दुआ यस्तशीर

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दुआ यस्तशीर
विषयखुदावन्द की विशेषताएँ
प्रभावी/अप्रभावीप्रभावी
किस से नक़्ल हुईपैग़म्बर (स)
कथावाचकहज़रत अली (अ)


दुआ यस्तशीर (अरबीःدعاء يستشير) ईश्वर के गुणों को व्यक्त करने और ईश्वर की स्तुति (हम्द) करने वाली दुआ है, जिसे पवित्र पैग़म्बर (स) ने हज़रत अली (अ) को सिखाया और उन्हें सभी स्थितियों में इसे पढ़ने के लिए कहा। सय्यद इब्न ताऊस ने महज अल-दअवात किताब में इस दुआ का उल्लेख किया है और पैग़म्बर (स) की ज़बान से इसे पढ़ने के गुणों और पुरस्कारो (फ़ज़ाइल और सवाब) जैसे कि पापों की क्षमा का उल्लेख किया है।

दस्तावेज़

शेख अब्बास क़ुमी ने अपनी किताब मफ़ातिहुल जिनान मे: सय्यद इब्न ताऊस ने महज अल-दअवात में में इमाम अली (अ) से वर्णन किया है कि पैग़म्बर (स) ने मुझे दुआ यस्तशीर सिखाई और मुझे सभी स्थितियों आराम मे, कठिनाई में इसे पढ़ने का आदेश दिया और अपने बाद के उत्तराधिकारी को स्वयं मैने इस दुआ की शिक्षा दूं, और ईश्वर से मिलने तक इस दुआ को पढ़ना ना छोड़ने की सिफारिश की। हज़रत अली (अ) ने पवित्र पैग़म्बर (स) से आगे नक़ल करते हुए कहा कि: हे अली! इस प्रार्थना (दुआ) को हर सुबह और शाम पढ़ें, जो भगवान के सिंहासन (अर्शे इलाही) के खजानों में से एक है।[१]

नामकरण

सय्यद इब्न ताऊस ने इस प्रार्थना के लिए किसी नाम का उल्लेख नहीं किया है,[२] लेकिन मफ़ातिहुल जिनान में मुहद्दिस क़ुमी ने इसका उल्लेख दुआ यस्तशीर के रूप में किया है[३] कहा जाता है कि इस दुआ का नाम (वला ख़ल्क़िन मिन एबादेहि यस्तशीर) के वाक्यांश से लिया गया है।[४] महज अल-दअवात के कुछ संस्करणों मे इस दुआ को "दुआ अली अल्लमहु लेसलमान" (वह दुआ जो हज़रत अली (अ) ने सलमान को सिखाई थी) के रूप में पेश किया गया है[५] और दुआओं की कुछ किताबों में इसे "इमाम अली (अ) की दुआ" भी कहा गया है।[६]

कंटेंट

इब्न ताऊस की किताब मे दुआ यस्तशीर को कुछ परिवर्तन के साथ "اَلْحَمْدُ للَّهِ‏ِ الَذى‏ لا اِلهَ ‏اِلاَّ هُوَ الْمَلِک الْحَقُّ الْمُبينُ अल्हम्दो लिल्लाहिल लज़ी ला इलाहा इल्ला होवल मलेकिल हक़्क़ुल मुबीन" के साथ शुरू होती है,[७] लेकिन कफ़अमी की किताब के संस्करण में, प्रारंभिक वाक्य थोड़ा बदल गया, "اَلْحَمْدُ للَّهِ‏ِ الَذى‏ لا اِلهَ ‏اِلاَّ هُوَ الْحَیُّ الْقَیّوم الدّائمُ الْمَلِک الْحَقُّ الْمُبينُ अल्हम्दो लिल्लाहिल लज़ी ला इलाहा इल्ला होवल हय्युल क़य्यूम अल-दाएमुल मलेकिल हक़्क़ुल मुबीन" है।[८] और ईश्वर की हम्द, आराधना, ताज़ीम करन, ईश्वर के गुणों को व्यक्त करना और सेवक (बंदो) की असहायता और असमर्थता को व्यक्त करना दुआ की सामान्य कंटेंट है और इसके कई हिस्सों में क़ुरआन की आयतों का भी उल्लेख है।

