सहीफ़ा सज्जादिया की तीसरी दुआ

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सहीफ़ा सज्जादिया की तीसरी दुआ
1102 हिजरी में लिखी गई अब्दुल्लाह यज़्दी द्वारा लिखी गई साहिफ़ा सज्जादियाह की पांडुलिपि
1102 हिजरी में लिखी गई अब्दुल्लाह यज़्दी द्वारा लिखी गई साहिफ़ा सज्जादियाह की पांडुलिपि
विषयसभी दिव्य स्वर्गदूतों को बधाई दी गई और उनकी विशेषताओं और वर्गों को व्यक्त किया गया
प्रभावी/अप्रभावीप्रभावी
किस से नक़्ल हुईइमाम सज्जाद (अ)
कथावाचकमुतावक्किल बिन हारुन
शिया स्रोतसहीफ़ा सज्जादिया


सहीफ़ा सज्जादिया की तीसरी दुआ (अरबीःالدعاء الثالث من الصحيفة السجادية) इमाम सज्जाद (अ) की प्रसिद्ध दुआओ में से एक है, जिसमें सिंहासन के धारकों और सभी दिव्य स्वर्गदूतों को बधाई दी गई और उनकी विशेषताओं और वर्गों को व्यक्त किया गया। इस दुआ में, इमाम सज्जाद (अ) ने ईश्वर की महिमा करने में स्वर्गदूतों की अथक परिश्रम, ईश्वर के समक्ष उनकी विनम्रता और ईश्वरीय आदेश को पूरा करने में उनकी असफलता का उल्लेख किया, और उन्हें रहस्योद्घाटन के वाहक और शुभकामनाओं के दूत के रूप में पेश किया।

तीसरी दुआ का वर्णन सहिफ़ा सज्जादिया की व्याख्याओं में किया गया है, जैसे कि फ़ारसी में हुसैन अंसारियान द्वारा दयारे आशेक़ान और अरबी में सय्यद अली खान मदनी द्वारा रियाज़ उस-सालेकीन फ़ी शरह साहिफ़ा तुस-साजेदीन है।

शिक्षाएँ

सहीफ़ा सज्जादिया की तीसरी दुआ का मुख्य विषय दिव्य स्वर्गदूतों की विशेषताओं, ईश्वर की दृष्टि में उनकी स्थिति, स्वर्गदूतों के समूह और उन्हें बधाई देना है। इस दुआ की शिक्षाएँ इस प्रकार हैं:

  • हामेलाने अर्श, फ़रिश्तो का खुदा की स्तुति, तकदीस और इबादत से न थकना
  • स्वर्गदूत ईश्वर की आज्ञाओं को पूरा करने में असफल नहीं होते और लापरवाही से मुक्त होते हैं
  • सूरे इस्राफ़ील के माध्यम से मुर्दो का जीवित होना
  • दिव्य द्वार में मीकाईल का उच्च स्थान
  • जिबराईल का अमीन वही और करीबी स्वर्गदूतों में से होना।
  • रूहुल अमीन का फरिश्तो का फरमानरवा और खुदावंदे करीम की इज़्ज़त व किब्रीयाई का पासबान होना
  • स्वर्गदूतों में वासना और लापरवाही की अनुपस्थिति
  • ईश्वर की महानता के सामने स्वर्गदूतों की विनम्रता और ईश्वर की सेवा में उनकी कमी की स्वीकृति
  • देवदूत, पैगम्बरों के रहस्योद्घाटन के वाहक
  • उन स्वर्गदूतों को शांति मिले जो स्वर्ग के लोगों को शांति और शुभकामनाएँ भेजते हैं।
  • स्वर्गदूतों के समूहों का वर्णन: ईश्वर के विशिष्ट देवदूत, स्वर्ग के चारों ओर तैनात देवदूत, बारिश के कोषाध्यक्ष,

