मदयन (जनजाति)

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यह लेख मदयन जनजाति के बारे में है। मदयन शहर के बारे में जानकारी के लिए प्रविष्टि मदयन (शहर) देखें।

मदयन (अरबी: قوم مَدْيَن) एक अरब जनजाति, जहां हज़रत शोऐब (अ) को उनका मार्गदर्शन करने के लिए भेजा गया था और हज़रत मूसा (अ) भी कई वर्षों तक उनके बीच रहे। कुछ विद्वानों ने इस जनजाति का संबंध पैगंबर इब्राहिम (अ) के बेटे मदयन और कुछ अन्य ने हज़रत इस्माइल (अ) से माना है। यह जनजाति अक़बा की खाड़ी के पास मदयन शहर में रहती थी। मदयन के लोगों को ईश्वर में विश्वास न करने (ईमान न लाने) के लिए ईश्वरीय दंड (अज़ाब) का सामना करना पड़ा।

वंशावली

मदयन अरब जाति की एक जनजाति थी।[१] क़ुरआन में "मदयन" शब्द का दस बार उल्लेख किया गया है[२], उनमें से कुछ में इसका अर्थ है मदयन जनजाति [३] और अन्य में, मदयन शहर है।[४] मदयन जनजाति की वंशावली के बारे में मतभेद हैं:

कुछ शोधकर्ताओं और इतिहासकारों ने मदयन जनजाति का संबंध मदयन बिन इब्राहिम (अ) से बताया है।[५] तौरेत[६] और कुछ इस्लामी स्रोतों [७] के अनुसार, अपनी पत्नी सारा की मृत्यु के बाद, पैगंबर इब्राहिम (अ) ने दूसरी महिला से शादी की और उनके उस पत्नी से मदयन (मैदियान) सहित कई बच्चे थे। मदयन ने हज़रत लूत (अ) की बेटी से शादी की और इस तरह उनकी पीढ़ी चलती रही।[८]

इसके अलावा, इब्ने कसीर ने उल्लेखित जनजाति को मदयन बिन मदयन बिन इब्राहिम [९] के वंशजों में से माना है जबकि कुछ अन्य शोधकर्ताओं ने उन्हें हज़रत इस्माइल (अ) के वंशजों में से माना है।[१०]

जगह

मुख्य लेख: मदयन शहर

मदयन के लोग मदयन शहर में रहते थे और शहर का नाम जनजाति के नाम से लिया गया था।[११] यह शहर अक़बा की खाड़ी के पूर्व में माना जाता है [१२] और इसे समुद्र के किनारे पर समृद्ध और हरा भरा माना जाता है।[१३] यह शहर तबूक क्षेत्र के पास है। और इसी तरह से यह क़ौमे लूत के शहर के पास था।[१४] शेख़ सदूक़ मदयन को एक छोटा सा गाँव मानते थे जिसमें चालीस से अधिक घर नहीं थे।[१५]

कुछ शोधकर्ताओं ने इस शहर को सीरिया के शहरों में गिना है[१६] और संभावना व्यक्त की है कि आज जॉर्डन देश [१७] में "मआन" शहर को इसके स्थान पर बनाया गया है।[१८] कुछ दूसरों का मानना ​​है कि मदयन वर्तमान सऊदी अरब देश में स्थित था।[१९]

इस्राएलियों के साथ संघर्ष

क़ुरआन[२०] और तौरेत [२१] के अनुसार, मिस्र से निकलने के बाद, हज़रत मूसा (अ) मदयन गए और वहां उन्होंने हज़रत शोऐब (अ) की बेटी से शादी की [२२] और कई वर्षों तक वह मदयन में मदयन क़बीले के बीच रहे[२३] और चरवाहे के काम में व्यस्त रहे। [२४]

