अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना

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सफ़ाविद काल से संबंधित मोहम्मद अली द्वारा नस्तालिक सुलेख

अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना (अरबीःعلیٌّ حُبُّه جُنَّة), इमाम अली (अ) के फ़ज़ाइल और स्थिति के बारे मे सुन्नी शाफ़ई पंथ के विद्वान मुहम्मद बिन इदरीस शाफ़ई को इस कविता का श्रेय दिया जाता है। इस कविता में चार पंक्ति हैं जिसमे इमाम अली (अ) की मुहब्बत को नरक की आग से सुरक्षित रखने वाला और इमाम अली (अ) को स्वर्ग और नरक का विभाजन करने वाला बताया गया है। इसी प्रकार आपको पैग़म्बर (स) का हक़ीक़ी उत्तराधिकारी तथा जिन और इंस का इमाम होना इस कविता के अन्य विषय है। शाफ़ई के अलावा दूसरी शख्सियात को भी इस कविता का श्रेय दिया जाता है।

इस कविता का पाठ शिया और सुन्नी स्रोतों में उद्धृत हदीसों में वर्णित है। साथ ही, इस कविता या इसके कुछ पक्तिं का प्रयोग अन्य कवियों द्वारा भी किया गया है। 'अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना' कविता की यह पक्ति इमाम अली (अ) की दरगाह के द्वार पर खुदी हुई है।

इस कविता से मिलती-जुलती कविताएँ अन्य कवियों द्वारा लिखी गई हैं।

कंटेंट

अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना क़सीमुन नारे वल जन्ना
वसीय्युल मुस्तफ़ा हक़्क़ा इमामुल इंसे वल जिन्ना[१]
अली की मुहब्बत (नरक की आग से) ढाल है आप नरक और स्वर्ग का विभाजन करने वाले है
आप हज़रत मुस्तफ़ा के हक़ीक़ी वसी और तमाम जिन और इंस के इमाम है।[२]

पहली पंक्ति में इमाम अली (अ) की मुहब्बत को “जुन्ना” बताया है। अरबी शब्दकोश में “जुन्ना” का अर्थ हथियार[३] या सिपर और ढाल[४] को कहा जाता है जो किसी व्यक्ति की रक्षा करती है। कुछ लोगों ने इस शब्द का अर्थ वह सब कुछ समझा है जो मनुष्य की रक्षा करता है।[५]

पहली पंक्ति छंद का अर्थ यह है कि इमाम अली (अ) की मुहब्बत नरक की आग से नेजात का कारण है जिसकी ओर शिया[६] और सुन्नी[७] स्रोतों मे इस्लाम के पैग़म्बर (स) की उद्धृत रिवायतो मे इशारा किया गया है। हालांकि, यह अर्थ उमर बिन खत्ताब द्वारा भी वर्णित किया गया है[८] और कुछ सुन्नी स्रोतों मे इसका श्रय दूसरे खलीफा को भी दिया गया है।[९]

स्वर्ग और नर्क का विभाजन भी इमाम अली (अ) द्वारा रसूल (स) की हदीस मे बयान हुआ है[१०] और स्वयं इमाम अली (अ)[११] और दूसरे इमामो[१२] के कथनों में इस अर्थ को वर्णित किया गया है। अतः सुन्नी स्रोतो मे भी यह अर्थ परिलक्षित हुआ है[१३] इसी तरह कुछ विद्वानो जैसे इब्न अबिल हदीद ने शरह नहजुल-बालागा में इस अर्थ का प्रयोग किया है[१४] और कहा गया है कि इब्न हंबल ने इस मुद्दे का बचाव किया है।[१५][नोट १]

यह भी देखें: हदीस क़सीम अल-नार वल जन्ना

कवि

"अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना" कविता का श्रेय सुन्नी शाफ़ई पंथ के विद्वान और फ़क़ीह मुहम्मद बिन इदरीस शाफ़ई (150-204 हिजरी) को दिया गया है।[१६] आमिर बिन साअलबा[१७] या अम्मार बिन तग़लबा[१८] को भी इस कविता के कवि के लेखक के रूप मे याद किया गया है। इसी तरह कुछ स्रोत मे कवि का नाम लिए बिना केवल कविता बयान करने पर भरोसा किया गया है।[१९]

मिलती जुलती कविता

उपरोक्त कविता के विषय से मिलती जुलती दूसरी कविता कही गई है।[२०] उन कविता मे से कुछ पक्ति निम्नलिखित हैः:

