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हज़रत ईसा की वापसी

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(ईसा (अ) की वापसी से अनुप्रेषित)

हज़रत ईसा की वापसी, इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर की निर्णायक घटनाओं में से एक है, जिसके बारे में मुसलमान और ईसाई मानते हैं कि यह आखेरुज़ ज़मान (अंतिम समय) में हज़रत ईसा की वापसी होगी। बाइबिल में इस मुद्दे का कई स्थानों पर उल्लेख किया गया है, और क़ुरआन के कुछ टीकाकारों के अनुसार, क़ुरआन की आयतें भी आखेरुज़ ज़मान में हज़रत ईसा की वापसी का उल्लेख करती हैं।

शिया रिवायतों मे हज़रत ईसा की वापसी का उद्देश्य इमाम महदी (अ) की सहायता करना माना जाता है; क्योंकि सुन्नी रिवायतों के अनुसार हज़रत ईसा अपनी वापसी के बाद खुद को इमाम महदी (अ) के मंत्री के रूप में पेश करेंगे। शिया और सुन्नी स्रोतों में, मक्का, दमिश्क़ और बैतुल मुक़द्दस सहित कई स्थानों को हज़रत ईसा (अ) की वापसी का स्थान बताया गया है।

शिया और सुन्नी मुस्तफ़ीज़ हदीसों के अनुसार, हज़रत ईसा (अ) अपनी वापसी के बाद शियो के बारहवें इमाम की नमाज़ में इक़्तेदा करेंगे। कुछ दूसरी रिवायतो मे दज्जाल, याजूज और माजूज की हत्या का श्रेय हज़रत ईसा (अ) को दिया जाता है; हालाँकि हौज़ा ए इल्मिया के शोधकर्ता नज्मुद्दीन तब्सी का मानना है कि बनी उमय्या ने अहले-बैत (अ) से अपनी घृणा के कारण, इन घटनाओं का श्रेय हज़रत ईसा (अ) को देकर उन्हें महदी ए मौऊद के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया।

हज़रत ईसा (अ) की वापसी के बारे में कई किताबें और लेख लिखे गए हैं, जिनमें मीर तक़ी हुसैनी गुरगानी की पुस्तक "नुज़ूल ए मसीह व ज़ुहूर ए मौऊद" और मजीद याकूब ज़ादेह की पुस्तक "नक़्शे हज़रत ईसा (अ) दर दौलते महदी" शामिल हैं।

महत्व और स्थिति

हज़रत ईसा (अ) की वापसी इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर की निर्णायक घटनाओं में से एक मानी जाती है।[] हालाँकि मुस्लिम विद्वान इस बात पर सहमत नहीं हैं कि हज़रत ईसा जीवित हैं या नही, लेकिन अधिकांश विद्वान उनके जीवन पर विश्वास करते हैं।[] अली कूरानी ने अपनी पुस्तक अस्र अल-जुहूर में लिखा है कि इमाम महदी (अ) के ज़ूहूर के समय हज़रत ईसा (अ) की वापसी मुसलमानों में एक आम मान्यता है।[] कुछ विद्वानों का मानना है कि यह मुसलमानों के अलावा ईसाइयों में भी आम है;[] लेकिन ईसाई धर्म में, इस्लाम के विपरीत हज़रत ईसा (अ) को महदी ए मौऊद के रूप में पेश किया जाता है।[]

इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर के समय हज़रत ईसा (अ) की वापसी के बारे में सुन्नी स्रोतों में 28 रिवायते[] और शिया स्रोतों में 30 रिवायते हैं,[] जिन्हें अल मीज़ान के लेखक सय्यद मुहम्मद हुसैन तबातबाई मुस्तफ़ीज़ (प्रामाणिक) मानते हैं।[]

आसमानी किताबो में हज़रत ईसा की वापसी के संकेत

कई टीकाकारों ने सूर ए आले इमरान आयत 46 और सूर ए नेसा आयत 159 को हज़रत ईसा (अ) को ज़ुहूर के समय उनकी वापसी के संदर्भ में बयान किया है; क्योंकि यह मुद्दा बाइबिल के विभिन्न भागों में स्पष्ट रूप से बताया गया है:

