ज़ैनब पैग़म्बर (स) की पुत्री

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ज़ैनब पैग़म्बर (स) की पुत्री
जन्म स्थानमक्का
निवास स्थानमक्का, मदीना
मुहाजिरमुहाजिर, मदीना की ओर प्रवास
जनजातिक़ुरैश
प्रसिद्ध रिश्तेदारपैग़म्बर (स), ख़दीजा, अबुल आस बिन रबीअ, उमामा
मृत्यु की तिथि और स्थानवर्ष 8 हिजरी
मृत्यु कैसे हुईदो बहुदेववादियों के हमले से हुए गर्भपात के कारण हुई बीमारी से
इस्लाम लाने का समयबेअसत के आरम्भ में
प्रसिद्धि का कारणपैग़म्बर (स) की पुत्री

ज़ैनब (अरबी: زينب بنت النبي (ص)) (वर्ष 8 हिजरी) अधिकांश मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार, पैग़म्बर (स) और खदीजा की सबसे बड़ी बेटी थीं। पैग़म्बर (स) की बेअसत से पहले उन्होंने अबुल आस बिन रबीअ के साथ विवाह किया। बेअसत के बाद, अपने पति के विपरीत, उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया; लेकिन अबुल आस ने उन्हें मदीना की ओर प्रवास से रोक दिया।

बद्र की लड़ाई के बाद ज़ैनब मदीना चली गईं। वर्ष 7 हिजरी में, अबुल आस ने इस्लाम अपना लिया और ज़ैनब के पास मदीना चले गए। अधिकांश स्रोतों के अनुसार, पैग़म्बर (स) ने ज़ैनब को पिछली शादी के साथ अबुल आस के पास भेजा, और कहा गया है कि उस समय, काफ़िरों पर मुस्लिम महिलाओं के हराम होने वाली आयत नाज़िल नहीं हुई थी।

14वीं शताब्दी के इतिहासकार सय्यद जाफ़र मुर्तज़ा आमोली (1364-1441 हिजरी) के अनुसार, ज़ैनब ईश्वर के पैग़म्बर (स) और ख़दीजा की संतान नहीं थी। बल्कि वो उनकी गोद ली हुई बेटी थी, ज़ैनब की मृत्यु वर्ष 8 हिजरी में हुई और उन्हें बक़ीअ में दफ़नाया गया।

पैग़म्बर (स) से संबंध

मुख्य लेख: पैग़म्बर (स) की संतान

ज़ैनब इस्लाम के पैग़म्बर (स) और ख़दीजा की सबसे बड़ी बेटी थीं।[१] इतिहासकारों के अनुसार, उनका जन्म 30 आमुल फ़ील में तब हुआ था[२] जब पैग़म्बर (स) 30 वर्ष के थे।[३]

बक़ीअ के विनाश से पहले बक़ीअ में आइम्मा की मज़ार के बगल में पैग़म्बर (स) की बेटियों की मज़ार

शिया शोधकर्ताओं में से एक सय्यद जाफ़र मुर्तज़ा और चौथी शताब्दी हिजरी के शिया विद्वान अबुल क़ासिम कूफ़ी का मानना है कि ज़ैनब, रुक़य्या और उम्मे कुलसुम ईश्वर के पैग़म्बर (स) और ख़दीजा की संतान नहीं थे; बल्कि, वे उनकी गोद ली हुई बेटियाँ थीं।[४] किताब बनात अल नबी अम रबाएबो, (पैग़म्बर की बेटियाँ या उनकी गोद ली हुई बेटियाँ?) इसी बात की साबित करने के लिए जाफ़र मुर्तज़ा द्वारा लिखी गई है।[५]

अबुल आस के साथ विवाह

मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार, ज़ैनब ने पैग़म्बर (स) की बेअसत से पहले[६] अबुल आस बिन रबीअ से विवाह किया था।[७] अबुल आस हज़रत ख़दीजा की बहन हाला के पुत्र थे।[८] उन्होंने पैग़म्बर (स) की बेअसत के बाद हज़रज ख़दीजा और उनकी बेटीयों के विपरीत इस्लाम स्वीकार नहीं किया। इसलिए, क़ुरैश ने उन्हें ज़ैनब को तलाक़ देने के लिए कहा; लेकिन अबुल आस ने स्वीकार नहीं किया;[९] अबू लहब के बेटों, उत्बा और उतैबा के विपरीत, जिन्होंने क़ुरैश के अनुरोध पर, पैग़म्बर (स) की अन्य बेटियों, रुक़य्या और उम्मे कुलसुम को तलाक़ दे दिया था।[१०] ज़ैनब ने अबुल आस से उमामा और अली नामक दो बच्चों को जन्म दिया।[११] अली की बचपन में ही मृत्यु हो गई;[१२] लेकिन हज़रत फ़ातिमा (स) की शहादत के बाद उमामा, इमाम अली (अ) की पत्नी बन गईं और इमाम अली (अ) की शहादत के बाद उमाम ने मुग़ीरा बिन नोफ़ेल से विवाह कर लिया।[१३]

