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सहीफ़ा सज्जादिया की इक्तालीसवीं दुआ

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सहीफ़ा सज्जादिया की अड़तीसवीं दुआ
शाबान 1102 में अब्दुल्लाह यज़्दी द्वारा लिखित साहिफ़ा सज्जादिया की पांडुलिपि
शाबान 1102 में अब्दुल्लाह यज़्दी द्वारा लिखित साहिफ़ा सज्जादिया की पांडुलिपि
अन्य नामभलाई का आग्रह करने की दुआ
विषयपापो से बचने और उनके पर्दा पोशी की दुआ
प्रभावी/अप्रभावीप्रभावी
किस से नक़्ल हुईइमाम सज्जाद (अ)
कथावाचकमुतवक्किल बिन हारुन
शिया स्रोतसहीफ़ा सज्जादिया


सहीफ़ा सज्जादिया की इक्तालीसवीं दुआ (अरबीःالدعاء الواحد والأربعون من الصحيفة السجادية) इमाम सज्जाद (अ) की प्रसिद्ध दुआओ में से एक है जो ऐबो से पर्दा और पापो से महाफ़जत के बारे मे है। इस दुआ में, इमाम ईश्वर के प्रतिशोध और सज़ा के दायरे मे आने और उक़ूबत इलाही का निशाना बनने से सुरक्षित रहने का आग्रह करते है। इक्तालीसवीं दुआ का वर्णन सहीफ़ा सज्जादिया की व्याख्याओ मे किया गया है, फ़ारसी भाषा मे हसन ममदूही किरमानशही की शुहूद व शनाख़्त और अरबी भाषा मे सय्यद अली खान मदनी द्वारा लिखित रियाज़ उस-सालेकीन फ़ी शरह सहीफ़ा सय्यदुस साजेदीन है।

शिक्षाएँ

इक्तालीसवीं दुआ सहीफ़ा सज्जादिया की दुआओं में से एक है, जो ऐबो को छिपाने और पापो से बचाने की मांग करती है।[] ममदूही किरमानशाही के अनुसार, इस दुनिया और उसके बाद मानवीय बुराइयों का रहस्योद्घाटन मनुष्यों के लिए सबसे दर्दनाक पीड़ाओं में से एक है; इसलिए, इस दुआ में, इमाम सज्जाद (अ) ईश्वर से अपने सेवकों के पापों को ढकने और उन्हें दूसरों के सामने कभी अपमानित न करने के लिए कहते हैं।[] इस दुआ की शिक्षाएँ इस प्रकार हैं:

  • गरिमा और ईश्वरीय दया की माँग करना और ईश्वर द्वारा अस्वीकार न किया जाना
  • पापों के प्रतिशोध और दैवीय दंड के दायरे में न आने की दुआ
  • ऐबो और अपमान को छिपाने की कोशिश
  • स्वर्ग के मध्य में उतरने का अनुरोध
  • लोगों के रहस्यों पर पर्दा डालने और उन्हें उजागर करने का अंत
  • ईश्वर की कृपा और क्षमा से मानवीय सम्मान और प्रतिष्ठा की पूर्णता
  • मजलिस सालिहान के निपटारे की स्थिति तक पहुँचने का अनुरोध करें
  • नेकी के साथियों की श्रेणी में शामिल होने की दुआ[]

व्याख्याएँ

सहीफ़ा सज्जादिया की शरहो मे उसकी इक्तालीसवीं दुआ का वर्णन किया गया है। मुहम्मद हसन ममदूही किरमानशाही की किताब शुहूद व शनाख़त[] सय्यद अहमद फ़हरी की किताब शरह व तरजुमा सहीफ़ा सज्जादिया[] का फ़ारसी भाषा मे वर्णन किया गया है।

इसके अलावा सहीफ़ा सज्जादिया की इक्तालीसवीं दुआ सय्यद अली ख़ान मदनी की किताब रियाज़ उस-सालेकीन,[] मुहम्मद जवाद मुग़निया की किताब फ़ी ज़िलाल अल-सहीफ़ा अल-सज्जादिया,[] मुहम्मद बिन मुहम्मद दाराबी की किताब रियाज़ उल-आरेफ़ीन[] सय्यद मुहम्मद हुसैन फ़ज़लुल्लाह[] की किताब आफ़ाक़ अल-रूह मे इस दुआ की अरबी भाषा मे व्याख्या लिखी गई है। इस दुआ के सार्वजनिक मफहूम और शब्दिक अर्थ को फ़ैज काशानी की किताब तालीक़ात अलस सहीफ़ा अल-सज्जादिया[१०] और इज़्ज़ुद्दीन जज़ाएरी की किताब शरह सहीफ़ा सज्जादिया मे विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है।[११]

