मुरतद्दे मिल्ली
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कुछ अमली व फ़िक़ही अहकाम |
फ़ुरू ए दीन |
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मुरतद्दे मिल्ली अर्थात राष्ट्रीय धर्मत्यागी (अरबी مرتد ملی), मुरतद्दे फ़ितरी के विपरीत वह व्यक्ति है जिसके माता-पिता मुस्लिम नहीं थे, लेकिन वह स्वयं युवावस्था (बुलूग़) के बाद मुसलमान हो जाए और फिर इस्लाम से ख़ारिज हो जाए।
मुरतद्दे मिल्ली अपनी संपत्ति खर्च करने का अधिकार नही रखता और इसी प्रकार उसकी विवाह भी भंग हो जाता है। यदि मुरतद्दे मिल्ली (राष्ट्रीय धर्मत्यागी) पुरुष पश्चाताप नहीं करता है, तो उसकी सजा हत्या है, लेकिन महिला को तब तक कैद में रखा जाता है जब तक वह पश्चाताप न कर ले अथवा मर नहीं जाती।
परिभाषा
- मुख़्य लेखः धर्मत्याग
मुरतद्दे मिल्ली (राष्ट्रीय धर्मत्यागी) वह व्यक्ति है जिसके माता-पिता गर्भाधान के समय मुस्लिम नहीं थे, और वह स्वयं युवावस्था (बुलूग़) के बाद मुसलमान हो जाए और फिर उसके बाद काफिर हो जाए।[१] मुरतद्दे मिल्ली के विपरीत मुरतद्दे फ़ितरी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो माता-पिता से मुस्लिम पैदा हुआ, लेकिन युवावस्था (बुलूग़) के बाद वह काफिर हो जाए।[२]
सज़ा
मुरतद्दे मिल्ली के लिए कुछ दंड हैं: मुरतद्दे मिल्ली व्यक्ति को पश्चाताप करने का अवसर दिया जाता है और यदि वह पश्चाताप नहीं करता है, तो उसकी सज़ा हत्या है।[३] लेकिन महिला को नमाज़ के समय चेताया जाए और तब तक कैद और दंडित किया जाएगा जब तक वह पश्चाताप न कर ले या मर नहीं जाती।[४]
एक महिला द्वारा बार-बार धर्मत्याग के मामले में, कई न्यायविदों के फ़तवे के अनुसार, उसे तीसरी या चौथी बार मृत्युदंड दिया जाएगा,[५] लेकिन सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई के फ़तवे के अनुसार, महिला द्वारा बार बार धर्मत्याग करने के कारण भी मृत्युदंड नही दिया जाएगा।[६]
नियम
मुरतद्दे मिल्ली (राष्ट्रीय धर्मत्यागी) के नियम और परिणाम निम्नलिखित हैं:
- संपत्ति खर्च करना निषेध; कुछ फ़ुक़्हा के फ़तवो के अनुसार, मुरतद्दे मिल्ली अपनी संपत्ति खर्च करने का अधिकार नही रखता जब तक कि वह पश्चाताप न करे।[७] हालांकि, सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई मुरतद्दे मिल्ली का अपनी संपत्ति खर्च न करने को जायज़ नहीं मानते हैं।[८]
- विवाह अनुबंध का समापन; शिया फ़ुक़्हा की राय के अनुसार, धर्मत्याग विवाह के विघटन (भंग होने) का कारण बनता है; अगर शारीरिक संबंध बनाए हो, तो महिला की इद्दत (तलाक़े इद्दा: मासिक धर्म के खून के तीन चक्र) के अंत के बाद विवाह अनुबंध भंग हो जाता है।[९]
- विवाह की अमान्यता; प्रसिद्ध शिया फ़ुक़्हा के अनुसार, मुरतद्दे मिल्ली का मुस्लिम और काफिर के साथ विवाह सही नहीं है।[१०] हालांकि, सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई मुरतद्दे मिल्ली पुरुष का काफिर महिला के साथ विवाह को सही मानते है।[११]
- विरासत से वंचित; धर्मत्यागी को मुसलमान से विरासत नहीं मिलती है, लेकिन मुसलमान को उससे विरासत मिलती है।[१२]
- निजासत; मुरतद्दे मिल्ली नजिस है।[१३]
शिया फ़ुक़्हा के अनुसार, मुरतद्दे मिल्ली का पश्चाताप दंड और उनके परिणामों के गायब होने का कारण बनता है।[१४]
संबंधित लेख
फ़ुटनोट
- ↑ शहीद सानी, अल-रौज़ातुल बहीया, 1410 हिजरी, भाग 8, पेज 30
- ↑ मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शराए अल-इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 4, पेज 170