पढ़ने का सवाब

महज अल-दअवात किताब में, यह उल्लेख किया गया है कि पैग़म्बर (स) ने उबय बिन कअब अंसारी और सलमान फ़ारसी को दुआ यस्तशीर के गुण बताए। इस प्रार्थना के कुछ सवाब इस प्रकार हैं:

  • शांति और दिव्य दया का अवतरण (आरामिश और रहमते इलाही का नुज़ूल)
  • लौकिक एवं पारलौकिक (दुनयावी और उख़रवि) आवश्यकताओं की पूर्ति
  • क़ब्र की पीड़ा से मुक्ति
  • स्वर्ग में निवास
  • इंसान के हृदय से दुःखो और रोगो का दूर हो जाना
  • इस दुआ के पढ़ने के दिन या रात को यदि कोई मर जाए तो शहादत का सवाब
  • पापों की क्षमा और बख़्शिश[९]

पाठ और अनुवाद

दुआ यस्तशीर
दुआ का हिंदी उच्चारण अनुवाद दुआ का अरबी उच्चारण
अल्हम्दो लिल्लाहिल लज़ी ला इलाहा इल्ला होवल मलेकुल हक़्क़ुल मुबीन, अल-मुदब्बेरो बेला वज़ीरिन वला ख़ल्क़िन मिन एबादेहि यस्तशीर, अल-अव्वलो ग़ैरो मोसूफ़िन, वल बाक़ी बाद फ़नाइल ख़ल्क़िल अज़ीमुर रुबूबिय्यह, नूरुस समावाते वल अराज़ीना व फ़ातेरोहोमा व मुब्तदेओहोमा, बेग़ैरे अमदिन ख़लक़होमा, व फ़तक़होमा फ़त्क़ा, फ़क़ामतिस समावातो ताएआतिम बेअमरेह, वस तक़र्रतिल अरज़ूना बेऔतादेहा फ़ौक़ल माऐ, सुम्मा अला रब्बोना फ़िस समावातिल उला, अर्रहमानो अलल अर्शिस तवा, लहु मा फ़िस समावाते वमा फ़िल अर्ज़े वमा बैनाहोमा वमा तहतस सरा, फ़अना अशहदो बेअन्नका अन्तल्लाहो ला राफ़ेआ लेमा वज़अता, वला वाज़ेआ लेमा रफ़अता, वला मोइज़्ज़ुन लेमन अज़्ललता, वला मोज़िल्लुन लेमन आज़्ज़ता, वला मानेआ लेमा आतयता, वला मोतेया लेमा मनअता, व अन्तल्लाहो ला इलाहा इल्ला अन्ता, कुंता इज़्लम तकुन समाओ मबनिय्यह,वला अर्ज़ो मदहीय्यह, वला शम्सुम मुज़िय्यह, वला लैलुम मुज़िलेमुन, वला नहारुन मुज़ियुन, वला बहरुन लुज्जियुन, वला जब्लुन रासिन, वला नज्मुन सारिन, वला क़मरुम मुनीरुन, वला रीहुन तहब्बो, वला सहाबुम यसकेबो, वला बरक़ुन यलमओ, वला रअदुन योसब्बेहो, वला रूहुन तनफ्फ़सो, वला ताएरुन यतीरो, वला नारुन ततवक़्क़्दो, वला माउन यत्तरेदो, कुंता क़ब्ला कुल्ले शैइन, व कव्वंता कुल्ला शैइन, व क़द्दरता अला कुल्ले शैइन, वब्तदअता कुल्ला शैइन, वअग़नयता वफ़क़रता, व अमत्ता व आहययता, व अज़्हकता व अबकयता, व अलल अर्शिस तवयता, फ़तबारकता या अल्लाहो व तआलयता अन्तल्लाहुल लज़ी ला इला इल्ला अन्तल ख़ल्लाक़ुल मोईन, अम्रोका ग़ालेबुन, व इल्मोका नाफ़ेज़ुन, व कयदोका ग़रीबुन, व वाअदोका सादेक़ुन, व क़ौलका हक़्क़ुन, व हुक्मोका अदलुन, व कलामोका हुदन, व वहयका