दुस्तूर अल-मदीना

wikishia से

दुस्तूर अल-मदीना या सहीफ़तुन-नबी या पैमाने मदीना (अरबीःدُستورُ المَدینة) मुसलमानों और यहूदियों के बीच संबंधों के बारे में एक अनुबंध है, जो मदीना में पैग़म्बर (स) के आगमन के पहले वर्ष में संपन्न हुआ था। मदीना की संधि के अनुसार, पैग़म्बर (स) को युद्ध और शांति की घोषणा करने का अधिकार है और मदीना में विवादों को निपटाने का एकमात्र अधिकार है। मुसलमानों को उनके दुश्मनों के खिलाफ एकजुट करने में उल्लिखित संधि की भूमिका पर जोर दिया गया है।

इब्न इस्हाक़ के कथन के अनुसार, मदीना की संधि का पाठ सबसे पहले इब्न हिशाम की पुस्तक जिसका शीर्षक है सीरत इब्न हिशाम में उद्धृत किया गया है। मदीना की संधि का मसौदा तैयार करने का सही समय स्पष्ट नहीं है; हालाँकि, अधिकांश ऐतिहासिक स्रोत समझौते का मसौदा तैयार करने का समय पाँचवें या आठवें महीने को मानते हैं, अर्थात, पैग़म्बर के मदीना प्रवास के बाद पहला वर्ष मानते है। कुछ शोधकर्ताओं ने बद्र की लड़ाई के बाद यानी वर्ष 2 हिजरी में दुस्तूर अल-मदीना के संकलन के बारे में बात की है।

महत्व एवं स्थिति

दुस्तूर अल-मदीना[१], जिसे अन्य नामों जैसे सहीफ़तुन-नबी,[२] सहीफ़तुल-मदीना,[३] मदीना की संधि,[४] या मदीना का संविधान[५] से भी जाना जाता है, पैग़म्बर (स) के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक माना जाता है[६], जिसने एक ओर, मदीना में मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच संबंधों को विनियमित किया, और दूसरी ओर, संबंधों के लिए बुनियादी नियम स्थापित किए।[७] इसीलिए मदीना की संधि को इस्लामी नए राज्य के दाखली और बीरुनी उसूल का संविधान समझा जाता है।[८] इस समझौते को इस्लामी शिक्षाओं का उपयोग करके विवाद समाधान के सबसे उन्नत तरीकों में से एक माना जाता है, जिससे समाज में स्थायी शांति बनी है।[९]

कुछ समकालीन शोधकर्ता और इतिहासकार मदीना संधि को पैग़म्बर (स) द्वारा जारी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ मानते हैं[१०] और वह मानते हैं कि यह इस्लाम के इतिहास की शुरुआत में समाज के संबंधों को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।[११] मदीना की संधि के अंतर्गत पैग़म्बर (स) मदीना मे युद्ध या शांति की घोषणा करने, और मदीना में विवादों को निपटाने का एकमात्र ज़रीया बन गए।[१२] इस संधि ने मुसलमानों को एकजुट करने के अलावा यहूदियों को क़ुरैश और इस्लाम के अन्य दुश्मनों के साथ सहयोग करने से भी रोक दिया।[१३]

कंटेंट

मदीना की संधि के कुछ मामले, जिनमें से एक हिस्सा मुसलमानों के एक-दूसरे के साथ संबंधों के बारे में है और दूसरा हिस्सा मुसलमानों और यहूदियों के संबंधों के बारे में कुछ इस प्रकार हैः[१४]

