प्रारूप:पैग़म्बर (स) और ख़दीजा का विवाह
पैग़म्बर (स) का ख़दीजा से विवाह यह पैग़म्बर इस्लाम और खदीजा के बीच वैवाहिक संबंध को दर्शाता है। जो बेअसत से लगभग 15 साल पहले हुई थी। विवाह के समय पैग़म्बर की आयु 25 वर्ष थी, और ख़दीजा की आयु 40 वर्ष थी।
पैग़म्बर और ख़दीजा की मुलाक़ात ख़दीजा के सीरिया के व्यापारिक सफ़र के दौरान हुई थी; इस सफ़र पर पैग़म्बर ने ख़दीजा के माल के साथ व्यापार किया और लौटने और उनकी ईमानदारी और अच्छे नैतिक मूल्यों को जानने के बाद, ख़दीजा विवाह में दिलचस्पी लेने लगीं। कुछ स्रोतों ने इस विवाह का कारण ख़दीजा का धन बताया है, लेकिन शोधकर्ता ने इस दृष्टिकोण को पैग़म्बर के आचरण (सीरत) और ख़दीजा द्वारा सीधे विवाह प्रस्ताव के साथ असंगत मानते हैं।
पैग़म्बर और ख़दीजा के तीन बच्चे थे, क़ासिम, फ़ातिमा सला मुल्ला अलैहा, और अब्दुल्लाह। कुछ स्रोत ज़ैनब, रुक़य्याह और उम्मे कुलसूम को भी पैग़म्बर की बेटियां मानते हैं, जबकि शिया विद्वानों का मानना है कि ख़दीजा ने पैग़म्बर से पहले विवाह नहीं किया था और ये तीनों गोद ली हुई अर्थात मुह बोली बेटियां थीं।
एतिहासिक स्रोतों के अनुसार, ख़दीजा का मेहर बारह ऊकिय्याह, बीस जवान ऊंट या पांच सौ दिरहम के बीच बताया गया है।
पैग़म्बर (स) का पहला विवाह
ख़दीजा पैग़म्बर (स) की पहली पत्नी थीं[१] और वह उनके साथ पच्चीस साल तक रहीं।[२] माना जाता है कि उनका विवाह पैग़म्बर (स) की बेअसत से लगभग 15 साल पहले, या उससे थोड़ा पहले हुआ था।[३] कुछ रिपोर्टों के अनुसार, विवाह 10 रबीअ अल अव्वल, 25 आमुल फ़ील को हुआ था, और अबू तालिब ने खुत्बा ए अक़्द पढ़ा था।[४]
मेहर
अंसाब अल अशराफ बलाज़ोरी (मृत्यु 279 हिजरी) में कहा गया है कि पैगम्बर (स) ने ख़दीजा के लिए मेहर के रूप में बारह ऊकिय्याह (हर ऊकिय्याह चालीस दिरहम के बराबर) निर्धारित किए थे।[५] अन्य स्रोतों में, मेहर को बीस जवान ऊंट[६] या पाँच सौ दिरहम बताया गया है।[७] तबरेसी (मृत्यु 548 हिजरी) ने भी पैग़म्बर (स) की सभी पत्नियों का मेहर इसी मात्रा में बताया है।[८]
ख़दीजा द्वारा पैग़म्बर को विवाह प्रस्ताव और इस विवाह का उद्देश्य
पैग़म्बर और ख़दीजा का आपस में परिचय, ख़दीजा के एक व्यापारिक कारवाँ के शाम जाने के सफ़र में हुआ। अबू तालिब के सुझाव और ख़दीजा के बुलावे पर, पैग़म्बर (स) ने ख़दीजा की धन-दौलत के साथ व्यापार किया।[९] सफ़र से लौटने के बाद, ख़दीजा की कनीज़ मयसरा ने ख़दीजा से पैग़म्बर की ईमानदारी और अच्छे व्यवहार के बारे में बात की।[१०] ख़दीजा को पैग़म्बर में दिलचस्पी हो गई और उन्होंने बिचौलियों के ज़रिए विवाह के बारे में उनकी राय मांगी। पैग़म्बर ने स्वीकार किया, और अबू तालिब और हम्ज़ा ने पैग़म्बर की ओर से ख़दीजा के चाचा अम्र इब्न असद से ख़दीजा के विवाह का प्रस्ताव रखा।[११]