बादलों को चलाने वाले, हवा के कोषाध्यक्ष, पहाड़ों के देवदूत, लोगों के कार्यों की रक्षा करने वाले देवदूत और उनके लेखक, राजा मृत्यु और उसके सहायकों और नेगिरों और नकारात्मकों, और स्वर्गदूत जो कब्र में मृतकों का परीक्षण करता है रोमन), बैत अल-मामोर के परिचारक, नरक के मालिक और कोषाध्यक्ष, स्वर्ग के रक्षक और सेवक, स्वर्गदूत। नरक के प्रभारी, वे देवदूत जिनके नाम का हमने उल्लेख नहीं किया है और जिनके कार्य और मिशन को हम नहीं जानते हैं, वे देवदूत जो मनुष्यों (शहीदों) के साथ जाते हैं और...

  • ईश्वर का आशीर्वाद स्वर्गदूतों पर बना रहे, वे पवित्रता और गरिमा का स्रोत बनें।[१]

व्याख्याएँ

सहीफ़ा सज्जादिया की शरहो मे उसकी दूसरी दुआ के विभिन्न भागो का भी वर्णन किया गया है। हुसैन अंसारियान ने दयारे आशेक़ान मे इस दुआ की पूर्ण व्याख्या की है।[२] इसी तरह मुहम्मद हसन ममदूही किरमानशाही की किताब शुहूद व शनाख़त,[३] मुहम्मद तक़ी ख़ल्जी की किताब असरार ख़ामोशान[४] और सय्यद अहमद फ़हरी[५] की शरह व तरजुमा सहीफ़ा सज्जादिया का फ़ारसी भाषा मे की गई है।

सहीफ़ा सज्जादिया की तीसरी दुआ सय्यद अली ख़ान मदनी कि किताब रियाज़ उस-सालेकीन फ़ी शरह सहीफ़ातुस साजेदीन[६] मुहम्मद जवाद मुग़निया की किताब फ़ी ज़िलाल अल-सहीफ़ा अल-सज्जादिया[७] मुहम्मद बिन मुहम्मद दाराबी की किताब रियाज़ उल-आरेफ़ीन[८] और कुछ दूसरी किताबो जैसे सय्यद मुहम्मद हुसैन फ़ज़लुल्लाह की किताब आफ़ाक़ अल-रूह[९] मे अरबी भाषा मे व्याख्या लिखी गई है। इस दुआ के सार्वजनिक मफहूम और शब्दिक अर्थ को फ़ैज काशानी की किताब तालीक़ात अलस सहीफ़ा अल-सज्जादिया[१०] मे विस्तार से वर्णन किया गया है।