  1. यह पैग़म्बर मुहम्मद की ओर से एक लेखन और अनुबंध है, जिसे कुरैश और यस्रब जनजाति के विश्वासियों और मुसलमानों और उन लोगों के बीच लागू किया जाना है जो मुसलमानों का अनुसरण करे और उनके साथ जुड़ जाएं और उनके साथ युद्ध मे भाग लें।[१५]
  2. ये मुस्लमान अन्य लोगों के सामने एक राष्ट्र हैं।[१६]
  3. इस्लाम से पहले की तरह, अप्रवासी कुरैश खून की कीमत चुकाते हैं और मुसलमानो के बीच अच्छाई और न्याय का पालन करके अपने बंदियों को मुक्त करेंगे। बनी औफ़, बनी हारिस, बनी साऐदा, बनी जशम, बनी नज्जार, बनी उमर बिन औफ़, बनी नबीत और बनी औस जनजाति अतीत की तरह रक्त की कीमत चुकाएगी, और प्रत्येक समूह मुसलमानो के तरीके से अपने बंदीयो को मुक्त करेंगे।[१७]
  4. इस्लाम के अनुयायियों को किसी मुसलमान को खून की कीमत या भारी फ़िदया देने के लिए अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।[१८]
  5. सभी धर्मनिष्ठ विश्वासियों को किसी भी मुस्लिम के खिलाफ एकजुट होना चाहिए जो उन पर अत्याचार करता है, या उत्पीड़न के माध्यम से उनसे कुछ मांगता है, या विश्वासियों के बीच दुश्मनी और विनाश को उकसाता है, भले ही वह उनमें से किसी का बेटा हो।[१९]
  6. ईश्वर की शरण सभी के लिए समान है, और सबसे निचले मुसलमान काफिरों को शरण दे सकते हैं, लेकिन किसी को भी कुरैश और उनके साथियों को शरण नहीं देनी चाहिए। मोमेनीन दूसरों से पहले एक-दूसरे की मदद करे।[२०]
  7. यदि सबूतों से यह साबित हो जाए कि किसी ने किसी आस्तिक को निर्दोष रूप से मार डाला है, तो उसे बदला लेने के लिए मार दिया जाना चाहिए, जब तक कि खून का मालिक खून की कीमत लेने के लिए सहमत न हो जाए। और सभी विश्वासियों को हत्यारा विरोधी होना चाहिए और उसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।[२१]
  8. जब तक विश्वासी शत्रु से लड़ रहे हैं, यहूदियों को भी युद्ध करने में विश्वासियों के साथ रहना चाहिए।[२२]
  9. बनी औफ़ के यहूदी, स्वयं और उनके रिश्तेदार मुसलमानों के साथ मिलकर एक राष्ट्र हैं; यहूदी धर्म उनका है और मुस्लिम धर्म मुसलमानों का है। उस व्यक्ति को छोड़कर जो वाचा को तोड़कर अन्याय करता है और पाप का मार्ग अपनाता है, ऐसा व्यक्ति खुद को और अपने परिवार को नष्ट करने के अलावा कुछ नही करेगा[२३] बनी नज्जार, बनी हारिस, बनी साएदा, बनी जोशम, बनी अल-औस के यहूदी, बनी सअलबा और बनी शतीबा, बनी औफ जनजाति के समान हैं। यह स्पष्ट है कि समझौते के प्रति सत्यता और प्रतिबद्धता समझौते को तोड़ने के समान नहीं है। उनमें से किसी को भी मुहम्मद (स) की अनुमति के बिना बाहर नहीं जाना चाहिए।[२४]
  10. शत्रुओं से युद्ध करने में यहूदियों का व्यय यहूदी उठायेंगे और मुसलमानों का व्यय भी वे ही उठायेंगे; और यह दोनों समूहों पर निर्भर है कि वे इस समझौते में भाग लेने वालों के साथ लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ एक-दूसरे के सहयोग से लड़ें। और साथ ही, बिना किसी समझौते को तोड़े उनके बीच सच्चाई, परोपकार और अच्छाई स्थापित की जानी चाहिए।[२५]
  11. स्पष्ट है कि यह लेखन अत्याचारी या सन्धि तोड़ने वाले को दण्ड से नहीं रोक सकेगा। यह भी स्पष्ट है कि जो कोई मदीना से बाहर जाएगा और जो मदीना में रहेगा वह सुरक्षित रहेगा; सिवाय उसके जो ग़लती करता है और वाचा तोड़ता है। ईश्वर और पैगम्बर मुहम्मद (स) पवित्र लोगों की शरणस्थली हैं और अपनी वाचा में दृढ़ हैं।[२६]