नूरुन, व रहमतका वासेअतुन, व अफ़वोका अज़ीमुन, व फ़ज़्लका कसीरुन, व अताओका जज़ीलुन, व हब्लका मतीनुन, व इमकानोका अतीदुन, व जारोक अज़ीज़ुन, व बसोका शदीदुन, व मकरोका मकीदुन, अन्ता या रब्बे मोज़्ओ कुल्ले शक्वा, हाज़ेरो कुल्ले मलाइन, व शाहेदो कुल्ले नज्वा, मुंतहा कुल्ले हाजतिन,मुफ़र्रजो कुल्ले हुज़्निन, ग़ेना कुल्ले मिस्कीनिन, हिस्नो कुल्ले हारेबिन, अमानो कुल्ले ख़ाएफ़िन, हिरज़ुज़ ज़ोअफ़ाए, कंज़ुल फ़ुक़ाराए, मोफ़र्रेजुल ग़म्माए, मोईनुस सालेहीना, ज़ालेकल्लाहो रब्बोना, ला इलाहा इल्ला होवा, तकफ़ा मिन एबादिक मन तवक्कला अलैका, व अंता जारो मन लाज़बेका, व तज़र्रओ इलैका इस्मतो मनेअतसमा बेका नासेरो मनिंतसरा बेका तग़फ़ेरुज़ ज़ोनूबा लेमनिस तग़फ़रका जब्बारुल जबाबेरते, अज़ीमुल उज़ामाए, कबीरुल कुबाराए, सय्यदुस सादाते, मौलल मवाली, सरीख़ुल मुस्तसरेखीना, मुनफ़्फ़ेसुन अनिल मकरूबीना, मुजीबो दअवतिल मुज़्तर्रीना, अस्मउस सामेईना अब्सरुन नाज़ेरीना, अहकमुल हाकेमीना, अस्रउल हासेबीना, अर्हमुर्रराहेमीन, ख़ैरुल ग़ाफ़ेरीना, क़ाजी हवाएजिल मोमेनीना, मुग़ीसुस सालेहीना, अन्तल्लाहो ला इलाहा इल्ला अन्ता, रब्बुल आलमीना अन्तल ख़ालेक़ो व अनल मख़्लूक़ो, व अंतल मालेको व अनल ममलूको, व अंतल रब्बो व अनल अब्दो, व अंतल राज़ेक़ो व अनल मरज़ूक़ो, व अनतल मोअतियो व अनस साएलो, व अंतल जवादो व अनल बख़ीलो, व अंतल क़वीयो व अनज़ ज़ईफ़ो, व अंतल अज़ीज़ो व अनज़ ज़लीलो, व अंतल ग़नीयो व अनल फ़क़ीरो, व अंतस सय्यदो व अनल अब्दो, व अंतल ग़ाफ़ेरो व अनल मुसीओ, व अंतल आलेमो व अनल जाहेलो, व अंतल हलीमो व अनल अजूलो, व अंतर रहमानो व अनल मरहूमो, व अंतल मुआफ़ी व अनल मुब्तला, व अंतल मुजीबो व अनल मुज़्तर्रो, व अना अशहदो बेअन्नका अन्तल्लाहो ला इलाहा इल्ला अंता, अलमोअती एबादका बेला सुआलिन, व अशहदो बेअन्नका अन्तल्लाहुल वाहेदुल अहदुल मुताफ़र्रेदुस समदुल फ़रदो, व इलैकल मसीरो, व सल्लल लाहो अला मुहम्मदिन व अहले बैतेहित तय्येबीनत ताहेरीना, वग़फ़िर ली ज़ोनूबी, वस्तुर अला ओयूबी, वफ़्तह ली मिन लदुनका रहमतन, वरज़ुक़्ना वासेअन, या अरहमर्राहेमीना, वल हम्दो लिल्लाहे रब्बिल आलमीना, व हस्बोनल्लाहो व नेअमल वकीलो, वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलीइल अज़ीम सारी प्रशंसा ईश्वर के लिए है, जिसके अलावा कोई देवता (मअबूद) नहीं है, वह राजा हक़ ज़ाहिर बा ज़ाहिर है, वह ईश्वर है जो बिना किसी मंत्री के और किसी भी प्राणी