पाठ और अनुवाद

सहीफ़ा सज्जादिया की तीसरी दुआ
दुआ का हिंदी उच्चारण अनुवाद दुआ का अरबी उच्चारण
वकाना मिन दुआऐहि अलैहिस सलामो फ़िस सलाते अला हमलेहिल अर्शे व कुल्ला मलके मुक़र्ररब हामेलीन अर्श और करीबी फ़रिश्तो पर दुरूद और सलवात की दुआः وَ كَانَ مِنْ دُعَائِهِ عَلَيْهِ السَّلَامُ فِي الصَّلَاةِ عَلَي حَمَلَةِ الْعَرْشِ وَ كُلِّ مَلَكٍ مُقَرَّبٍ
अल्लाहुम्मा व हमलतो अर्शेकल लज़ीना ला यफतरूनना मिन तस्बीहेका, वला यस्मउना मिन तक़दीसेका, वला यस्तहसेरूना मिन ऐबादेका, वला यूसेरूनत तक़सीरा अलल हद्दे फ़ी अम्रेका, वला यग़फ़ोलूना अल वलेहि इलैका हे अल्लाह! तेरे अर्श के उठाने वाले फरिश्ते जो तेरी तस्बीह से उकताते नही और न तेरी इबादत से थकते है और न तेरे आदेश का पालन करने मे प्रयास और कोशिश के बजाय लापरवाही करते है और न तुझ से आशा करने मे लापरवाह होते है اللَّهُمَّ وَ حَمَلَةُ عَرْشِكَ الَّذِينَ لَا يَفْتُرُونَ مِنْ تَسْبِيحِكَ، وَ لَا يَسْأَمُونَ مِنْ تَقْدِيسِكَ، وَ لَا يَسْتَحْسِرُونَ مِنْ عِبَادَتِكَ، وَ لَا يُؤْثِرُونَ التَّقْصِيرَ عَلَى الْجِدِّ فِي أَمْرِكَ، وَ لَا يَغْفُلُونَ عَنِ الْوَلَهِ إِلَيْكَ
व इस्राफ़ीलो साहेबुस सूरे, अश-शाखेसुल लज़ी यंतज़ेरो मिन्नकल इज़्ना, व होलूलल अम्रे, फ़ोयोनब्बेअहू बिन्नफ़खते सरअय रहाएनिल क़ोबूरे और इस्राफ़ील साहेबे सूर जो नज़र उठाए हुए तेरी अनुमति और आदेश लागू करने की प्रतिक्षा मे है ताकि सूर फूंक कर कब्रो मे पड़े हुए मुर्दो को सचेत करे وَ إِسْرَافِيلُ صَاحِبُ الصُّورِ، الشَّاخِصُ الَّذِي يَنْتَظِرُ مِنْكَ الْإِذْنَ، وَ حُلُولَ الْأَمْرِ، فَيُنَبِّهُ بِالنَّفْخَةِ صَرْعَى رَهَائِنِ الْقُبُورِ.
वा मीकाईलो ज़ुल जाहे इंदका, वल मकानिर रफ़ीअ मिन ताअतेका और मीकाईल जो तेरे यहां स्थान वाले और तेरा अनुसरण करने के कारण उच्च रैंक वाले है وَ مِيكَائِيلُ ذُو الْجَاهِ عِنْدَكَ، وَ الْمَكَانِ الرَّفِيعِ مِنْ طَاعَتِكَ.
व जिब्राईलुल अमीनो अला वहयेका, अल-मुताओ फ़ी अहले समावातेका, अल-मकीनो लदैयका, अल-मुक़र्ररबो इंदका और जिब्राईल जो तेरी वही के अमानतदार और आकाश वाले जिनके अनुयायी और फरमाबरदार है और तेरी बारगाह मे उच्च रैंक और विशेष निकटता रखते है وَ جِبْرِيلُ الْأَمِينُ عَلَى وَحْيِكَ، الْمُطَاعُ فِي أَهْلِ سَمَاوَاتِكَ، الْمَكِينُ لَدَيْكَ، الْمُقَرَّبُ عِنْدَكَ
वर रूहुल लज़ी होवा अला मलाएकतिल होजोबे और वह रूह जो फ़रिश्तेगाने हिजाब पर मवक्किल है وَ الرُّوحُ الَّذِي هُوَ عَلَى مَلَائِكَةِ الْحُجُبِ.