एक अन्य रिवायत के अनुसार, सीरिया से कारवां लौटने के बाद ख़दीजा ने सीधे पैग़म्बर (स) के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा, और कहा कि वह पैग़म्बर की रिश्तेदारी, अमानतदारी, खुश अख़्लाक़ी और सच्चाई के कारण यह विवाह चाहती हैं।[१२] कुछ स्रोत इस विवाह के मध्यस्थ के रूप में एक महिला का भी उल्लेख करते हैं।[१३] कुछ स्रोतों ने एक रिवायत वर्णित की है कि ख़दीजा ने इस विवाह में अपने पिता खुवेलिद को मनाने हेतु शराब का सहारा लिया था।[१४] विद्वानों ने इस रिवायत को मनगढ़ंत माना है और कहा है कि अगर यह सच होता, तो विवाह को उसी समय अमान्य घोषित कर दिया जाना चाहिए था।[१५] यह सम्भावना भी है कि ये रिवायतें बनी फ़ातिमा के दुश्मनों द्वारा गढ़ी गई थीं, क्योंकि शिया इमामो का जन्म इसी विवाह से हुआ था।[१६]
कुछ लोगों ने ख़दीजा के माल को इस विवाह का कारण माना है, जबकि कुछ शोधकर्ता इस दृष्टिकोण को पैग़म्बर (स) के आचरण (सीरत) और ख़दीजा द्वारा स्वयं पैग़म्बर से किए गए सीधे विवाह के प्रस्ताव के साथ असंगत मानते हैं।[१७] इस्लामी इतिहास के एक शोधकर्ता अब्बास ज़रयाब खूई (मृत्यु वर्ष 1994 ई) का भी मानना है कि ख़दीजा (स) जैसी महिला का पैग़म्बर (स) से विवाह करने की इच्छा पैग़म्बर की प्रमुख सामाजिक स्थिति और विश्वसनीयता और ईमानदारी की प्रतिष्ठा का संकेत है।[१८]
विवाह के समय पैग़म्बर (स) और ख़दीजा की आयु
इतिहासकारों के प्रसिद्ध मत के अनुसार, पैग़म्बर की उम्र 25 साल थी[१९] और ख़दीजा की उम्र 40 साल थी।[२०] हालांकि, ऐतिहासिक स्रोतों में ख़दीजा की उम्र 21 से 46 साल[२१] और पैग़म्बर की उम्र 21 से 37 साल[२२] के बीच बताई गई है। शिया इतिहासकार सय्यद जाफ़र शहिदी (मृत्यु 1386 शम्सी) के अनुसार, यह संभव है कि ख़दीजा की उम्र 40 साल से कम रही हो, यह देखते हुए कि उनके कितने बच्चे थे।[२३] साथ ही, इस्लामी इतिहास के शोधकर्ता सय्यद जाफ़र मुर्तजा आमोली (मृत्यु 1398 शम्सी) के अनुसार, ज़्यादातर इतिहासकारों ने पुष्टि की है कि शादी के समय ख़दीजा की उम्र 28 साल थी।[२४]
क्या पैगंबर से पहले खदीजा की शादी हुई थी?
- मुख्य लेख: पैग़म्बर मुहम्मद की संतान
इब्राहीम को छोड़कर पैग़म्बर के सभी बच्चे ख़दीजा से पैदा हुए थे।[२५] सूत्रों के अनुसार दोनों के छह बच्चे थे: फ़ातिमा (स), क़ासिम, अब्दुल्लाह, ज़ैनब, रुक़य्याह और उम्मे कुलसूम।[२६] कुछ ऐतिहासिक सूत्रों के अनुसार पैग़म्बर से विवाह करने से पहले ख़दीजा का दो बार विवाह हुआ था।[२७] इसलिए, ज़ैनब, रुक़य्याह और उम्म कुलसूम को कभी-कभी ख़दीजा की बेटियाँ और पैग़म्बर की गोद ली हुई बेटियाँ माना जाता है। हालाँकि, कई शिया विद्वानों का मानना है कि जब ख़दीजा ने पैग़म्बर से विवाह किया था, तब वह कुंवारी थीं।[२८] और ज़ैनब, रुक़य्याह और उम्मे कुलसूम ख़दीजा की बहन की बेटियाँ थीं, न कि उनकी अपनी बेटियाँ।[२९]
फ़ुटनोट
- ↑ इब्ने क़ुतैबा दयनूरी, अल मआरिफ़, 1992 ई, पेज 132।