की सलाह के बिना व्यवस्था स्थापित करता है, वह ऐसा प्रथम है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है और वह सृष्टि के विनाश के बाद भी बाक़ी रहने वाला है, वह बड़ा पालनहार है, आकाशो और धरतियो को बनाने वाला, और बिना खम्भों के बनानेवाला है। उसने इन दोनो की रचना की है और अलग-अलग रखा बस आसमान उसकी आज्ञा का पालन करते हुए उसके आदेश पर खड़े हो गए और धरती अपनी कीलो की सहायता से पानी के ऊपर ठहर गई फ़िर हमारा पालनहार ऊंचे आकाशो पर मुसल्लत हो गया वही रहमान ऊंचाई हर बुलंदी पर हावी हो गया, जो कुछ आकाशो मे और जो कुछ धरती मे है जो कुछ उनके बीच में है और जो कुछ धरती के नीचे है, वह उसी का है, अतः मैं गवाही देता हूँ कि तू ही अल्लाह है, जिसे तू बड़ा कर दे, कोई उसे छोटा करने वाला नहीं, जिसे छोटा कर दे, उसे कोई बड़ा करने वाला नहीं, और जिसे तू सम्मान दे, उसे कोई अपमानित करने वाला नही और जिसे तू अपमानित करे उसे कोई सम्मान देने वाला नही। और जिसे तू रोक ले उसको कोई देने वाला नही हे जिसे तू दे उससे कोई रोकने वाला नही है और तूही अल्लाह है तेरे अलावा कोई देवता (मअबूद) नही है तू मौजूद था जब आकाश बुलंद नही किया गया था और न धरती का फर्श बिछाया गया था और न सुर्य चमकाया गया था; ना अँधेरी रात थी, ना दिन का उजला था, ना ठाटे मारता समुद्र बना था, न ऊँचे पहाड़ थे, ना चलता हुआ तारा था, ना चमकता हुआ चाँद था, ना बहती हवा था, ना बरसता बादल था, ना चमकती बिजली थी, ना गरजता बादल था, कोई सांस लेने वाली आत्मा नहीं थी, कोई उड़ने वाला पक्षी नहीं था, कोई जलती हुई आग नहीं थी, और कोई बहता पानी नहीं था, बस तू सभी चीजों से पहले था और तूने ही सभी चीजों को बनाया, तूही सभी चीजों पर सर्वशक्तिमान हैं, तूने ही सभी चीजों को बनाया और उन्हें जरूरतमंद बनाया। तूही उन्हें मृत्यु और जीवन देता है। तूही उन्हे हंसाता और रुलाता है, तूही अर्श पर हावी है, बस तू बा बरकत है हे अल्लाह तू बुलंद है तू वह अल्लाह है कि तेरे अलावा कोई देवात (मअबूद) नही है तू पैदा करने वाला मदद देने वाला है तेरा आदेश ग़ालिब तेरा ज्ञान गहरा और तेरी रणनीति विचित्र है तेरा वादा सच्चा और तेरे शब्द हक़ है और तेरा निर्णय न्यायमिक और तेरा कलाम मार्गदर्शन वाला है तेरी वही नूर और तेरी दया व्यापक है तेरी बख्शिश अज़ीम तेरी कृपा अधिक और तेरी अता बहुत बड़ी है तेरी रस्सी मज़बूत और तेरी क़ुदरत आमादा है तेरी शरण लेने वाला मजबूत तेरा