बधाई की घटना
बधाई की घटना (अरबी: قضية التهنئة) पैगंबर मुहम्मद (स) के असहाब विशेष रूप से पहले ख़लीफ़ा और दूसरे खलीफा का इमाम अली (अ) को ग़दीर की घटना में पैगंबर मुहम्मद (स) द्वारा अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद बधाई देने को संदर्भित करती है। इस खबर को इमाम अली (अ) की सदाक़त और ईदे ग़दीर पैगंबर (स) के उत्तराधिकारी की घोषणा करने में पैगंबर (स) के इरादे का प्रमाण माना जाता है।
बधाई वाक्यांश
बधाई की कहानी ग़दीर के दिन (18 ज़िल्हिजा 10 हिजरी) पैगंबर (स) द्वारा इमाम अली (अ) की विलायत के घोषणा करने के बाद के पैगंबर मुहम्मद (स) के साथियों की बधाई को संदर्भित करती है।[१] उमर बिन ख़त्ताब ने بَخٍّ بَخٍّ لَک یا عَلِی أَصْبَحْتَ مَوْلَای وَ مَوْلَی کلِّ مُؤْمِنٍ وَ مُؤْمِنَةٍ बख़्ख़िन बख़्ख़िन लका या अली अस्बहता मौलाया वा मौला कुल्ले मोमेनिन वा मोमेना (अनुवादः बधाई हो, बधाई हो, हे अली आप मेरे और हर मोमिन पुरूष और मोमेना महिला के मौला बन गए) इन शब्दो के साथ अली (अ) को बधाई दी।[२] और कुछ जगह पर अली शब्द के बजाय "इब्ने अबी तालिब"[३] या अमीरूल मोमिनीन[४] शब्द का प्रयोग किया गया है। कुछ ग्रंथों में, "मोमिन" और "मोमेना" शब्द के बजाय, मुस्लिम शब्द आया है।[५] अहमद इब्ने हंबल ने भी उमर के कथन को इस प्रकार बताया है: "هَنِیئًا یا ابْنَ أَبِی طَالِبٍ، أَصْبَحْتَ وَأَمْسَیتَ مَوْلَی کلِّ مُؤْمِنٍ وَمُؤْمِنَة हनिअन या इब्ने अबी तालिब, अस्बहता वा अमसयता मौला कुल्ले मोमेनिन वा मोमेना" (अनुवाद: बधाई हो। हे अबी तालिब के पुत्र, आपने सुबह और शाम की आप प्रत्येक मोमिन पुरुष और मोमेना महिला के मौला बन गए।[६]
अली को किसने बधाई दी?
अबू बक्र, उमर बिन खत्ताब, तलहा और ज़ुबैर उन सहाबीयो में से थे जिन्होंने हज़रत अली (अ) को ग़दीरे ख़ुम में बधाई दी थी।[७] कुछ लेखकों ने उल्लेख किया है कि अबू बक्र और उमर, पैगंबर (स) के आदेश से[८] और इस बात को ध्यान मे रखते हुए कि इसकी अवज्ञा कुफ्र का सबब होगी, उन्होंने ऐसा किया।[९] लेकिन अन्य ग्रंथों में, उमर की खुशी के बारे में बात करते हुए[१०] यह बताया गया है कि उन्होंने इमाम अली (अ) को दूसरों की तुलना में अधिक बधाई दी।[११] या उन्हें अली (अ) को बधाई देने वाले पहले[१२] या पहले लोगों[१३] में से एक माना जाता है।
जबकि कई स्रोतों में, बधाई के शब्दों का श्रेय उमर बिन खत्ताब को दिया गया है।[१४] और कुछ स्रोतों में कहा गया है कि अबू बक्र और उमर ने हजरत अली (अ) को एक ही प्रकार से बधाई दी।[१५]
कुछ किताबों में यह भी उल्लेख किया गया है कि बधाई सय्यद आले-अदि[१६] या सैय्यद बनी अदि[१७] (दूसरे खलीफा का वंश अदी बिन कअब तक जाता है।[१८]) या एक बेनाम व्यक्ति[१९] द्वारा दी गई थी।
एक रिवायत के अनुसार, दूसरे ख़लीफ़ा ने इमाम अली (अ) की विलायत की घोषणा के बाद, अल्लाह के रसूल द्वारा एक युवक को सूचित करते हुए सुना, कि इस आदेश को केवल पाखंडियों द्वारा अनदेखा किया जाएगा, और पैगंबर (स) ने जिस युवा को सूचित किया जिब्राईल थे।[२०]
अली (अ) की इमामत पर दलालत
