नासेबी

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नासेबी (अरबीःالناصِبي) उस व्यक्ति को कहा जाता है जो इमाम अली (अ) या अहले-बैत (अ) में से किसी एक से दुश्मनी रखता हो और उनके साथ अपनी दुश्मनी का इज़हार भी करता हो। अहले-बैत (अ) के फ़ज़ाइल को नकारना, इमामों पर लानत करना और शियो से दुश्मनी करना नास्बीवाद के उदाहरण माने जाते हैं।

शिया न्यायविदों के अनुसार वे नासेबी लोग अपवित्र (नजिस) एवं काफिर लोगो के हुक्म मे हैं; इसलिए, उनके द्वारा ज़िब्ह किए गए जानवर का खाना, उन्हें सदक़ा देना और उनसे शादी करना जायज़ नहीं है, और उन्हे मुसलमानों से विरासत नहीं मिल सकती हैं।

कुछ समकालीन विद्वानों के अनुसार, नासेबीवाद की शुरुआत उस्मान की हत्या से हुई और इसे बनी उमय्या शासन के दौरान औपचारिक रूप दिया गया। अहले-बैत (अ) के फ़ज़ाइल के प्रकाशन को रोकना, शियो की हत्या, और इमाम अली (अ) पर मिंबर से लानत और बुरा भला कहना इस बनी उमय्या शासन काल के दौरान नासेबीवाद के परिणामो में से हैं। मुआविया बिन अबू सुफ़ियान, ख़्वारिज, उस्मानिया और हरीज़ बिन उस्मान को नासेबी माना जाता है।

शिया विद्वानों ने नवासिब और नासेबी के बारे में रचनाएँ लिखी हैं। मोहसिन मोअल्लिम द्वारा लिखित अल-नस्ब वल नवासिब, मोहद्दिस बहरानी द्वारा लिखित किताब "अल-शाब अल-साकिब फ़ी बयान माना अल नवासिब" और सय्यद अब्दुल्लाह जज़ाएरी द्वारा लिखित किताब "मल अल-नासिब वा इन्नहू लैसा कुल्ला मुखालिफ नासेबन" इन का नाम लिया जा सकता है।

परिभाषा

नस्ब अहले-बैत (अ) या उनके समर्थकों अर्थात चाहने वालो से दुश्मनी करना और उसका इज़हार करने को कहते है।[१] इसलिए, अहले-बैत (अ)[२] और उनके चाहने वालो और शियो[३] से दुश्मनी[४] अहले-बैत (अ)[५] से प्रेम करने और उनका अनुसरण करने के कारण हो तो दुश्मनी नस्ब मानी जाएगी।

प्रसिद्ध मुस्लिम विद्वान ऐसे व्यक्ति को नासेबी मानते हैं जो अहले-बैत (अ) का दुश्मन हो और उनके साथ अपनी दुश्मनी प्रकट करता हो[६] और कुछ लोगो के अनुसार, नासेबी वह व्यक्ति है जो इमाम अली (अ) से नफरत को अपने धर्म का हिस्सा मानता हो।[७] शिया विद्वानो ने इमाम अली (अ) के फ़िस्क़ या कुफ़्र के विश्वास,[८] आप पर दूसरों की श्रेष्ठता का विश्वास,[९] अहले-बैत (अ) पर सब्बो लआन का विश्वास,[१०] उनके फ़जाइल को नकारना[११] फज़ाइल का उल्लेख और उनके प्रकाशन को पसंद न करना[१२] नस्ब के उदाहरण माना गया है।

सुन्नी विद्वान हसन बिन फ़रहान मालेकी ने इमाम अली (अ) और अहले-बैत (अ) से हर प्रकार के विचलन को नस्ब का उदाहरण माना है।[१३] उन्होंने इमाम अली (अ) की प्रशंसा में सही हदीसों को कम आंका (तज़ईफ़ करना), खलीफा काल के युद्धों में आपके गलती पर होने, आपके दुश्मनों की प्रशंसा में मुबालग़ा करना, आपकी खिलाफत के बारे में संदेह और आपके प्रति निष्ठा रखने से इनकार करने को नस्ब के उदाहरणो मे वृद्धि की गई है।[१४] शिया न्यायविद मोहद्दीस बहरानी ने (दूसरो की इमामत को स्वीकार करके) इमामत मे दूसरो को इमाम अली (अ) पर प्राथमिकता देने को हज़रत अली (अ) के प्रति घृणा और नस्ब का उदाहरण (मिसदाक) माना है।[१५]

