तकवीनी विलायत

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तकवीनी विलायत (अरबोःالولاية التكوينية) अर्थात अस्तित्व और प्राणियों में हस्तक्षेप पर पारलौकिक शक्ति है। ईश्वर के रचनात्मक अधिकार का अर्थ है हर चीज़ को नियंत्रित करने और सभी प्राणियों के मामलों की योजना बनाने की उसकी शक्ति है। शिया संप्रदाय में पैगंबर (स) और इमामों (अ) के संबंध में तकवीनी विलायत का मुद्दा उठाया गया है। इसी प्रकार इस्लामी रहस्यवाद के मुद्दों में से एक है। शिया विद्वानों के साहित्य मे पैगंबर (स) और इमामों के लिए तकवीनी विलायत के अस्तित्व के सिद्धांत को स्वीकार किया गया है; लेकिन उनकी तकवीनी विलायत के दायरे के बारे में दो दृष्टिकोण हैं:

पहले दृष्टिकोण के आधार पर पैगंबर (स) और इमामों की तकवीनी विलायत व्यापक नहीं है बल्कि विशिष्ट मामलों तक ही सीमित है; जैसे कि दूसरों के आंतरिक स्व के बारे में जागरूकता और अस्तित्व में हस्तक्षेप की असाधारण शक्ति। दूसरे दृष्टिकोण के अनुसार, प्राणियों के जीने और मरने सहित अस्तित्व के सभी मामले उनके नियंत्रण में हैं, और भगवान उनके माध्यम से अस्तित्व में लाता हैं।

परिभाषा

दुनिया के अस्तित्व और प्राणियों मे हस्तक्षेप की असाधारण शक्ति को तकवीनी विलायत कहते है। इसका मतलब है कि ईश्वर के पास हर चीज पर नियंत्रण रखने और दुनिया में सभी प्राणियों के मामलों का प्रबंधन करने की शक्ति है[१] या एक व्यक्ति जो आध्यात्मिक पूर्णता तक पहुंच गया है, उसकी अनुमति से, अस्तित्व में असाधारण परिवर्तन कर सकता है।[२]

तकवीनी विलायत के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं: पैगम्बरों और इमामों के चमत्कार और करामात, असाधारण कार्य जैसे तय अल अर्ज़,[३] पानी पर चलना,[४] दूसरों के अंदर की बात जानना,[५] जानवरों से बात करना,[६] आत्मा का शरीर को खाली करना।[७] और आध्यात्मिक शक्ति के माध्यम से प्रकृति मे हस्तक्षेप करना।[८]

तकवीनी विलायत का मुद्दा क्या है?

इस्लामी स्रोतों में, तकवीनी विलायत का मुद्दा मनुष्यों के बारे में अधिक है। इसमे प्रश्न होता है कि क्या मनुष्य तकवीनी विलायत हासिल कर सकता है या नहीं, और यदि हाँ, तो इसका दायरा क्या है।[९]

तकवीनी विलायत का अर्थ यह नहीं है कि एक व्यक्ति दुआ करे और भगवान उसकी दुआ के जवाब में असाधारण चीजें करे;[१०] बल्कि, इसका मतलब यह है कि एक व्यक्ति, भगवान की पूजा अर्चना के परिणामस्वरूप, एक आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करता है जिसके साथ वह प्रकृति मे हस्तक्षेप कर सकता है। हालाकि यह व्यवसाय ईश्वर की अनुमति से होती है।[११]

तकवीनी विलायत की उत्पत्ति

मुर्तज़ा मुताहरी (1919-1979 ईस्वी) के अनुसार, तकवीनी विलायत का मुद्दा एक रहस्यमय मुद्दा है और, शिया दृष्टिकोण से, एक धार्मिक मुद्दा है। लेकिन ऐतिहासिक साक्ष्य कहते हैं कि इस्लामी रहस्यवाद ने इसे शियावाद से लिया है।[१२]

शिया इमामों से हदीसों का वर्णन किया गया है जिसमें अल्लाह की ओर से पैगंबर (स) को तफ़वीज़ (प्रत्यायोजन) होने का उल्लेख किया गया है। इनमें से कुछ हदीसों में प्रत्यायोजन को स्वीकार कर लिया गया है[१३] और कुछ में इसे अस्वीकार कर दिया गया है।[१४]