इमाम अली (अ) को दूसरे ख़लीफ़ा की बधाई देना पैगंबर (स) के उस इरादे का प्रमाण है कि ग़दीर की घटना[२१] मे अली (अ) को दूसरो से अफ़ज़ल[२२] और ज्ञानी होने के रूप मे अपना उत्तराधिकारी के रूप मे परिचित कराया जाए।[२३] कुछ स्रोत में, यह कहा गया है कि बाद में इमाम अली (अ) ने पहले ख़लीफ़ा से मुलाक़ात करते हुए उसे ख़िलाफत को योग्य समझा,[२४] फ़ैज़ काशानी के अनुसार, दूसरे खलीफ़ा ने इस वाक्य को कहने के बाद अली (अ) को अमीरुल मोमिनीन कहकर सलाम किया।[२५]
घटना का दिन
अधिकांश स्रोतों में, ग़दीर की घटना में इमाम अली (अ) की उत्तराधिकार की घोषणा के बाद सहाबीयो की बधाई (तहनीयत) की सूचना दी गई है।[२६] इन रिवायतो के आधार पर इमाम अली (अ) के उत्तराधिकार की घोषणा पश्चात पैगंबर (स) ने अली (अ) के लिए एक तम्बू लगाने और सहाबीयो को एक एक करके तम्बू मे जाकर अली को बधाई देने का आदेश दिया।[२७]
कुछ स्रोतों मे इस घटना को मुबाहेले के दिन और भाईचारे के समझौते से जोड़ा गया है, जब पैगंबर (स) द्वारा इमाम अली (अ) की विलायत की घोषणा के बाद उमर बिन खत्ताब ने उन्हें बधाई दी थी।[२८]
फ़ुटनोट
- ↑ अमीनी, अल-ग़दीर, 1416 हिजरी, भाग 1, पेज 508
- ↑ हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 829; फ़ुरात कूफ़ी, तफ़सीरे फ़ुराते कूफ़ी, 1410 हिजरी, पेज 516; मुफ़ीद, अल-इरशाद, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 177
- ↑ अल-तफ़सीर अल-मंसूब एला अल-इमाम अस्करी, 1409 हिजरी, पेज 112; खत़ीबे बग़दादी, तारीखे बग़दाद, 1417 हिजरी, भाग 8, पेज 294; इब्ने असाकिर, तारीख़े दमिश्क़, 1415 हिजरी, भाग 42, पजे 233
- ↑ ख़ुसैबी, अल-हिदायतुल कुबरा, 1419 हिजरी, भाग 104
- ↑ सुदूक़, अल-अमाली, 1376 शम्सी, पेज 2; खत़ीबे बग़दादी, तारीखे बग़दाद, 1417 हिजरी, भाग 8, पेज 294; इब्ने कसीर, अल-बिदाया वन निहाया, 1407 हिजरी, भाग 7, पेज 349
- ↑ इब्ने हंबल, मुस्नद अहमद इब्ने हंबल, 1416 हिजरी, भाग 30, पेज 430
- ↑ हिल्ली, अल-अददुल क़वीया, 1408 हिजरी, पेज 183
- ↑ हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 829
- ↑ हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 829
- ↑ अर्बेली, कश्फ़ुल ग़ुम्मा, 1381 हिजरी, भाग 1, पेज 237
- ↑ मुफ़ीद, अल-इरशाद, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 177; तबरसी, एलाम उल वरा, 1390 हिजरी, पेज 137
- ↑ मुफ़ीद, मसार उश-शिया, 1422 हिजरी, पेज 44; बहरानी, मदीनातुल मआजिज़, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 269
- ↑ इब्ने ताऊस, तरफुन मिनल अमबाए वल मनाक़िब, 1420 हिजरी, पेज 362
- ↑ हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 829; हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 829; ख़ुसैबी, अल-हिदायतुल कुबरा, 1419 हिजरी, भाग 104 सुदूक़, अल-अमाली, 1376 शम्सी, पेज 2; मुफ़ीद, अल-इरशाद, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 177
- ↑ अमीनी, अल-ग़दीर, 1416 हिजरी, भाग 1, पेज 512
- ↑ शामी, अल-दुर्रुन्नज़ीम, 1420 हिजरी, पेज 444
- ↑ दैयलमी, ग़ेररुल अख़बार, 1427 हिजरी, पेज 356
- ↑ इब्ने अब्दुल बिर, अल-इस्तीआब, 1412 हिजरी, भाग 3, पेज 1144
- ↑ फ़ुरात कूफी, तफ़सीरे फ़ुरात अल-कूफी, 1410 हिजरी, पेज 516
- ↑ शामी, अल-दुर्रुन्नज़ीम, 1420 हिजरी, पेज 253
- ↑ कराजकी, कंज़ुल फ़वाइद, 1410 हिजरी, भाग 2, पेज 96