- ↑ मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शराए अल-इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 4, पेज 170; ख़ूई, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 396
- ↑ नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 41, पेज 610-613; इमाम ख़ुमैनी, तहरीर अल-वसीला, 1379 शम्सी, भाग 2, पेज 365-368; ख़ूई, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 399-401
- ↑ देखेः मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शराए अल-इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 4, पेज 172; शहीद सानी, मसालेक अल-इफ़हाम, 1413 हिजरी, भाग 15, पेज 31
- ↑ ख़ूई, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 401
- ↑ देखेः नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 41, पेज 620
- ↑ ख़ूई, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 396
- ↑ नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 41, पेज 615; ख़ूई, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 396
- ↑ देखेः शेख तूसी, अलमबसूत, 1351 शम्सी, भाग 7, पेज 289; मोहक़्क़िक़ करकी, जामे अल-मक़ासिद, 1429 हिजरी, भाग 12, पेज 423; मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शराए अल-इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 4, पेज 172; अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल-अहकाम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), भाग 2, पेज 21; नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 41, पेज 602
- ↑ ख़ूई, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 405
- ↑ देखेः नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 39, पेज 17
- ↑ देखेः नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 6, पेज 293
- ↑ देखेः शहीद सानी, अल-रौज़ातुल बहीया, 1410 हिजरी, भाग 8, पेज 30
स्रोत
- इमाम ख़ुमैनी, सय्यद रूहुल्लाह, तहरीर अल-वसीला, क़ुम, दार अल-इल्म, 1379 हिजरी
- ख़ूई, सय्यद अबुल क़ासिम, मबानी तकमेलातुल मनाहिज, क़ुम, मोअस्सेसा एहया ए आसारे अल-इमाम अल-ख़ूई, 1422 हिजरी
- शहीद सानी, ज़ैनुद्दीन बिन अली, अल-रौज़ातुल बहइया फ़ी शरह अल-लुमअ अल-दमिश्क़ीया, शरह सय्यद मुहम्मद कलांतर, क़ुम, किताब फ़रोशी दावरी, 1410 हिजरी
- शहीद सानी, ज़ैनुद्द्न बिन अली, मसालिक अल इफ़हाम एला तंक़ीहे शराए अल-इस्लाम, क़ुम, मोअस्सेसा अल-मआरिफ़ अल-इस्लामीया, 1413 हिजरी
- अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, तहरीर अल-अहकाम, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत ले एहयाए अल-तुरास
- मोहक़्क़िक़ हिल्ली, जाफ़र बिन हसन, शराए अल-इस्लाम फ़ी मसाइल अल-हलाल वल हराम, शोधः अब्दुल हुसैन मुहम्मद अली बक़्क़ाल, क़ुम, इस्माईलीयान, 1408 हिजरी
- मोहक़्क़िक़ करकी, अली बिन हुसैन, जामे अल-मक़ासिद फ़ी शरह अल-क़वाइद, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत ले एहयाइत तुरास, 1429 हिजरी
- मूसवी अरदबेली, सय्यद अब्दुल करीम, फ़िक़्ह अल-हुदूद वल ताज़ीरात, क़ुम, मोअस्सेसा इंतेशारात दानिशगाह मुफ़ीद, दूसरा संस्करण, 1427 हिजरी
- नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जवाहिर अल-कलाम, शोधः इब्राहीम सुलतानी, बैरूत, दार एहया ए अल-तुरास अल अरबी, 1362 हिजरी
- शेख तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल मबसूत फ़ी फ़िक्ह अल इमामीया, मुहम्मद बाक़िर बहबूदी, मकतबा अल रिजवीया, 1351 शम्सी