वर रूहुल लज़ी होवा मिन अम्रेका, फ़सल्ले अलैहिम, वअलल मलाएकतिल लज़ीना मिन दूनेहिम मिन सुक्कानिस समावातेका, व अहलिल अमानते अला रेसालातेका और वह रूह जिस की रचना तेरे आलमे अम्र से है और सब पर अपनी रहमत नाजिल कर और इसी प्रकार उन फ़रिश्तो पर जो उनसे कम रैंक और आसमानो मे निवास करते है और तेरे संदेशो के अमीन है وَ الرُّوحُ الَّذِي هُوَ مِنْ أَمْرِكَ، فَصَلِّ عَلَيْهِمْ، وَ عَلَى الْمَلَائِكَةِ الَّذِينَ مِنْ دُونِهِمْ مِنْ سُكَّانِ سَمَاوَاتِكَ، وَ أَهْلِ الْأَمَانَةِ عَلَى رِسَالاتِكَ
वल लज़ीना ला तदख़ोलोहुम सामतुम मिन दोवूबे, वला ऐअयाउन मिन लग़ूबिन वला फ़ोतूरिन, वला तशग़लहुम अन तस्बीहेकश शहवातो, वला यक़तओहुम अन तअज़ीमेका सहवुल ग़फ़लाते और उन फ़रिश्तो पर जिन मे किसी प्रयास से बदली और किसी मश्क़्क़त से थकावट पैदा नही होती और न तेरी तस्बीह से वासना उन्हे रोकती है और न ही उनमे लापरवाही से ऐसी भूल चूक पैदा होती है जो उन्हे तेरी महिमा से दूर करे وَ الَّذِينَ لَا تَدْخُلُهُمْ سَأْمَةٌ مِنْ دُؤُوبٍ، وَ لَا إِعْيَاءٌ مِنْ لُغُوبٍ وَ لَا فُتُورٌ، وَ لَا تَشْغَلُهُمْ عَنْ تَسْبِيحِكَ الشَّهَوَاتُ، وَ لَا يَقْطَعُهُمْ عَنْ تَعْظِيمِكَ سَهْوُ الْغَفَلَاتِ.
अल-खुश्शउल अबसारे फ़ला यरूमूनन नज़रा इलैका, अन-नवाकेसुल अज़काने, अल-लज़ीना क़द तालत रग़बतोहुम फ़ीमा लदैयका, अल-मुसतहतरूना बेज़िक्रिल आलाएका, वल मुतावाज़ेऊना दूनना अज़मतेका व जलाले किब्रियाएका वो आखे झुकाए हुए है (तेरे प्रकाश की ओर)निगाह उठाने का इरादा भी नही करते और ठुड्डीयो के बल गिरे हुए है और तेरे यहा के वर्गो की ओर उनका इश्तियाक़ अधिक है और तेरी नेमतो की याद मे खोए हुए है और तेरी महिमा और गरिमा के सामने सर झुकाए है الْخُشَّعُ الْأَبْصَارِ فَلَا يَرُومُونَ النَّظَرَ إِلَيْكَ، النَّوَاكِسُ الْأَذْقَانِ، الَّذِينَ قَدْ طَالَتْ رَغْبَتُهُمْ فِيما لَدَيْكَ، الْمُسْتَهْتَرُونَ بِذِكْرِ آلَائِكَ، وَ الْمُتَوَاضِعُونَ دُونَ عَظَمَتِكَ وَ جَلَالِ كِبْرِيَائِكَ
वल लज़ीना यक़ूलूना ऐज़ा नज़रू एला जहन्नमा तज़फ़ेरो अला अहले मअसियतेका सुब्हानका मा अबदनाका हक्का ऐबादेका और उन फ़रिश्तो पर जो नरक को पापीयो पर भड़कता हुआ देखते है तो कहते है पवित्र है तेरी जात हमने तेरी इबादत जैसा हक वैसे नही की। وَ الَّذِينَ يَقُولُونَ إِذَا نَظَرُوا إِلَى جَهَنَّمَ تَزْفِرُ عَلَى أَهْلِ مَعْصِيَتِكَ سُبْحَانَكَ مَا عَبَدْنَاكَ حَقَّ عِبَادَتِكَ.