कुछ लोगो के अनुसार इस संबंध मे सबसे पुरानी कविता सैय्यद हिमयरी की कविता बताते है जो इस प्रकार हैं:

ज़ाका कसीमुन नारे मिन क़ीलेही ख़ुज़ि अदुव्वी व ज़री नासेरि
ज़ाका अली युब्नो अबि तालिब सेहरुन नबीइल मुस्तफ़त ताहेरि[२१]
आप नरक विभाजित करने वाले है और (इस से) कहिएगा मेरे दुश्मन को जलाओ और मेरे दोस्त को छोड़ दो
आप अलि इब्न अबि तालिब है जो बरगुज़ीदा और पाक़िज़ा नबी के दामाद है।

साथ ही, इस संदर्भ में निम्नलिखित कविता का श्रेय साहिब बिन इबाद को दिया गया है।

अबा हसनिन लौ काना हुब्बोका मुदख़ेलि

अबा हसनिन लौ काना हुब्बोका मुदख़ेलि

व कैयफ़ा योख़ाफ़ुन नारा मन होवा मोक़ेनुन बेअन्नका मौलाहो व अंता क़सीमोहा[२२]
हे अबल हसन अगर आपकी मुहब्बत मेरे नरक मे जाने का कारण है तो नरक की आग के शोले मेरी निजात के लिए प्रयाप्त है
और उस व्यक्ति को क्या भय है जिसे नरक का यक़ीन है कि आप उसके मौला और नरक के तक़सीम करने वाले है।

देबल ख़ुज़ाई ने अपनी कविता में भी इस विषय का उल्लेख किया है:

क़सीमुल जहीमे फ़हाज़ा लहु वा हाज़ा लहा बेएअतिदालिल क़समे[२३]
स्वर्ग और नरक के विभाजित करता कहेगा कि यह व्यक्ति मेरे लिए और वह नरक के लिए है और न्याय के साथ विभाजित करेगा।

अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना कविता की अवधारणा इमाम अली (अ) की फ़ज़ीलत मे दूसरे कवियो द्वारा भी किया गया है[२४] और बाद में कुछ कवियों जैसे अत्तार नैशापूरी[२५] और मूसा बिन जाफ़र हुसैनी तालेक़ानी[२६] द्वारा इस कविता की दो पक्ति या मतलेअ को अपनी कविता मे इस्तेमाल किया है।

वर्ष 1376 हिजरी में, इमाम अली (अ) की दरगाह में दो सोने के दरवाजे स्थापित किए गए थे, जिन पर अलीयुन हुब्बोहु जुन्ना पक्ति खुदी हुई है।[२७]