- ↑ शामी, अल-दुर्रुन्नज़ीम, 1420 हिजरी, पेज 268-269
- ↑ दैयलमी, ग़ेररुल अख़बार, 1427 हिजरी, पेज 349
- ↑ दैयलमी, इरशाद उल-क़ुलूब, 1412 हिजरी, बाग 2, पेज 264; ख़ुसैबी, अल-हिदायतुल कुबरा, 1419 हिजरी, भाग 103-104
- ↑ फ़ैज़ काशानी, नवादिर उल-अख़बार, 1371 शम्सी, पेज 166
- ↑ हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 828-829; अल-तफ़सीर अल-मंसूब एला अल-इमाम अस्करी, 1409 हिजरी, पेज 112; फ़ुरात कूफी, तफ़सीरे फ़ुरात अल-कूफी, 1410 हिजरी, पेज 516; सुदूक़, अल-अमाली, 1376 शम्सी, पेज 2; मुफ़ीद, अल-इरशाद, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 175; इब्ने असाकिर, तारीख़े दमिश्क़, 1415 हिजरी, भाग 42, पजे 234
- ↑ हिलाली, किताबे सुलैम बिन क़ैस, 1405 हिजरी, भाग 2, पेज 829; मुफ़ीद, अल-इरशाद, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 176; तबरसी, एलाम उल वरा, 1390 हिजरी, पेज 132
- ↑ इब्ने बतरीक़, उमदातो ओयून, 1407 हिजरी, पेज 169; इब्ने शाज़ान, अल-रौज़ा, 1423 हिजरी, पेज 76-77; अर्बेली, कश्फ़ुल ग़ुम्मा, 1381 हिजरी, भाग 1, पेज 328
स्रोत
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- इब्ने शाज़ान कुमी, शाज़ान बिन जिब्राईल, अल-रौज़ा फ़ी फ़ज़ाइल अमीरुल मोमिनीन अली इब्ने अबी तालिब (अ), शोधः अली शकरची, क़ुम, मकताबतुल अमीन, 1423 हिजीर
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- हस्कानी, उबय दुल्लाह बिन अब्दुल्लाह, शवाहिद अल-तंज़ील ले क़वाइद अल-तफ़ज़ील, तेहरान, वज़ारते फ़रहंग वा इरशादे इस्लामी, 1411 हिजरी
- हिल्ली, अली बिन युसुफ बिन अल-मुताहर, अल-अददुल क़वीया लेदफइल मख़ाविफ अल-योमीया, क़ुम, किताब खाना आयतुल्लाह मरअशी नजफी, 1408 हिजरी
- ख़ुसैबी, हुसैन बिन हमादान, अल-हिदायतुल कुबरा, बैरूत, अल-बलाग़, 1419 हिजरी
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- शामी, युसुफ बिन हातिम, अल-दुर रुत्तंजीम फ़ी मनाक़बिल आइम्मातिल लाहिल अमीम, क़ुम, जामे मुदर्रसीन, 1420 हिजरी
- सुदूक, मुहम्मद बिन अली, अल-अमाली, तेहरान, किताबची, छटा प्रकाशन, 1376 शम्सी
- तबरसी, फ़ज़्ल बिन हसन, एलाम उल वरा बेआलामिल हुदा, तेहारन, इस्लामीया, तीसरा प्रकाशन, 1390 हिजरी
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- कराजकी, मुहम्मद बिन अली, कंज़ुल फ़वाइद, शोधः अब्दुल्लाह नेमत, क़ुम, दार उल ज़ख़ाइर, 1410 हिजरी
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- मजलिसी, मुहम्मद बाक़िर, बिहार उल अनवार अल-जामेअते लेदोरारे अखबारे आइम्मातिल अत्हार, बैरुत, दारे एहयाइत तुरास अल अरबी, दूसार प्रकाशन, 1403 हिजरी
- मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद बिन नोमान, अल-इरशाद फ़ी मारफते होजाजिल्लाहे अल्ल एबाद, क़ुम, कुंगर ए शेख मुफ़ीद, 1413 हिजरी
- मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद बिन नोमान, मिसार उश शरीया फ़ी मुख्तसरे तवारीख इश शरीया, चाप शुदे दर (मुजतमे नफ़ीसा फ़ी ताऱीख इल आइम्मा (अ) बैरूत, दार उल क़ारी, 1422 हिजरी
- हिलाली, सुलैम क़ैस, किताबे सुलैम बिन क़ैस अलहिलाली, शोधः मुहम्ममद अंसारी ज़िजानी खूईनी, क़ुम, अल-हादी, 1405 हिजरी