सुन्नियों का नासेबी ना होना

प्रसिद्ध शिया न्यायविदे अनुसार नासेबी वह व्यक्ति हैं जो अहले-बैत (अ) से शत्रुता रखता है और अपनी शत्रुता को प्रकट करता है, इसलिए उनकी मान्यता के अनुसार, जो सुन्नी अहले-बैत (अ) से प्रेम करते हैं, वे नासेबी नहीं हैं।[१६] लेकिन मोहद्दिस बहरानी इस पर विश्वास करते हैं कि नासेबी वह है जो दूसरों को इमाम अली (अ) पर प्राथमिकता दे और उनकी इमामत पर विश्वास करता हो।[१७] उनका दस्तावेज़ एक हदीस है जो शिया इमामों की इमामत के अलावा किसी और की इमामत को नासेबीवाद करार देती है।[१८] साहिब जवाहिर ने इस कथन को सीरत और शियो की प्रथा के विपरीत माना है[१९] इस रिवायत की सनद और प्रामाणिकता के सही होने मे भी संदेह है।[२०] माल अल-नासिब व इन्नहू लैसा कुल्ला मुखालिफ़ नासेबन किताब जो एक शिया विद्वान सय्यद अब्दुल्लाह जज़ाएरी से मनसूब है, इस बात की पुष्ठि करती है कि वह सुन्नीयो के नासेबी होने वाली बात से मतभेद रखते थे।[२१]

नासेबी के नियम

शिया न्यायविदों के दृष्टिकोण से नासेबी नजिस[२२] और काफ़िर है।[२३] न्यायशास्त्र की पुस्तकों में काफिरों की नेजासत, और नस्ब के विषय पर भी चर्चा की गई है।[२४] नासेबीयो के कुछ अहकाम निम्नलिखित हैं;

नासेबीवाद का जन्म

कुछ समकालीन शोधकर्ताओं का मानना है कि नासेबीवाद उस्मान की हत्या के साथ शुरू हुआ और उमय्या सरकार के शासन में औपचारिक रूप दिया गया।[३३] ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, मुआविया बिन अबू सुफ़ियान ने 41 हिजरी में जब मुग़ैयरा बिन शोबा को कूफ़ा की गर्वनरी सौंपी, तो उसे आदेश दिया कि इमाम अली (अ) को बुरा भला कहे।[३४] उसके बाद उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ की खिलाफत के समय तक बनी उमय्या के खलीफा मिमबरो[३५] से हजरत अली[३६] को बुरा भला कहते थे।

सुन्नी विद्वान हाकिम नेशापूरी ने चौथी चंद्र शताब्दी को इमाम अली (अ) के प्रति शत्रुता से पूर्ण शताब्दी बताते हुए फ़ज़ाइले फ़ातिमा ज़हरा किताब लिखने के अपने उद्देश्य और इस प्रवृत्ति का मुकाबला करने का उल्लेख किया। चौथी शताब्दी के वातावरण का वर्णन करते हुए लिखते हैं:

हमारा समय ऐसे नेताओं से त्रस्त है जिनके करीब रहने के लिए लोग पैग़म्बर (स) के परिवार से नफ़रत करते हैं और उन्हें नीचा दिखाते हैं।[३७]

परिणाम

बनी उमय्या शासन के दौरान नासेबीवाद के लिए जिन कुछ परिणामों पर विचार किया गया है उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

प्रसिद्ध नासेबी

स्रोतों में, कुछ लोगों और समूहों को नासेबी कहा जाता है;