फ़ुटनोट

  1. कंदूज़ी, यनाबीउल मवद्दा, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 254
  2. शाम मुहम्मदी, अली व शकूह ग़दीर बर फ़राज़ वही व रेसालत, 1384 शम्सी, पेज 235
  3. इब्न दुरैद, जमहरतुल लुग़त, 1987 ई, भाग 1, पेज 93; जौहरी, अल सेहाह, 1956 ई, भाग 5, पेज 2094
  4. इब्न मंज़ूर, लेसान अल अरब, बैरूत, भाग 13, पेज 94; ज़ुबैदी, ताज अल उरूस, 1414 हिजरी, भाग 18, पेज 115
  5. इब्न मंज़ूर, लेसान अल अरब, बैरूत, भाग 13, पेज 94; ज़ुबैदी, ताज अल उरूस, 1414 हिजरी, भाग 18, पेज 115
  6. शेख सदूक़, अल अमाली, 1376 शम्सी, पेज 657; तबरी आमोली, बशारतुल मुस्तफ़ा, 1383 हिजरी, पेज 75; अल्लामा हिल्ली, कश्फ अल यक़ीन, 1411 हिजरी, पेज 225-226
  7. ख़तीब बग़दादी, तारीख बग़दाद, 1417 हिजरी, भाग 3, पेज 380; इब्न असाकिर, तारीख मदीना दमिश्क, 1415 हिजरी, भाग 42, पेज 243-244; इब्न हजर अस्क़लानी, लेसान अल मीज़ान, 1407 हिजरी, भाग 4, पेज 497
  8. दैलमी, अल फ़िरदौस बेमासूर, 1406 हिजरी, भाग 2, पेज 142
  9. इब्न शहर आशोब, मनाक़िब आले अबि तालिब (अ), 1379 हिजरी, भाग 3, पेज 200
  10. क़ुमी, तफसीर क़ुमी, 1404 हिजरी, भाग 2, पेज 389-390; ख़ज़्ज़ाज़, किफायतुल असर, 1401 हिजरी, पेज 151; शेख सदूक़, अल अमाली, 1376 शम्सी, पेज 31, 46, 89, 361, 671
  11. सफ़्फ़ार, बसाइर अल दरजात, 1404 हिजरी, भाग 1, पेज 191, 192, 199, 200, 201, 415, 416; अय्याशी, तफसीर अल अय्याशी, 1380 हिजरी, भाग 2, पेज 17-18; कुलैनी, अल काफ़ी, 1407 हिजरी, भाग 1, पेज 196-197
  12. क़ुमी, तफसीर अल कुमी, 1404 हिजरी, भाग 2, पेज 324; सफ़्फ़ार, बसाइर अल दरजात, 1404 हिजरी, भाग 1, पेज 415; शेख सदूक़, औयून अख़बार अल रज़ा, 1378 हिजरी, भाग 2, पेज 85-86
  13. देखेः तबातबाई, अहले अल बैत फी अल मकतब अल अरबीया, 1417 हिजरी, पेज 561-567
  14. इब्न अबिल हदीद, शरह नहजुल बलागा, 1404 हिजरी, भाग 9, पेज 165
  15. इब्न अबी याअला, तबकातुल हनाबेला, बैरूत, भाग 1, पेज 319-320; इब्न फ़ूती, मजमा अल आदाब, 1416 हिजरी, भाग 3, पेज 352
  16. कंदूज़ी, यनाबीअ अल मवद्दा, 1422 हिजरी, भाग 1, पेज 254; मरअशी, एहकाक़ अल हक़, 1409 हिजरी, भाग 15, पेज 188, भाग 20, पेज 252, 328, 392-393, 394-395, भाग 21, पेज 652; कश्फ़ी, मनाक़िब मुर्तज़वी, 1380 शम्सी, पेज 161
  17. इब्न अब्दुल वहाब, औयून अल मोअजेज़ात, क़ुम, पेज 31; तबरी आमोली सग़ीर, नवादिर अल मोजेज़ात, 1427 हिजरी, पेज 121
  18. बहरानी, मदीना मआजिज़, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 260
  19. हमवी शाफ़ेई, फराइद अल समतैन, 1400 हिजरी, भाग 1, पेज 326; इब्न शहर आशोब, मनाक़िब आले अबि तालिब (अ), 1379 हिजरी, भाग 2, पेज 160; इब्न ताऊस, तरफ मिनल अम्बा वल मनाक़िब, 1420 हिजरी, पेज 293-294
  20. देखेः इब्न शहर आशोब, मनाक़िब आले अबि तालिब (अ), 1379 हिजरी, भाग 2, पेज 159-160; तबातबाई, अहले अल बैत फ़ी अल मकतब अल अरबीया, 1417 हिजरी, पेज 566-567
  21. तबातबाई, अहले अल बैत फ़ी अल मकतब अल अरबीया, 1417 हिजरी, पेज 566; अमीन, आयान अल शिया, 1403 हिजरी, भाग 3, पेज 423; देखेः अशआर मुंतसब बे सय्यद हमीरी दर इन बारे निगाह कुनीद बेः इब्न शहर आशोब, मनाकिब आले अबि तालिब (अ), 1379 हिजरी, भाग 2, पेज 159; इब्न ताऊस, तरफ़ मिनल अम्बा वल मनाक़िब, 1420 हिजरी, पेज 293
  22. शब्बर, अदब अल तफ़, 1409 हिजरी, भाग 2, पेज 146
  23. इब्न शहर आशोब, मनाक़िब आले अबि तालिब (अ), 1379 हिजरी, भाग 2, पेज 160; तबातबाई, अहले अल बैत फ़ी अल मकतब अल अरबीया, 1417 हिजरी, पेज 566
  24. क़लकशंदी, सुबह अल आशा, 1987 ई, भाग 8, पेज 240-241; मुदर्रेसी तबातबाई, बरगी अज़ तारीख़ क़जवीन, 1361 शम्सी, पेज 136
  25. रादफ़र, मनाक़िब अलवी दर आइना शेरे फ़ारसी, 1381 शम्सी, पेज 32
  26. समावी, अल तलीआ मिन शोअरा अल शिया, 1422 हिजरी, भाग 2, पेज 336-337
  27. हकीम, अल मुफस्सल फ़ी तारीख़ अल नजफ अल अशरफ़, 1427 हिजरी, भाग 2, पेज 66; खलीली, मौसूआ अल अतबात अल मुक़द्देसा, 1407 हिजरी, भाग 1, पेज 98

