आय ए सेक़ायतुल हाज

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आय ए सेक़ायतुल हाज
आयत का नामआय ए सेक़ायतुल हाज
सूरह में उपस्थितसूर ए तौबा
आयत की संख़्या19
पारा10
शाने नुज़ूलइमाम अली अलैहिस सलाम
नुज़ूल का स्थानमदीना
विषयएतेक़ादी
अन्यईश्वर के मार्ग में जिहाद की श्रेष्ठता


यह लेख आय ए सेक़ायतुल हाज के बारे में है। समान नाम वाले पद के बारे में जानने के लिए सेक़ायतुल हाज वाला लेख का अध्यन करें।

आय ए सेक़ायतुल हाज (अरबीः آية سقاية الحاج) सूर ए तौबा आयत न 19, अल्लाह पर ईमान, क़यामत के दिन पर ईमान और अल्लाह की राह मे जेहाद करने को हाजीयो को सेराब करने और मस्जिद अल हराम की चाबियाँ रखने से बेहतर है।

इस आयत की शाने नुज़ूल मे कहा गया है कि यह आयत उस समय नाज़िल हुई जब अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब ने ख़ाना काबा के ज़ाएरीन की ज़ियाफ़त के पद और शैबा बिन उस्मान ने ख़ाना काबा की चाबियाँ रखने पर गर्व किया तो इमाम अली (अ) ने ख़ुदा और रोज़े क़यामत पर ईमान और अल्लाह के मार्ग मे जेहाद को अपने शरफ़ मे क़रार दिया जिस पर उपरोक्त आयत हजरत अली (अ) की बात की पुष्टि मे नाजिल हुई।

कुछ शोधकर्ताओ ने इस आयत को दूसरे सहाबा पर इमाम अली (अ) की श्रेष्ठता का प्रमाण माना है और पैगंबर (स) के बाद विलायत और खिलाफ़त में इमाम की प्राथमिकता को माना है। इमाम अली (अ) ने भी दूसरे ख़लीफा की ओर से ख़लीफा का चयन करने के लिए बनाई गई छह व्यक्तियो की परिषद मे अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए इस आयत के प्रमाण के तौर पर पेश किया।

इमाम हसन (अ) ने इस आयत के अनुसार मुआविया के साथ शांति समझौते में इमाम अली (अ) के गुणों का भी उल्लेख किया है।

पाठ और अनुवाद

अनुवादः क्या तुमन हाजीयो को पानी पिलाने और मस्जिद अल-हराम की आबादकारी को ऐसे व्यक्ति के लिए बराबर क़रार दिया है जिसने अल्लाह और रौज़े क़यामत पर ईमान लाया और अल्लाह के मार्ग मे जेहाद किया?! अल्लाह के नज़दीक यह दोनो समान नहीं हो सकते और अल्लाह ज़ालिम कौम का मार्गदर्शन नहीं करता है। सूर ए तौबा आयत न 19

परिचय

सूर ए तौबा की 19वीं आयत को आय ए सेक़ायतुल हाज कहा जाता है।[१] सेक़ायतुल हाज का अर्थ है हाजीयो को पानी पिलाना।[२] इस आयत में हाजीयो को पानी पिलाना और खाना काबा की चाबी रखना और उसकी सुरक्षा करने को अल्लाह और क़यामत पर ईमान लाने और अल्लाह के मार्ग मे जेहाद के साथ तुलना की गई है।[३] और उन लोगों का खंडन किया है जो पानी पिलाने और खाना काबा की चाबीयाँ रखने को अल्लाह और रोज़ क़यामत पर ईमान रखने तथा अल्लाह के मार्ग मे जेहाद करने से बेहतर समझते थे।[४]

इस्लाम के जुहूर से पहले काबा के प्रमुख धारक के पद की तरह सेक़ायतुल हाज को भी एक महत्वपूर्ण पद समझा जाता था।[५] और मक्का के बुजुर्गों के कार्यों में से एक था[६] जिसकी ज़िम्मेदारी बनी हाशिम के पास थी[७] और इसके मुतावल्ली अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब[८] थे इस्लाम के बाद भी इन दो कार्यों को जारी रखा गया।[९]