फ़स्ल्ले अलैहिम व अलर रौहानीना मिन मलाएकतेका, व अहलिज़ जलफ़ते इंदका, व हुम्मालिल ग़ैयबे ऐला रोसोलेका, वल मोतमनीना अला वहयेका हे पालनहार! तू उन पर और रहमत के फ़रिश्तो पर और उनपर जिन पर तेरी बारगाह मे निकटता हासिल है और तेरे पैग़म्बरो की ओर छुपे हुए समाचार लेजाने वाले और तेरी रहमत के अमानदार है فَصَلِّ عَلَيْهِمْ وَ عَلَى الرَّوْحَانِيِّينَ مِنْ مَلَائِكَتِكَ، وَ أَهْلِ الزُّلْفَةِ عِنْدَكَ، وَ حُمَّالِ الْغَيْبِ إِلَى رُسُلِكَ، وَ الْمُؤْتَمَنينَ عَلَى وَحْيِكَ
व क़बाएलि मलाएकतिल लज़ीना इखतससतहुम लेनफ़सेका, वग नयतहुम अनित तआमे वश शराबे बेतक़दीसेका, वस कनतहुम बोतौना अत्तबाके समावातेका और उन क़िस्म के फ़रिश्तो पर जिन्हे तूने अपने लिए मखसूस कर लिया है और जिन्हे तस्बीह व तकदीस के माध्यम से खाने पीने से बे नियाज़ कर दिया है और जिन्हे आसमानी वर्गो के अंदरूनी हिस्सो मे बसाया है وَ قَبَائِلِ الْمَلَائِكَةِ الَّذِينَ اخْتَصَصْتَهُمْ لِنَفْسِكَ، وَ أَغْنَيْتَهُمْ عَنِ الطَّعَامِ وَ الشَّرَابِ بِتَقْدِيسِكَ، وَ أَسْكَنْتَهُمْ بُطُونَ أَطْبَاقِ سَمَاوَاتِكَ.
वल लज़ीना अला अरजाएहा ऐज़ा नज़लल अम्रो बेतमामे वअदेका और उन फ़रिश्तो पर जो आसमान के किनारो मे तवक़्क़ुफ़ करेंगे जबकि तेरा आदेश वादा के पूरा करने के संबंध मे पारित होगा وَ الَّذِينَ عَلَى أَرْجَائِهَا إِذَا نَزَلَ الْأَمْرُ بِتََمامِ وَعْدِكَ
व हुज़्जानिल मतरे व जवाहेरिस सहाबे और वर्षा के जख़ीरेदारो और बादलो के हगाने वालो पर وَ خُزَّانِ الْمَطَرِ وَ زَوَاجِرِ السَّحَابِ
वल लज़ीना यसौते ज़जरेहि युस्मओ ज़जलुर रोऊदे, व इज़ा सबहत बेहि हफ़ीफ़तुस सहाबिल तमअत सवाएक़ुल बोरूके और उस पर जिसके झिड़कने से बिजली की कड़क सुनाई देती है और जब इस डाट डपट पर गरजने वाले बद दिल रवा होते है तो बिजली को कूंदे तड़पने लगते है وَ الَّذِي بِصَوْتِ زَجْرِهِ يُسْمَعُ زَجَلُ الرُّعُودِ، وَ إِذَا سَبَحَتْ بِهِ حَفِيفَةُ السَّحَابِ الْتمَعَتْ صَوَاعِقُ الْبُرُوقِ.
व मुशय्येएस सलज़े वल बरदे, वल हाबेतीना मआ क़तेरिल मतरो इज़ा नज़ला, वल क़ुव्वामे अला ख़ज़ाऐनिर रेयाह, वल मुवक्केलीना बिल जिबाले फ़ला तज़ूलो और उन फ़रिश्तो पर बर्फ के साथ साथ रहते है और जब बारिश होती है तो उसकी बूंदो के साथ उतरते है और हवा के जख़ीरो की देखभाल करते है और उन फ़रिश्तो पर जो पहाड़ो पर निर्धारित है ताकि वह अपने स्थान से हटने न पाए وَ مُشَيِّعِي الثَّلْجِ وَ الْبَرَدِ، وَ الْهَابِطِينَ مَعَ قَطْرِ الْمَطَرِ إِذَا نَزَلَ، وَ الْقُوَّامِ عَلَى خَزَائِنِ الرِّيَاحِ، وَ الْمُوَكَّلِينَ بِالْجِبَالِ فَلَا تَزُولُ