  • मुआविया बिन अबू सुफ़ियान, पहला बनी उमय्या का शासक था जिसने लगभग 20 वर्षों तक दमिश्क पर शासन किया।[४३] नहज अल बलाग़ा के वर्णनकर्ता इब्न अबिल हदीद मोअत्ज़ली ने जाहिज़ के हवाले से बताया कि मुआविया जुमे की नमाज़ के उपदेश के अंत अली (अ) पर लानत करता था और कहता था कि इस काम को इतना विस्तार किया जाना चाहिए ताकि कोई भी इमाम अली (अ) के फ़ज़ाइल बयान न कर सके।[४४]
  • उस्मानिया, जो यह मानते थे कि इमाम अली (अ) ने उस्मान की हत्या की है या इस मामले में मदद की है।[४५] इसलिए, उन्होंने इमाम अली (अ) के प्रति निष्ठा रखने से इनकार कर दिया था।[४६] नौवीं शताब्दी के मानव विज्ञान के सुन्नी विद्वान इब्न हजर असकलानी के अनुसार नासेबी वह समूह है जिनके खयाल मे इमाम अली (अ) ने उस्मान की हत्या की है या हत्या मे मदद की है।[४७] इस समूह ने उस्मान के प्रेम की अतिशयोक्ति (ग़ुलुव) के कारण इमाम अली (अ) को कमजोर करने और बदनाम करने के मार्ग का च्यन किया।[४८]
  • खवारिज, सिफ़्फ़ीन की लड़ाई में इमाम अली (अ) की सेना का एक समूह था, उन्होने अली बिन अबी तालिब पर कुफ्र का आरोप लगाया और उनके खिलाफ़ विद्रोह किया। उन्हे इमाम अली (अ) के साथ शत्रुता के कारण नवासिब या नासेबा भी कहा जाता है।[४९]
  • हज्जाज बिन यूसुफ सक़्फी, (मृत्यु 95 हिजरी) चौथी चंद्र शताब्दी के इतिहासकार मसऊदी के अनुसार, हज्जाज बिन यूसुफ सक़्फ़ी अहले-बैत (अ) का दुश्मन था।[५०] वह इमाम अली (अ) और उनके साथीयो पर तबर्रा न करने वालो को मार डालता था।[५१] वह शियो की हत्या करता था थोड़े से संदेह और लाछन लगाने के बहाने गिरफ्तार कर लेता था और अगर किसी को ज़िंदीक़ या काफिर कहा जाता था, तो यह अली के शिया के रूप में पेश किए जाने से बेहतर था।[५२] हज्जाज अब्दुल मलिक के शासन मे पहले हिजाज़ का शासक था और फिर इराक का शासक भी बना दिया गया।[५३]
  • हरीज़ बिन उस्मान, इमाम अली (अ) को मिंबर से बुला भला कहता था।[५४] उसने इमाम अली (अ) की फ़ज़ीलत मे आने वाली हदीस `` انت منی بمنزلة هارون من موسی अन्ता मिन्नी बेमंज़ेलते हारूना मिन मूसा को ``انت منی بمنزلة قارون من موسی अन्ता मिन्नी बेमंज़ेलते क़ारूना मिन मूसा मे विकृत करता था,[५५] मानव विज्ञान के सुन्नी विद्वान इब्न हब्बान के अनुसार, हरीज़ अली बिन अबी तालिब (अ) पर हर सुबह और शाम 70 बार लानत करता था।[५६]
  • मुग़ैरा बिन शोबा, जब वह मुआविया की ओर से कूफ़ा का शासक था तो इमाम अली (अ) और शियो को मिंबर से बुला भला कहता था और उनपर लानत करता था।[५७] यह पैगंबर (स) के उन साथियों में से एक है, जो हज़रत ज़हरा (स) के घर पर हमला करने वालो मे शामिल है।[५८]
  • मुतवक्किल अब्बासी, इमाम अली (अ) से नफरत करता था और नासेबियों का साथी था।[५९] वह अली (अ) के शियाओं की संपत्ति जब्त कर लेता था और उनकी हत्या कर देता था।[६०] अहले-बैत (अ) से मुतवक्किल को इतनी अधिक घृणा थी कि 236 हिजरी मे उसने हुसैन बिन अली (अ) की कब्र को नष्ट करने का आदेश जारी किया, इसलिए इमाम हुसैन (अ) की क़ब्र और उसके आस-पास के सभी घरो और स्मारकों को नष्ट कर दिया गया और वहां पानी छोड़ कर दिया गया जमीन की जुताई करके वहां खेती की गई।[६१]
  • इब्न तैमिया, सलफ़ीया के बौद्धिक नेताओं में से हैं, और कुछ शिया विद्वानों ने इब्न तैमिया के नासेबी होने को साबित करने के लिए उसकी ओर से हदीस रद्द अल शम्स[६२] के खंडन, हदीस ग़दीर[६३] की तज़ईफ़ (कमजोर करना), और इसी प्रकार शियो के साथ उसकी दुश्मनी का हवाला दिया है।[६४] इसके अलावा, इब्न हजर असक़लानी ने कहा है कि कुछ लोगों ने हज़रत अली (अ) के हवाले से इब्न तैमिया के शब्दो के कारण उसको पाखंड का श्रेय दिया है। इब्न तैमिया का मानना था कि अली ने क़ुरआन को समझने में 17 गलतियाँ कीं है।[६५]