सूर ए आले इमरान की आयत 46

तफ़सीर नमूना के लेखक नासिर मकारिम शिराज़ी के अनुसार, यह संभव है कि आयत "وَ یُکَلِّمُ النَّاسَ فِی الْمَهْدِ وَ کَهْلًا وَ مِنَ الصَّالِحِینَ व योकल्लेमुन्नासा फ़िल महदे व कहलना व मेनस सालेहीन" और वह पालने में और अधेड़ उम्र में लोगों से बात करेगा; और वह धर्मियों के बीच होगा।" यह हज़रत ईसा (अ) की वापसी के बारे में एक तरह की भविष्यवाणी है;[] क्योंकि अरबी में "कह्ल" शब्द का अर्थ एक मध्यम आयु वर्ग का व्यक्ति है,[१०] और दूसरी ओर, यह कहा जाता है कि हज़रत ईसा (अ) 32[११] या 33 वर्ष की आयु में आसमान पर चले गए।[१२] इमाम सादिक़ (अ) की एक हदीस में, उनका स्वर्गारोहण 33 वर्ष की आयु में हुआ था।[१३] इसलिए, हज़रत ईसा (अ) आसमान पर जाने से पहले मध्य आयु तक नहीं पहुंचे थे; इस कारण से, उनकी मध्य आयु भविष्य में और हदीसों के अनुसार, इमाम अस्र (अ) के ज़ुहूर के समय महसूस की जाएगी।[१४] कुछ विद्वानों के अनुसार, ईसा (अ) का बात करना दो बिंदुओं पर बहुत महत्वपूर्ण है:

  1. जब उनकी माँ मरियम की प्रतिष्ठा खतरे में थी और वह उन पर लगे अन्यायपूर्ण आरोपों से उन्हें मुक्त करना चाहते थे
  2. जब हज़रत महदी (अ) ज़ुहूर करेंगे और हज़रत ईसा अहले किताब को उनका अनुसररण करने के लिए कहेंगे।[१५]

सूर ए नेसा की आयत 159

शिया मुफ़स्सिर मुहम्मद हुसैन तबातबाई और मुहम्मद सादेक़ी तेहरानी का मानना है कि आयत وَ إِن مِّنْ أَهْلِ الْكِتَابِ إِلَّا لَيُؤْمِنَنَّ بِهِ قَبْلَ مَوْتِهِ ۖ وَ يَوْمَ الْقِيَامَةِ يَكُونُ عَلَيْهِمْ شَهِيدًا व इम मिन अहलिल किताबे इल्ला लयोमेनन्ना बेहि क़ब्ला मौतेहि व यौमल क़ियामते यकूनो अलैहिम शहीदा; और अहले किताब में से कोई भी ऐसा नहीं जो उनकी मृत्यु से पहले उस पर ईमान न लाए, और क़यामत के दिन हज़रत ईसा उसके ईमान की गवाही देगे”[१६] का प्रयोग इस प्रकार किया गया है कि हज़रत ईसा की मृत्यु से पहले, सभी अहले किताब उन पर ईमान लाए, यहूदियों ने उनकी पैगम्बरी स्वीकार की, और ईसाइयों ने उनकी ईश्वरीयता पर विश्वास करना छोड़ दिया; क्योंकि जब इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर के समय हज़रत ईसा (अ) आसमन से उतरेगे और नमाज़ मे इमाम महदी (अ) के पीछे नमाज़ पढ़ेंगे, और यही काम अहले किताब के मार्गदर्शन का कारण होगा।[१७] इमाम बाक़िर (अ) की एक हदीस में, यह आयत ज़ुहूर के समय हज़रत ईसा (अ) की वापसी पर भी लागू होती है।[१८]