हमला सख्त और तेरा सुझाव पेचीदा है हे पालानहार तू हर शिकायत के पहुंचने की जगह हर जमाअत मे मौजूद और हर कानाफूसी का गवाह है तू हर विंती की पनाह पर ग़म को दूर करने वाला हर बेसहारे की पूंजी, हर भगोड़े का किला, हर डरने वाले के लिए शांति का स्थान, कमजोरों की ढाल, फ़क़ीरो का खज़ाना, दुखों को दूर करने वाला और नेक लोगों का मददगार है। यही अल्लाह हमारा रब है, जिसके अलावा कोई देवात (मअबूद) नही तू अपने उन बंदों के लिए काफी है तू उसकी शरण है जो तुझ पर भरोसा रखते हैं,और जो तुझे पुकारता है तू उसका सहायक हैं, जो तुझ से सहायता मांगता है तू उसका समर्थक है, जो तुझ से सहायता मांगता है, तू उसके पापों को क्षमा कर देता है, जो तुझ से क्षमा मांगता है, उसे क्षमा कर देता है, तू अत्याचारीयो पर गालिब बुज़ुर्गो का बुज़ुर्ग बड़ो का बड़ा सरदारो का सरदार आक़ाओ का आक़ा पुकारने वालो का सहायक मुसीबतजदो का गमगुसार है बे क़रारो की प्रार्थना स्वीकार करने वाला सुनने वालो मे अधिक सुनने वाला देखने वालो मे अधिक देखने वाला हाकिमो मे अधिक हुक्म करने वाला तुरंत हिसाब लेने वाला, दयालु लोगों में सबसे दयालु, क्षमा करने वालों में सर्वश्रेष्ठ, विश्वासियों की आवश्यकताएं पूरी करने वाला, धर्मियों की पुकार, तेरे अलावा कोई देवात (मअबूद) नही, तू विद्वानो का रब है तू निर्माता हैं और मैं प्राणी हूं, तू मालिक हैं और मैं ममलुक हूं, तू प्रभु है मै तेरा सेवक हूं, तू जीविका देने वाला है मै जीविका प्राप्त करने वाला हूं, तू दाता है मै मागने वाला हूं, तू सखावत करने वाला है मै कंजूस हूं, तू ताकतवर है मैं कमज़ोर हूं, तू माननीय है मैं जलील हूं, तू बे हाजत है मैं मोहताज हूं, तू मालिक है मैं गुलाम हूं, तू क्षमाशील मैं पापी हूं, तू ज्ञानी है मैं अज्ञानी हूं, तू धैर्यवान है मैं जल्दबाजी करता हूं, तू दयालु है मैं दया किया हुआ हूं, तू आफ़ियत देने वाला है मैं फंसा हुआ हूं, तू प्रार्थना स्वीकार करने वाला है मैं बेचैन हूं, और मैं गवाही देता हूं वास्तव में तू ही ईश्वर हैं, जो अपने सेवकों को वह प्रदान करता हैं जो वे माँगते भी नही हैं, और मैं गवाही देता हूँ कि तू ही वास्तव में ईश्वर हैं, एक और एकमात्र उदाहरण अद्वितीय है और केवल तेरी ही ओर वापसी है और ईश्वर की दया हो हज़रत मुहम्मद (स) और उनके अहले-बैत (अ) पर, जो शुद्ध और पवित्र हैं, और मेरे पापों को क्षमा करते हैं और मेरे दोषों को छिपाते हैं और मुझे अपनी दया और