शाने नुज़ूल

अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तलिब और शैबा इब्ने उस्मान के साथ इमाम अली (अ) के साथ बात चीत को आय ए सेक़ायतुल हाज की शाने नुज़ूल का पेश ख़ैमा करार दिया जाता है। अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तलिब सेक़ायतुल हाज जबकि शैबा इब्ने उस्मान या तलहा इब्ने शैबा खाना काबा की चाबी रखने के पद पर अधिकारी थे और दोनो अपने अपने पद पर गर्व करते थे। अंतः उन्होने हज़रत अली (अ) को अपना हकम बनाया और इन दो पदो मे से श्रेष्ठ पद को निर्धारित करने का आग्रह किया। इमाम अली (अ) ने इन दोनो पदो की श्रेष्ठता को नकारते हुए अल्लाह और रोज़े क़यामत पर ईमान लाने और अल्लाह के मार्ग मे जेहाद करने को श्रेष्ठता का मानक बताया जोकि इन दोनो और इसी प्रकार के दूसरे व्यक्तियो के ईमान लाने का कारण बना। कुछ समय पश्चात पैगंबर (स) इस घटना से सूचित हुए और उपरोक्त आयत नाज़िल हुई जिसमे हज़रत अली अलैहिस सलाम की बात की पुष्टि की गई थी।[१०]

यह शाने नुज़ूल थोड़े बहुत अंतर के साथ विभिन्न रिवायतो मे बयान की गई है।[११] कुछ लोगों ने इसे प्रसिद्धि करार दिया है[१२] और उनका मानना है कि यह आयत इमाम अली (अ) की शान मे नाज़िल हुई है[१३] और यह उनके विशेष गुणों (खास फ़जाइल) में से है।[१४] इमाम हसन (अ),[१५] इमाम सादिक़ (अ),[१६] अब्दुल्लाह बिन अब्बास और दूसरे लोग[१७] से वर्णित रिवायतो मे आयत की शाने नुज़ूल इमाम अली (अ) के बारे में बयान किया गया है।

कुछ लोगों का मानना है कि आय ए सेक़ायतुल हाज केवल एक सामान्य कानून को व्यक्त करने के लिए नहीं है और यह पैगंबर (स) के युग में एक घटना के बारे में सूचित करती है[१८] लेकिन कुछ लोगो का कहाना है कि अगरचे आयत हजरत अली (अ) की फ़ज़ीलत मे आई है लेकिन इसका संबोधन सभी के लिए है और इससेस दूसरे मसादीक़ भी हो सकते है।[१९] शिया और सुन्नी किताबो मे[२०] इस आयत की शाने नुज़ूल के संबंध मे कुछ दूसरी संभावनाओ का उल्लेख किया गया है।[२१]

विद्वानो का दृष्टिकोण

हज़रत अली (अ) के बारे मे इस आयत की शाने नुज़ूल को कई विद्वानों और बुजुर्गों द्वारा वर्णित किया गया है।[२२] शिया मुफ़स्सिर फ़ुरात बिन इब्राहिम कूफ़ी (मृत्यु 352 हिजरी),[२३] फ़ज़्ल बिन हसन तबरसी (मृत्यु 548 हिजरी)[२४] और सुन्नी मुफस्सिर फख्रे राज़ी (मृत्यु 606 हिजरी),[२५] हाकिम हस्कानी (मृत्यु 490 हिजरी),[२६] मुहम्मद बिन जुरैर बिन यज़ीद तबरी (मृत्यु 310 हिजरी),[२७] अहमद बिन मुहम्मद कुर्तुबी (मृत्यु 761 हिजरी),[२८] अब्दुल रहमान सीवती (मृत्यु 911 हिजरी)[२९] और इब्ने अबी हातिम (मृत्यु 327 हिजरी)[३०] ने उपरोक्त आयत के संबंध मे लिखा है कि यह आयत हज़रत अली (अ) की शान मे नाज़िल हुई है। एहक़ाक अल हक़ मे 15 से अधिक सुन्नी मुफस्सेरीन की तफसीरो से इस शाने नुज़ूल को बयान किया गया है और उनकी रिवायत को नकल किया गया है।[३१] और अल्लामा अमीनी ने किताब अल ग़दीर मे ऐसे कई सुन्नी विद्वानों का भी उल्लेख किया है जिन्होने इस शाने नुज़ूल को बयान किया है।[३२]

हदीसी पुस्तकों में भी इस शाने नुज़ूल की ओर इशारा किया गया है।[३३] जैसे सहीह मुस्लिम मे किसी व्यक्ति के नाम का उल्लेख किए बिना रजुल शब्द पर इकतेफ़ा करते हुए इसी शाने नुज़ूल को बयान किया है।[३४] लेकिन कुछ दूसरे सुन्नी विद्वानो ने इस रिवायत की ओर इशारा करते हुए उन रिवायतों का उल्लेख किया है जिनमे व्यक्तियो के नाम भी उल्लेखित है।[३५] हालांकि इन सबके बावजूद एक सुन्नी विद्वान इब्ने कसीर ने इस आयत के हज़रत अली (अ) की फ़ज़ीलत मे नाज़िल होने से इंकार किया है।[३६] इसी प्रकार इब्ने तैमीया का मानना है कि यह रिवायत हदीस की मोतबर किताबो मे नही है।[३७]