दस्तावेज़ और स्रोत

दुस्तूर अल-मदीना का पूरा पाठ सबसे पहले इब्न इस्हाक़ (मृत्यु 151 हिजरी) के अनुसार इब्न हिशाम द्वारा[२७] दस्तावेज़ को हटाने के साथ, और फिर सुहैली,[२८] इब्न सय्यद अल-नास[२९] और इब्न कसीर[३०] जैसे अन्य लोगों द्वारा नक़ल किया गया है।

अबू उबैद और इब्न ज़ंजुयह ने इब्न शिहाब ज़ोहरी (मृत्यु 124 हिजरी) का हवाला देते हुए, इसके दस्तावेज़ के साथ मदीना की संधि का पूरा पाठ भी उद्धृत किया है।[३१]

दुस्तूर अल-मदीना के पाठ के जाली होने की संभावना को खारिज कर दिया गया है; क्योंकि शैली के संदर्भ में, इसका मूल्यांकन पैग़म्बर (स) के अन्य पत्रों और संदेशों के समान ही किया गया है।[३२]

लेखन की तिथि

दुस्तूर अल-मदीना के लेखन की तारीख के बारे में विभिन्न राय हैं; कई स्रोतों में, मदीना में पैगम्बर (स) के आगमन की शुरुआत को इसके लेखन के समय के रूप में जाना जाता है, तारीख अल-खमीस नामक पुस्तक में, मदीना के यहूदियों के साथ पैगम्बर (स) की वाचा के लेखन की तारीख हिजरत के पांचवे महीने में लिखी गई है।[३३] इब्न हिशाम ने प्रवासियो (मुहाजरीन) और अंसार के बीच भाईचारे के अनुबंध से पहले दुस्तूर अल-मदीना लिखे जाने का उल्लेख किया है।[३४] इसलिए, चूंकि भाईचारे का अनुबंध वर्ष 1 हिजरी के पांचवें[३५] या आठवें महीने में हुआ था,[३६] दुस्तूर अल-मदीना की अनुमानित तारीख प्राप्त कर सकते हैं।

तारीख तबरी, अल-मगाज़ी और अंसाब उल-अशराफ़ सहित कई ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, पवित्र पैग़म्बर (स) ने मदीना में अपने आगमन की शुरुआत में यहूदियों के साथ एक शांति समझौता लिखा और उनके साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए[३७] बलाज़ुरी ने इसको दैवीय आदेश के नुज़ूल से पहले और पैग़म्बर (स) द्वारा किसी भी प्रकार का युद्ध शुरू करने से पहले इसको जिहाद माना है।[३८]

हालाँकि, कुछ समकालीन विद्वानों ने दुस्तूर अल-मदीना को बद्र की लड़ाई के बाद से संबंधित माना है, कि उक्त युद्ध में जीत के कारण पैग़म्बर (स) और उनके साथियों का मदीना में एक बेहतर आधार था; उपरोक्त शोधकर्ताओं ने मदीना में मुसलमानों के खिलाफ यहूदियों के बढ़ते प्रयासों का मुकाबला करने के उद्देश्य से ऐसे समय में दुस्तूर अल-मदीना जारी करने पर भी विचार किया है।[३९]