नोट

  1. अहमद बिन हनबल की रिपोर्ट मे इस रिवायत की श्रृंखला मे हाजिर एक व्यक्ति (रावी) के कारण इसको कमजोर कर दिया है, लेकिन इसी लेख के समान एक और हदीस जिसमें इस्लाम के पैगंबर (स) इमाम अली (अ) के प्रति प्रेम और घृणा को विश्वास और पाखंड का प्रतीक मानते हैं, क़ुरआन की आयत के अनुसार पुष्टि की गई है सूरा ए नेसा, आयत न 145 पाखंड़ी का स्थान आग है। इब्न असाकिर, तारीख मदीना दमिश्क, 1415 हिजरी, भाग 42, पेज 301

स्रोत

  • क़ुरआन करीम
  • इब्न अबी याअला, मुहम्मद, तबक़ात अल हनाबेला, बैरूत, दार अल मारफ़ा
  • इब्न अबिल हदीद, अब्दुल हमीद बिन बैबतुल्लाह, शरह नहजुल बलाग़ा लेइब्न अबिल हदीद, क़ुम, मकतब आयतुल्लाह अल मरअशी अल नजफ़ी, 1404 हिजरी
  • इब्न हजर अस्क़लानी, अहमद बिन अली, लेसान अल मीज़ान, बैरूत, दार अल फ़िक्र, 1407 हिजरी
  • इब्न दुरैद, मुहम्मद बिन हसन, जुमहरत अल लुगत, बैरूत, दार अल इल्म लिल मलाईनन, 1987 ई
  • इब्न शहर आशोब माज़ंदरानी, मुहम्मद बिन अली, मनाक़िब आले अबि तालिब (अ), क़ुम, अल्लामा, 1379 हिजरी
  • इब्न ताऊस, अली बिन मूसा, तरफ मिनल अम्बा वल मनाक़िब, मशहद, तासूआ, 1420 हिजरी
  • इब्न अब्दुल वहाब, हुसैन बिन अब्दुल वहाब, औयून अल मोजज़ात, क़ुम, मकतब अल दावरी
  • इब्न असाकिर, अली बिन हसन, तारीख मदीना दमिश्क़, बैरूत, दार अल फ़िक्र, 1415 हिजरी
  • इब्न फ़ूती, अब्दुर रज़्ज़ाक़ बिन अहमद, मजमा अल आदाब फ़ी मोअजम अल अल क़ाब, तेहरान, वज़ारत फ़रहंग व इरशाद इस्लामी, 1416 हिजरी
  • इब्न मंज़ूर, मुहम्मद बिन मुकर्रम, लेसान अल अरब, बैरूत, दार सादिर, तीसरा संस्करण
  • अमीन, मोहसिन, आयान अल शिया, लबनान, दार अल तआरूफ़ लिल मतबूआत, 1403 हिजरी
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  • जोहरी, इस्माईल बिन हम्माद, अल सेहाह (ताज अल लुगत व सेहाह अल अरबी), बैरूत, दार अल इल्म लिल मलाईन, 1956 ई
  • हकीम, हसन ईसा, अल मुफ़स्सल फ़ी तारीख अल नजफ़ अल अशरफ़, क़ुम, अल मकतब अल हैदरीया, 1427 हिजरी
  • हमवी शाफेई, इब्राहीम बिन मुहम्मद जुवैनी, फ़राइद अल सिमतैन फ़ी फ़ज़ाइल अल मुर्तज़ा वल बतूल वल सिब्तैन वल आइम्मा मिन ज़ुर्रियतेहिम (अ), बैरूत, मोअस्सेसा अल महमूद, 1400 हिजरी
  • ख़ज़ाज़ राज़ी, अली बिन मुहम्मद, किफ़ाया अल असर फ़िन्नसे अला अल आइम्मते इस्ना अशर (अ), क़ुम, बेदार, 1401 हिजरी
  • खतीब बगदादी, अहमद बिन अली, तारीख बगदाद ओ मदीना अल सलाम, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1417 हिजरी
  • ख़लीली, जाफ़र, मौसूआ अल अतबात अल मुक़द्देसा, बैरूत, मोअस्सेसा अल आलमी लिल मतबूआत, दूसरा संस्करण 1407 हिजरी
  • दैलमी, शैरूया बिन शहरदार, अल फ़िरदौस बेमासूर अल खिताब, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1406 हिजरी
