ला फ़ता इल्ला अली
ला फ़ता इल्ला अली (अरबी: لا فتى إلا علي) आसमानी आवाज़ जो स्वर्गदूतों में से एक द्वारा इमाम अली (अ.स.) के गुण बारे में में दी गई है।[१] शिया और सुन्नी द्वारा उल्लेख की गई कई हदीसों के अनुसार, जब इमाम अली (अ.स.) ओहद की जंग में पैग़म्बर (स) की रक्षा कर रहे थे, तो आसमान से एक आवाज़ सुनाई दी। «لا سَیفَ اِلاّ ذُوالفَقار و لا فَتی اِلاّ عَلی "अली के अलावा कोई जवान नही, ज़ुल्फिकार के अलावा कोई तलवार नहीं"[२] कुछ हदीसों में, इस स्वर्गीय आवाज़ के वक्ता का नाम जिबरईल है,[३] कुछ हदीसों में, रिज़वान नामक एक देवदूत,[४] और अन्य में वक्ता के नाम का उल्लेख नही किया गया है।[५] कुछ रिपोर्टों में, यह घटना बद्र[६] या ख़ैबर की जंग से संबंधित बताई गई है।[७] अल-ग़दीर पुस्तक के लेखक अल्लामा अमीनी (मृत्यु: 1390 हिजरी) ने इस संदर्भ में कई हदीसों का हवाला देते हुए माना है कि यह प्रक्रिया कई बार हुई है।[८] कुछ रिवायतों के अनुसार, हज़रत अली (अ) ने अपने गुणों को व्यक्त करने में इस वाक्य का हवाला दिया है।[९]
अल्लामा अमीनी के अनुसार, हदीस विज्ञान के विद्वान इस हदीस के प्रसारण (नक़्ल) पर सहमत हैं।[१०] अहले-सुन्नत (लेखन: 7वीं शताब्दी) की रचनाओं में से एक केफ़ाया अल-तालिब फ़ी मनाक़िब अली बिन अबी तालिब पुस्तक में, इस हदीस के विभिन्न कथनों पर एक स्वतंत्र अध्याय बनाया गया है और कहा गया है कि अहले-हदीस इस हदीस की रिपोर्ट के वर्णन पर एकमत हैं।[११] हालाँकि, कुछ सुन्नी लेखकों के अनुसार, इस घटना की सूचना देने वाली हदीस मनगढ़ंत हदीसों में से एक है;[१२] इसी तरह से यह भी कहा गया है कि इब्न तैमिया इस रिपोर्ट को झूठा मानते हैं।[१३]
ला सैफ़ इल्ला जुल्फिकार व ला फ़ता इल्ला अली वाक्यांश कई तलवारों के ब्लेड पर लिखा गया है।[१४] सादी,[१५] ख़ाजवी किरमानी[१६] और अत्तार नैशापूरी,[१७] जैसे कवियों ने ला फ़ता इल्ला अली की व्याख्या के साथ विभिन्न कविताएँ और रचनाएँ लिखी हैं। अल्लामा अमीनी के अनुसार, हस्सान बिन साबित ने भी पैग़म्बर (स) की अनुमति से इस बारे में एक कविता लिखी थी।[१८]
संबंधित लेख
फ़ुटनोट
- ↑ कुलैनी, अल-काफ़ी, 1407 हिजरी, खंड 8, पृष्ठ 110।
- ↑ देखें: कुलैनी, अल-काफी, 1407 एएच, खंड 8, पृष्ठ 110; शेख़ सदूक़, अमाली, 1376, पृष्ठ 200; शेख़ मुफीद, अल-इरशाद, 1413 एएच, खंड 1, पृष्ठ 87; शेख़ तूसी, अमाली, 1414 एएच, पृष्ठ 143; इब्ने हिशाम, अल-सीरह अल-नबविया, दार अल-मारेफ़ा, खंड 2, पृष्ठ 100; तबरी, तारिख़ अल-तबरी, 1387 एएच, खंड 2, पृष्ठ 514।
- ↑ शेख़ सदूक़, उयुन अख़बार अल-रज़ा (अ), 1378, खंड 1, पृष्ठ 85।
- ↑ शेख़ मुफ़ीद, अल-इरशाद, 1413 एएच, खंड 1, पृष्ठ 87; फ़त्ताल नैशापूरी, रौज़ा अल-वायेज़ीन, 1375, खंड 1, पृष्ठ 128।
- ↑ शेख़ सदूक़, इललुश शरायेअ, 1385, खंड 1, पृष्ठ 7।
- ↑ ख्वारज़मी, अल-मनाक़िब, 1411 एएच, पृष्ठ 167, 200 एच।
- ↑ सिब्त बिन जौज़ी, तज़किरा अल-ख़वास, 1418 एएच, पृष्ठ 26।
- ↑ अमीनी, अल-ग़दीर, 1416 एएच, खंड 2, पृष्ठ 104।
- ↑ शेख़ सदूक़, अल-ख़ेसाल, 1362, खंड 2, पृष्ठ 550; इब्न असाकर, तारीख़ मदीना दमिश्क़, 1995, खंड 39, पृष्ठ 201।
- ↑ अमीनी, अल-ग़दीर, 1416 एएच, खंड 2, पृष्ठ 104।
- ↑ गंजी, केफ़ाया अल तालिब, दार ले एहिया अल तुरास अहल अल-बैत (अ), पीपी. 277-280।
- ↑ इब्न जौज़ी, अल-मौज़ूआत, 1386 एएच, खंड 1, पृ. 381-382।
- ↑ हलबी, अल-सिरह अल-हलबिया, दार अल-कुतुब अल-इल्मिया, खंड 2, पृष्ठ 321।
- ↑ ज़रवानी, "ज़ुल्फिकार", पी. 849.