फ़ुटनोट

  1. सालेह, देरासातः अल-सहीफ़ा औ दस्तूर अल-दीना, नुसूस सियासियाः अल-सहीफ़ा औ दस्तूर अल-मदीना
  2. शाकिर, सहीफ़तुन नबी, नेमाद क़ानून गेराई दर हकूमते नबवी
  3. निदा ए आमः योवज्जहू मकतब अल-दुआईयते लिलहज (अन सहीफ़तुल मदीनतुल ग़र्रा) अल-दमग़ी, अल-अहकाम अल-फ़िक़्हियतिल मुतअल्लेकडते बिद दौलत वल मवातेनते मिन खेलाल सहीफ़ा अल मदीना अल मनव्वरा
  4. पायंदा, पैमाने मदीना, बख्तियारी, पैमान नामा मदीना, नमूनई तारीख़ी दर ज़मीने हल्ले इख़्तिलाफ़
  5. शाकिर, सहीफ़तुन नबी, नेमाद क़ानून गेराई दर हकुमते नबवी, वासेई, पीशरफ्त मदनी दर जामेअ अहदे नबवी
  6. अहमदी मियांजी, मकातिब अल-रसूल, 1419 हिजरी, भाग 3, पेज 52
  7. बख़्तियारी, पैमान नामा मदीना, नमून ई तारीख़ी दर ज़मीना हल्ले इख़्तिलाफ़, पेज 55
  8. आमोलि, अल-सहीह मिन सीरतुन नबी, भाग 5, पेज 127, 136
  9. बख़्तियारी, पैमान नामा मदीना, नमून ई तारीख़ी दर ज़मीना हल्ले इख़्तिलाफ़, पेज 55-56
  10. अल-हुसैनी, सीरतुल मुस्तफ़ा, 1975 ई, पेज 280
  11. अली, दौलत अल-रसूल (स) फ़िल मदीना, 2001 , पेज 109 मल्लाह, हकूमतिर रसूल (स), 1423 हिजरी, पेज 57
  12. इब्न हमीद, मोसूआ नज़रतुन नईम, 1426 हिजरी, पेज 272
  13. अहमदी मियांजी, मकातिब अल-रसूल, 1419 हिजरी, भाग 3, पेज 53
  14. अहमदी मियांजी, मकातिब अल-रसूल, 1419 हिजरी, भाग 3, पेज 9 देखेः हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 106-111
  15. हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 106-107
  16. 0/16 16/1 16/2 16/3 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 107
  17. 0/16 16/1 16/2 16/3 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 107
  18. 0/16 16/1 16/2 16/3 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 107
  19. 0/16 16/1 16/2 16/3 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 107
  20. 17/0 17/1 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 109
  21. 18/0 18/1 18/2 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 108
  22. 18/0 18/1 18/2 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 108
  23. 18/0 18/1 18/2 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 108
  24. हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 108-109
  25. 17/0 17/1 हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 109
  26. हमीदुल्लाह, नामेहा व पैमानहाए सियासी हज़रत मुहम्मद, 1377 शम्सी, पेज 110
  27. बयात, वसाक़ते पैमान नामे मदीना, पेज 88-89 देखेः इब्न हिशाम, अल-सीरतुन नबवीया, बैरूत, भाग 2, पेज 147-150
  28. सुहैली, अल-रौज़ अल-अन्फ़, 1387 -1390 हिजरी, भाग 4, पेज 240-243
  29. इब्ने सय्यद अल-नास, ओयून अल-असर, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 318-320
  30. इब्न कसीर, अल-सीरतुन नबवीया, 1383-1386 हिजरी, भाग 2, पेज 320-323
  31. अबू उबैद, किताब अल-अमवाल, 1408 हिजरी, पेज 260-264 इब्न ज़ंजूबे, किताब अल-अमवाल, 1406 हिजरी, भाग 2, पेज 466-470
  32. उमरी, अल-सीरतुन नबवीया अल-सहीहा, 1411 हिजरी, भाग 1, पेज 275 मारूफ अल-हसनी, सीरतुल मुस्तफ़ा, 1975 ई, पेज 280
  33. दयारबिकरी, तारीख अल-खमीस, 1283 हिजरी, भाग 1, पेज 353
  34. इब्न हिशाम, अल-सीरतुन नबवीया, बैरूत, भाग 2, पेज 150
  35. इब्न क़तीबा दैनूरी, अल-मआरिफ़, 1960 ई, पेज 152
  36. मक़रीज़ी, इम्ताअ अल-अस्मा, क़ाहिरा, भाग 1, पेज 49
  37. वाक़ेदी, अल-मग़ाज़ी, 1966 ई, भाग 1, पेज 176 बलाज़ुरी, अंसाब अल-अशराफ़, 1996-2000 ई, भाग 1, पेज 334 बलाज़ुरी, फ़ुतूह अल-बुलदान, 1413 हिजरी, पेज 17 तबरी, तारीख अल-उमम व अल-मुलूक, 1387 हिजरी, भाग 2, पेज 479
  38. बलाज़ुरी, अंसाब अल-अशराफ़, 1996-2000 ई, भाग 1, पेज 334
  39. दूरी, अल-नज़्म अल-इस्लामीया, 2008 ई, पेज 21-22 अली, तंज़ीमातिर रसूल अल-इदारीया फ़िल मदीना, पेज 53, 62