मदयन जनजाति अपने इतिहास के कई काल में बार बनी इसराइल के साथ संघर्ष में शामिल थी। यहूदियों की पवित्र पुस्तकों में से एक, जजों की पुस्तक में, मैदानियों (मदयन जनजाति) और बनी इसराईल के बीच संघर्ष की कहानी बताई गई है, और अंत में, बनी इज़राइल ने मैदानियों पर कई वर्षों की हार और अपमान के बाद विजय प्राप्त की।[२५]

शोएब की भविष्यवाणी पर प्रतिक्रिया

ईश्वर ने मदयन के लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए हज़रत शोएब (अ) को एक नबी के रूप में भेजा।[२६] शोएब मदयन के गोत्र से थे।[२७]

हज़रत शोऐब ने कई वर्षों तक अपने लोगों के बीच ईश्वरीय धर्म का प्रचार किया; उन्होंने उन्हें एकेश्वरवाद[२८], न्याय और व्यवहार में निष्पक्षता[२९], पृथ्वी पर भ्रष्टाचार से दूरी [३०] और न्याय के दिन की सज़ा से डरने[३१] के लिए आमंत्रित किया करते थे। सूरह आराफ़ में हज़रत शोएब और उनके विरोधियों के बीच बातचीत का वर्णन हुआ है।[३२]

ईश्वरीय दंड

मदयन जनजाति के बहुत से लोगों ने शोऐब के निमंत्रण को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और ईश्वरीय सज़ा (अज़ाब) में फंस गए। मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर अल-नमूना, 1374, खंड 12, पृष्ठ 112। क़ुरआन की आयतों के अनुसार, मदयन के लोग भूकंप से नष्ट हो गए[३३] ऐसे जैसे कि वे कभी भी वहां उस शहर में रहते नहीं थे।[३४]

संबंधित लेख

फ़ुटनोट

  1. बलाग़ी, हुज्जा अल-तफ़सीर, 1386 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 267।
  2. क़रशी, क़ामूस अल कुरआन, 1371, खंड 6, पृष्ठ 245।
  3. हुसैनी शिराज़ी, तबायिन अल-क़ुरान, 1423 हिजरी, पृष्ठ 243।
  4. उदाहरण के लिए: सूरह हूद, आयत 84।
  5. शुब्बर, तफ़सीर अल-क़ुरान अल-करीम, 1412 हिजरी, पृष्ठ 178; तबरी, जामेअ अल बयान, 1412 हिजरी, खंड 8, पृष्ठ 166।
  6. बाइबिल, उत्पत्ति, 25:1.
  7. बुरुजर्दी, तफ़सीर जामेअ, 1366, खंड 2, पृष्ठ 432।
  8. तबरसी, तफ़सीर जवामेअ अल जामे, 1377, खंड 1, पृष्ठ 451।
  9. इब्न कसीर, अल-बिदाया वल-निहाया, 1986, खंड 1, पृष्ठ 185।
  10. मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर अल-नमूना, 1374, खंड 9, पृष्ठ 200।
  11. याक़ूत हमवी, मोजम अल-बुलदान, 1995, खंड 5, पृष्ठ 77।
  12. देह ख़ुदा, कोश, मदयन शब्द।
  13. याक़ूत हमवी, मोअजम अल-बुलदान, 1995, खंड 1, पृष्ठ 291।
  14. करशी, क़ामूस अल कुरआन, 1371, खंड 6, पृष्ठ 245।
  15. सदूक़, कमाल अल दीन, 1395 हिजरी, खंड 1, पेज 220
  16. मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर अल-नमूना, 1374, खंड 6, पृष्ठ 249।
  17. क़रशी, क़ामूस अल कुरआन, 1371, खंड 6, पृष्ठ 245।
  18. बलाग़ी, हुज्जा अल-तफसीर, 1386 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 267।
  19. देह ख़ुदा कोश, मदयन शब्द।
  20. मौलवी, दीवान शम्स, ग़ज़ालियत, ग़ज़ल संख्या 214
  21. सूरह क़सस, आयत 22.
  22. बाइबिल, निर्गमन, 2:15।
  23. सूरह क़सस, आयत 27-28।
  24. सूरह ताहा, आयत 40.
  25. बाइबल, निर्गमन, 1:1।
  26. बाइबिल, न्यायाधीश, अध्याय 6-8।
  27. सूरह आराफ़, आयत 85
  28. फ़ख्र राज़ी, मफ़ातीह अल-ग़ैब, 1420 हिजरी, खंड 14, पृष्ठ 313।
  29. सूरह आराफ़, आयत 85.
  30. सूरह अनकबूत, आयत 36.
  31. सूरह हुद, आयत 84.
  32. सूरह आराफ़, आयत 85-90।
  33. सूरह आराफ़, आयत 91.
  34. सूरह आराफ़, आयत 92.

