामलों में भी लागू किया गया है या इस पर चर्चा की गई है:

  • अल्लाह और फ़रिश्ते;[४०]
  • आइम्मा और हज़रत ज़हरा: साहिब ए जवाहिर पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले के हुक्म को आइम्मा और हज़रत ज़हरा के बारे मे लागू करना, शिया न्यायविदो के बीच आम सहमति का मामला मानते हैं।[४१]
  • दूसरे अम्बिया: साहिब ए रियाज़ सभी नबियो के अपमान करने को पैग़म्बर को अपशब्द कहने वाले के हुक्म मे मानते हैं।[४२] हालांकि साहिब ए जवाहिर दूसरे पैगंबरों का अपमान करने को इरतेदाद का कारण मानते है, लेकिन पैग़म्बर को अपशब्द कहने के मामले में इसे शामिल करने में इशकाल किया है।[४३]
  • पैग़म्बर की मां आमना: कुछ फ़ुक़्हा ने पैग़म्बर (स) को अपशब्द कहने के मामले में पैग़म्बर की मां आमना का अपमान करने को भी शामिल किया है।[४४] अल्लामा हिल्ली इस नियम में समानता को उन मामलों पर लागू मानते हैं जहां क़ज़्फ़ के लिए आमना को जिम्मेदार ठहराया जाए।[४५] साहिब ए जवाहिर भी इस नियम को केवल उन मामलों में लागू करते हैं जहां आमना का अपमान करने से पैग़म्बर का अपमान होता है।[४६]
  • पैग़म्बर और आइम्मा के दूसरे रिश्तेदार – इमामज़ादे - (इमामों के वंशज): साहिब ए जवाहिर के अनुसार, पैग़म्बर के दूसरे रिश्तेदारों का अपमान करने को पैग़म्बर का अपमान करने से केवल उन मामलों में जोड़ा जाता है जहां यह पैग़म्बर का अपमान करने की ओर ले जाता है।[४७]