बाइबिल मे

ईसाइयों के बीच हज़रत ईसा (अ) की वापसी को «second coming» "दूसरे आगमन" के रूप में जाना जाता है[१९] और बाइबिल में कई स्थानों पर उनकी वापसी का उल्लेख किया गया है।[२०] कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, बाइबिल में हज़रत ईसा (अ) की वापसी का विषय तीन सौ से अधिक बार और कई पूर्ण अध्यायों (जैसे मत्ता की बाइबिल मे 24 और 25 और मरक़स की बाइबिल मे 13) बार उल्लिखित है।[२१] बाइबिल के अध्ययन के आधार पर, ईसाइयों का मानना है कि हज़रत ईसा (अ) आखेरुज़ ज़मान में वापस आएंगे, उद्धार की योजना को पूरा करेंगे, और उस समय दुनिया में पूर्ण शांति स्थापित होगी, और कोई युद्ध या हत्या नहीं होगी।[२२] दुनिया में उत्पीड़न का प्रसार, अकाल का उदय, विभिन्न स्थानों पर भूकंप, सूर्य और चंद्रमा का अंधकारमय होना, और दज्जाल का खुरूज, बाइबिल में प्रस्तुत हज़रत ईसा (अ) की वापसी के संकेतों में से हैं।[२३]

वापसी का स्थान और समय

इमाम सादिक़ (अ) की एक हदीस में, दमिश्क़ को ईसा (अ) की वापसी का स्थान बताया गया है।[२४] हालाँकि, मुहम्मद तक़ी मजलिसी ने अपनी पुस्तक लवामेअ साहिबक़रानी में मक्का को उनकी वापसी का स्थान बताया है।[२५] सुन्नी आख्यानों में, कई स्थानों को भी वापसी स्थल के रूप में पहचाना गया है, जिनमें बैतुल मुक़द्दस[२६] और दमिश्क के पूर्वी द्वार पर स्थित सफ़ेद पुल शामिल हैं।[२७]

हदीसों में ईसा (अ) की वापसी का सही समय नहीं बताया गया है, लेकिन कुछ विद्वानों का कहना है कि यह इमाम ज़माना (अ) के ज़ुहूर के शुरुआत में होगा।[२८] छठी शताब्दी हिजरी के मुफ़स्सिर अबुल फ़ुतुह राज़ी और तबरसी ने सूर ए ज़ुखरफ़ की आयत 61 को हज़रत ईसा (अ) पर तत्बीक़ किया, यह मानते हुए कि हज़रत ईसा (अ) की वापसी क़यामत के दिन की स्थापना की शर्तों और संकेतों में से एक है; इसलिए, हज़रत ईसा (अ) की वापसी क़यामत के दिन से पहले होगी।[२९] यह व्याख्या, जो कुछ सुन्नी रिवायतों में भी पाई जाती है,[३०] इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर के समय ईसा (अ) की वापसी पर तत्बीक होती है;[३१] क्योंकि इमाम महदी (अ) का ज़ुहूर आख़ेरुज़ ज़मान मे होगा।[३२]

वापसी के बाद हज़रत ईसा (अ) के कार्य

इमाम सादिक़ (अ) की एक हदीस के अनुसार, हज़रत ईसा की वापसी का उद्देश्य इमाम महदी (अ) की सहायता करना है।[३३] कुछ रिवायतों मे हज़रत ईसा (अ) को इमाम महदी (अ) के कोषाध्यक्ष के रूप में पेश किया गया है।[३४] सुन्नी रिवायतों मे हज़रत ईसा (अ) स्वयं को इमाम महदी (अ) के मंत्री के रूप में पेश करते हैं[३५] जो न्यायाधीश (क़ज़ावत) का पद ग्रहण करेंगे।[३६] सहीह बुखारी की एक हदीस के अनुसार, अपनी वापसी के बाद हज़रत ईसा (अ) ईसाइयों के क्रूस को तोड़ देंगे, सुअर मार देंगे (जो सूअर का मांस खाना हराम होने का संकेत है[३७]), और ईसाइयों पर जिज़्या निर्धारित करेगें और उनकी वापसी के साथ, लोग इतने बेनियाज़ हो जाएँगे कि कोई भी माल स्वीकार नहीं करेगा।[३८] इसके अलावा, शिया और सुन्नी रिवायतो के अनुसा हज़रत ईसा (अ) अपनी वापसी के दौरान निम्नलिखित कार्य करेंगे:

नमाज़ मे इमाम महदी (अ) की इक़्तेदा

कई शिया और सुन्नी रिवायतों के अनुसार हज़रत ईसा (अ) नमाज़ मे इमाम महदी (अ) की इक़्तेदा करेगें।[३९] कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, शिया हदीसी स्रोतों मे हज़रत ईसा (अ) द्वारा इमाम महदी (अ) की इक़्तेदा करने से संबंधित चौदह रिवायतें है।[४०] हालाँकि ये रिवायते स्पष्ट रूप से किसी अन्य ज्ञानमीमांसीय भूमिका का उल्लेख नहीं करती हैं;[४१] फिर भी, शोधकर्ताओं ने रिवायतो की विषयवस्तु का उपयोग करते हुए इस संबंध में कुछ बिंदुओं का उल्लेख किया है:

  • इमाम महदी (अ) के राजनीतिक और धार्मिक अधिकार का स्पष्टीकरण।[४२]
  • ईसाइयों का इमाम महदी (अ) के प्रति समर्पण और उनका इस्लाम धर्म अपनाना;[४३]
  • अली कूरानी के अनुसार हज़रत ईसा (अ) का इमाम महदी के प्रति इक़्तेदा तब होगी जब रोमनी लोग इमाम (अ) के साथ अपना समझौता तोड़ेगे और हज़रत ईसा (अ) अपने इस काम के माध्यम से उनके विरुद्ध मोर्चा खोल देंगे।[४४]

दज्जाल की हत्या

मुख्य लेख: दज्जाल

इमाम सादिक़ (अ) की एक हदीस के अनुसार, हज़रत ईसा (अ) के हाथो दज्जाल की हत्या होगी।[४५] इस रिवायत के आधार पर इलज़ाम अल नासिब मे वर्णित कथन के अनुसार, इमाम महदी (अ) अपनी सेना की कमान हज़रत ईसा (अ) को सौंप देंगे और वह हिजाज़ की धरती पर दज्जाल की हत्या करेगे।[४६] हज़रत ईसा (अ) के हाथो दज्जाल की हत्या का उल्लेख सुन्नी स्रोतों में भी मिलता है।[४७] इसके अलावा, कुछ शिया स्रोतों मे दज्जाल की हत्या का श्रेय इमाम महदी को दिया जाता है।[४८] शोधकर्ताओं का मानना है कि हज़रत ईसा (अ) के हाथो दज्जाल की हत्या, इमाम महदी (अ) के हाथो उसकी हत्या के विपरीत नहीं है, क्योंकि हज़रत ईसा (अ) हज़रत महदी (अ) के आदेश से दज्जाल की हत्या करेंगे। इस कारण, उसकी हत्या का श्रृय दोनों को दिया जा सकता है।[४९] एक सुन्नी रिवायत के अनुसार, हज़रत ईसा (अ) फ़िलिस्तीन में दज्जाल की हत्या करने मे इमाम महदी (अ) की सहायता करेंगे।[५०]

याजूज और माजूज का वध

मुख्य लेख: याजूज और माजूज

शिया मुफ़स्सिर अली इब्ने इब्राहीम क़ुमी और तबरेसी के अनुसार, अल्लाह ने सूर ए अम्बिया आयत 96 में घोषणा की है कि याजूज और माजूज का खुरूज और विद्रोह आख़ेरुज़ ज़मान की घटनाओं मे से एक है।[५१] आख़ेरुज़ ज़मान में उनके खुरूज का उल्लेख अहदे अतीक़ और अहदे जदीद में भी मिलता है।[५२] सुन्नी रिवायतो मे वर्णित है कि याजूज और माजूज का वध हज़रत ईसा (अ) के हाथो किया जाएगा।[५३]