शाने नुज़ूल की वैधता

शिया विद्वान इस बात से सहमत हैं कि आय ए सेक़ायतुल हाज इमाम अली (अ) के बारे में नाज़िल हुई है।[३८] समकालीन शोधकर्ता सय्यद अली मीलानी के कथन अनुसार इस आयत की शाने नुज़ूल की प्रमाणिकता विश्वसनीय स्रोत और उसके माख़ज़ इल्मे हदीस व तफसीर मे मोतबरतरीन माख़ज़ शुमार किए जाते है और इस कई तरीको से नकल किया गया है।[३९] कुछ लेखकों का मानना है कि तफसीरी किताबो मे उपरोक्त शाने नुज़ूल को देखते हुए इसके सहीह होने मे कोई संदेह नही है।[४०] एहक़ाक़ अल हक़ के लेखक ने इस शाने नुज़ूल को सहीह मानते हुए लिखा है कि इस मे कोई भी मतभेद नही पाया जाता।[४१]

मोमिनो और काफिरो का टकराव

कुछ लोगों का मानना है कि आय ए सेक़ायतुल हाज का संबंध उस समय से है जब मुसलमान मदीना मे थे और अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब इस्लाम ला चुके थे, इसलिए यह तुलना मोमेनीन के दो समूहो के बीच हुई है;[४२] लेकिन कुछ दूसरे लोगो का कहना है कि इसका संबंध अब्बास के ईमान लाने से पहले है[४३] इसलिए यह टकराव मोमेनो और काफिरो के बीच है;[४४] जैसा कि एक रिवायत मे है कि अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तलिब ने मदीना हिजरत की ओर हजरत अली के अनुरोध को ठुकराते हुए सेक़ायत के अमल को उस पर श्रेष्ठ बताया था।[४५] या बद्र की लड़ाई में अब्बास को पकड़ लिया गया, तो उन्होंने मुसलमाने से कहा कि अगर आप लोग इस्लाम लाने मे हमसे आगे है तो हमारी श्रेष्ठता यह है कि हमे हाज़ीयो को पानी पिलाने और खाना काबा की रक्षा और इमारत का शरफ प्राप्त है।[४६] कुछ रिवयतो के अनुसार यह टकराव मुसलमानो और यहूदियों के समूह के बीच भी बताया गया है, जिनका यह मानना था कि पानी पिलाना और काबा की चाबीयाँ रखना अल्लाह पर ईमान और जेहाद से बेहतर है।[४७]

शेख तूसी के अनुसार, इस आयत मे उन काफिरो को संबोधित किया गया है जो हाज़ीयो को पानी पिलाने और खाना काबा की रक्षा और सेवा को ईमान और जेहाद के बराबर या उस से श्रेष्ठ और बेहतर समझते थे और उन्हे समझाया गया है कि उनके यह आमाल अल्लाह पर ईमान और अल्लाह के मार्ग मे जेहाद के बाराबर नही हो सकते।[४८] इसआधार पर आय ए सेक़ायतुल हाज हमे समझाती है कि ईमान के बिना किसी अमल की कोई हैसियत नही है चाहे वह अमल अपने आप मे नेक ही क्यो ना हो।[४९]

अल्लामा तबातबाई का कहना है कि इस आयत का उपयोग दो कृत्यों को बराबर करने के लिए किया गया है, जिनमें से एक अज्ञानता और विश्वास की कमी का कार्य है, और दूसरा उस विश्वास वाले व्यक्ति द्वारा जारी किया गया है जो अल्लाह और क़यामत के दिन पर ईमान ऱखता है, यह एक को बराबर करने जैसा है ऐसा कार्य जिसमें कोई जीवन या आत्मा नहीं है। यह उस कार्य के साथ अस्तित्व में नहीं है जो जीवित है और इसके प्रभाव और लाभ स्वच्छ और शुद्ध हैं। निःसंदेह, यह समानता और प्रत्येक द्वारा किए गए कार्य पर गर्व करना उस समय हुआ जब दोनों कार्यों (खाना काबा की मरम्मत और जल आपूर्ति) के दावेदार इस समय आस्थावान लोग और जाने-माने लोग थे; लेकिन अल्लाह ने उनकी गरिमा और स्थिति को बनाए रखने के लिए उनके नामों का उल्लेख नहीं किया है; लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे कार्यों की तुलना दूसरे पक्ष के धार्मिक कार्यों (आस्था, जिहाद और प्रवासन) से नहीं की जा सकती।[५०]

विरोध प्रदर्शन

हज़रत अली (अ) ने दूसरे ख़लीफ़ा की मृत्यु के बाद ख़लीफ़ा का निर्धारण करने के लिए, ख़लीफ़ा के प्रति अपनी योग्यता और श्रेष्ठता साबित करने के लिए जो छह व्यक्तियो की परिषद का गठन किया था, उसमें उन्होंने अपने बारे में इस आयत की शाने नुज़ूल का उल्लेख किया।[५१] और एक अवसर पर जब आप से अपनी श्रेष्ठता के बारे मे सवाल किया गया तो आपने इसी आयत की ओर इशारा किया।[५२]