पाठ और अनुवाद

सहीफ़ा सज्जादिया की इक्तालीसवीं दुआ
दुआ का हिंदी उच्चारण अनुवाद दुआ का अरबी उच्चारण
वकाना मिन दुआएहिस सलामो फ़ी तल्बिस सित्रे वल वेक़ाए पर्दा पोशी और सुरक्षित रखने की दुआ وَ كَانَ مِنْ دُعَائِهِ عَلَيْهِ السَّلَامُ فِي طَلَبِ السِّتْرِ وَ الْوِقَايَةِ
अल्लाहुम्मा सल्लेअला मुहम्दिन व आलेहि, व अफ़रिश्नी मेहाद करामातेका, व औरिदनी मशारेआ रहमतेका, व अहलिलनी बोहबूहता जन्नतेका, वला तसुमनी बिर रद्दे अन्का, वला तहरिमनी बिल ख़ैबते मिन्का हे परमात्मा! मुहम्मद और उनके परिवार पर रहमत नाजिल कर और मुझे सम्मान और गरिमा का स्थान प्रदान कर। मुझे दया के झरनों के पास ले जा। हमें जन्नत के बीच में जगह दे और हमें अपने घर से असफल होकर वापस भेजकर दुखी न कर और हमें अपनी दया से निराश न कर और हमें कष्ट न दे। اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِهِ، وَ أَفْرِشْنِي مِهَادَ كَرَامَتِكَ، وَ أَوْرِدْنِي مَشَارِعَ رَحْمَتِكَ، وَ أَحْلِلْنِي بُحْبُوحَةَ جَنَّتِكَ، وَ لَا تَسُمْنِي بِالرَّدِّ عَنْكَ، وَ لَا تَحْرِمْنِي بِالْخَيْبَةِ مِنْكَ.
वला तोक़ास्सनी बेमा इज्तरहतो वला तोनाक़िश्नी बेमा इकतसब्तो, वला तुब्रिज़ मकतूमी, वला तकशिफ़ मस्तूरी, वला तहमिल अला मीज़ानिल इंसाफ़े अमली, वला तोअलिन अला ओयूनिल मलाए ख़बरी मेरे पापों का बदला ना ले और मेरे कर्मों का कठोरता से लेखा मत कर। मेरे गुप्त रहस्यों को उजागर ना कर, मेरी छिपी हुई परिस्थितियों को उजागर ना कर, मेरे कार्यों को न्याय और निष्पक्षता के तराजू पर ना तौल, और मेरी आंतरिक स्थिति को अशराफ़ की निगाहो मे उजागर मत करो। وَ لَا تُقَاصَّنِي بِمَا اجْتَرَحْتُ وَ لَا تُنَاقِشْنِي بِمَا اكْتَسَبْتُ، وَ لَا تُبْرِزْ مَكْتُومِي، وَ لَا تَكْشِفْ مَسْتُورِي، وَ لَا تَحْمِلْ عَلَى مِيزَانِ الْإِنْصَافِ عَمَلِي، وَ لَا تُعْلِنْ عَلَى عُيُونِ الْمَلَإِ خَبَرِي
अख़्फ़े अन्हुम मा यकूनो नशरोहू अल्ला आरन, वतवे अन्हुम मा युलहेक़ोनी इन्दका शनारन जो बात मेरे लिए अपमानजनक है उसे उनसे दूर रख और जो बात तेरे हुजूर जो चीज़ अपमान और लज्जा का कारण है वह उनसे छिपा रहने दे। أَخْفِ عَنْهُمْ مَا يَكونُ نَشْرُهُ عَلَيَّ عَاراً، وَ اطْوِ عَنْهُمْ مَا يُلْحِقُنِي عِنْدَكَ شَنَاراً
शर्रिफ़ दरजती बेरिज़वानेका, व अकमिल करामती बेगुफ़रानेका, वनज़्मनी फ़ी अस्हाबिल यमीने, व वज्जेहनी फ़ी मसालेकिल आमेनीना, वज्अलनी फ़ी फौजिल फ़ाऐज़ीना, वअमुर बेया मजालेसस सालेहीना, आमीना रब्बल आलामीना अपनी प्रसन्नता से मेरा पद बढ़ा और अपनी क्षमा से मेरी गरिमा को पूर्ण कर, और मुझे उन लोगों के समूह में शामिल कर जो अपना नामा ए आमाल अपने दाहिने हाथ में प्राप्त करेंगे, और मुझे उन लोगों के मार्ग पर ले चल जो मुझे शांति और कल्याण प्रदान करें। मैं सफल लोगों में शामिल होऊँ और मेरे कारण धर्मियों की सभाएँ आनन्द और समृद्धि से भर जाएँ। हे समस्त लोकों के स्वामी, मेरी प्रार्थना स्वीकार कर। شَرِّفْ دَرَجَتِي بِرِضْوَانِكَ، وَ أَكْمِلْ كَرَامَتِي بِغُفْرَانِكَ، وَ انْظِمْنِي فِي أَصْحَابِ الْيَمِينِ، وَ وَجِّهْنِي فِي مَسَالِكِ الْآمِنِينَ، وَ اجْعَلْنِي فِي فَوْجِ الْفَائِزِينَ، وَ اعْمُرْ بِي مَجَالِسَ الصَّالِحِينَ، آمِينَ رَبَّ الْعَالَمِينَ.