बनी उमय्या द्वारा हज़रत ईसा (अ) को महदी (अ) के रूप में प्रस्तुत करना

हौज़ा ए इल्मिया के शोधकर्ता नज्मुद्दीन तबसी का मानना है कि यद्यपि ज़ुहूर के समय हज़रत ईसा (अ) की वापसी निश्चित है, फिर भी बनी उमय्या ने अहले-बैत (अ) के प्रति अपनी शत्रुता के कारण, لا مهدی الّا عیسی بن مریم ला महदी इल्ला ईसा बिन मरियम; मरियम के पुत्र ईसा ही महदी हैं"[५४] जैसी हदीसें गढ़ीं,[५५] और महदी ए मौऊद को अहले बैत (अ) से जोड़ने का खंडन करने और हज़रत ईसा (अ) को महदी के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया।[५६]

तबसी के अनुसार, बनी उमय्या ने इमाम महदी (अ) को उनकी केंद्रीय भूमिका से वंचित करने की कोशिश की और हज़रत ईसा (अ) को ज़ुहूर की घटनाओं का मुख्य केंद्र बिंदु बना दिया, और इसलिए दज्जाल की हत्या तथा याजूज और माजूज के वध का श्रेय इमाम महदी (अ) को न देकर हज़रत ईसा (अ) को दिया, ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने मक्का के बजाय बैतुल मुक़द्दस को उनकी वापसी स्थल के रूप में पेश किया।[५७]