वल लज़ीना अर्रफतहुम मसाकीलल मियाह, व कीले मा तहविहे लवाएजुल अमतारे व अवालेजोहा और उन फरिश्तो पर जिन्हे तूने पानी के वजन और मूसलाधार और तलातुम अफरोज़ बारिशो की मिकदार पर अवगत किया है وَ الَّذِينَ عَرَّفْتَهُمْ مَثَاقِيلَ الْمِيَاهِ، وَ كَيْلَ مَا تَحْوِيهِ لَوَاعِجُ الْأَمْطَارِ وَ عَوَالِجُهَا
व रोसोलेका मिनल मलाएकते ऐला अहलिल अर्ज़े बेमकरूहे मा यन्ज़ेलो मिनल बलाए व महबूबिर रखाए और उन फरिश्तो पर जो नागवार इब्तेलाओ और खुशआयंद आसाइशो को लेकर ज़मीन वालो की ओर तेरे भेजे हुए है وَ رُسُلِكَ مِنَ الْمَلَائِكَةِ إِلَى أَهْلِ الْأَرْضِ بِمَكْرُوهِ مَا يَنْزِلُ مِنَ الْبَلَاءِ وَ مَحْبُوبِ الرَّخَاءِ
वस्सफ़रतिल केरामिल बरारते, वल हफ़ज़तिल केरामिल कातेबीना, व मलकिल मौते व आअवानेहि, व मुन्करे व नकीरे, व रोमाना फ़त्तानिल क़ोबूरे, वत ताएफ़ीना बिल बैतिल मअमूरे, व मालेके वल ख़ज़नते, व रिज़वाना, व सदनतिल हन्ने और उन पर जो आमाल का अहाता करने वाले गिरामी मंज़ेलत और अच्छे है और उन पर जो चौकीदारी करने वाले केरामलकातेबीन है और मल्कुलमौत (यमराज) और उसके सहायक तथा मुनकिर नकीर और अहले कुबूर की आज़माइश करने वाले रूमान पर और बैतुल माअमूर की परिक्रमा करने वालो पर और मालिक और नरक के चौकीदारो पर और रिज़वान तथा स्वर्ग के दूसरे चौकीदारो पर وَ السَّفَرَةِ الْكِرَامِ الْبَرَرَةِ، وَ الْحَفَظَةِ الْكِرَامِ الْكَاتِبِينَ، وَ مَلَكِ الْمَوْتِ وَ أَعْوَانِهِ، وَ مُنْكَرٍ وَ نَكِيرٍ، وَ رُومَانَ فَتَّانِ الْقُبُورِ، وَ الطَّائِفِينَ بِالْبَيْتِ الْمَعْمُورِ، وَ مَالِكٍ، وَ الْخَزَنَةِ، وَ رِضْوَانَ، وَ سَدَنَةِ الْجِنَانِ.
वल लज़ीना (या यअसूनल्लाहा मा अमरहुम व यफ़अलूना मा यूमरूना) और उन फरिश्तो पर जो अल्लाह के आदेश की अवज्ञा नही करते और जो आदेश उन्हे दिया जाता है उसे पूरा करते है وَ الَّذِينَ «لَا يَعْصُونَ اللَّهَ مَا أَمَرَهُمْ، وَ يَفْعَلُونَ مَا يُؤْمَرُونَ»
वल लज़ीना यक़ूलूना (सलामुन अलैकुम बेमा सबरतुम फ़नेअमा उक़्बद दारे) और उन फरिश्तो पर जो (आखेरत मे) सलामुन अलैकुम के बाद कहेंगे कि दुनिया मे तुम ने धैर्य रखा (यह उसी का बदला है) وَ الَّذِينَ يَقُولُونَ «سَلَامٌ عَلَيْكُمْ بِمَا صَبَرْتُمْ فَنِعْمَ عُقْبَى الدّارِ»