पुस्तकें

शिया विद्वानों और शोधकर्ताओं ने नस्ब और उसके अहकाम के बारे में रचनाएँ लिखी हैं।[६६] उनमें से:

  • अल-नस्ब वल नवासिब, अरबी भाषा में मोहसिन मोअल्लिम द्वारा लिखी गई है, इस किताब मे नस्ब का अर्थ, नस्ब के उदाहरण,[६७] नस्ब का हुक्म[६८] और नस्ब के परिणाम[६९] जैसी सामग्रियां शामिल है। लेखक ने नासेबी होने के मानदंड के रूप में इमाम अली (अ) की नफ़रत और दुश्मनी का उल्लेख किया है[७०] और 250 से अधिक लोगों को नासेबी या नस्ब का आरोपी बताया है।[७१] साथ ही इस किताब में उन इलाकों के नाम भी बताए गए हैं जहां नवासिबब रहते थे।[७२] यह पुस्तक 1418 हिजरी में दार अल- हादी पब्लिशिंग हाउस बेरूत में प्रकाशित हुई है।[७३]
  • अल-शहाब अल-साक़िब फ़ी बयान माना अल-नवासिब, मोहद्दिस बहारानी द्वारा लिखित[७४]
  • उसूल अल इस्लाम वल ईमान व हुक्म अल नासिब वमा यतअल्लक़ो बेह, वहीद बहबहानी[७५] की रचना नस्ब और नासेबीवाद से संबंधित कार्यो के अन्य उदाहरण है।

इसके अलावा, विरोधियों के कार्यों की आलोचना मे शिया विद्वानों द्वारा लिखे गए जवाबो में, नवासिब शब्द का इस्तेमाल किया गया है।[७६] क़ाजी नुरूल्लाह शूस्तरी द्वारा लिखित मसाइब अल नवासिब फ़ी अल रद्द अलल नवाक़िज़ अल रवाफ़िज़[७७] और अब्दुल जलील क़ज़विनी द्वारा लिखित बाज़ो मसालिब अल नवासिब फ़ी नक़्ज़े बाज़ो फ़ज़ाएहिल रवाफ़िज़[७८] इन मामलों में से है। नस्ब वल-नवासब किताब में भी नस्ब व नवासिब के बारे मे 29 किताबो का उल्लेख किया गया है।[७९]