संबंधित लेख

फ़ुटनोट

  1. जराअत, बर्रसी फ़िक़्ही व हुक़ूक़ी जुर्म सब्बुन नबी, पेज 83।
  2. जराअत, बर्रसी फ़िक़्ही व हुक़ूक़ी जुर्म सब्बुन नबी, पेज 86; मुरूजी तबसी, हुक्म फ़िक़्ही दुश्नाम दहंदे बे पयाम्बर, पेज 43।
  3. अर्दबेली, मजमअ अल फ़ाएदा वल बुरआन, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी, भाग 13, पेज 171।
  4. मुंतज़री, पासुख बे पुरसिशहाए दीनी, 1389 शम्सी, पेज 492।
  5. देखेः मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शराए अल इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 4, पेज 154; हुर्रे आमोली, वसाइल उश शिया, 1409 हिजरी, भाग 28, पेज 211; तबातबाई, रियाज़ अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 16, पेज 54; बुरूजर्दी, जामेअ अहादीस अल शिया, 1386 शम्सी, भाग 30, पेज 784।
  6. आक़ा बाबाई, क़त्ल नफ़स बे ऐतेक़ाद महदूर अल दम बूदन मक़तूल, पेज 174।
  7. जवाहिरी, इसतिंबात हुक्म साब्बुन नबी (स) अज़ अबआद सह गाने सुन्नत इस्लामी, पेज 26।
  8. हुसैनी पासंदी, व दिगरान, वाकावी इजरा ए मजाज़ात साब्बुन नबी बा निगाही बर चालिशहा, पेज 35।
  9. हाजी दहबादी व नूरी, बाज़पुज़ूही मजाज़ात साब्बुल इस्लाम, 1393 शम्सी, पेज 26।
  10. जज़ीरी, अल फ़िक़्ह अला अल मज़ाहिब अल अरबा, 1419 हिजरी, भाग 4, पेज 301।
  11. अल्लामा हिल्ली, इरशाद अल अज़हान, 1410 हिजरी, भाग 2, पेज 179; नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 21, पेज 268।
  12. जवाहिरि, इस्तिंबात हुक्म साब्बुन नबी (स) अज़ अबआद सह गाने सुन्नत इस्लामी, पेज 29; ख़ानसारी, जामेअ अल मदारिक, 1405 हिजरी, भाग 7, पेज 109।
  13. ख़ानसारी, जामेअ अल मदारिक, 1405 हिजरी, भाग 7, पेज 109।
  14. शहीद सानी, अल रौज़ा अल बाहिया, 1410 हिजरी, भाग 9, पेज 196।
  15. तबातबाई, रियाज़ अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 16, पेज 55।
  16. सय्यद मुर्तज़ा, अलइंतेसार, 1415 हिजरी, पेज 482; इब्ने ज़ोहरा, ग़नयतुल नुजूअ, 1417 हिजरी, पेज 428।
  17. मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शराए अल इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 4, पेज 154।
  18. सय्यद मुर्तज़ा, अलइंतेसार, 1415 हिजरी, पेज 482 शहीद सानी, मसालिक अल अफहाम, 1413 हिजरी, भाग 4, पेज 454।
  19. अर्दबेली, मजमा अल फ़ाएदा वल बुरहान, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी, भाग 13, पेज 170।
  20. हाजी दहबादी व नूरी, बाज़ पुज़ूहिशी दर मजाज़ात साब्बुल इमाम, 1393 शम्सी, पेज 65-66।
  21. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41 पेज 438।
  22. शेख मुफ़ीद, अल मुक़्नेआ, 1410 हिजरी, पेज 743।
  23. खानसारी, जामेअ अल मदारिक, 1410 हिजरी, भाग 7, पेज 112।
  24. अर्दबेली, मजमा अल फ़ाएदा वल बुरहान, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी, भाग 13, पेज 171।
  25. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41, पेज 439; गुलपाएगानी, अल दुर अल मंज़ूद, 1414 हिजरी, भाग 2, पेज 266।
  26. गुलपाएगानी, अल दुर अल मंज़ूद, 1414 हिजरी, भाग 2, पेज 267-268; फ़ाज़िल लंकरानी, जामेअ अल मसाइल, 1425 हिजरी, भाग 1, पेज 501।
  27. गुलपाएगानी, अल दुर अल मंज़ूद, 1414 हिजरी, भाग 2, पेज 267।
  28. गुलपाएगानी, अल दुर अल मंज़ूद, 1414 हिजरी, भाग 2, पेज 253-254।
  29. गुलपाएगानी, अल दुर अल मंज़ूद, 1414 हिजरी, भाग 2, पेज 256।
  30. कुलैनी, फ़ुरूअ काफ़ी, 1367 शम्सी, भाग 7, पेज 267।
  31. याक़ूबी, तारीख अल याक़ूबी, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 378।
  32. "The Satanic Verses"
  33. रिज़वानी, बर्रसी हुक्म इमाम ख़ुमैनी दर बारा ए सलमान रुश्दी, 1388 शम्सी, पेज 124।
  34. मूसवी ख़ुमैनी, सहीफ़ा नूर, 1389 शम्सी, भाग 21, पेज 263।
  35. रिज़वानी, बर्रसी हुक्म इमाम ख़ुमैनी दर बारा ए सलमान रुश्दी, 1388 शम्सी, पेज 125-127।
  36. हमला बा चाक़ू बे सलमान रुश्दी, यूरो न्यूज़ एजेंसी।
  37. फ़ाज़ेली, मर्ग कारिकातोरिस्त जंजाली दानमार्क, ऐतेमाद समाचार पत्र की साइट।
  38. डेनमार्क अज़ कारिकातूरहाए मूहिन मिलयूनहा यूरो ज़ियान दीद, हमशहरी ऑनलाइन साइट।
  39. Satire-Zeitung darf nicht mehr online gehen इश्पीगल समाचार पत्र की साइट।
  40. अल्लामा हिल्ली, तज़क़ेरातुल फ़ुक़्हा, 1414 हिजरी, भाग 9, पेज 433 जज़ीरी, अल फ़िक़्ह अला अल मज़ाहिब अल अरबाअ, 1419 हिजरी, भाग 4, पेज 301।
  41. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41, पेज 435।
  42. तबातबाई, रियाज़ अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 16, पेज 56।
  43. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41, पेज 436-437।
  44. तबातबाई, रियाज़ अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 16, पेज 56 नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41, पेज 437।
  45. अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल अहकाम, 1420 हिजरी, भाग 5, पेज 410।
  46. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41, पेज 438।
  47. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 41, पेज 438