स्रोत

  • इब्न हमीद, सालेह बिन अब्दुल्लाह, व अब्दुर रहमान बिन मुहम्मद बिन मलूह, मोसूअतुन नज़रतिन नईम फ़ी मकारिम अखल़ाकिर रसूलिल करीम, जद्दा, दार अल वसीला, 1426 हिजरी
  • इब्न ज़ंजूबे, हमीद बिन मुखल्लद, किताब अल-अमवाल, शोधः शाकिर ज़ेब फ़य्याज़, रियाज़ 1406 हिजरी
  • इब्न सय्यद अल-नास, मुहम्मद बिन मुहम्मद, ओयून अल-असर फ़ी फ़ुनूनुल मग़ाज़ी वल शमाइल वस सैर, शोधः मुहम्मद ईद खतरावी व मोहयुद्दी मस्तू, मदीना, 1413 हिजरी
  • इब्न क़ुतैबा दैनूरी, अब्दुल्लाह बिन मुस्लिम, अल-मआरिफ़, शोधः सरवत उक्काशा, क़ाहिरा, 1960 ई
  • इब्न कसीर, इस्माईल बिन उमर, अल-सीरतुन नबवीया, शोधः मुस्तफ़ा अब्दुल वाहिद, क़ाहिरा, 1383-1386 हिजरी, चाप उफसत बैरूत
  • इब्न हिशाम, अब्दुल मलिक, अल-सीरतुन नबवीया ले इब्न हिशाम, शोः मुस्तफ़ा सक़्क़ा व इब्राहीम आबयारी व अब्दुल हफ़ीज़ शिलबी, भाग 2, बैरूत, दार एहया अल-तुरास अल-अरबी
  • अबु उबैद, क़ासिम बिन सलाम, किताब अल-अमवाल, शोधः मुहम्मद ख़लील हरास, बैरूत, 1408 हिजरी
  • अहमदी मियांजी, अली, मकातिब अल-रसूल (अ) संशोधक व मुंकहतो व मज़ीदा, भाग 3, तेहरान, दार अल-हदीस, 1419 हिजरी
  • बख़्तियारी, शहला, व ज़हरा नजर जादा, पैमान नामा मदीनाः नमून ई तारीखी दर ज़माना हल्ले इख़्तिलाफ़, दर मजल्ले तारीख इस्लाम, क्रमांक 49, तेरहवां साल, बहार 1391 शम्सी
  • बलाज़ुरी, अहमद बिन याह्या, अंसाब अल-अशराफ़, शोधः दखवीयेह, लेडन, 1866 ई, उफसत फ़राकंफोर्ड, 1413 हिजरी
  • बयात, अली, व कद़रिया ताज़ बख्श, वसाक़ते पैमान नामा मदीना, दर मजल्ले पुज़ूहिश दीनी, क्रमांक 15, पाईज़ 1386 शम्सी
  • पायंदेह, अबुल कासिम, पैमान नामा, दर मजल्ले मआरिफ इस्लाम, क्रमांक 29, शहरीवर, 1357 शम्सी
  • अल हसनी, हाशिम मारूफ़, सीरतुल मुस्तफ़ा, क़ुम, 1975 ई
  • हमीदुल्लाह, मुहम्मद, मजमूअतुल वसाइक़ अल-सियासियते लिल अहदिन नबवी वल ख़िलाफ़तिल राशेदा, बैरूत, 1407 हिजरी
  • अल-दमग़ी, मुहम्मद राकिन, अल-अहकाम अल-फ़िक़्हिया अल मुतअल्लेकत बिद दौलते वल मवातेनते मिन ख़िलाल सहीफ़ा अल मदीना अल मुनव्वरा, दर मजल्ले देरासात, क्रमांक 30, वर्ष 2033 ई