शोध के आधार पर पहली बार तकवीनी विलायत को तीसरी चंद्र शताब्दी में इस्लामी रहस्यवाद में "विलायत" शीर्षक के तहत उठाया गया था। उसके बाद, इस्लामी रहस्यवाद में, यह हमेशा प्रमुख रहा है जब तक कि यह मोहईउद्दीन अरबी (560-638 हिजरी) तक नहीं पहुंच गया और इसकी विस्तार से व्याख्या नहीं की गई।[१५] वही शोध कहता है कि "तकवीनी विलायत" का संयोजन सबसे पहले, समकालीन सदियों और साहित्य में यह शिया विद्वानों द्वारा प्रस्तावित किया गया है।[१६]

पैगंबर (स) और इमामों की तकवीनी विलायत

शिया विद्वानों का मानना है कि पैगंबर (स) और इमामो के पास तकवीनी विलायत है; लेकिन वे तकवीनी विलायत के विस्तृत होने के बारे में असहमत हैं:

एक समूह का मानना है कि मासूम इमामो के पास प्रकृति मे हस्तक्षेप करना का अधिकार है; लेकिन यह हसत्क्षेप सार्वभौमिक नहीं हैं और असाधारण मामलों में होता हैं। मुर्तज़ा मुताहरी, साफ़ी गुलपाएगानी और जाफ़र सुब्हानी इस श्रेणी से हैं।[१७] उनके अनुसार, तकवीनी विलायत का मतलब यह नहीं है कि सब कुछ मासूम इमामो को सौंप दिया गया है और उनके पास पूरी दुनिया का प्रबंधन है और वे ईश्वर की ओर से ज़िंदा करते है और मारते हैं।[१८] शेख सदूक़ और शेख मुफीद ने प्राणियों के मामलों को पैगंबर और इमामों को सौंपने को ग़ालीयो का विचार मानते हुए उसका खंडन किया है।[१९]

दूसरी ओर, कम्पानी के नाम से प्रसिद्ध मुहम्मद हुसैन ग़रवी इस्फ़हानी और अल्लामा तेहरानी के नाम से ख्याती रखने वाले सय्यद मुहम्मद हुसैन हुसैनी तेहरानी का मानना है कि पैगंबर और इमामों के पास दुनिया के सभी मामलों मे तकवीनी विलायत है और वे ब्राह्माण मे ईश्वर के फ़ैज का वास्ता है।[२०]

फ़ुटनोट

  1. अल्लामा तबातबाई, अल मीज़ान, 1417 हिजरी, भाग 6, पेज 12
  2. सुब्हानी, विलायत तकवीनी व तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 26
  3. रहीमी, बर रसी ततव्वुरे तारीखी विलायते तकवीनी अज़ हकीम तिरमिज़ी ता इब्ने अरबी दर मतूने मंसूर इरफानी, पेज 82
  4. रहीमी, बर रसी ततव्वुरे तारीखी विलायते तकवीनी अज़ हकीम तिरमिज़ी ता इब्ने अरबी दर मतूने मंसूर इरफानी, पेज 82
  5. मताहरी, मजमाआ आसार, 1375 शम्सी, भाग 3, पेज 285-286
  6. रहीमी, बर रसी ततव्वुरे तारीखी विलायते तकवीनी अज़ हकीम तिरमिज़ी ता इब्ने अरबी दर मतूने मंसूर इरफानी, पेज 82
  7. सुब्हानी, विलायत तकवीनी व तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 49-50
  8. सुब्हानी, विलायत तकवीनी व तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 49-50
  9. देखेः मुताहरी, मजमाआ आसार, 1375 शम्सी, भाग 3, पेज 28-286; साफ़ी गुलपाएगानी, विलायत तकवीनी व विलायत तशरीई, 1393 शम्सी, पेज 82, 99-100; सुब्हानी, विलायत तकवीनी व तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 26
  10. साफ़ी गुलपाएगानी, सिलसिला मबाहिस इमामत व महदवीयत, 1391 शम्सी, भाग 1, पेज 43
  11. देखेः मुताहरी, मजमूआ आसार, 1375 शम्सी, भाग 3, पेज 285; सुब्हानी, विलायत तकवीनी व विलायत तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 26
  12. मुताहरी, मजमूआ आसार, 1375 शम्सी, भाग 3, पेज 289
  13. रब्बानी गुलपाएगानी, अली, नक़्शे फाइली इमाम दर निज़ाम आफरीनिश, पेज 20-25
  14. देखेः शेख सदूक़, अल ऐतेकादात, 1414 हिजरी, भाग 1, पेज 100
  15. रहीमी, बर रसी ततव्वुरे तारीखी विलायते तकवीनी अज़ हकीम तिरमिज़ी ता इब्ने अरबी दर मतूने मंसूर इरफानी, पेज 75
  16. रहीमी, बर रसी ततव्वुरे तारीखी विलायते तकवीनी अज़ हकीम तिरमिज़ी ता इब्ने अरबी दर मतूने मंसूर इरफानी, पेज 73
  17. मुताहरी, मजमूआ आसार, 1375 शम्सी, भाग 3, पेज 285-286; साफ़ी गुलपाएगानी, विलायत तकवीनी व विलायत तशरीई, 1393 शम्सी, पेज 99-100; सुब्हानी, विलायत तकवीनी व तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 51
  18. मुताहरी, मजमूआ आसार, 1375 शम्सी, भाग 3, पेज 286; साफ़ी गुलपाएगानी, विलायत तकवीनी व विलायत तशरीई, 1393 शम्सी, पेज 98; सुब्हानी, विलायत तकवीनी व तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, 1385 शम्सी, पेज 51
  19. शेख सदूक़, अल ऐतेकादात, 1414 हिजरी, भाग 1, पेज 97, 100; शेख मुफ़ीद, सिलसिला मोअल्लेफ़ात अल शेख अल मुफ़ीद, 1414 हिजरी, भाग 5, पेज 134
  20. ग़रवी इस्फ़हानी, हाशिया किताब अल मकासिब, 1427 हिजरी, भाग 2, पेज 379; हुसैनी तेहरानी, इमाम शनासी, भाग 5, 1418 हिजरी, पेज 114