संबंधित लेख

फ़ुटनोट

  1. तुरैही, मजमा अल बहरैन, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 174
  2. शहीद सानी, रौज़ा अल जेनान, 1402 हिजरी, भाग 1, पेज 420
  3. इब्न इद्रीस हिल्ली, अजवबा मसाइल व रसाइल, 1429 हिजरी, पेज 227; नजफ़ी, जवाहिर कलाम, 1404 हिजरी, भाग 6, पेज 64
  4. शहीद सानी, रौज़ा अल जेनान, 1402 हिजरी, भाग 1, पेज 420
  5. तुरैही, मजमा अल बहरैन, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 174
  6. देखेः शहीद सानी, रौज़ा अल जेनान, 1402 हिजरी, भाग 1, पेज 420; बहरानी, अल हदाइक अल नाज़ेरा, 1405 हिजरी, भाग 5, पेज 186 भाग 24, पेज 60; सुब्हानी, अल ख़ुम्स, 1420 हिजरी, पेज 60
  7. इब्न तैमीयाह, मजमा अल फ़तावा, तब्आ अब्दुर रहमान बिन क़ासिम, भाग 4, पेज 429; फ़िरोज़ाबादी, क़ामूस अल मोहीत, नस्ब शब्द, तुरैही से नकल, मजमा अल बहरैन, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 173
  8. इब्न तैमीयाह, मजमा अल फ़तावा, तब्आ अब्दुर रहमान बिन क़ासिम, भाग 4, पेज 429
  9. फ़ाज़िल मिक़्दाद, अल तंकीह अल राबेअ, 1404 हिजरी, भाग 2, पेज 421
  10. फ़ाज़िल मिक़्दाद, अल तंकीह अल राबेअ, 1404 हिजरी, भाग 2, पेज 421
  11. फ़ाज़िल मिक़्दाद, अल तंकीह अल राबेअ, 1404 हिजरी, भाग 2, पेज 421
  12. शहीद सानी, रौज़ा अल जेनान, 1402 हिजरी, भाग 1, पेज 420
  13. मालेकी, इनक़ाज़ अल तारीख अल इस्लामी, 1418 हिजरी, पेज 298
  14. मालेकी, इनक़ाज़ अल तारीख अल इस्लामी, 1418 हिजरी, पेज 298
  15. बहरानी, अल हदाइक अल नाज़ेरा, 1405 हिजरी, भाग 24, पेज 60
  16. देखेः सदूक़, मन ला याहज़ेरो अल फ़क़ीह, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 408; नजफी, जवाहिर अल कलाम, 1404 हिजरी, भाग 6, पेज 64
  17. बहरानी, अल हदाइक अल नाज़ेरा, 1405 हिजरी, भाग 24, पेज 60
  18. बहरानी, अल हदाइक अल नाज़ेरा, 1405 हिजरी, भाग 18, पेज 157
  19. नजफी, जवाहिर अल कलाम, 1404 हिजरी, भाग 6, पेज 64
  20. तवल्लाई, मेलाक नासिब अंगारी, अहकाम व आसार मुतरत्तिब बर नस्ब दर फ़िक़्ह इमामीया, पेज 52
  21. आक़ा बुजुर्ग तेहरानी, अल ज़रीआ, 1408 हिजरी, भाग 9, पेज 76
  22. सद्र, मा वरा अल फ़िक़्ह, 1420 हिजरी, भाग 1, पेज 145
  23. देखेः तूसी, अल निहाया, 1400 हिजरी, पेज 5
  24. देखेः नजफी, जवाहिर अल कलाम, 1404 हिजरी, भाग 6, पेज 63-65; बहरानी, अल हदाइक अल नाज़ेरा, 1405 हिजरी, भाग 5, पेज 177-185
  25. तूसी, तहज़ीब अल अहकाम, भाग 9, पेज 71; इमाम ख़ुमैनी, रिसाला अल नेजात, 1385 शम्सी, पेज 325
  26. सदूक़, मन ला याहजेरो अल फ़क़ीह, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 408; मुहक़्क़िक़ करकी, जामेअ अल मकासिद, 1414 हिजरी, भाग 13, पेज 15
  27. इब्ने बर्राज, अल मोहज़्ज़ब, 1406 हिजरी, भाग 1, पेज 129
  28. तूसी, अल निहाया, 1400 हिजरी, पेज 112
  29. मुहक़्क़िक़ हिल्ली, अल मोतबर, 1407 हिजरी, भाग 2, पेज 766
  30. बहजत, जामेअ अल मसाइल, 1426 हिजरी, भाग 6, पेज 156
  31. इमाम ख़ुमैनी, रिसाला अल नेजात, 1385 शम्सी, पेज 309
  32. तूसी, अल निहाया, 1400 हिजरी, पेज 570
  33. कौसरी, बर रसी रीशेहाए तारीखी नासेबीगिरी, पेज 99
  34. बलाज़ुरी, अंसाब अल अशराफ़, भाग 5, पेज 243; तबरी, तारीख अल उमम वल मुलूक, 1387 हिजरी, भाग 5, पेज 254
  35. ज़मख़्शरी, रबीअ अल अबरार, 1412 हिजरी, भाग 2, पेज 335