विशालता और आजीविका प्रदान करते हैं, हे परम दयालु, और सभी प्रशंसाएँ अल्लाह के लिए हैं, जो सारे संसार का स्वामी है, और जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। اَلْحَمْدُ لِلَّهِ الَذى‏ لا اِلهَ ‏اِلاَّ هُوَ، الْمَلِک الْحَقُّ الْمُبينُ، الْمُدَبِرُّ بِلا وَزيرٍ، وَلا خَلْقٍ مِنْ عِبادِهِ يسْتَشيرُ، الْأَوَّلُ غَيرُ مَوْصُوفٍ، وَالْباقى‏ بَعْدَ فَنآءِ الْخَلْقِ، الْعَظيمُ الرُّبُوبِيةِ، نُورُ السَّمواتِ وَالْأَرَضينَ، وَفاطِرُهُما وَمُبْتَدِعُهُما، بِغَيرِ عَمَدٍ خَلَقَهُما، وَفَتَقَهُما فَتْقاً، فَقامَتِ السَّمواتُ طآئِعاتٍ بِاَمْرِهِ، وَاسْتَقَرَّتِ‏ الْأَرضَوُنَ بِاَوْتادِها فَوْقَ الْمآءِ، ثُمَّ عَلا رَبُّنا فِى السَمواتِ الْعُلى‏، اَلرَّحْمنُ‏ عَلَى الْعَرْشِ اسْتَوى‏، لَهُ ما فِى السَّمواتِ وَما فِى الْأَرْضِ وَما بَينَهُما وَما تَحْتَ الثَّرى‏، فَاَنَا اَشْهَدُ بِاَنَّک اَنْتَ اللَّهُ لا رافِعَ لِما وَضَعْتَ، وَلا واضِعَ لِما رَفَعْتَ، وَلا مُعِزَّ لِمَنْ اَذْلَلْتَ، وَلا مُذِلَّ لِمَنْ‏ اَعْزَزْتَ، وَلا مانِعَ لِما اَعْطَيتَ، وَلا مُعْطِىَ لِما مَنَعْتَ، وَاَنْتَ اللَّهُ لا اِلهَ اِلاَّ اَنْتَ، کنْتَ اِذْ لَمْ تَکنْ سَمآءٌ مَبْنِيةٌ، وَلا اَرْضٌ مَدْحِيةٌ، وَلا شَمْسٌ مُضيئَةٌ، وَلا لَيلٌ مُظْلِمٌ، وَلا نَهارٌ مُضيئُ، وَلا بَحْرٌ لُجِّىٌّ، وَلا جَبَلٌ راسٍ، وَلا نَجْمٌ‏ سارٍ، وَلا قَمَرٌ، مُنيرٌ وَلا ريحٌ تَهُبُّ، وَلا سَحابٌ يسْکبُ، وَلا بَرْقٌ يلْمَعُ، وَلا رَعْدٌ يسَبِّحُ، وَلا رُوحٌ تَنَفَّسُ، وَلا طآئِرٌ يطيرُ، وَلا نارٌ تَتَوَقَّدُ، وَلا مآءٌ يطَّرِدُ، کنْتَ قَبْلَ کلِّشَىْ‏ءٍ، وَکوَّنْتَ کلَّشَىْ‏ءٍ، وَقَدَرْتَ عَلى‏ کلِّشَىْ‏ءٍ، وَابْتَدَعْتَ کلَّشَىْ‏ءٍ، وَاَغْنَيتَ وَاَفْقَرْتَ، وَ اَمَتَّ وَاَحْييتَ، وَاَضْحَکتَ‏ وَاَبْکيتَ، وَعَلَى الْعَرشِ اسْتَوَيتَ، فَتَبارَکتَ يا اَللَّهُ وَ تَعالَيتَ اَنْتَ اللَّهُ الَّذى‏ لا اِلهَ اِلاَّ اَنْتَ الْخَلاَّقُ الْمُعينُ، اَمْرُک غالِبٌ، وَعِلْمُک نافِذٌ، وَکيدُک غَريبٌ، وَوَعْدُک صادِقٌ، وَقَوْلُک حَقٌّ، وَحُکمُک عَدْلٌ، وَکلامُک هُدىً، وَوَحْيک‏ نوُرٌ، وَرَحْمَتُک واسِعَةٌ، وَعَفْوُک عَظيمٌ، وَفَضْلُک کثيرٌ، وَعَطاؤُک جَزيلٌ، وَحَبْلُک مَتينٌ، وَاِمْکانُک عَتيدٌ، وَجارُک عَزيزٌ، وَبَاْسُک شَديدٌ، وَمَکرُک مَکيدٌ، اَنْتَ يا رَبِّ مَوْضِعُ کلِّ شَکوى‏، حاضِرُ کلِّ مَلَاءٍ، وَشاهِدُ کلِّ نَجْوى‏، مُنْتَهى‏ کلِّ حاجَةٍ، مُفَرِّجُ کلِّ حُزْنٍ، غِنى‏ کلِّ مِسْکينٍ، حِصْنُ کلِ‏ هارِبٍ، اَمانُ کلِّ خآئِفٍ، حْرِزُ الضُّعَفآءِ، کنْزُ الْفُقَرآءِ، مُفَرِّجُ الْغَمَّآءِ، مُعينُ الصَّالِحينَ، ذلِک اللَّهُ رَبُّنا، لا اِلهَ اِلاَّ هُوَ، تَکفى‏ مِنْ عِبادِک مَنْ تَوَکلَ‏ عَلَيک، وَاَنْتَ جارُ مَنْ لاذَ بِک، وَتَضَرَّعَ اِلَيک عِصْمَةُ مَنِ اعْتَصَمَ بِک ناصِرُ مَنِ انْتَصَرَ بِک تَغْفِرُ الذُّنُوبَ لِمَنِ اسْتَغْفَرَک جَبَّارُ الْجَبابِرَةِ، عَظيمُ‏ الْعُظَمآءِ، کبيرُ الْکبَرآءِ، سَيدُ السَّاداتِ، مَوْلَى الْمَوالى‏، صَريخُ‏ الْمُسْتَصْرِخينَ، مُنَفِّسٌ عَنِ الْمَکروُبينَ، مُجيبُ دَعْوَةِ الْمُضْطَرينَ، اَسْمَعُ‏ السَّامِعينَ اَبْصَرُ النَّاظِرينَ، اَحْکمُ الْحاکمينَ، اَسْرَعُ الْحاسِبينَ، اَرْحَمُ‏ الرَّاحِمينَ، خَيرُ الغافِرينَ، قاضى‏ حَوآئِج الْمُؤْمِنينَ، مُغيثُ الصَّالِحينَ، اَنْتَ اللَّهُ لا اِلهَ اِلاَّ اَنْتَ، رَبُّ الْعالَمينَ اَنْتَ الْخالِقُ وَاَنَا الْمَخْلوُقُ، وَاَنْتَ‏ الْمالِک وَاَنَا الْمَمْلوُک، وَاَنْتَ الرَّبُّ وَاَنَا الْعَبْدُ، وَاَنْتَ الرَّازِقُ وَاَنَا الْمَرْزُوقُ، وَاَنْتَ الْمُعْطى‏ وَاَنَا السَّآئِلُ، وَاَنْتَ الْجَوادُ وَاَنَا الْبَخيلُ، وَاَنْتَ‏ الْقَوِىُّ وَاَنَا الضَّعيفُ، وَاَنْتَ الْعَزيزُ وَاَنَا الذَّليلُ، وَاَنْتَ الْغَنِىُّ وَاَنَا الْفَقيرُ، وَاَنْتَ السَّيدُ وَاَنَا الْعَبْدُ، وَاَنْتَ الْغافِرُ وَاَنَا الْمُسيئُ، وَاَنْتَ الْعالِمُ وَاَنَا الْجاهِلُ، وَاَنْتَ الْحَليمُ وَاَنَا الْعَجُولُ، وَاَنْتَ الرَّحْمنُ وَاَنَا الْمَرْحُومُ، وَاَنْتَ‏ الْمُعافى‏ وَاَنَا الْمُبْتَلى‏، وَاَنْتَ الْمُجيبُ وَاَنَا الْمُضْطَرُّ، وَاَنَا اَشْهَدُ بِأنَّک أَنْتِ‏ اللَّهُ لا اِلهَ اِلاَّ اَنْتَ، الْمُعْطى‏ عِبادَک بِلا سُؤالٍ، وَاَشْهَدُ بِاَنَّک اَنْتَ اللَّهُ الْواحِدُ الْأَحَدُ الْمُتَفَرِّدُ الصَّمَدُ الْفَرْدُ، وَاِلَيک الْمَصيرُ، وَصَلَّى اللَّهُ عَلى‏ مُحَمَّدٍ وَاَهْلِ بَيتِهِ‏ الطَّيبينَ الطَّاهِرينَ، وَاغْفِرْلى‏ ذُنُوبى‏، وَاسْتُرْ عَلَىَّ عيوُبى‏، وَافْتَحْ لى‏ مِنْ لَدُنْک‏ رَحْمَةً، وَرِزْقاً واسِعاً، يااَرْحَمَ الرَّاحِمينَ، وَالْحَمْدُ للَّهِ‏ِ رَبِّ الْعالَمينَ، وَحَسْبُنَا اللَّهُ وَنْعِمَ الْوَکيلُ، وَلا حَوْلَ وَلاقُوَّةَ اِلاَّ بِاللَّهِ الْعَلِىِّ الْعَظيمِ.