फ़ुटनोट

  1. क़ज्वीनी, इमाम महदी (अ) अज़ विलादत ता ज़ुहूर, 1387 शम्सी, पेज 678।
  2. मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर नमूना, 1374 शम्सी, भाग 2, पेज 568।
  3. कूरानी, असर अल ज़ुहूर, 1430 हिजरी, पेज 245।
  4. नसीरी, मंसूरी, कैफ़ियत संजी व तहलील कारआमदी बाज़गश्त ईसा (अ) अज़ मंज़रे अहदैन व मनाबेअ इस्लामी, पेज 252।
  5. अक़लीदी निज़ाद, आख़रीन नबर्द दर आख़ेरुज़ ज़मान, पेज 74।
  6. कूरानी व दिगरान, मोअजमुल अहादीस अल इमाम महदी (अ), 1428 हिजरी, भाग 2, पेज 399-493।
  7. बख़्शी, बर्रसी व तबयीन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), पेज 116।
  8. तबातबाई, अल मीज़ान, 1417 हिजरी, भाग 5, पेज 124।
  9. मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर नमूना, 1374 शम्सी, भाग 2, पेज 550।
  10. फ़राहीदी, अल ऐन, 1410 हिजरी, कहल शब्द के अंतर्गत इब्ने मंज़ूर, लेसान अल अरब, 1414 हिजरी, कहल शब्द के अंतर्गत।
  11. तबरी, तारीख अल तबरी, 1387 हिजरी, भाग 1, पेज 585।
  12. इब्ने कसीर, अल बिदाया वल निहाया, 1407 हिजरी, भाग 2, पेज 95।
  13. क़ुमी, तफ़सीर अल क़ुमी, 1363 हिजरी, भाग 2, पेज 270।
  14. तबरेसी, मजमा उल बयान, 1372 शम्सी, भाग 2, पेज 749; मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर नमूना, 1374 शम्सी, भाग 2, पेज 550।
  15. बख़्शी, बर्रसी व तबयीन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), पेज 103।
  16. सूर ए नेसा, आयत न 159।
  17. तबातबाई, अल मीज़ान, 1417 हिजरी, भाग 5, पेज 134-135; सादेक़ी तेहरानी, अल फ़ुरक़ान फ़ी तफसीर अल क़ुरआन, 1365 शम्सी, भाग 7, पेज 439।
  18. क़ुमी, तफसीर अल क़ुमी, 1363 शम्सी, भाग 1, पेज 158।
  19. बाज़गश्त हज़रत ईसा (अ) दर आख़ेरुज़ ज़मान बावर मुशतरक मुसलमानान व मसीहीयान, तस्नीम समाचार एजेंसी
  20. किताब मुक़द्दस, किताब लूक़ा, बाब 13, आयत 35; किताब यूहन्ना, बाब 14, आयत 3; आमाल रसूलान, बाब 1, आयत 11, बाब 2, आयत 31; नामे बे इबरानीयान, बाब 9, आयत 28
  21. असग़री, आख़ेरुज़ ज़मान, पेज 29।
  22. असग़री, आख़ेरुज़ ज़मान, पेज 29।
  23. असग़री, आख़ेरुज़ ज़मान, पेज 29।
  24. क़ुमी, तफ़सीर अल क़ुमी, 1363 शम्सी, भाग 2, पेज 270-271।
  25. मजलिसी अव्वल, लवामेअ साहेबक़रानी, 1414 हिजरी, भाग 3, पेज 285।
  26. इब्ने हम्माद, अल फ़ितन, 1423 हिजरी, पेज 381।
  27. इब्ने हम्माद, अल फ़ितन, 1423 हिजरी, पेज 386; अल कूरानी, असर अल ज़ुहूर, 1408 हिजरी, भाग 1, पेज 307।
  28. बख़्शी, बर्रसी व तबयीन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), पेज 118।
  29. तबरेसी, मजमा उल बयान, 1372 शम्सी, भाग 9, पेज 82; अबुल फ़ुतूह राज़ी, रौज़ुल जिनान व रूहुल जिनान, 1408 हिजरी, भाग 17, पेज 181।
  30. बुखारी, सहीह अल बुखारी, 1422 हिजरी, भाग 3, पेज 136; नेशाबूरी, सहीह अल मुस्लिम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 4, पेज 2221।
  31. आलूसी, रूह अल मआनी, 1415 हिजरी, भाग 13, पेज 95।
  32. बख़्शी, बर्रसी व तबयीन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), पेज 114-115।
  33. सुदूक, अल अमाली, 1376 शम्सी, पेज 218।
  34. बहरानी, हिलयातुल अबरार, 1411 हिजरी, भाग 6, पेज 429।
  35. इब्ने हम्माद, अल फ़ितन, 1423 हिजरी, पेज 387।
  36. सहीह मुस्लिम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 1, पेज 135।
  37. अस्क़लानी, फ़त्हुल बारी, 1379 हिजरी, भाग 4, पेज 414।
  38. बुखारी, सहीह अल बुखारी, 1422 हिजरी, भाग 3, पेज 136।
  39. मुहम्मद रैय शहरी व दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ) बर पाया क़ुरआन, हदीस व तारीख, 1393 शम्सी, भाग 9, पेज 13-26।
  40. बख़्शी, बर्रसी व तबयीन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), पेज 117।
  41. बख़्शी, बर्रसी व तबयीन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), पेज 114-116।
  42. जवाहेरी, बर्रसी पीशबीनीहाए क़ुरआन व हदीस दर बारा ए महदी (अ) व मसीह (अ) तवाफ़ुक़ या तक़ाबुल, पेज 283।
  43. कारगर, महदवीयत (दौरान ए ज़ुहूर), 1388 शम्सी, पेज 70-71।
  44. कूरानी, असर अल ज़ुहूर, 1430 हिजरी, पेज 247।
  45. क़ुमी, तफ़सीर अल क़ुमी, 1363 शम्सी, भाग 2, पेज 271।
  46. हाएरी यज़्दी, इलज़ाम अल नासिब, 1403 हिजरी, भाग 2, पेज 171-172।
  47. मुस्लिम, सहीह मुस्लिम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 4, पेज 2258।
  48. शेख सदूक़, कमालुद्दीन, 1395 हिजरी, भाग 2, पेज 336।
  49. कारगर, महदवीयत (दौरान ए ज़ुहूर), 1388 शम्सी, पेज 30।
  50. सीवती, अल हावी लिलफ़तावा, 1424 हिजरी, भाग 2, पेज 103।
  51. क़ुमी, तफ़सीर अल क़ुमी, 1363 शम्सी, भाग 2, पेज 76; तबरेसी, मजमा अल बयान, 1372 शम्सी, भाग 7, पेज 101।
  52. अहद ए अतीक़, किताब हिज़्क़ियाल नबी, बाब 38, फ़िक़्रा 2 और 3; अहद ए जदीद, मुकाशेफ़ा यूहन्ना, बाब 20, फ़िक़्रा 7-9।
  53. इब्ने असाकिर, तारीख दमिश्क़, 1415 हिजरी, भाग 1, पेज 228; इब्ने हजर, अल क़ौल अल मुखतसर, 1428 हिजरी, पेज 94।
  54. इब्ने माजा, सुनन इब्ने माजा, 1419 हिजरी, भाग 4, पेज 639।
  55. इब्ने हम्माद, अल फ़ितन, 1423 हिजरी, पेज 265।
  56. तब्सी, दरसे महदवीयत।
  57. तब्सी, दरसे महदवीयत।