इमाम हसन (अ) ने भी इस आयत का हवाला देते हुए मुआविया के साथ शांति समझौते में अपने पिता के गुणों का उल्लेख किया।[५३] इसके अलावा, मामून अब्बासी ने हाशमियों को लिखे एक पत्र में, जिसमें उन्होंने इमाम अली (अ) की प्रशंसा और उत्कृष्टता करते हुए अब्बास बिन अब्दुल-मुत्तलिब को संदर्भित करता है, उन्होंने इस आयत का हवाला दिया।[५४] शेख शाअराई की कहानी और इसके बारे में आयत का शाने नुज़ूल को सैय्यद हमीरी, अल-नाशी और अल बश्नवी जैसे कवियों द्वारा नज़म मे किया गया है।[५५]

इमाम अली (अ.स.) की जानशीनी पर दलालत

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि आय ए सेक़ायतुल हाज इमाम अली (अ) की श्रेष्ठता को व्यक्त करने के लिए नाज़िल हुई है[५६] और इमाम अली (अ) की दूसरे असहाब पर श्रेष्ठता[५७] और इमाम अली की प्राथमिकता को इंगित करता है। यह आयत पैगम्बर (स) के बाद इमाम अली (अ) की विलायत और खिलाफ़त को भी साबित करती है।[५८] यह भी कहा गया है कि हजरत अली (अ) की विलायत पर इस आयत की दलालत बिलकुल स्पष्ट है[५९] क्योंकि, सभी इस बात पर सहमत है कि इमाम अली (अ) ईमान, हिजरत, और जेहाद मे तमाम सहाबा से सर्वश्रेष्ठ थे।[६०]

शिया मुफस्सिर मकारिम शिराज़ी का मानना है कि इमाम अली (अ) की आस्था और दूसरों पर जिहाद में श्रेष्ठता को देखते हुए, यदि अल्लाह पैगंबर (स) के लिए उत्तराधिकारी चुनना चाहता है, तो वह "अफ़ज़ल" को प्राथमिकता देगा। मफ़ज़ूल" और "फ़ाज़िल" को नही; क्योंकि अल्लाह बुद्धिमान है और "अफ़ज़ल" के ऊपर "मफ़जूल" की पेशकश करना बुद्धि के विरुद्ध है और यह खिलाफत का मस्अला इंतेखाबी मस्अला भी मान लिया जाए तो अफ़ज़ल के होते हुए बुद्धिमान लोग मफज़ूल की ओर नही जाएंगे।[६१]