  • दूरी, अब्दुल अज़ीज़, अल नज़्म अल इस्लामीया, बैरूत, 2008 ई
  • दयार बिकरी, हुसैन बिन मुहम्मद, तारीख अल-ख़मीस फ़ी अहवाल अनफ़ुस नफ़ीस, काहिरा, 1283 हिजरी, उफसत बैरूत
  • सुहैली, अब्दुर रहमान बिन अब्दुल्लाह, अल-रौज़ अल अंफ फ़ी शरह अल सीरतुन नबवीया ले इब्न हिशाम, शोधः अब्दुर रहमान वकील, क़ाहिरा, 1387-1390 हिजरी
  • शाकिर, मुहम्मद काज़िम व मुहम्मद हुसैन लुत्फ़ी, सहीफ़ातुन नबी (स), नेमाद कानून गेराई दर हकूमते नबी, दर मजल्ले किताब क़य्यम, क्रमांक 1, बहार, 1390 शम्सी
  • सालेह, अली, देरासात अल-सहीफ़ा ओ दस्तूर अल-मदीनाःअल-तासीस लिल अलाक़ते मअ आख़र, दर मजल्ले मिंहाज, क्रमांक 53, बहार 1430 शम्सी
  • तबरी, मुहम्मद बिन जुरैर, तारीख अल उमम वल मुलूक, शोधः मुहम्मद अबुल फ़ज़्ल इब्राहीम, बैरूत, दार अल तुरास, 1967 ई
  • आमोली, जाफ़र मुर्तज़ा, अल सहीह मिन सीरतुन नबी अल-आज़म (स), क़ुम, 1385 शम्सी
  • अली, सालेह अहमद, तंज़ीमातिर रसूल अल-इदारीया फ़ी मदीना, दर मजल्ले अल मजमा अल इल्मी अल इरक़ी, भाग 17, 19388 हिजरी
  • अली, सालेह अहमद, दौलतुर रसूल (स) फ़ी मदीना, देरासत फ़ी तकव्वोनेहा व तंज़ीमेहा, बैरूत, 2001 ई
  • उमरी, अकरम, अल सीरतुन नबवीया अल-सहीहा, दोहा, 1411 हिजरी
  • मकरीज़ी, अहमद बिन अली, इमता अल अस्मा, भाग 1, शोधः महमूद मुहम्मद शाकिर, काहिरा, लुजनतुत तालीफ़ वत तरजुमा वन नशर
  • मल्लाह, हाशिम याह्या, हकूमतिर रसूल (स), बगदाद, 1423 हिजरी
  • निदा ए आम, योवज्जेहो मकतब अल-दुआईयते लिल हज (अन सहीफ़ा अल मदीना अल ग़र्रा), दर मजल्ले अल बसाइर, क्रमांक 144, 24 शव्वाल 1357 हिजरी
  • नुसूस सियासिया, अल सहीफ़ा ओ दस्तूर अल-मदीना, दर मजल्ले क़ज़ाया इस्लामीया मआसेरा, क्रमांक 2, 1418 हिजरी
  • वासेई, सय्यद अली रज़ा, पीशरफ़्त मुदनी दर जामेअ अहद नबवी, दर मजल्ले पुजूहिश नामे तारीख इस्लाम, क्रमांक 12, जिमस्तान 1392 शम्सी
  • वाकेदी, मुहम्मद बिन उमर, अल मगाज़ी, शोधः मारस़न जौन्ज, लंदन 1966 ई