स्रोत

  • आलूसी, सय्यद महमूद, रूह अल मआनी फ़ी तफ़सीर अल क़ुरआन अल अज़ीम, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1415 हिजरी
  • अबुल फ़ुतुह राज़ी, हुसैन बिन अली, रौज़ुल जिनान व रूहुल जिनान, मशहद, बुनयाद पुजूहिशहाए इस्लामी आसताने क़ुद्स रज़वी, 1408 हिजरी
  • इब्ने हम्माद, नईम उल फ़ितन, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मिया, 1423 हिजरी
  • इब्ने असाकिर, अली बिन हसन, तारीख दमिश्क़, दार अल फ़िक्र, 1415 हिजरी
  • इब्ने कसीर, इस्माईल बिन उमर, अल बिदाया वन निहाया, बैरूत, दार अल फ़िक्र, 1407 हिजरी
  • इब्ने माजा, मुहम्मद बिन यज़ीद, सुनन इब्ने माजा, बैरूत, दार अल मारफ़ा, 1419 हिजरी
  • इब्ने मंज़ूर, मुहम्मद बिन मुकर्रम, लेसान उल अरब, बैरूत, दार अल सादिर, 1414 हिजरी
  • असग़री, मुहम्मद जवाद, आख़ेरुज़ ज़मान, दर दानिशनामा कलाम इस्लामी, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ), 1387 शम्सी
  • अक़लीद नेज़ाद, अली, आख़ेरीन नबर्द दर आख़ेरुज़ ज़मान, दर मजल्ला मारफ़त, क्रमांक 59, आबान 1381 शम्सी
  • अल किताब अल मुक़द्दस, अनुवाद बूल्स बासीम, बैरूत, दार अल मशरिक़, 1988 ई
  • बाज़गश्त ईसा (अ) दर आख़ेरुज़ ज़मान बावर मुशतरक मुसलमानान व मसीहीयान, तस्नीम समाचार एजेंसी की साइट पर, प्रविष्ट की तारीख 4 दय 1397 शम्सी, वीजिट की तारीख 20 खुरदाद 1401 शम्सी
  • बहरानी, सय्यद हाशिम बिन सुलैमान, हिलयातुल अबरार फ़ी अहवाल मुहम्मद व आलेहिल अत्हार, क़ुम, मोअस्सेसा अल मआरिफ़ अल इस्लामिया, 1411 हिजरी
  • बुख़ारी, मुहम्मद बिन इस्माईल, सहीह अल बुख़ारी, बैरुत, दार तौक़ अल निजात, 1422 हिजरी
  • बखशी, सईद, बर्ररसी व तबईन नक़्श हज़रत ईसा (अ) दर दौरान पस अज़ ज़ुहूर इमाम ज़मान (अ), दर मजल्ला मशरिक़ मौऊद, क्रमांक 53, बहार 1399 शम्सी
  • जवाहिरी, मुहम्मद रज़ा, बर्ररसी पीश बीनीहाए क़ुरआन व हदीस दर बारा ए महदी (अ) व मसीह (अ) तवाफ़ुक़ या तक़ाबुल, दर मजल्ला मशिरक़ मौऊद, क्रमांक 41, बहार 1396 शम्सी
  • हाएरी यज़्दी, अली, इलज़ाम अल नासिब फ़ी इस्बात अल हुज्जत अल ग़ायब, बैरुत, मौअस्सेसा अल आलमी, 1403 हिजरी
  • हुसैनी गुरगानी, मीर तक़ी, नुज़ूल मसीह व जुहूर मौऊद, क़ुम, बूस्तान किताब, 1390 शम्सी
  • सीवती, अब्दुर रहमान बिन अबि बक्र, नुज़ूल ईसा बिन मरियम आख़ेरुज़ ज़मान, बैरुत, दार अल कुतुब अल इल्मिया, 1405 हिजरी