  36. इब्न असीर, अल कामिल, 1385 हिजरी, भाग 5, पेज 42
  37. हाकिम नेशाबुरी, फ़ज़ाइल फ़ातेमा अल ज़हरा, 1429 हिजरी, पेज 30
  38. कौसरी, बर रसी रीशेहाए तारीखी नासेबीगिरी, पेज 104
  39. मज़ी, तहज़ीब अल कमाल, 1413 हिजरी, भाग 20, पेज 429
  40. इब्न साद, अल तबक़ात अल कुबरा, 1410 हिजरी, भाग 6, पेज 305
  41. इब्न कसीर, अल बिदाया वल निहाया, 1407 हिजरी, भाग 11, पेज 124
  42. कौसरी, बर रसी रीशेहाए तारीखी नासेबीगिरी, पेज 104-105
  43. इब्न अब्दुल बिर्र, अल इस्तीआब, 1412 हिजरी, भाग 3, पेज 1418
  44. इब्न अबिल हदीद, शरह नहज अल बलागा, 1404 हिजरी, भाग 4, पेज 56-57
  45. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 591
  46. तबरी, तारीख अल उमम वल मुलूक, 1387 हिजरी, भाग 4, पेज 430
  47. इब्न हजर, तहज़ीब अल तहज़ीब, दार सादिर, भाग 8, पेज 458
  48. इबन हजर, फत्ह अल बारी, 1408 हिजरी, भाग 7, पेज 13
  49. मकरीज़ी, अल मवाइज वल ऐतेबार, 1422-1425 हिजरी, भाग 4, खंड 1, पेज 428
  50. देखेः मसऊदी, मुरूज अल ज़हब, 1409 हिजरी, भाग 3, पेज 144
  51. मुग़नीयाह, अल शिया वल हाकेमून, 2000 ईस्वी, पेज 94-96
  52. इब्न अबिल हदीद, शरह नहज अल बलागा, 1404 हिजरी, भाग 11, पेज 44
  53. इब्न कसीर, अल बिदाया वल निहाया, 1407 हिजरी, भाग 6, पेज 95
  54. समआनी, अल अंसाब, 1382 हिजरी, भाग 6, पेज 95
  55. इब्न हजर, तहज़ीब अल तहज़ीब, दार सादिर, भाग 2, पेज 239
  56. इब्न हजर, तहज़ीब अल तहज़ीब, दार सादिर, भाग 2, पेज 240
  57. इब्न कसीर, अल बिदाया वल निहाया, 1407 हिजरी, भाग 8, पेज 50
  58. मुफ़ीद, अल जमल, 1413 हिजरी, पेज 117
  59. ख़ज़री, अल दौलत अल अब्बासीया, 1422 हिजरी, पेज 248
  60. ख़ज़री, अल दौलत अल अब्बासीया, 1422 हिजरी, पेज 248
  61. ख़ज़री, अल दौलत अल अब्बासीया, 1422 हिजरी, पेज 248
  62. इब्न तैमीयाह, मिन्हाज अल सुन्ना, 1406 हिजरी, भाग 8, पेज 165 बे नकल अज़ आले मुजद्दिद, निशानेहाए नासेबीगिरी इब्न तैमीयाह, पेज 17
  63. इब्न तैमीयाह, मिन्हाज अल सुन्ना, 1406 हिजरी, भाग 7, पेज 319-320 बे नकल अज़ आले मुजद्दिद, निशानेहाए नासेबीगिरी इब्न तैमीयाह, पेज 19
  64. आले मुजद्दिद, निशानेहाए नासेबीगिरी इब्न तैमीयाह, पेज 17-25
  65. इब्न हजर, अल दुरर अलकामेनाह, 1392 हिजरी, भाग 1, पेज 155 और 181
  66. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 588-590
  67. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 31-38
  68. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 605-624
  69. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 588-590
  70. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 37
  71. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 261-528
  72. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 229-244
  73. अल नस्ब वल नवासिब
  74. बहरानी, अल हदाइक़ अल नाज़ेरा, 1405 हिजरी, भाग 3, पेज 405
  75. आक़ा बुजुर्ग तहरानी, अल ज़रीआ, 1408 हिजरी, भाग 2, पेज 176
  76. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 588-590
  77. आक़ा बुजुर्ग तहरानी, अल ज़रीआ, 1408 हिजरी, भाग 19, पेज 76
  78. आक़ा बुजुर्ग तहरानी, अल ज़रीआ, 1408 हिजरी, भाग 3, पेज 130
  79. मोअल्लिम, अल नस्ब वल नवासिब, 1418 हिजरी, पेज 588-590