मदीना की ओर प्रवास

अब्बासी ख़लीफ़ा काल के इतिहासकार मुतह्हिर बिन ताहिर मुक़द्दसी ने लिखा है कि मदीना में प्रवास करने के बाद, इस्लाम के पैग़म्बर (स) ने अपनी बेटियों को मदीना लाने के लिए अबू राफ़ेअ और ज़ैद बिन हारेसा को मक्का भेजा। लेकिन अबुल आस ने ज़ैनब को जाने से रोक दिया।[१४] हालाँकि, बद्र की लड़ाई के बाद, उन्होंने ज़ैनब को पैग़म्बर (स) के साथियों के साथ मदीना भेज दिया,[१५] क्योंकि बद्र की लड़ाई में अबुल आस को मुसलमानों ने बंदी बना लिया था।[१६] और उन्होंने पैग़म्बर (स) से अपनी रेहाई के बाद ज़ैनब की रेहाई का वादा किया।[१७] हालांकि एक रिवायत के अनुसार ज़ैनब पैग़म्बर (स) के साथ मदीना चली गई थीं।[१८]

बक़ीअ क़ब्रिस्तान में पैग़म्बर (स) की बेटी ज़ैनब की क़ब्र

अबुल आस को शरण देना

इतिहासकारों के अनुसार, ज़ैनब ने वर्ष 6 हिजरी में अबुल आस को शरण दी और अबुल आस ने इस्लाम अपना लिया।[१९] अबुल आस जमादी अल अव्वल वर्ष 6 हिजरी में व्यापार के लिए क़ुरैश के एक कारवां के साथ सीरिया गए थे।[२०] वापस आते समय, उनके और मुसलमानों के बीच युद्ध हुआ। अबुल आस भागकर मदीना पहुँचे और ज़ैनब के यहाँ शरण ली। ज़ैनब ने पैग़म्बर (स) को इसकी सूचना दी। पैग़म्बर (स) ने ज़ैनब के शरण देने को स्वीकार किया; लेकिन पैग़म्बर (स) ने ज़ैनब से कहा कि जब तक अबुल आस बहुदेववादी है, उनके लिए वैध (हलाल) नहीं होगा। अबुल आस मक्का लौट आए और घोषणा की कि उसने मदीना में इस्लाम धर्म अपना लिया है।[२१]

कुछ समय बाद, अबुल आस मदीना लौट आए और पैग़म्बर (स) ने ज़ैनब को पिछले विवाह अनुबंध के साथ मुहर्रम वर्ष 7 हिजरी को अबुल अस के पास भेजा;[२२] क्योंकि उस समय मुस्लिम महिलाओं का काफिरों[२३] पर हराम होने वाली आयत नाज़िल नहीं थी[२४] हालांकि, कुछ लोगों ने कहा है कि ज़ैनब ने अबुल आस से नई शादी की थी।[२५]

मृत्यु

वर्ष 8 हिजरी में ज़ैनब की मृत्यु हुई।[२६] उन्हें ग़ुस्ल देने वालों में ज़म्आ बिन क़ैस की बेटी सौदा और उम्मे ऐमन भी शामिल थीं।[२७] तीसरी शताब्दी हिजरी के मुस्लिम इतिहासकार बलाज़री के अनुसार, ज़ैनब को दफ़नाते समय, पैग़म्बर (स) उनकी क़ब्र में गए और उनके लिए दुआ की।[२८]

ऐतिहासिक स्रोतों में ज़ैनब की मृत्यु के कारण के बारे में उल्लेख किया गया है, जब ज़ैनब मदीना की ओर पलायन कर रही थीं, तो रास्ते में हब्बार बिन असवद और एक अन्य बहुदेववादी ने उन्हें देखा। हब्बार ने उन्हें धक्का दिया और वह एक पत्थर पर गिर गई जिसके कारण ज़ैनब के बच्चे का गर्भपात हो गया उस समय से वह मृत्यु तक अस्वस्थ रहीं।[२९]