फ़ुटनोट

  1. मदनी शिराज़ी, रियाज़ उस सालेकीन, 1435 हिजरी, भाग 5, पेज 365
  2. ममदूही, शुहूद व शनाख़त, 1388 शम्सी, भाग 3, पेज 297
  3. ममदूही, शुहूद व शनाख़त, 1388 शम्सी, भाग 3, पेज 297-308 शरह दुआ ए चहलो यकुम सहीफ़ा सज्जादिया, साइट इरफ़ान
  4. ममदूही, शुहूद व शनाख़त, 1388 शम्सी, भाग 3, पेज 295-308
  5. फ़हरि, शरह व तफसीर सहीफ़ा सज्जादिया, 1388 शम्सी, भाग 3, पेज 157-160
  6. मदनी शिराज़ी, रियाज़ उस सालेकीन, 1435 हिजरी, भाग 5, पेज 363-382
  7. मुग़्निया, फ़ी ज़िलाल अल सहीफ़ा, 1428 हिजरी , पेज 465-466
  8. दाराबी, रियाज़ उल आरेफ़ीन, 1379 शम्सी, पेज 493-496
  9. फ़ज़्लुल्लाह, आफ़ाक़ अल रूह, 1420 शम्सी, भाग 2, पेज 305-312
  10. फ़ैज़ काशानी, तालीक़ात अलस सहीफ़ा अल-सज्जादिया, 1407 हिजरी, पेज 77
  11. जज़ाएरी, शरह अल-सहीफ़ा अल-सज्जादिया, 1402 हिजरी, पेज 202-203


स्रोत

  • जज़ाएरी, इज़्ज़ुद्दीन, शरह अल-सहीफ़ा अल-सज्जादिया, बैरूत, दार उत तआरुफ लिलमतबूआत, 1402 हिजरी
  • दाराबी, मुहम्मद बिन मुहम्मद, रियाज़ अल आरेफ़ीन फ़ी शरह अल सहीफ़ा सज्जादिया, शोधः हुसैन दरगाही, तेहरान, नशर उस्वा, 1379 शम्सी
  • फ़ज़्लुल्लाह, सय्यद मुहम्मद हुसैन, आफ़ाक़ अल-रूह, बैरूत, दार उल मालिक, 1420 हिजरी
  • फ़हरि, सय्यद अहमद, शरह व तरजुमा सहीफ़ा सज्जादिया, तेहरान, उस्वा, 1388 शम्सी
  • फ़ैज़ काशानी, मुहम्मद बिन मुर्तज़ा, तालीक़ात अलस सहीफ़ा अल-सज्जादिया, तेहरान, मोअस्सेसा अल बुहूस वत तहक़ीक़ात अल सक़ाफ़ीया, 1407 हिजरी
  • मदनी शिराज़ी, सय्यद अली ख़ान, रियाज उस-सालेकीन फ़ी शरह सहीफ़ा तुस साजेदीन, क़ुम, मोअस्सेसा अल-नश्र उल-इस्लामी, 1435 हिजरी
  • मुग़्निया, मुहम्मद जवाद, फ़ी ज़िलाल अल-सहीफ़ा सज्जादिया, क़ुम, दार उल किताब उल इस्लामी, 1428 हिजरी
  • ममदूही किरमानशाही, हसन, शुहूद व शनाख़्त, तरजुमा व शरह सहीफ़ा सज्जादिया, मुकद्मा आयतुल्लाह जवादी आमोली, क़ुम, बूस्तान किताब, 1388 शम्सी