फ़ुटनोट

  1. मकारिम शिराज़ी, आयात अल विलायत फ़िल क़ुरआन, 1383 शम्सी, पेज 229
  2. इब्ने मंज़ूर, लेसान अल अरब, 1414 हिजरी, भाग 14, पेज 392
  3. तबाताबई, अल मीज़ान, 1390 हिजरी, भाग 9, पेज 203-205
  4. तबरी, जामे अल बयान, 1412 हिजरी, भाग 10, पेज 67; क़ुर्तुबी, अल जामे लेअहकाम अल क़ुरआन, 1384 हिजरी, भाग 8, पेज 92; मकारिम शिराज़ी, तफसीर नमूना, 1371 शम्सी, भाग 7, पेज 323
  5. मकारिम शिराज़ी, तफसीर नमूना, 1371 शम्सी, भाग 7, पेज 323
  6. अस्करी, मआलिम अल मदरसतैन, 1412 हिजरी, भाग 1, पेज 201
  7. फ़ज़लुल्लाह, तफसीर मिन वही अल क़ुरआन, 1419 हिजरी, भाग 11, पेज 57
  8. ज़रकली, अल आलाम, 1989 ई, भाग 3, पेज 262; इब्ने अतीया, मोहर्रिर अल वजीज़, 1422 हिजरी, भाग 3, पेज 14; सआलबी, जवाहिर अल हेसान, 1418 हिजरी, भाग 3, पेज 170
  9. याक़ूबी, तारीख याक़ूबी, बैरूत, भाग 2, पेज 60; तबरी, तारीख अल उमम वल मुलूक, 1387 हिजरी, भाग 3, पेज 61
  10. फरात कूफी, तफसीर फरात कूफी, 1410 हिजरी, पेज 165-166; क़ुर्तुबी, अल जामे लेअहकाम अल क़ुरआन, 1384 शम्सी, भाग 8, पेज 91; हुसैनी अस्तराबादी, तावील अल आयात अल ज़ाहेरा, 1409 हिजरी, पेज 206
  11. फ़ज़्लुल्लाह, तफसीर मिन वही अल क़ुरआन, 1419 हिजरी, भाग 11, पेज 55
  12. मकारिम शिराज़ी, तफसीर नमूना, 1371 शम्सी, भाग 7, पेज 322
  13. फरात कूफी, तफसीर फरात कूफी, 1410 हिजरी, पेज 165-169
  14. मकारिम शिराज़ी, आयात अल विलायत फ़िल कुरआन, 1383 शम्सी, पेज 209
  15. फरात कूफी, तफसीर फरात कूफी, 1410 हिजरी, पेज 170
  16. क़ुमी, तफसीर क़ुमी, 1363 शम्सी, भाग 1, पेज 284; हुवैज़ी, तफसीर नूर अल सक़लैन, 1415 हिजरी, भाग 2, पेज 195
  17. सीवती, अल दुर अल मंसूर, 1404 हिजरी, भाग 3, पेज 220
  18. मकारिम शिराज़ी, आयात अल विलायत फ़िल क़ुरआन, 1383 हिजरी, भाग 11, पेज 55
  19. फ़ज़्लुल्लाह, तफसीर मिन वही अल क़ुरआन, 1419 हिजरी, भाग 11, पेज 55
  20. देखेः इब्ने अतीया, अल मुहर्रिर अल वजीज़, 1422 हिजरी, भाग 3, पेज 17; साअलबी, जवाहिर अल हेसान, 1418 हिजरी, भाग 3, पेज 170
  21. मकारिम शिराज़ी, तफसीर नमूना, 1371 शम्सी, भाग 7, पेज 321
  22. अल्लामा अमीनी, अल गदीर, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 94-95
  23. देखेः फरात कूफी, तफसीर फरात कूफी, 1410 हिजरी, पेज 166
  24. तबरसी, मजमा अल बयान, 1372 शम्सी, भाग 5, पेज 24
  25. फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह अल ग़ैब, 1420 हिजरी, भाग 16, पेज 13
  26. हसकानी, शवाहिद अल तंज़ील, 1411 हिजरी, भाग 1, पेज 323
  27. तबरी, जामे अल बयान, 1412 हिजरी, भाग 1, पेज 67-68
  28. क़ुर्तुबी, अल जामे लेअहकाम अल क़ुरआन, 1384 शम्सी, भाग 8, पेज 91-92
  29. सीवती, अल दुर अल मंसूर, 1404 हिजरी, भाग 3, पेज 220
  30. इब्ने अबी हातिम, तफसीर अल क़ुरआन अल अज़ीम, 1419 हिजरी, भाग 4,पेज 108
  31. शूस्तरी, अहकाक़ अल हक़, 1409 हिजरी, भाग 14, पेज 194-199
  32. अल्लामा अमीनी, अल गदीर, 1416 हिजरी, भाग 4, पेज 93-96
  33. देखेः कुलैनी, अल काफ़ी, 1407 हिजरी, भाग 8, पेज 204; इब्ने हय्यून, दआइम अल इस्लाम, 1385 हिजरी, भाग 1, पेज 19; मुस्लिम, सहीह मुस्लिम, बैरूत, भाग 3, पेज 1499
  34. मुस्लिम, सहीह मुस्लिम, बैरूत, भाग 3, पेज 1499