ज़ैनब का दफ़न स्थान ऐतिहासिक स्रोतों में निर्दिष्ट नहीं है; लेकिन एक रिवायत के अनुसार, ज़ैनब के निधन के बाद, पैग़म्बर (स) ने कहा: "उसे हमारे धर्मी पूर्ववर्ती उस्मान बिन मज़्ऊन के साथ जोड़ दो।"[३०] इसलिए, उनका दफ़न स्थान बक़ीअ में माना गया है।[३१] क्योंकि उस्मान बिन मज़्ऊन पहले प्रवासी (मुहाजिर) सहाबी थे जिन्हें बक़ीअ में दफ़नाया गया था।[३२] बक़ीअ क़ब्रिस्तान में ज़ैनब और पैग़म्बर (स) की अन्य बेटियों से मंसूब क़ब्रे भी मौजूद हैं।[३३] उक्त मकबरा, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें एक ज़रीह भी थी,[३४] अन्य बक़ीअ के मकबरों के साथ, इसे भी वहाबियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।[३५]

फ़ुटनोट

  1. इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 130।
  2. इब्ने अब्दुल-बर्र, अल-इस्तियाब, 1412 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 1839, 1853।
  3. इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 130।
  4. आमोली, अल सहीह मिन सीरत अल-नबी अल-आज़म, 1385 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 218; आमोली, बनात अल-नबी अम रबाईबा?, 1413 हिजरी, पृष्ठ 77-79; कूफी अल-इस्तेगासा, खंड 1, पृष्ठ 68।
  5. आमोली, बनात अल-नबी अम रबाईबा, 1413 हिजरी को देखें।
  6. इब्ने साद, तबक़ात अल-कुबरा, 1410 हिजरी, खंड 8, पृष्ठ 25।
  7. इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 222; बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 397।
  8. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 397।
  9. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 397।
  10. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 401।
  11. इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 130।
  12. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 400।
  13. इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 473।
  14. मुक़द्दिसी, अल-बदा व अल-तारीख़, मकतब अल सक़ाफ़ा अल दीनीया, खंड 5, पृष्ठ 18।
  15. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 397।
  16. वाकेदी, अल-मगाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 139।
  17. वाकेदी, अल-मगाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 131-130।
  18. इब्ने साद, तब़कात अल-कुबरा, 1410 हिजरी, खंड 8, पृष्ठ 26 देखें।
  19. वाकेदी, अल-मगाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 553 और 554।
  20. वाकेदी, अल-मगाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 553; बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1959, खंड 1, पृ. 377, 398।
  21. वाकेदी, अल-मगाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 2, पृ. 553 और 554।
  22. वाकेदी, अल-मगाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 554; इब्ने हिशाम, अल-सीरत अल-नबीविया, दार अल-माअरेफ़ा, खंड 1, पृष्ठ 659; इब्ने साद, तबक़ात अल-कुबरा, 1410 हिजरी, खंड 8, पृष्ठ 27; इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 222।
  23. सूर ए मुमतहेना, आयत 10।
  24. मुबारकफूरी, तोहफ़ा अल-आहवज़ी, 1410 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 250।
  25. इब्ने असीर, असदुल ग़ाबा, 1409 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 222।
  26. इब्ने अब्दुल-बर्र, अल-इस्तियाब, 1412 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 1853; बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 400।
  27. इब्ने साद, तबक़ात अल-कुबरा, 1410 हिजरी, खंड 8, पृष्ठ 28।
  28. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 400।
  29. इब्ने अब्दुल-बर्र, अल-इस्तियाब, 1412 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 1854; अल-तबरी, तारिख अल-उम्म व अल-मुलूक, 1967 ईस्वी, खंड 11, पृष्ठ 494।
  30. इब्ने अब्दुल-बर्र, अल-इस्तियाब, 1412 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 1054; हाकिम निशापुरी, अल-मुस्तद्रक, 1411 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 210।
  31. मदनी अल-बरज़नजी, नुज़हा अल-नाज़ेरीन, 1416 हिजरी, पृष्ठ 312-313।
  32. इब्ने हजर, अल-एसाबा, 1415 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 382।
  33. मूसवी इस्फ़हानी, रोज़नामे सफ़रे मशहद, मक्का व अतबात 1315-1316 हिजरी, 1392 पृष्ठ 198।
  34. जाफ़रियान, "रेसाला मुफ़रेहा अल अनाम फ़ी तासीस बैतिल्लाह अल हराम", पृष्ठ 118।
  35. लेखकों का एक समूह, बकीअ दर आइना ए तारीख़, 1394 शम्सी, पृष्ठ 220।