स्रोत

  • आका बुजुर्ग तहरानी, अल जरीआ एला तसानीफ़ अल शिया, क़ुम व तेहरान, इस्माईलीयान किताब खाना इस्लामीया तेहरान, 1408 हिजरी
  • आले मुजद्दिद, सय्यद हसन, निशानेहाए नासेबीगिरी इब्न तैमीयाह, दर फसलनामा सिरात, क्रमांक 12, जमिस्तान 1393 शम्सी
  • इब्न अबिल हदीद, अब्दुल हमीद बिन हेबतुल्लाह, शरह नहज अल बलागा, संशोधनः इब्राहीम मुहम्मद अबुल फ़ज़्ल, क़ुम, मकतबा आयतुल्लाह अल मरअशी अल नजफी, 1404 हिजरी
  • इब्न असीर, अली बिन मुहम्मद, अल कामिल फ़ी तारीख, बैरुत, दार सादिर, 1385 हिजरी
  • इब्न इद्रीस हिल्ली, मुहम्मद बिन मंसूर, अजवबा मसाइल व रसाइल फ़ी मुखतलिफ फ़ुनून अल मारफ़ा, संशोधनः सय्यद मुहम्मद महदी बिन सय्यद हसन मूसवी खुरासान, क़ुम, दलील मा, 1429 हिजरी
  • इब्न बर्राज तराबलिसी, अब्दुल अज़ीज़, अल मोहज़्ज़ब, क़ुम, दफतर इंतेशारात इस्लामी वाबस्ता बे जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मीया क़ुम, 1406 हिजरी
  • इब्न तैमीयाह, अहमद बिन अब्दुल हलीम, मजमूआ अल फ़ता, तबआ अब्दुर रहमान बिन कासिम
  • इब्न तैमीयाह, अहमद बिन अब्दुल हलीम, मिन्हाज अल सुन्ना अल नबावीया फ़ी नक़ज़ अल कलाम अल शिया अल कदरीया, शोधः मुहम्मद रशाद सालिम, जामे अल इमाम मुहम्मद बिन सऊद अल इस्लामीया, 1406 हिजरी
  • इब्न हजर असक़लानी, अहमद बिन अली, अल दुरर अल कामेना फ़ी आयान अल मेअ अल सामेना, बैरुत, दार अल जील
  • इब्न हजर असक़लानी, अहमद बिन अली, तहज़ीब अल तहज़ीब, बैरूत, दार सादिर
  • इब्न हजर असक़लानी, अहमद बिन अली, फ़त्ह अल बारी बेशरह सहीह अल बुखारी, एहया अल तुरास अल अरबी, 1408 हिजरी
  • इब्न साद, मुहम्मद बिन साद, अल तबक़ात अल कुबरा, शोधः मुहम्मद अब्दुल क़ादिर अता, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1410 हिजरी
  • इब्न अब्दुल बिर्र, युसुफ़ बिन अब्दुल्लाह, अल इस्तिआब फ़ी मारफत अल असहाब, शोधः अली मुहम्मद बजावी, बैरूत, दार अल जील, 1412 हिजरी
  • इब्न कसीर दमिश्की, इस्माईल बिन उमर, अल बिदाया वल निहाया, बैरुत, दार अल फिक्र, 1407 हिजरी
  • इमाम ख़ुमैनी, रुहुल्लाह, रिसाला निजात अल एबाद, तेहरान, मोअस्सेसा तंज़ीम व नश्र आसार इमाम ख़ुमैनी, 1385 शम्सी
  • बहरानी, युसुफ़ बिन अहमद, अल हदाइक अल नाज़ेरा फ़ी अहकाम अल इत्रत अल ताहेरा, संशोधनः मुहम्मद ऐरवानी व सय्यद अब्दुर रज़्ज़ाक मुकर्रम, क़ुम, दफतर नश्र इस्लामी वाबस्ता बे जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मीया क़ुम, 1405 हिजरी
  • बलाज़ुरी, अहमद बिन याह्या, अंसाब अल अशराफ़, भाग 5, शोधः अहसान अब्बास, बैरूत, जमईयत अल मुस्तशरेक़ीन अल अलमानीया, 1400 हिजरी
  • बहजत, मुहम्मद तक़ी, जामे अल मसाइल, क़ुम, दफतर आयतुल्लाह बहजत, 1426 हिजरी
  • तवल्लाई, रहमत, नक़ीबी, सय्यद अबुल कासिम, मेलाक नासिब अंगारी, अहकाम व आसार मुरत्तब बर नस्ब दर फ़िक़्ह इमामीया, दर मजल्ले फ़िक़् व उसूल, बहार 1396 शम्सी
  • हाकिम नेशाबूरी, मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह, फ़ज़ाइल फ़ातेमा अल ज़हरा, शोधः अली रज़ा बिन अब्दुल्लाह, क़ाहिरा, दार अल फ़ुरक़ान, 1429 हिजरी
  • ख़ज़्री, मुहम्मद, अल दौलतुल अब्बासीया, बैरुत, आलम अल कुतुब, 1422 हिजरी
