दज्जाल

wikishia से

दज्जाल (अरबीः الدجال) एक व्यक्ति या प्राणी है जो इमाम महदी (अ) का दुश्मन है। शिया रिवायतो के अनुसार, दज्जाल का ख़ुरूज शियो के 12 वें इमाम के ज़हूर के संकेतों में से एक है, दज्जाल कठिनाई और अकाल के समय मे ज़ाहिर होगा, एक समूह को धोखा देकर अपने साथ मिला लेगा, और अंत में हजरत इमाम महदी (अ) के हाथो मारा जाएगा।

कुछ इस्लामी रिवायतो के अनुसार, दज्जाल खुदा होने का दावा करेगा और अत्यधिक रक्तपात और देशद्रोह का कारण बनेगा। दज्जाल के ज़ाहिर होने की विशेषताओं का उल्लेख सुन्नी रावीयो द्वारा सुनाई गई रिवायतो में ही किया गया है; बायीं आंख का माथे के मध्य में होना और ये जादू-टोने में निपुण होना। शिया मराज ए तक़लीद सैय्यद मुहम्मद सद्र और नासिर मकारिम शिराज़ी का मानना है कि दज्जाल एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक विचलित आंदोलन है।

दज्जाल का निकलना

शियों की आख्यानों में कुछ ही ऐसी रिवायतें हैं जिनके आधार पर आसमानी चीख के साथ दज्जाल का निकलना, सुफयानी का ज़ाहिर होना और यमानी का आंदोलन हज़रत महदी (अ) के ज़हूर की निशानीयो मे से है।[१] इन रिवायतो को मान्य और स्वीकार्य नही माना जाता है।[२] सुन्नियों की रिवायतो में दज्जाल का निकलना पुनरुत्थान (क़यामत) के दिन के आने के संकेतों में से एक माना जाता है।[३]

शिया हदीस की किताबों में दज्जाल का प्रकट होना ज़हूर से पहले के राजद्रोह का उल्लेख नहीं है, केवल इमाम ज़माना (अ) या हज़रत ईसा के हाथों दज्जाल की हत्या के बारे में चर्चा करती हैं।[४] इन हदीसों में सुन्नी हदीसों में उठाए गए मुद्दो जिसमें दज्जाल के राजद्रोह, उसके चेहरे और उसके अनुयायी का कोई संदर्भ नहीं है। शेख़ सदूक़ द्वारा पैगंबर (स) की एक रिवायत के अनुसार, दज्जाल का उल्लेख अतीत में लेकिन उसका अस्तित्व भविष्य में है।[५]

हदीसों के अनुसार दज्जाल कठिनाई और अकाल के समय प्रकट होगा, एक समूह को धोखा देकर अपने साथ मिला लेगा।[६] कुछ अनिश्चित रिवायतो में दज्जाल के प्रकट होने का स्थान का इस्फ़हान[७] या ख़ोरासान[८] बताया गया है।

विशेषताएं

इस्लामिक रिवायतो के अनुसार, जिनमें से अधिकांश सुन्नी रावीयो द्वारा नक़्ल की गई हैं, दज्जाल देवत्व (उलूहीयत) का दावा करेगा जोकि दुनिया मे अत्यधिक रक्तपात और संघर्ष का कारण बनेगा। उसकी बाईं आंख माथे के बीच में स्थित है और तारे की तरह चमकती होगी, और उसके अंदर खून का एक धब्बा होगा। वह बहुत बड़ा और मोटा है और एक अजीब आकार का है और जादू में निपुण होगा। उसके सामने एक काला पहाड़ होगा जिसे लोग रोटी के पहाड़ के रूप में देखेंगे और उसके पीछे एक सफेद पहाड़ है जो जादू के कारण लोगों को बहते पानी जैसा दिखता है। वह चिल्लाएगा "मेरे नौकर! मैं तुम्हारा महान भगवान हूं"।[९]

रिवायतो के अनुसार इमाम ज़मान (अ) द्वारा दज्जाल को कूफ़ा में या यरूशलेम के पास कहीं लटकाया जाएगा।[१०] एक अन्य हदीस के अनुसार, दज्जाल का अंत सीरिया में होगा।[११]

हिब्रू भाषा और यहूदी शिक्षाओं में दज्जल शब्द का अर्थ ईश्वर का शत्रु है और दो शब्दों के संयोजन से आया है एक "दज" जिसका अर्थ है शत्रु और विरोधी और "आल” जिसका अर्थ ईश्वर है।[१२]

दज्जाल प्रवाह

शिया मरज ए तक़लीद सय्यद मुहम्मद सद्र (शहादत 1377 शम्सी) की किताब तारीख़ अल-ग़ैबा अल-कुबरा के अनुसार, दज्जाल एक सांकेतिक और प्रतीकात्मक शब्द है जो एक निन्दापूर्ण, विचलित, राजनीतिक, बौद्धिक और आर्थिक आंदोलन को संदर्भित करता है। उन्होंने दज्जाल की लंबी उम्र जिसका वर्णन रिवायतो में किया गया है, इस दृष्टिकोण की शुद्धता के प्रमाण के रूप में माना है।[१३] इसके अलावा, आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी के अनुसार दज्जाल कोई व्यक्ति के लिए निर्भर नहीं है, बल्कि एक सामान्य शीर्षक है जो लोगों को आकर्षित करने के लिए किसी भी तरह का उपयोग करते हैं। उनके अनुसार दज्जाल शब्द और कुछ हदीस स्रोतों के शाब्दिक मूल पर आधारित है।[१४]