  35. देखेः तबरी, जामे अल बयान, 1412 हिजरी, भाग 10, पेज 68; साअलबी, अल कशफ वल बयान, 1422 हिजरी, भाग 5, पेज 19-21
  36. इब्ने कसीर, अल बिदाया वन निहाया, 1407 हिजरी, भाग 7, पेज 358
  37. इब्ने तैमीया, मिन्हाज अल सुन्ना, 1406 हिजरी, भाग 5, पेज 18
  38. अस्तराबादी, अल बराहीन अल कातेआ, 1382 शम्सी, भाग 3, पेज 260; मुकद्दस अर्दबेली, हदीशा अल शिया, 1383 शम्सी, भाग 1, पेज 94
  39. मीलानी, शरह मिन्हाज अल करामा, 1386 शम्सी, भाग 2, पेज 276
  40. मुज़फ़्फ़र, दलाइल अल सिद्क़, 1422 हिजरी, भाग 5, पेज 26; मकारिम शिराज़ी, आयात अल विलायत फ़िल क़ुरआन, 1383 शम्सी, पेज 232
  41. शुस्तरी, एहकाक अल हक़, 1409 हिजरी, भाग 3, पेज 122
  42. तबातबाई, अल मीज़ान, 1390 हिजरी, भाग 9, पेज 203-205
  43. मुकद्दस अर्दबेली, हदीका अल शिया, 1383 शम्सी, भाग 1, पेज 95
  44. क़ुर्तुबी, अल जामे लेअहकाम अल क़ुरआन, 1384 हिजरी, भाग 8, पेज 92
  45. हस्कानी, शवाहिद अल तंज़ील, 1411 हिजरी, भाग 1, पेज 323; इब्ने जोजी, जादे अल मसीर, 1423 हिजरी, भाग 2, पेज 244
  46. तबरी, जामे अल बयान, 1412 हिजरी, भाग 10, पेज 67; सीवती, अल दुर अल मंसूर, 1404 हिजरी, भाग 3, पेज 219; शेख तूसी, अल तिबयान, बैरूत, भाग 5, पेज 191; इब्ने अबी हातिम, तफसीर अल क़ुरआन, अल अज़ीम, 1419 हिजरी, भाग 2, पेज 108
  47. क़ुर्तुबी, अल जामे लेअहकाम अल कुरआन, 1384 शम्सी, भाग 8, पेज 92; इब्ने अतया, अल मुहर्रिर अल वजीज, 1422 हिजरी, भाग 3, पेज 17
  48. शेख तूसी, अल तिबयान, बैरूत, भाग 5, पेज 191
  49. जाफरी, तफसीर कौसर, क़ुम, भाग 4, पेज 447; क़राती, तफसीर नूर, 1388 शम्सी, भाग 3, पेज 394
  50. तबातबाई, अल मीज़ान, 1390 हिजरी, भाग 9, पेज 204
  51. शेख तूसी, अल अमाली, 1414 हिजरी, पेज 550; दैलमी, इरशाद अल क़ुलूब, 1412 हिजरी, भाग 2, पेज 261; तबरसी, अल मुस्तरशिद, 1415 हिजरी, पेज 352; तबरसी, अल एहतेजाज, 1403 हिजरी, बाग 1, पेज 140
  52. इब्ने हय्यून, दआइम अल इस्लाम, 1385 हिजरी, भाग 1, पेज 16 अय्याशी, तफसीर अल अय्यशी, 1380 शम्सी, भाग 2, पेज 83
  53. हेलाली, किताब सुलैम बिन कैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 960 शेख तूसी, अल अमाली, 1414 हिजरी, पेज 561-563 हस्कानी, शवाहिद अल तंज़ील, 1411 हिजरी, भाग 1, पजे 336
  54. इब्ने ताऊस, अल तराइफ़, 1400 हिजरी, भाग 1, पेज 278
  55. अल्लामा अमीनी, अल ग़दीर, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 96
  56. अल्लामा हिल्ली, मिंहाज अल करामा, 1379 शम्सी, पेज 85 जमई अज़ नवीसंदेगान, फ़ी रेहाब अहले अल-बैत (अ) 1426 हिजरी, भाग 22, पेज 18
  57. मीलानी, शरह मिनहाज अल करामा, 1386 शम्सी, भाग 2, पेज 276
  58. शूस्तरी, एहकाक अल हक, 1409 हिजरी, भाग 3, पेज 128 मुकद्दस अर्दबेली, हदीका अल शिया, 1383 शम्सी, भाग 1, पेज 95 मीलानी, शरह मिन्हाज अल करामा, 1386 शम्सी, भाग 2, पेज 276 मकारिम शिराज़ी, आयात अल विलायत फ़िल क़ुरआन, 1383 शम्सी, पेज 229
  59. सय्यद इब्ने ताऊस, अल तराइफ, 1400 हिजरी, भाग 1, पेज 51 मीलानी, शरह मिहाज अल रामा, 1386 शम्सी, भाग 2, पेज 273
  60. मुज़फ़्फ़र, दलाइल अल सिद्क, 1422 हिजरी, भाग 5, पेज 27
  61. मकारिम शिराज़ी, आयात अल विलायत फ़िल क़ुरआन, 1383 शम्सी, पेज 234


