18 ज़िल हिज्जा

wikishia से
11. ज़िल क़ादा 12. ज़िल हिज्जा 1. मुहर्रम
1 2 3 4 5 6 7
8 9 10 11 12 13 14
15 16 17 18 19 20 21
22 23 24 25 26 27 28
29 30
हिजरी कालक्रम

18 ज़िल हिज्जा, पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 343वां दिन है।



18वीं ज़िल हिज्जा (ईद ग़दीर) के आमाल

  • ग़ुस्ल
  • रोज़ा
  • हज़रत अली (अ) की ज़ियारत
  • दो रकअत नमाज़ पढ़नी चाहिए और उसके बाद सजदे में जाकर सौ बार ख़ुदा का शुक्रिया अदा करना चाहिए, फिर सजदे से सिर उठाकर कहना चाहिए:
  • "اللهم انی اسئلک بانّ لک الحمد وحدَکَ لا شریک لک अल्लहुम्मा इन्नी अस्अलोका बेअन्ना लकल हमदो वहदका ला शरीका लका " और दुआ के अंत में सर सज्दे मे रखे और सौ बार अल्हम्दुलिल्लाह और सौ बार शुकरन लिल्लाह कहा जाए
  • ज़ोहर से पहले दो रकअत नमाज़, प्रत्येक रकअत में सूर ए हम्द के बाद दस-दस बार सूर ए तौहीद, आयत अल-कुर्सी और सूर ए क़द्र पढ़ें।
  • दुआ ए नुदबा का पाठ करे
  • दुआ: "اللهم انی اسئلک بِحقِّ محمد نبیِّک و علی ولیِّک... अल्लाहुम्मा इन्नी अस्अलको बेहक़्क़े मुहम्मदे नबीयेका व अला वलीयेका ..." का पाठ
  • एक-दूसरे से मिलते समय इस ज़िक्र का पढ़ना: " " الحمدلله الذی جعلنا من المتمسکین بولایه امیرالمومنین و الائمه علیهم السلام अल्हम्दुलिल्लाह अल-लज़ी जअलना मिनल मुतामस्सेकीना बे विलायते अमीर अल मोमेनीना वल आइम्मते अलैहेमुस सलाम"
  • 100 बार इस ज़िक्र को कहना " الحمدلله الذی جعل کمال دینه و تمام نعمته بولایه امیرالمومنین علی بن ابیطالب علیه‌السلام" अल्हम्दुलिल्लाह अल-लज़ी जआला कमाला दीनेही व तमामा नेअमतेहि बेविलायते अमीरिल मोमेनीना अली इब्न अबी तालिब अलैहिस सलाम"
  • अक़्दे उख़ूवत