फ़ुटनोट

  1. देखेः हुर्रे आमोली, इस्बात अल-हिदाया, 1425 हिजरी, भाग 5, पेज 354, हदीस 46
  2. अल्लामा मजलिसी, बिहार उल-अनवार, 1403 हिजरी, भाग 52, पेज 193
  3. देखेः तिरमिज़ी, सुनन अल-तिरमिज़ी, 1395 हिजरी, भाग 4, पेज 507-509
  4. अल्लामा मजलिसी, बिहार उल-अनवार, 1403 हिजरी, भाग 52, पेज 194 और 308
  5. अल-दज्जाला इस्मोहू फ़िल अव्वालीना वा यख़रोजो फ़िल आख़ेरीना (शेख़ सदूक, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 457-458, हदीस 2)
  6. अल्लामा मजलिसी, बिहार उल-अनवार, 1403 हिजरी, भाग 52, पेज 194 और 308
  7. अल्लामा मजलिसी, बिहार उल-अनवार, 1403 हिजरी, भाग 52, पेज 194
  8. इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, 1416 हिजरी, पेज 126
  9. क़ुमी, मुन्तहल आमाल, 1378 शम्सी, बाब 14, फस्ल 7, पेज 873-874
  10. हाएरी, इल्ज़ाम अल-नासिब, 1422 हिजरी, भाग 2, पेज 172
  11. नूरी, नज्म अल-साक़िब, 1383 शम्सी, पेज 185
  12. देखेः मुहम्मद पूर, बररसी तत्बीक़ी दज्जाल दर अदयाने ईराने बास्तान वा अदयाने इब्राहीमी, पेज 84-85 और 91, बेनक़्ल अज़ः ख़ज़ाएली, आलामे क़ुरआन, 1378 शम्सी, पेज 487-479
  13. सदर, मोसूआ अल-इमाम अल-महदी (अ), 1412 हिजरी, भाग 2, पेज 484
  14. मकारिम शिराज़ी, हुकूमते जहानी ए महदी (अ), 1386 शम्सी, पेज 171-172

स्रोत

  • इब्ने ताऊस, अली बिन मूसा, अल-मलाहिम वल फ़ितन, अल-तशरीफ़ बिल मिनन फ़ित तारीफ़ बिल फ़ितन, क़ुम, मोअस्सेसा साहेब अल-अम्र, 1416 हिजरी
  • तिरमिज़ी, मुहम्मद बिन ईसा, सुनन अल-तिरमिज़ी, शोध वा हाशिया अहमद मुहम्मद शाकिर वा मुहम्मद फ़ुआद अब्दुल बाक़ी वा इब्राहीम अतवत एवज़, मिस्र, शिरकत मकतब व मतबा मुस्तफ़ा अल-बाबी अल-हलबी, 1395 हिजरी
  • हाएरी, अली, इल्ज़ाम अल-नासिब, बैरूत, मोअस्सेसा अल-आलमी लिल मतबूआत, 1422 हिजरी
  • हुर्रे आमोली, मुहम्मद बिन हुसैन, इस्बात अल-हिदाया, बिल नुसूस मल मोजेज़ात, बा मुक़द्दमे सय्यद शहाबुद्दीन मरअशी नजफ़ी, संशोधन अलाउद्दीन आलमी, बैरूत, मोअस्सेसा अल आलमी लिल मतबूआत, 1425 हिजरी
  • शेख़ सदूक़, मुहम्ममद बिन अली, अल-खिसाल, संशोधन अली अकबर गफ़्फ़ारी, क़ुम, जामे मुदर्रेसीन, 1362 शम्सी
  • सद्र, सय्यद मुहम्मद, मोसूआ अल-इमाम अल-महदी (अ), बैरूत, दार अल-तआरूफ लिल मतबूआत, 1412 हिजरी
  • अल्लामा मजलिसी, मुहम्मद बाक़िर, बिहार उल-अनवार, बैरूत, दार एहयाए अल-तुरास अल-अरबी, 1403 हिजरी
  • क़ुमी, अब्बास, मुनतहा अल-आमाल, क़ुम, मोअस्सेसा इंतेशारात हिजरत, 1378 शम्सी
  • मुहम्मदपूर, ख़ैर अल-निसा वा मासूमा ज़िंदीया, बररसी तत्बीक़ी दज्जाल दर अदयाने ईराने बास्तान वा अदयाने इब्राहीमी, दर फ़स्लनामा मुतालेआत क़ुरआनी, क्रमांक 7, पाईज 1390 शम्सी
  • मकारिम शिराज़ी, नासिर, हुकूमते जहानी ए महदी (अ), क़ुम, नस्ले जवान, 1386 शम्सी
  • नूरी, हुसैन, नज्म अल-साक़िब, मुशतमिल बर अहवाल ए इमाम ए ग़ायब हज़रत बकीयातुल साहेब अल-अस्र वल ज़मान, बा मुक़द्दमे मीर्ज़ा ए शिराज़ी, क़ुम, इंतेशारात मस्जिद जमकरान, 1383 शम्सी