वज ज़बानियतिल लज़ीना इज़ा क़ब्ला लहुम (ख़ोज़ूहो फ़ग़ुल्लूहो सुम्मल हजीमा सल्लूहो) इब्तदरूहो सेराअन, वलम युन्ज़ेरूहो देखो तो आखेरत का घर कैसा अच्छा है और नरक के उन चौकीदारो पर कि जब उनसे यह कहा जाएगा कि उसे गिरफ्तार करके तौक व जंजीर पहनादो फिर उसे नरक मे झोक दो तो वह उस की ओर तेरी से बढ़ेंगे और उसे थोड़ी भी मोहलत नही देंगे وَ الزَّبَانِيَةِ الَّذِينَ إِذَا قِيلَ لَهُمْ «خُذُوهُ فَغُلُّوهُ ثُمَّ الْجَحِيمَ صَلُّوهُ» ابْتَدَرُوهُ سِرَاعاً، وَ لَمْ يُنْظِرُوهُ.
वमन औहमना ज़िक्रोहू, वलम नअमा मकानहू मिन्का, व बेअय्ये अमरे वक्कलतहू और हर उस फ़रिश्ते पर जिस का नाम हमने नही लिया और न हमे मालूम है कि उसका तेरा यहा क्या रैंक है और यह कि तूने किस काम पर उसे नियुक्त किया है وَ مَنْ أَوْهَمْنَا ذِكْرَهُ، وَ لَمْ نَعْلَمْ مَكَانَهُ مِنْكَ، و بِأَيِّ أَمْرٍ وَكَّلْتَهُ.
व सुक्कानिल हवाए वल अर्जे वल माऐ व मन मिन्हुम अलल ख़ल्क़े और हवा व ज़मीन और पानी मे रहने वाले फरिशतो पर और उन पर जो प्राणीयो पर नियुक्त है وَ سُكَّانِ الْهَوَاءِ وَ الْأَرْضِ وَ الْمَاءِ وَ مَنْ مِنْهُمْ عَلَى الْخَلْقِ
फ़सल्ले अलैहिम यौमा याती (कुल्लो नफ़सिन मअहा साएक़ुन व शहीदुन उन सब पर रहमत नाजिल कर उस दिन कि जब प्रत्येक व्यक्ति इस तरह आएगा कि उसके साथ एक हाकने वाले होगा और एक गवाही देने वाला فَصَلِّ عَلَيْهِمْ يَوْمَ يَأْتِي «كُلُّ نَفْسٍ مَعَهَا سَائِقٌ وَ شَهِيدٌ»
व सल्ले अलैहिम सलातुन तज़ीदोहुम करामतन अला करामतेहिम व तहारतन अला तहारतेहिम और उन सब पर ऐसी रहमत नाजिल कर जो उनके लिए सम्मान से बढ़कर सम्मान और पवित्रता से बढ़कर पवित्रता का कारण हो وَ صَلِّ عَلَيْهِمْ صَلَاةً تَزِيدُهُمْ كَرَامَةً عَلَى كَرَامَتِهِمْ وَ طَهَارَةً عَلَى طَهَارَتِهِمْ
अल्लाहुम्मा व इज़ा सल्लयत अला मलाएकतेका व रोसोलेका व बल्लग़तोहुम सलातना अलैहिम फ़सल्ले अलैना बेमा फ़तहता लना मिन हुस्निल क़ौले फ़ीहिम, इन्नका जवादुन करीम हे पालनहार! जब तू अपने स्वर्गदूतो और रसूलो पर रहमत नाजिल करे और हमारे सलाम और सलवात को उन तक पहुंचाए तो हम पर भी अपनी रहमत नाजिल करना इसलिए कि तूने हमे अनके ज़िक्र खैर की तोफ़ीक़ बख्शी। बेशक तू बख्शने वाला और करीम है। اللَّهُمَّ وَ إِذَا صَلَّيْتَ عَلَى مَلَائِكَتِكَ وَ رُسُلِكَ وَ بَلَّغْتَهُمْ صَلَاتَنَا عَلَيْهِمْ فَصَلِّ عَلَيْنَا بِمَا فَتَحْتَ لَنَا مِنْ حُسْنِ الْقَوْلِ فِيهِمْ، اِنَّكَ جَوادٌ كَريمٌ.