  • राद फ़र, अबुल कासिम, मनाक़िब अलवी दर आईना शेर फ़ारसी, तेहरान, पुजूहिशगाह उलूम इंसानी व मुतालेआत फ़रहंगी, 1381 शम्सी
  • ज़ुबैदी, सय्यद मुर्तज़ा हुसैनी, ताज अल उरूस मिन जवाहिर अल कामूस, बैरूत, दार अल फ़िक्र, 1414 हिजरी
  • समावी, मुहम्मद, अल तलीआ मिन शोरा ए अल शिया, बैरूत, दार अल मोअर्रिख अल अरबी, 1422 हिजरी
  • शाह मुहम्मदी, मुहम्मद अली, अली व शुकूह गदीर बर फ़राज़ वही व रेसालत (तरजुमा यनाबीअ अल मवद्दा), कुम, महर अमीर अल मोमीनीन (अ), 1384 हिजरी
  • शब्बर, जवाद, अदब अल तफ़, लबनान, दार अल मुर्तज़ा, 1409 हिजरी
  • शेख सदूक़, मुहम्मद बिन अली, औयून अख़बार अल रज़ा (अ), तेहरान, नशर जहान, 1378 हिजरी
  • शेख सदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल अमाली, तेहरान, किबातची, छठां संस्करण, 1376 शम्सी
  • सफ़्फ़ार, मुहम्मद बिन हसन, बसाइर अल दरजात फ़ी फ़ज़ाइल आले मुहम्मद (अ), क़ुम, मकतब आयतुल्लाह अल मरअशी अल नजफ़ी, दूसरा संस्करण, 1404 हिजरी
  • तबातबाई, अब्दुल अज़ीज़, अहले अल बैत (अ) फ़ी मकतब अल अरबीया, क़ुम, आले अल-बैत (अ), 1417 हिजरी
  • तबरी आमोली सग़ीर, मुहम्मद बिन जुरैर बिन रुस्तम, नवादिर अल मोजज़ात फ़ी मनाक़िब अल आइम्मा अल हुदा (अ), शोधः बासिम मुहम्मद असदी, क़ुम, दलील मा, 1427 हिजरी
  • तबरी आमोली, एमादुद्दीन मुहम्मद बिन अबिल क़ासिम, बशारतुल मुस्तफ़ा लेशिया अल मुर्तज़ा, नजफ़, अल मकतब अल हैदरीया, दूसरा संस्करण, 1383 हिजरी
  • अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़ बिन मुताहर, कश्फ अल यक़ीन फ़ी फ़ज़ाइल अमीर अल मोमेनीन (अ), तेहरान, वज़ारत फ़रहंग व इरशाद इस्लामी, 1411 हिजरी
  • अय्याशी, मुहम्मद बिन मसऊद, तफसीर अल अय्याशी, तेहरान, अल मतबआ अल इल्मीया, 1380 हिजरी
  • फ़िरोज़ाबादी, मुहम्मद बिन याक़ूब, अल क़ामूस अल मोहीत, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया
  • क़लक़शंदी, अहमद बिन अब्दुल्लाह, सुब्ह अल अशा फ़ी सनाअतिल इंशा, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1987 ई
  • क़ुमी, अली बिन इब्राहीम, तफसीर अल-कुमी, क़ुम, दार अल किताब, तीसरा संस्करण, 1404 हिजरी
  • क़ंदूज़ी, सुलैमान बिन इब्राहीम, यनाबीअ अल मवद्दा लेज़विल क़ुर्बा, क़ुम, उस्वा, दूसरा संस्करण, 1422 हिजरी
  • कुलैनी, मुहम्मद बिन याक़ूब बिन इस्हाक़, अल काफ़ी, तेहरान, दार अल कुतुब अल इस्लामीया, चौथा संस्करण, 1407 हिजरी
  • कश्फ़ी, मुहम्मद सालेह हुसैनी, मनाक़िब मुर्तज़वी, तेहरान, रूजनेह, 1380 शम्सी
  • मुदर्रेसी तबातबाई, सय्यद हुसैन, बरगी अज़ तारीख क़जवीन, क़ुम, किताब खाना हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा मरअशी नजफ़ी, 1361 शम्सी
  • मरअशी, क़ाज़ी सय्यद नूरुल्लाह, एहक़ाक़ अल हक़ व इज़्हाक़ अल बातिल, क़ुम, मकतब आयतुल्लाह अल मरअशी अल नजफ़ी, 1409 हिजरी