स्रोत

  • इब्ने अबी हातिम, अब्दुर रहमान बिन मुहम्मद, तफसीर अल क़ुरआन अल अज़ीम, शोधः असअद मुहम्मद अल तय्यब, सऊदी अरब, मकताब नेजाद मुस्तफ़ा अल बाज, तीसरा संस्करण 1419 हिजरी
  • इब्ने तैमीया हर्रानी, अहमद बिन अब्दुल हलीम, मिंहाज अल सुन्ना अल नबावीया फ़ी नक़्ज़े कलाम अल शिया अल कद़रीया, शोधः मुहम्मद रशाद सालिम, जामे अल इमाम मुहम्मद बिन सऊद अल इस्लामीया, 1406 हिजरी
  • इब्ने जौज़ी, अब्दुर रहमान बिन अली, ज़ाद अल मसीर फ़ी इल्म अल तफसीर, बैरूत, दार अल किताब अल अरबी, 1422 हिजरी
  • इब्ने हय्यून, नौमान बिन मुहम्मद, दआएइम अल इस्लाम वा ज़िकिल हलाले वल हराम वल क़ज़ा वल अहकाम, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत (अ), दूसरा संस्करण, 1385 हिजरी
  • इब्ने हय्यून, नौमान बिन मुहम्मद, शरह अल अखबार फ़ी फ़ज़ाइल अल आइम्मा अल अत्हार अलैहेमुस सलाम, क़ुम, जामे मुदर्रेसीन, 1409 हिजरी
  • इब्ने ताऊस, अली बिन मूसा, अल तराइफ़ फी मारफते मज़ाहिब अल तवाइफ़, संशोधन अली आशूर, क़ुम, ख़य्याम, 1400 हिजरी
  • इब्ने अतीया, अब्दुल हक़ बिन ग़ालिब, अल मोहर्रिर अल वजीज़ फ़ी तफसीर अल किताब अल अज़ीज़, बैरू, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1422 हिजरी
  • इब्ने कसीर, इस्माईलीयान बिन उमर, अल बिदाया वन निहाया, बैरूत, दार अल फिक्र, 1407 हिजरी
  • इब्ने कसीर, इस्माईलीयान बिन उमर, तफसीर अल क़ुरआन अल अज़ीम, बैरूतदार अल कुतुब अल इल्मीया, 1419 हिजरी
  • इब्ने मंज़ूर, मुहम्मद बिन मुकर्रम, लेसान अल अरब, बैरूत, दार अल फिक्र, तीसरा संस्करण, 1414 हिजरी
  • अस्तराबादी, मुहम्मद जाफ़र, अल बराहीन अल कातेआ फ़ी शरह तजरीद अल अकाइद अल सातेआ, क़ुम, मकतब अल आलाम अल इस्लामी, 1382 शम्सी
  • बहरानी, हाशिम बिन सुलैमान, अल बुरहान फ़ी तफसीर अल क़ुरआन, शोधः क़सम अल देरासात अल इस्लामीया मोअस्सेसा अल बेसत, तेहरान, बुनयाद बेसत, 1416 हिजरी
  • सालबी, अब्दुर रहमान बिन मुहम्मद, तफसीर अल साअलबी अल मुसम्मा बिल जवाहिर अल हेसान फ़ी तफसीर अल क़ुरआन, बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी, 1418 हिजरी
  • सालबी, अहमद बिन मुहम्मद, अल कश्फ वल बयान अल मारूफ़ तफसीर अल साअलबी, बैरूत दार एहया अल तुरसा अल अरबी 1422 हिजरी
  • जाफ़री याकूब, तफसीर कौसर, क़ुम, हिजरत
  • जमई अज नवीसंदेगान, फ़ी रेहाब अहले अल-बैत (अ), क़ुम, अल मजमा अल आलमी लेअहलिल बैत(अ), दूसरा संस्करण, 1426 हिजरी
  • हसकानी, उबैदुल्लाह बिन अब्दुल्लाह, शवाहिद अल तंज़ील लेक़वाइद अल तफ़ज़ील, शोधः मुहम्मद बाक़िर महमूदी, तेहरान, वज़ारत फ़रहंग वा इरशाद इस्लामी, 1411 हिजरी
  • हुसैनी अस्तराबादी सय्यद शरफुद्दीन अली, तावील अल आयात अल ज़ाहेरा, शोधः हुसैन उस्ताद वली, क़ुम, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मीया क़ुम, 1409 हिजरी
  • हुवैज़ी, अब्द अली बिन जुम्आ, तफसीर नूर अल सक़लैन, कुम, इस्माईलीयान, , चौथा संस्करण, 1415 हिजरी
  • दैलमी, हसन बिन मुहम्मद, इरशाद अल क़ुलूब इला अल सवाब, क़ुम, अल शरीफ़ अल रज़ी, 1412 हिजरी
  • ज़रकली, ख़ैरूद्दीन, अल आलाम, बैरूत, दार अल इल्म लिल मलाईन, आठवा संस्करण, 1989
  • सीवती, अब्दुर रहमान बिन अबी बकर, अल दुर अल मंसूर फ़ी अल तफसीर बिल मासूर, क़ुम, किताब खाना उमूमी आयतुल्लाहिल उज़्मा मरअशी नजफी (र), 1404 हिजरी
  • शूस्तरी, क़ाज़ी नूरुल्लाह, एहक़ाक़ अल हक़ वा इज़हाक़ अल बातिल, क़ुम, मकतबा आयतुल्लाहिल उज्मा अल मरअशी अल नजफ़ी, 1409 हिजरी