- ↑ सादी, कुल्लियात सादी, 1365, कविता 1.
- ↑ ख़ाजवी किरमानी, कविताओं का दीवान, 1369, पृष्ठ 133।
- ↑ अत्तार नैशापूरी, मुसीबत नामा, 1376, पृष्ठ 34।
- ↑ अमीनी, अल-ग़दीर, 1416 एएच, खंड 2, पृष्ठ 105
स्रोत
- इब्न जौज़ी, अब्द अल-रहमान बिन अली, अल-मौज़ूआत, मदीना, अल-मकतब अल-सलफ़ियह, 1386 हिजरी।
- इब्न असाकर, अली इब्न हसन, तारीख़ मदीना दमिश्क़ व ज़िक्रो फ़ज़लहा ...., उमर बिन ग़रामा अमरी, बेरूत, दार अल-फ़िक्र, 1995।
- इब्न हिशाम, अब्द अल-मलिक, अल-सीरह अल-नबविया, बेरूत, दार अल-मारेफा, बी ता।
- अमीनी, अब्दुल हुसैन, अल-ग़दीर फ़ी अल-किताब वल सुन्नत वा अल-अदब, क़ुम, अल-ग़दीर सेंटर फॉर इस्लामिक स्टडीज़, 1416 एएच।
- हलबी, अली इब्न इब्राहिम, अल-सिरह अल-हलबिया, बेरूत, दार अल-कुतुब अल-इल्मिया, 1427 एएच।
- खाजवी किरमानी, महमूद, कविताओं का दीवान, अहमद सोहेली ख़ुनसारी द्वारा संपादित, तेहरान, पाजांग, 1369 शम्सी।
- ख्वारज़मी, मुवफ़्फ़क़ बिन अहमद, अल-मनाकिब, क़ुम, जामेअ मोदर्रेसिन, 1411 एएच।
- ज़रवानी, मोजतबा, "ज़ुल्फिकार", इस्लामिक वर्ल्ड इनसाइक्लोपीडिया, तेहरान, इस्लामिक इनसाइक्लोपीडिया फाउंडेशन, खंड 18, 1392 शम्सी।
- सिब्त बिन जौज़ी, तज़किरा अल-ख़वास, क़ुम, मंशूरात अल-शरीफ़ अल-रज़ी, 1418 एएच।
- सादी, मोस्लेहुद्दीन, कुल्लियात सादी, मोहम्मद अली फ़ोरोग़ी द्वारा, तेहरान, अमीर कबीर, 1365 शम्सी।
- शाह नेमतुल्लाह वली, हज़रत शाह नेमतुल्लाह वली के दीवान कामिल, किरमान, किरमान सांस्कृतिक सेवा प्रकाशन, 1380 शम्सी।
- शेख़ सदूक़, मोहम्मद बिन अली, अल-अमाली, तेहरान, किताबची, 1376।
- शेख़ सदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल-ख़ेसाल, क़ुम, इस्लामिक पब्लिशिंग हाउस, 1362।
- शेख़ सदूक़, मुहम्मद बिन अली, इललुश शरायेअ, क़ुम, दावरी बुकस्टोर, 2005।
- शेख़ सदूक़, मोहम्मद बिन अली, उयून अख़बार अल-रज़ा (अ.स.), तेहरान, नशरे जहां, 1378।
- शेख तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल-अमाली, क़ुम, दार अल-सकाफ़़ा, 1414 एएच।
- शेख मोफिद, मुहम्मद बिन मुहम्मद, अल-इरशाद फ़ी मारेफ़त हुज्जुल्लाह अला अल-इबाद, क़ुम, शेख मोफिद की कांग्रेस, 1413 एएच।
- तबरी, मुहम्मद बिन जरीर, तारिख़ अल-तबरी (पैगंबर और अल-मुलुक का इतिहास), मुहम्मद अबुल फज़ल इब्राहिम द्वारा शोध, बेरूत, दार अल-तुरास, 1387 हिजरी।
- अत्तार नैशापूरी, मोहम्मद, मुसीबत नामा, नूरानी वसाल द्वारा संपादित, तेहरान, ज़व्वार, 1356 शम्सी।
- अत्तार नैशापूरी, मोहम्मद, मज़हर अल-अजायब और मज़हर अल-असरार, तेहरान, सनाई, 1376 शम्सी।
- फ़त्ताल नैशापूरी, मुहम्मद बिन अहमद, रौज़ा अल-वायेज़िन और बसिरा अल-मुतअज्ज़िन, क़ुम, रज़ी प्रकाशन, 1375 शम्सी।
- कुलैनी, मुहम्मद बिन याक़ूब, अल-काफ़ी, तेहरान, दार अल-कुतुब अल-इस्लामिया, चौथा संस्करण, 1407 एएच।
- गंजी, मुहम्मद बिन यूसुफ, केफ़ाया अल-तालिब फ़ी मनाकिब अली बिन अबी तालिब, तेहरान, दार इहया अल तुरास अहल अल-बैत (अ), 1404 एएच।