स्रोत

  • रब्बानी गुलपाएगानी, अली, नक़श फाइली इमाम दर निज़ाम आफ़रीनिश, दर इंतेज़ार मोऊद, क्रमांक 29. 1388 शम्सी
  • रहीमी, जाफ़र, बर रसी ततव्वुरे तारीख़ी विलायत तकवीनी अज़ हकीम तिमिज़ी ता इब्ने अरबी दर मुतून मंसूल इरफ़ानी, दर मुतालेआत इरफानी, क्रमांक 20, 1393 शम्सी
  • हुसैनी तेहरानी, सय्यद मुहम्मद हुसैन, इमाम शनासी, मशहद, इंतेशारात अल्लामा तबातबाई, 1418 हिजरी
  • सुब्हानी, जाफ़र, विलायत तकवीनी व विलायत तशरीई अज़ दीदगाह इल्म व फ़लसफ़ा, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ), 1385 शम्सी
  • शेख सदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल ऐतेक़ादात, क़ुम, कुंगर शेख मुफ़ीद, दूसरा संस्करण, 1414 हिजरी
  • शेख मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद, सिलसिला मोअल्लेफ़ात अल शेख अल मुफ़ीद, बैरूत, दार अल मुफ़ीद, 1414 हिजरी
  • साफ़ी गुलपाएगानी, लुत्फ़ुल्लाह, सिलसिला मबाहिस इमामत व महदवीयत, क़ुम, दफ्तर तंज़ीम व नशर आसार आयतुल्लाहिल उज़्मा साफ़ी गुलपाएगानी, 1391 शम्सी
  • साफ़ी गुलपाएगानी, लुत्फ़ुल्लाह, विलायत तकवीनी व विलायत तशरीई, क़ुम, दफ्तर तंज़ीम व नशर आसार आयतुल्लाहिल उज़्मा साफ़ी गुलपाएगानी, 1393 शम्सी
  • गरवी इस्फ़हानी, मुहम्मद हुसैन, हाशिया अल मकासिब, क़ुम, ज़ुल कुर्बा, 1427 हिजरी
  • तबातबाई, सय्यद मुहम्मद हुसैन, अल मीज़ान फ़ी तफसीर अल क़ुरआन, दफतर इंतेशारात इस्लामी, पाचवां संस्करण, 1417 हिजरी
  • मुताहरी, मुर्तज़ा, मजमूआ आसार उस्ताद शहीद मुताहरी, सदरा, 1375 शम्सी