30 ज़िल हिज्जा
11. ज़िल क़ादा | 12. ज़िल हिज्जा | 1. मुहर्रम | ||||
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हिजरी कालक्रम |
30 ज़िल हिज्जा, यह दिन केवल कुछ हिजरी वर्षों में मौजूद है। पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में, यह दिन वर्ष का 355वां दिन (और आखिरी दिन) है, जो केवल लीप वर्ष में मौजूद होता है।
- 13 हिजरी, अबू सुफयान की पत्नी और मुआविया की मां हिंद जिगरखार की मृत्यु
- 13 हिजरी, अबू बक्र बिन अबी कोहाफ़ा के पिता अबू क़ोहाफ़ा उस्मान बिन आमिर की मृत्यु
- 23 हिजरी, उमर इब्न खत्ताब की मृत्यु
- 1416 हिजरी, शिया उपदेशक और हौज़ा ए इल्मीया तकाब के संस्थापक अज़ीज़ुल्लाह खोसरवी का निधन मृत्यु (19 जून, 1995 ईस्वी)
अंतिम दिन के आमाल
- दो रक्अत नमाज़ जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद दस बार सूर ए तौहीद और दस बार आयत अल-कुर्सी पढ़े और नमाज़ के बाद कहेः " اللهمَّ ما عملت فی هذه السنه من عمل نَهَیتَنی عَنهُ و لَم تَرضَهُ وَ نَسیتُهُ وَ لَم تَنسَهُ وَ دَعَوتَنی الی التَّوبَةِ بَعدَ اجتِرائی عَلیکَ اللهمَّ فَانّی اَستَغفِرُکَ مِنهُ فَاغفِرلی وَ ما عَمِلتُ مِن عَمَلٍ یقَرِّبُنی اِلیکَ فَاقبَلهُ مِنّی وَ لا تَقطَع رَجائی مِنکَ یا کریم अल्लाहुम्मा मा अमिलतो फ़ी हाज़ेहिस सनते मिन अमलिन नहयतनी अन्हो वलम तर्ज़हू व नसयतोहू व दओउतनी ऐलत तौबते बादा इज्तेराई अलैका अल्लाहुम्मा फ़अन्नी अस्तग़फ़ेरोका मिन्हो फ़गफ़िरली वमा अमिलतो मिन अमलिन यक़र्रबोनी इलैका फ़क़बलहो मिन्नी वला तक़तअ रजाई मिनका या करीम"
मुहर्रम की पहली रात के आमाल
- सौ रकअत नमाज़ पढ़ना
- दो रक्अत नमाज़ जिसकी पहली रकअत में सूर ए हम्द और सूर ए अनआम और दूसरी रक्अत में सूर ए हम्द और सूर ए यासीन
- दो रक्अत नमाज़ जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द और 11 बार सूर ए तौहीद