  • शेख तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल अमाली, क़ुम, दार अल सक़ाफ़ा, 1414 हिजरी
  • शेख तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल तिबयान फ़ी तफसीर अल कुरआन, बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी
  • तबातबाई, सय्यद मुहम्मद हुसैन, अल मीज़ान फ़ी तफसीर अल क़ुरआन, बैरूत, मोअस्सेसा अल आलामी लिल मतबूआत, दूसरा संस्करण 1390 हिजरी
  • तबरसी, फ़ज्ल बिन हसन, अल एहतेजाज, मशहद, नशर अल मुर्तजा, 1403 हिजरी
  • तबरसी, फ़ज़्ल बिन हसन, मजमा अल बयान फ़ी तफसीर अल क़ुरआन, तेहरान, नासिर खुसरू, तीसरा संस्करण, 1372 शम्सी
  • तबरी, मुहम्मद बिन जुरैर, अल मुसतरशिद फ़ी इमामा अमीर अल मोमेनीन (अ), क़ुम, मोअस्सेसा अल वासिफ़, 1415 हिजरी
  • तबरी, मुहम्मद बिन जुरैर, तारीख अल उमम वल मुलूक, शोधः मुहम्मद अबुल फ़ज़्ल इब्राहीम, बैरूत, दार अल तुरास, 1387 हिजरी
  • तबरी, मुहम्मद बिन जुरैर, जामे अल बयान फ़ी तफसीर अल कुरआन, बैरूत, दार अल मारफा, 1412 हिजरी
  • अस्करी, सय्यद मुरर्तजा, मआलिम अल मदरासतैन, तेहरान, मोअस्सेसा अल बेसत, चौथा संस्करण, 1412 हिजरी
  • अल्लामा अमीनी, अब्दुल हुसैन, अल गदीर, क़ुम, मरकज़े अल गदीर, 1416 हिजरी
  • अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ, मिनहाज अल करामा फ़ी मारफ़त अल इमामा, मशहद, मोअस्सेसा आशूरा, 1379 शम्सी
  • अय्याशी, मुहम्मद बिन मसऊद, किताब अल तफसीर, शोधः हाशिम रसूली, तेहरान, मकतबा अल इल्मीया अल इस्लामीया, 1380 शम्सी
  • फ़ख्रे राज़ी, मुहम्मद बिन उमर, अल तफसीर अल कबीर (मफ़ातीह अल गैब), बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी, तीसरा संस्करण, 1420 हिजरी
  • फ़राते कूफी, फरात बिन इब्राहीम, तफसीर फरात अल कूफी, शोधः मुहम्मद काज़िम महमूदी, तेहरान, साज़मान चाप व इंतेशारात वज़ारत इरशाद इस्लामी, 1410 हिजरी
  • फ़ज्लुल्लाह, सय्यद मुहम्मद हुसैन, तफसीर मिन वही अल क़ुरआन, बैरूत, दार अल मुल्क लिलतबाअते वन नशर, दूसरा संस्करण 1419 हिजरी
  • क़राती, मोहसिन, तफसीर नूर, तेहरान, मरकज़ फ़रहंगी दरस हाए अज़ क़ुरआन, 1388 शम्सी
  • क़ुर्तुबी, मुहम्मद बिन अहमद, अल जामे लेअहकाम अल कुरआन, शोधः अहमद अल बुरदूनी वा इब्राहीम अतफ़ीश, क़ाहेरा, दार अल कुतुब अल मिस्रीया, दूसरा संस्करण, 1384 हिजरी
  • क़ुमी, अली बिन इब्राहीम, तफसीर अल क़ुमी, क़ुम, दार अल किताब, तीसरा संस्करण, 1363 शम्सी
  • कुलैनी, मुहम्मद बिन याक़ूब, अल काफ़ी, तेहरान, दार अल कुतुब अल इस्लामीया, चौथा संस्करण, 1407 हिजरी
  • मुस्लिम बिन हज्जाज, सहीह मुस्लिम, शोधः मुहम्मद फुवाद अब्दुल बाकी, बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी
  • मुज़फ़्फ़र, मुहम्मद हुसैन, दलाइल अल सिद्क, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत(अ), 1422 हिजरी
  • मुक़द्दस अर्दबेली, अहमद बिन मुहम्मद, हदीका अल शिया, क़ुम, इंतेशारात अंसारीयान, तीसरा संस्करण 1383 शम्सी
  • मकारिम शिराजी, नासिर, आयात अल विलायत फ़िल क़ुरआन, क़ुम, मदरसा अल इमाम अली बिन अबी तालीब (अ), 1383 शम्सी
  • मकारिम शिराज़ी, नासिर, तफसीर नमूना, तेहरान, दार अल कुतुब अल इस्लामीया, दसवां संस्करण 1371 शम्सी
  • मीलानी, सय्यद अली, शरह मिन्हाज अल करामा, क़ुम, मरकज अल हकाइक़ अल इस्लामीया, 1386 शम्सी
  • हेलाली, सुलैम बिन कैस, किताब सुलैम बिन कैस अल हेलाली, कुम, अल हादी, 1405 हिजरी
  • याक़ूबी, अहमद बिन अबी याक़ूब, तारीख याक़ूबी, बैरूत, दार सादिर