फ़ुटनोट

  1. क़ुमी, मफ़ातिहुल जिनान, उस्वा, पेज 78
  2. इब्न ताऊस, महज अल दावात, 1411 हिजरी, पेज 122-124
  3. क़ुमी, मफ़ातिहुल जिनान, उस्वा, पेज 78
  4. दुआ यस्तशीर, पाएगाह इत्तेलारसानी आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी
  5. इब्न ताऊस, महज अल दावात, 1411 हिजरी, पेज 156
  6. कफ़्अमी, अल-बलद अल-अमीन, 1418 हिजरी, पेज 380
  7. इब्न ताऊस, महज अल दावात, 1411 हिजरी, पेज 124
  8. कफ़्अमी, अल-बलद अल-अमीन, 1418 हिजरी, पेज 380
  9. इब्न ताऊस, महज अल दावात, 1411 हिजरी, पेज 122 और 123


स्रोत

  • इब्न ताऊस, अली बिन मूसा, महज अल दावात व मिन्हज अल इबादात, क़ुम, दार अल ज़ख़ाइर, 1411 हिजरी
  • इब्न ताऊस, अली बिन मूसा, महज अल दावात व मिन्हज अल इबादात, बैरूत, मोअस्सेसा अल आलमी, 1424 हिजरी
  • दुआ यस्तशीर, पाएगाह इत्तेलारसानी मकारिम शिराज़ी, विज़िट की तारीख 24 तीर 1398 शम्सी
  • क़ुमी, अब्बास, मफ़ातिहुल जिनान, क़ुम, उस्वा
  • कफ़्अमी, इब्राहीम बिन अली, अल-बलद अल-अमीन व अल-दरअ अलहसीन, बैरूत, मोअस्सेसा अल आलमी लिलमतबूआत, 1418 हिजरी