  • सीवती, अब्दुर रहमान बिन अबि बक्र, अल हावी लिल फ़तावी, बैरुत, दार अल फ़िक्र, 1424 हिजरी
  • शेख सदूक़, मुहम्मद बिन अली, कमालुद्दीन व तमाम उन नेमा, तेहरान, इस्लामीया, 1395 हिजरी
  • सादेक़ी तेहरानी, मुहम्मद, अल फ़ुरक़ान फ़ी तफ़सीर अल क़ुरआन, क़ुम, इंतेशारात फ़रहंग इस्लामी, 1365 शम्सी
  • सदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल आमाली, तेहरान, किताबची, 1376 शम्सी
  • तबातबाई, मुहम्मद हुसैन, अल मीज़ान फ़ी तफ़सीर अल क़ुरआन, क़ुम, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी, 1417 हिजरी
  • तबरेसी, फ़ज़्ल बिन हसन, मजमा अल बयान फ़ी तफ़सीर अल क़ुरआन, तेहरान, इंतेशारात नासिर ख़ुसरो, 1372 शम्सी
  • तबरी, मुहम्मद बिन जुरैर, तारीख अल तबरी, बैरूत, दार अल तुरास, 1387 हिजरी
  • तबसी, नज्मुद्दीन, दरस ए महदवीयत, दर साइट मदरसा फ़क़ाहत, प्रविष्ट की तारीख 19 फ़रवरदीन 1391 शम्सी, वीजिट की तारीख 20 खुरदाद 1401 शम्सी
  • अस्क़लानी, इब्ने हजर, फ़ुत्हुल बारी, बैरुत, दार अल मारफ़ा, 1379 हिजरी
  • फ़राहीदी, खलील बिन अहमद, अल ऐन, क़ुम, दार अल हिजरा, 1410 हिजरी
  • क़ज़्वीनी, मुहम्मद काज़िम, इमाम महदी (अ) अज़ विलादत ता ज़ुहूर, क़ुम, नशर अल हादी, 1387 शम्सी
  • क़ुमी, अली बिन इब्राहीम, तफ़सीर अल क़ुमी, दार अल किताब, 1363 शम्सी
  • कारगर, रहीम, महदवीयत (दौरान ए ज़ुहूर), क़ुम, दफ्तर नशर मआरिफ़, 1388 शम्सी
  • कूरानी, अली व दिगरान, मोजम अल अहादीस अल इमाम महदी (अ), क़ुम, इंतेशारात मस्जिद मुकद्दस जमकरान, 1428 हिजरी
  • अलकूरानी अल आमली, अली, असर अल ज़ूहूर, 1408 हिजरी
  • मजलिसी अव्वल, मुहम्मद तक़ी, लवामेअ साहिबक़रानी, क़ुम, मौअस्सेसा इस्माईलीयान, 1414 हिजरी
  • मुहम्मदी रय शहरी, मुहम्मद व दिगरान, दानिशनामा इमाम महदी बर पाया क़ुरआन, हदीस व तारीख़, क़ुम, दार अल हदीस, 1393 शम्सी
  • मकारिम शिराज़ी, नासिर, तफ़सीर नमूना, तेहरान, दार अल कुतुब अल इस्लामिया, 1374 शम्सी
  • नसीरी, मुबश्शेरा, मंसूरी, मुहम्मद हादी, कैफ़ीयत संजी व तहलील कार आमदी बाज़गश्त ईसा (अ) अज़ मंज़र अहदैन व मनाबेअ इस्लामी, दर मजल्ला मशरिक मौऊद, क्रमांक 42, ताबिस्तान 1396 शम्सी
  • नेशाबूरी, मुस्लिम बिन हज्जाज, सहीह अल मुस्लिम, बैरुत, दार एहया अल तुरास अल अरबी
  • याक़ूब ज़ादेह, मजीद, नक़श हज़रत ईसा (अ) दर दौलत महदवी, तेहरान, नशर मौऊद असर, 1398 शम्सी