स्रोत

  • इब्न कसीर, इस्माइल बिन उमर, अल-बिदाया वल-निहाया, बेरूत, दार अल-फ़िक्र, 1986 शम्सी।
  • बुरूजर्दी, सैय्यद मोहम्मद इब्राहिम, तफ़सीर जामेअ, तेहरान, सदर प्रकाशन, 6वां संस्करण, 1366 शम्सी।
  • बलाग़ी, सैय्यद अब्दुल हुज्जत, हुज्जाह अल-तफ़ासीर व बलाग़ अल-अकसीर, क़ुम, हिकमत प्रकाशन, 1386 हिजरी।
  • हुसैनी शीराज़ी, सैय्यद मोहम्मद, तबईन अल-कुरान, बेरूत, दारुल उलूम, 1423 हिजरी।
  • शुब्बर, सैय्यद अब्दुल्लाह, तफ़सीर अल-कुरान अल-करीम, बेरूत, दार अल-बलाग़ा मुद्रण और प्रकाशन के लिए, पहला संस्करण, 1412 हिजरी।
  • शेख़ सदूक़, मुहम्मद बिन अली, कमाल अल-दीन व तमाम अल-नेमत, शोधकर्ता और प्रूफ़रीडर: अली अकबर गफ़्फ़ारी, तेहरान, दारुल किताब अल-इस्लामिया, दूसरा संस्करण, 1395 हिजरी।
  • तबरसी, फ़ज़्ल बिन हसन, तफ़सीर जवामेअ अल-जामे, तेहरान, तेहरान यूनिवर्सिटी प्रेस, क़ुम सेमिनरी का प्रबंधन, पहला संस्करण, 1377 शम्सी।
  • तबरसी, फ़ज़्ल बिन हसन, मजमा अल-बयान फ़ि तफ़सीर अल-क़ुरान, परिचय, बलाग़ी, मोहम्मद जवाद, तेहरान, नासिर खोस्रो, तीसरा संस्करण, 1372 शम्सी।
  • तबरी, अबू जाफ़र मुहम्मद बिन जरीर, जामे अल-बयान फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरान, बेरूत, दारल अल-मारेफ़ा, पहला संस्करण, 1412 हिजरी।
  • फ़खर राज़ी, अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बिन उमर, मफ़ातीह अल-ग़ैब, बेरूत, दरहिया अल-तुरास अल-अरबी, तीसरा संस्करण, 1420 हिजरी।
  • कुरैशी, सैयद अली अकबर, क़ुरान डिक्शनरी, तेहरान, इस्लामिक बुक्स, 6वां संस्करण, 1371।
  • मकारिम शिराज़ी, नासिर, तफ़सीर अल-नमूना, तेहरान, दारुल-ए-किताब अल-इस्लामिया, पहला संस्करण, 1374 शम्सी।
  • मौलवी, दीवान शम्स।
  • याक़ूत हम्वी, शहाबुद्दीन, मोजम अल-बलदान, बेरूत, दार सादिर, दूसरा संस्करण, 1995।