  • ज़मख़शरी, महमूद बिन उमर, रबीअ अल अबरार व नुसूस अल अखबार, शोधः महना अब्दुल अमीर, बैरूत, मोअस्सेसा आलमी लिल मतबूआत, 1412 हिजरी
  • सुब्हानी, जाफर, अल ख़ुम्स फी अल शरीआ अल इस्लामीया अल ग़रा, मोअस्सेसा इमाम सादिक़, 1420 हिजरी
  • सम्आनी, अब्दुल करीम बिन मुहम्मद, अल अंसाब, शोधः अब्दुर रहमान बिन याह्या मोअल्लमी यमानी, हैदराबाद, मजलिस दाएरा अल मआरिफ अल उस्मानीया, 1382 हिजरी
  • शहीद सानी, ज़ैनुद्दीन बिन अली, रौज़ा अल जेनान फ़ी शरह इरशाद अल अज़हान, क़ुम, दफतर नश्र इस्लामी वाबस्ता बे जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मीया क़ुम, 1402 हिजरी
  • सद्र, सय्यद मुहम्मद, मा वरा अल फ़िक़्ह, संशोधनः जाफर हादी दजीली, बैरुत, दार अल अज़्वा लिल तबाअत वल नश्र वल तौज़ीअ, 1420 हिजरी
  • सदूक़, मुहम्मद बिन अली, मन ला याहजुर अल फ़क़ीह, क़ुम, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी वाबस्ता बे जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मीया क़ुम, 1413 हिजरी
  • तबरी, मुहम्मद बिन जुरैर, तारीख अल उमम वल मुलूक, शोधः मुहम्मद अबुल फ़ज़्ल इब्राहीम, बैरूत, दार अल तुरास, 1387 हिजरी
  • तुरैही, फ़ख्रुद्दीन, मजमा अल बहरैन, संशोधनः सय्यद अहमद हुसैनी, तेहरान, किताब फरोशी मुरतज़वी, 1416 हिजरी
  • तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल निहाया फ़ी मुजर्रदत ले फ़िक़्ह वल फतावा, बैरुत, दार अल किताब अल अरबी, 1400 हिजरी
  • फ़ाज़िल मिक़्दाद, मिक़दाद बिन अब्दुल्लाह, अल तंकीह अल राबेअ लेमुखतसर अल शराए, संशोधनः सय्यद अब्दुल लतीफ हुसैनी कुह कमरी, क़ुम, इंतेशारात किताब खाना आयतुल्लाह मरअशी नजफी, 1402 हिजरी
  • कौसरी, अहमद, बर रसी रीशेहाए तारीखी नासेबीगिरी, दर मजल्ला सिराज मुनीर, क्रमांक 16, ज़मिस्तान, 1393 शम्सी
  • मालेकी, इंक़ाज अल तारीख अल इस्लामी, जार्डन, मोअस्सेसा अल यमामा अल हफया, 1418 हिजरी
  • मुहक़्क़िक़ हिल्ली, जाफर बिन हुसैन, अल मोतबर फ़ी शरह अल मुखतसर, संशोधनः मुहम्मद अली हैदरी व दिगरान, क़ुम, मोअस्सेसा सय्यद अल शोहदा अलैहिस सलाम, 1407 हिजरी
  • मुहक़्क़िक़ करकी, अली बिन हुसैन, जामे अल मक़ासिद फ़ी शरह अल क़वाइद, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), 1414 हिजरी
  • मज़ी, युसुफ़ बिन अब्दुर रहमान, तहज़ीब अल कमाल फ़ी अस्मा अल रेजाल, संशोधनः बशार अवाद मारूफ, बैरुत, मोअस्सेसा अल रेसाला, 1413 हिजरी
  • मस्ऊदी, अली बिन हुसैन, मुरूज अल ज़हब व मआदिन अल जौहर, संशोधनः असअद दागिर, क़ुम, दार अल हिजरा, 1409 हिजरी
  • मोअल्लिम, मोहसिन, अल नस्ब वल नवासिब, बैरुत, दार अल हादी, 1418 हिजरी
  • मुगनीयाह, मुहम्मद जवाद, अल शिया वल हाकेमून, बैरुत, दार अल जवाद, 2000 ईस्वी
  • मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद, अल जमल वल नुसरत ले सय्यद अल इत्रत फ़ी हरब अल बसरा, संशोधनः अली मीर शरीफ़ी, क़ुम, कुंगरा शेख मुफ़ीद, 1413 हिजरी
  • मक़रीज़ी, अहमद बिन अली, अल मवाइज़ वल ऐतेबार फ़ी ज़िक्रे अल खतत वल आसार, शोधः ऐमन फुवाद सय्यद, लंदन, 1422-1425 हिजरी
  • नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जवाहिर अल कलाम फ़ी शरह शरा ए अल इस्लाम, संशोधनः अब्बास कूचानी, अली आखूंदी, बैरुत, दार एहया अल तुरास अल अरबी, 1404 हिजरी