- ↑ आयति, तारीख पयाम्बर इस्लाम मुहम्मद, 1391 शम्सी, पेज 57।
- ↑ मुरादी, खदीजा, भाग 22, लेख के अंतर्गत।
- ↑ मक़रीज़ी, इम्ताअ अल अस्माआ, 1420 हिजरी, भाग 1, पेज 17।
- ↑ बलाज़ोरी, अंसाब अल अशराफ़, दार अल मारफ़ा, क़ाहिरा, 1394 हिजरी, भाग 1, पेज 97।
- ↑ आयती, तारीख पयाम्बर इस्लाम मुहम्मद, 1391 शम्सी, पेज 56।
- ↑ उस्तराबादी, आसार अहमदी, 1374 शम्सी, पेज 72।
- ↑ तबरेसी, आलाम अल वरा, 1376 शम्सी, भाग 1, पेज 275।
- ↑ इब्ने साद, अल तब्क़ात अल कुबरा, 1410 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 103-104।
- ↑ अल हल्बी, अल सीरत अल हल्बिया, दार अल कुतुब अल इल्मिया, खंड 1, पृष्ठ 193।
- ↑ इब्ने साद, अल तबक़ात अल कुबरा, 1410 हिजरी, भाग 1, पेज 103, 104 और 105 आमोली, अल सहीह मिन सीरत अल नबी अल आज़म, 1427 हिजरी, भाग 2, पेज 189।
- ↑ इब्ने हेशाम, अल सीरा अल नबवीया, क़ाहिरा, भाग 1, पेज 122।
- ↑ हल्बी, अल सीरत अल हल्बीया, दार अल कुतुब अल इल्मिया, भाग 1, पेज 199; सुबहानी, फ़ुरूग़ अब्दियत, 1385 शम्सी, भाग 1, पेज 193।
- ↑ हल्बी, अल सीरत अल हल्बिया, 1427 हिजरी, भाग 1, पेज 193।
- ↑ ज़रयाब ख़ूई, सीरत हज़रत रसूल, 1388 शम्सी, पेज 96।
- ↑ ज़रयाब ख़ूई, सीरत हज़रत रसूल, 1388 शम्सी, पेज 96।
- ↑ क़दरदान क़रामुलकी, पासुख बे शुबहात कलामी दफ़्तर सोव्वुम, दरबाए पयाम्बर आज़म, पेज 33-34।
- ↑ ज़रयाब ख़ूई, सीरत हज़रत रसूल, 1388 शम्सी, पेज 95 और 96।
- ↑ याक़ूबी, तारीख याक़ूबी, बैरुत, भाग 2, पेज 20; बुखारी, अल तारीख अल सग़ीर, 1406 हिजरी, भाग 1, पेज 43; इब्ने हेशाम, अल सीरा अल नबावीया, क़ाहिरा, भाग 1, पेज 121; हल्बी, अल सीरा अल हल्बिया, 1427 हिजरी, भाग 1, पेज 193।
- ↑ बलाज़ोरी, अंसाब अल अशराफ़, 1394 हिजरी, भाग 1, पेज 98; इब्ने साद, अल तबक़ात अल कुबरा, 1410 हिजरी, भाग 1, पेज 105।
- ↑ मक़रीज़ी, इमता उल अस्मा, 1420 हिजरी, भाग 1, पेज 17; तहमाज़, अल सय्यदा खदीजा उम्मुल मोमेनीन व सबाकत़िल ख़ल्क़ एलल इस्लाम, 1417 हिजरी, पेज 37, 38 और 39।
- ↑ तहमाज़, अल सय्यदा खदीजा उम्मुल मोमेनीन व सबाकत़िल ख़ल्क़ एलल इस्लाम, 1417 हिजरी, पेज 36; इब्ने अब्दुल बिर्र, अल इस्तीआब, 1412 हिजरी, भाग 4, पेज 1818।
- ↑ शहीदी, तारीख तहलीली इस्लाम, 1392 शम्सी, पेज 42।
- ↑ आमोली, अल सहीह मिन सीरत अल नबी अल आज़म, 1427 हिजरी, भाग 2, पेज 200।
- ↑ इब्ने क़ुतैबा दयनूरी, अल मआरिफ़, 1992 ई, पेज 132।
- ↑ इब्ने साद, अल तबक़ात अल कुबरा, 1410 हिजरी, भाग 1, पेज 106; बुखारी, अल तारीख अल सग़ीर, 1406 हिजरी, भाग 1, पेज 43।
- ↑ इब्ने क़ुतैबा दयनूरी, अल मआरिफ़, 1992 ई, पेज 133; हल्बी, अल सीरा अल हल्बिया, 1427 हिजरी, भाग 1, पेज 93।
- ↑ इब्ने शहर आशोब, मनाक़िब आले अबि तालिब (अ), 1412 हिजरी; आमोली, अल सहीह मिन सीरत अल नबी अल आज़म, 1427 हिजरी, भाग 2, पेज 207 से 213।