स्रोत

  • आक़ा बाबाई, हुसैन, क़त्ल नफ़्स बे ऐतेक़ाद महदूर अल दम्म बूदन मक़तूल, फ़िक़्ह अहले बैत पत्रिका में, भाग 12, क़ुम, मोअस्सेसा दायरातुल मआरिफ़ फ़िक़्ह इस्लामी, ताबिस्तान, 1379 शम्सी।
  • इब्ने ज़ोहरा, हम्ज़ा बिन अली, गुन्यातुन नुजूअ एला इल्मयल उसूल वल फ़ुरूअ, क़ुम, मोअस्सेसा अल इमाम अल सादिक़ (अ), 1417 हिजरी।
  • अर्दबेली, अहमद बिन मुहम्मद, मजमा अल फाएदा वल बुरहान फ़ी शरह इरशाद अल अज़हान, शोधः मुज्तबा अल इराक़ी, क़ुम, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी, अप्रकाशित तारीख।
  • बुरोजर्दी, सय्यद हुसैन, जामेअ अहादीस अल शिया, तेहरान, फ़रहंग सब्ज़ प्रकाशन, 1386 शम्सी।
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  • जवाहिरी, मुहम्मद रज़ा, इसतिंबात हुक्म साब्बुन नबी (स) अज़ अबआद सह गाने सुन्नत इस्लामी, मुतालेआत फ़िक़्ह इस्लामी व मबानी हुकूक द्विमासिक पत्रिका में, क्रमांक 29, बहार व ताबिस्तान, 1393 शम्सी।
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  • शहीद सानी, जैनुद्दीन बिन अली अल आमोली, मसालिक अल अफ़हाम एला तंक़ीह शराए अल इस्लाम, क़ुम, मोअस्सेसा मआरिफ़ इस्लामी, 1413 हिजरी।
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  • तबातबाई, अली बिन मुहम्मद, रियाज़ अल मसाइल फ़ी तहक़ीक़ अल अहकाम बिद दलाइल, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत (अ), ले एहया अल तुरास, 1418 हिजरी।
  • अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, इरशाद अल अज़हान एला अहकाम अल ईमान, क़ुम, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी, 1410 हिजरी।
  • अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, तहरीर अल अहकाम अल शरीया अला मज़हब अल इमामिया, क़ुम, मोअस्सेसा अल इमाम अल सादिक़ (अ), 1420 हिजरी।
  • अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, तज़केरातुल फ़ुक़्हा, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत (अ), लेएहया अल तुरास 1412 हिजरी।
  • फ़ाज़िल, लंकरानी, मुहम्मद, जामेअ अल मसाइल, क़ुम, अमीर अल कलम, 1425 हिजरी।
  • फ़ाज़ेली, महमूद, मर्ग कारिकातोरिस्त जंजाली डेनमार्क, साइट रोज़नामा ऐतेमाद, प्रविष्ट की तारीख 2 मुरदाद 1400 शम्सी, वीजिट की तारीख 15 मुरदाद, 1404 शम्सी।
  • कुलैनी, मुहम्मद बिन याक़ूब, अल फ़ुरूअ मिनल काफ़ी, तेहरान, दार अल कुतुब अल इस्लामिया, तीसरा संस्करण, 1367 शम्सी।
  • गुलपाएगानी, सय्यद मुहम्मद रज़ा, अल दुर्र अल मंज़ूद, क़ुम, दार अल कुरआन अल करीम, 1414 हिजरी।
  • मोहक़्क़िक़ हिल्ली, जाफ़र, शरा ए अल इस्लाम फ़ी मसाइल अल हलाल वल हराम, क़ुम, इस्माईलीयान, 1408 हिजरी।
  • मुरूजी तबसी, मुहम्मद जवाद, हुक्म फ़िक़्ही दुशनाम दहनदे बे पयाम्बर (स), फ़रहंग कौसर प्रकाशन में, क्रमांक 78, गर्मी, 1388 शम्सी।
  • मुंतज़री, हुसैन अली, पासुख बे पुरसिशहाए दीनी, क़ुम, दफ़्तर आयतुल्लाह मुंतज़री, 1389 शम्सी।
  • मूसवी ख़ुमैनी, सय्यद रूहुल्लाह, सहीफ़ा नूर, तेहरान, मोअस्सेसा तंज़ीम व नशर आसार इमाम ख़ुमैनी (र), 1389 शम्सी।
  • नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जवाहिर अल कलाम फ़ी शरह शराए अल इस्लाम, बैरुत, दार एहया अल तुरास अल अरबी, अप्रकाशित तारीख।
  • याक़ूबी, अहमद बिन याक़ूब, तारीख अल याक़ूबी, शोधः अब्दुल अमीर महना, बैरुत, मोअस्सेसा अल आलमी लिल मतबूआत, 1993 ईस्वी /1413 हिजरी।
  • The Satanic Verses साइट में goodreads، वीजिट की तारीख 15 मुरदाद 1404 शम्सी।
  • Satire-Zeitung darf nicht mehr online gehen, इश्पीगल समाचार पत्र की साइट में, प्रविष्ट की तारीख 3 नवम्बर 2011 ईस्वी, वीजिट की तारीख 15 मुरदाद 1404 शम्सी।