फ़ुटनोट

  1. अंसारियान, दयारे आशेक़ान, 1372 शम्सी, भाग 3, पेज 19-149 खल़्जी, असरार खामोशान, 1383 शम्सी, पेज 131-235
  2. अंसारियान, दयारे आशेक़ान, 1373 शम्सी, भाग 3, पेज 19-149
  3. ममदूही, शुहूद व शनाख़त, 1388 शम्सी, भाग 1, पेज 289-317
  4. खल़्जी, असरार खामोशान, 1383 शम्सी, भाग 1, पेज 131-234
  5. फ़हरि, शरह व तफसीर सहीफ़ा सज्जादि., 1388 शम्सी, भगा 1, पेज 205-250
  6. मदनी शिराज़ी, रियाज़ उस सालेकीन, 1435 हिजरी, भाग 2, पेज 5-80
  7. मुग़निया, फ़ी ज़िलाल अल सहीफ़ा, 1428 , पेज 83-93
  8. दाराबी, रियाज़ उल आरेफ़ीन, 1379 शम्सी, पेज 65-82
  9. फ़ज़्लुल्लाह, आफ़ाक़ अल रूह, 1420 शम्सी, भाग 1, पेज 69-96
  10. फ़ैज़ काशानी, तालीक़ात अलस सहीफ़ा अल-सज्जादिया, 1407 हिजरी, पेज 22-26

स्रोत

  • अंसारियान, हुसैन, दयारे आशेकान, तफसीर जामेअ सहीफ़ा सज्जादिया, तेहरान, पयाम आज़ादी, 1373 शम्सी
  • ख़ल्जी, मुहम्मद तक़ी, असरार ख़ामोशान, क़ुम, परतो ख़ुरशीद, 1383 शम्सी
  • दाराबी, मुहम्मद बिन मुहम्मद, रियाज़ अल आरेफ़ीन फ़ी शरह अल सहीफ़ा सज्जादिया, शोधः हुसैन दरगाही, तेहरान, नशर उस्वा, 1379 शम्सी
  • फ़ज़्लुल्लाह, सय्यद मुहम्मद हुसैन, आफ़ाक़ अल रूह, बैरूत, दार अल मालिक, 1420 हिजरी
  • फ़हरि, सय्यद अहमद, शरह व तरजुमा सहीफ़ा सज्जादिया, तेहरान, उस्वा, 1388 शम्सी
  • फ़ैज़ काशानी, मुहम्मद बिन मुर्तज़ा, तअलीक़ात अलल सहीफ़ा अल सज्जादिया, तेहरान, मोअस्सेसा अल बोहूस वल तहक़ीक़ात अल सक़ाफ़ीया, 1407 हिजरी
  • मदनी शिराज़ी, सय्यद अली ख़ान, रियाज़ उस सालेकीन फ़ी शरह सहीफ़तुस साजेदीन, क़ुम, मोअस्सेसा अल नश्र अल इस्लामी, 1435 हिजरी
  • मुग़नीया, मुहम्मद जवाद, फ़ी ज़ेलाल अल सहीफ़ा अल सज्जादिया, क़ुम, दार अल कुतुब अल इस्लामी, 1428 हिजरी
  • ममदूही किरमानशाही, हसन, शहूद व शनाख्त, तरजुमा व शरह सहीफ़ा सज्जादिया, मुकद्दमा आयतुल्लाह जवादी आमोली, क़ुम, बूस्तान किताब, 1388 शम्सी