स्रोत

  • इब्ने असीर, अली इब्ने मुहम्मद, असदुल ग़ाबा, बेरुत, दारुल फ़िक्र, 1409 हिजरी/1989 ईस्वी।
  • इब्ने हजर असक्लानी, अहमद बिन अली, अल-एसाबा फ़ी तमईज़ अल-सहाबा, आदिल अहमद अब्दुल मौजूद और अली मुहम्मद मोअव्वज़ द्वारा शोध, बेरूत, दार अल-किताब अल-इल्मिया, 1415 हिजरी/1995 ईस्वी।
  • इब्ने साद, मुहम्मद, तबक़ात अल-कुबरा, बेरूत, दार अल-किताब अल-इल्मिया, 1410 हिजरी/1990 ईस्वी।
  • इब्ने अब्दुल-बर्र, युसूफ बिन अब्दुल्लाह, अल-इस्तियाब फ़ी मारेफ़त अल-असहाब, अली मुहम्मद अल-बजावी द्वारा शोध, बेरूत, दार अल-जील, पहला संस्करण, 1412 हिजरी/1992 ईस्वी।
  • इब्ने हिशाम, अब्दुल-मलिक, अल-सीरत अल-नबविया, मुस्तफ़ा सक्क़ा और अन्य के प्रयास से, बेरूत, दार अल-मारेफ़ा, बी ता।
  • बलाज़ारी, अहमद बिन यह्या, अंसाब अल-अशराफ़, सुहैल ज़क्कार और रेयाज़ ज़रकली द्वारा शोध, बेरूत, दार अल-फ़िक्र, पहला संस्करण, 1417 हिजरी/1996 ईस्वी।
  • जाफ़रियान, रसूल, पंजाह सफ़रनामे हज क़ाजारी, तेहरान, नशे इल्म, 1389 शम्सी।
  • जाफ़रियान, रसूल, "रेसाला मुफ़रेहा अल अनाम फ़ी तासीसे बैतिल्लाह अल हराम", मिक़ात हज, नंबर 5, 1372 शम्सी।
  • लेखकों का एक समूह, पज़ोहिश कदेह हज व ज़ियारत, बक़ीअ हर आईना ए तारीख़, तेहरान, मशअर, 1394 शम्सी।
  • हाकिम नीशापुरी, मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह, अल-मुस्तद्रक अला अल-सहीहैन, अब्दुल क़ादिर अत्ता द्वारा शोध, दार अल-कुतुब अल-इल्मिया, 1411 हिजरी/1990 ईस्वी।
  • तबरी, मुहम्मद बिन जरीर, तारीख़ अल उम्म व अल-मुलूक, मुहम्मद अबुल फ़ज़ल इब्राहीम द्वारा शोध, बेरूत, दार अल-तोरास, दूसरा संस्करण, 1967 ईस्वी/1387 शम्सी।
  • आमोली, सय्यद जाफ़र मुर्तज़ा, अल सही मिन सीरत अल-नबी अल-आज़म, क़ुम, दार अल-हदीस, 1426 हिजरी/1385 शम्सी।
  • आमोली, सय्यद जाफ़र मुर्तज़ा, बनात अल-नबी अम रबाईबा?, अल-जवाद केंद्र, 1413 हिजरी/1993 ईस्वी।
  • कूफी, अली बिन अहमद, अल-इस्तेग़ासा फी बदअ' अल-सलासा, बी ना, बी ता।
  • मुबारकफूरी, मुहम्मद अब्दुर्रहमान बिन अब्दुल-रहीम, तोहफ़ा अल-अहवज़ी, दार अल-कुतुब अल-इल्मिया, बेरूत, 1410 एएच/1990 ईस्वी।
  • अल-मदनी अल-बरज़नजी, नुज़हत अल नाज़ेरीन फ़ी मस्जिद सय्यद अल अव्वलीन वल आख़ेरीन, अहमद सईद बिन सलीम द्वारा शोध, 1416 हिजरी/1995 ईस्वी।
  • अल-मुक़द्दिसी, अल बदा व अल-तारीख़, मुतह्हिर बिन ताहिर अल-मुक़द्दिसी, बूर सईद, मकतब अल-सक़ाफ़ा अल-दीनिया, बी ता।
  • मूसवी इस्फ़हानी, हसन, रोज़नामा सफ़रे मशहद, मक्का व अतबात, 1315-1316 हिजरी, रसूल जाफ़रियान के प्रयास से, तेहरान, मशअर पब्लिशिंग हाउस, 1392 शम्सी।
  • वाकेदी, मुहम्मद बिन उमर, अल-मगाज़ी, मार्सडेन जोन्स द्वारा शोध, बेरूत, अल-अलामी संस्थान, 1409 हिजरी/1989 ईस्वी।