- ↑ कूफ़ी, अल इस्तेग़ासा, भाग 1, पेज 68; आमोली, अल सहीह मिन सीरत अल नबी अल आज़म, 1427 हिजरी, भाग 2, पेज 208।
स्रोत
- आमोली, सय्यद जाफ़र मुर्तज़ा, अल सहीह मिन सीरत अल नबी अल आज़म, बैरुत, मरकज अल इस्लामी लिदेरासात, 1427 हिजरी।
- आयती, मुहम्मद इब्राहीम, तारीख पयाम्बर इस्लाम मुहम्मद,संशोधन और परिवर्धन: अबुल क़ासिम गुर्जी, तेहरान, तेहरान यूनिवर्सिटी प्रेस, 1391 शम्सी।
- इब्ने अब्दुल बिर्र, यूसुफ़ बिन अब्दुल्लाह, अल इस्तिआब फ़ी मारफ़ अल अस्हाब, बैरुत, दार अल जलील, 1412 हिजरी।
- इब्ने क़ुतैबा दीनवरी, अब्दुल्लाह बिन मुस्लिम अल मआरिफ़, संशोधन व प्रबंधनः अक्काशे सरवत, क़ाहिरा, अल हैयत अल मिस्रिया अल आम्मा लिल कुतुब, 1992 ईस्वी।
- इब्ने शहर आशोब, मुहम्मद बिन अली, मनाक़िब आले अबी तालिब (अ), बैरुत, दार अल अज़वा, 1412 हिजरी।
- इब्ने साद, मुहम्मद बिन साद, अल तब्क़ात अल कुबरा, बैरुत, दार अल कुतुब अल इल्मिया, 1410 हिजरी।
- इब्ने हेशाम, अल सीरत अल नबावीया, क़ाहिरा, मकतब मुहम्मद अली सबीह व औलादोहू, अप्रकाशित तारीख़।
- उस्तराबादी, अहमद बिन हसन, आसार अहमदी, तारीख ज़िंदगानी पयाम्बर इस्लाम व आइम्मा अत्हार, मीर ताहिर मुहद्दिस का प्रयास, तेहरान, नशर मीरास मकतूब, क़िब्ला प्रकाशन, 1374 शम्सी।
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- कूफ़ी, अली बिन अहमद, अल इस्तेग़ासा फ़ी बद अल सलासा, प्रकाशक का नाम उपल्बध नही, अप्रकाशित तारीख़।
- ज़रयाब ख़ूई, अब्बास, सीरत हज़रत रसूल, तेहरान, सरोश प्रकाशन, 1388 शम्सी।
- तबरेसी, फ़ज़्ल बिन हसन, ऐलाम अल वरा बेआलाम अल हुदा, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत(अ) ले एहया अल तुरास, 1376 शम्सी।
- तहमाज़, अब्दुल हमीद महमूद, अल सय्यदा खदीजा उम्मुल मोमेनीन व सबाक़तिल ख़ल्क़ एलल इस्लाम, दमिश्क़, दार अल क़लम, 1417 हिजरी।
- बलाज़ोरी, अहमद बिन यह्या, अंसाब उल अशराफ़, क़ाहिरा, दार अल मआरिफ़, 1394 हिजरी।
- बुखारी, मुहम्मद बिन इस्माईल, अल तारीख अल सग़ीर, बैरुत, दार अल मारेफ़ा, 1406 हिजरी।
- मक़रीज़ी, अहमद बिन अली, इम्ता उल अस्मा बेमा लिन नबी मिनल अहवाल वल अमवाले वल हफ़ेदते व मताअ, बैरुत, दार उल कुतुब अल इल्मिया, 1420 हिजरी।
- महमूदपूर, मुहम्मद (खदीजा), दानिश नामा जहान इस्लाम, भाग 15, तेहरान, बुनयाद दाएरतुल मआरिफ़ इस्लामी, 1393 शम्सी।
- मुरादी, अब्दुल हमीद, (खदीजा) दाएरातुल मआरिफ़ बुजुर्ग इस्लामी, भाग 22, तेहरान, मरकज़ दाएरातुल मआरिफ़ बुर्ज़ुग इस्लामी, अप्रकाशित तारीख़।
- याक़ूबी, अहमद बिन अबि याक़ूब, तारीख याक़ूबी, बैरुत, दार सादिर, अप्रकाशित तारीख़।
- शहीदी, सय्यद जाफ़र, तारीख तहलीली इस्लाम, तेहरान, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक, 1392 शम्सी।
- हल्बी, अली बिन इब्राहीम, अल सीरा अल हल्बिया, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मिया, 1427 हिजरी।