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प्रारूप:तवर्रुक

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नमाज़ मे तर्वरुक की हालत

तवर्रुक, शिया न्यायशास्त्र में नमाज़ के आचरण (तरीकों) में से एक विशेष प्रकार के बैठने की मुद्रा को कहते हैं, जिसका मतलब बैठने का एक खास तरीका है जिसमें नमाज़ पढ़ने वाला बाईं जांघ पर बैठता है और दायां पैर बाएं पैर के तलवे पर रखता है।[] न्यायविद इस तरीक़े को तशह्हुद[] के दौरान और दो सजदों[] के बीच मुस्तहब मानते हैं। हालांकि, साहिब जवाहिर के अनुसार, तवर्रुक सिर्फ़ पुरुषों के लिए मुस्तहब है और इसमें महिलाएं शामिल नहीं हैं।[]

एक रिवायत के अनुसार, इमाम सादिक (अ) ने नमाज़ में बैठने का यह तरीका अपनाया, और जब हम्माद बिन ईसा ने इसकी कराहत के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसका कारण बनी इसराइल को बताया।[]

शिया न्यायविद अब्दुल्लाह जवादी आमोली ने इस रिवायत का उल्लेख करते हुए कहा, “اللّهمّ أمِتِ الباطل و أقمِ الحق अल्लाहुम्मा अमेतिल बातिल व अक़ेमिल हक़्क़,”[]तवर्रुक को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक बताया है। उनके अनुसार, दायां पैर सच (धर्म) का और बायां पैर असत्य (अधर्म) का प्रतीक है।[]

कुछ सुन्नी संप्रदाय तशह्हुद में इफ़्तेराश (बायाँ पैर मोड़कर और दायाँ पैर सीधा रखकर बैठना) करने को मुस्तहब मानते हैं।[] अन्य लोग पहले तशह्हुद में इफ़्तेराश और दूसरे तशह्हुद में तवर्रुक को मानते हैं।[]

नमाज़ के क़याम में तवर्रुक, पैरों के बीच शरीर का वजन देना या स्थानांतरित करने के अर्थ में,[१०] और हाथों को जांघों पर आराम देने के अर्थ में, न्यायशास्त्रीय स्रोतों में मकरूह माना जाता है।[११]

फ़ुटनोट

  1. तबातबाई यज़्दी, अल उलवा अल वुस्क़ा, 1419 हिजरी, भाग 2, पेज 574।
  2. मोहक़्क़िक़ हिल्ली, अल मोअतबर फ़ी शरह अल मुख्तसर, 1407 हिजरी, भाग 2, पेज 214 और 228; ख़ूई, शरह उरवा अल वुस्क़ा, 1418 हिजरी, पेज 177 और 347।
  3. अल्लामा हिल्ली, तज़केरतुल फ़ुक़्हा, 1414 हिजरी, भाग 3, पेज 197।
  4. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 10, पेज 182।
  5. हुर्रे आमुली, वसाइल अल शिया, मोअस्सेसा आले अल बैत अलैहेमुस्सलाम ले एहया अल तुरास, भाग 12, पेज 107।
  6. शेख़ सदक़, मन ला याहज़ुर अल फ़क़ीह, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 320।
  7. जवादी आमोली, राज़हाए नमाज़, 1389 शम्सी, पेज 143।
  8. नौवी, अल मज्मूअ, शरह अल मज़हब, दार अल फ़िक्र, भाग 3, पेज 450; मोहक़्क़िक़ हिल्ली, अल मोअतबर फ़ी शरह अल मुख़्तसर, 1407 हिजरी, भाग 2, पेज 228।
  9. मोहक़्क़िक़ हिल्ली, अल मोअतबर फ़ी शरह अल मुख़्तसर, 1407 हिजरी, भाग 2, पेज 228।
  10. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 11, पेज 91; शहीद अव्वल, अल अलफ़िया वन नफ़लिया, 1408 हिजरी; तबातबाई यज़्दी, अल उरवा अल वुस्क़ा, 1420 हिजरी, भाग 3, पेज 38।
  11. अल्लामा हिल्ली, तज़केरतुल फ़ुक़्हा, 1414 हिजरी, भाग 3, पेज 298 और 299।

स्रोत

  • अल्लामा हिल्ली, हुसैन बिन यूसुफ़, तज़केरतुल फ़ुक़्हा, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत अलैहेमुस्सलाम, 1414 हिजरी।
  • ख़ूई, सय्यद अबुल क़ासिम, शरह उर्वा अल वुस्क़ा, शोधः मुहम्मद रज़ा मूसवी ख़लख़ाली, क़ुम, तौहीद प्रकाशन, 1418 हिजरी।
  • जवादी आमोली, अब्दुल्लाह, राज़हाए नमाज़, शोधः हुसैन शफ़ीई, क़ुम, इस्रा प्रकाशन, सौलहवां संस्करण, 1389 शम्सी।
  • तबातबाई यज़्दी, सय्यद मुहम्मद काज़िम, अल उरवा अल वुस्क़ा, शोधः मोअस्सेला अल नश्र अल इस्लामी, जमाअत अल मुदर्रेसीन, अल तब्आ ऊला, 1420 हिजरी।
  • नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जवाहिर अल कलाम, बैरुत, दार ए एहया अल तुरास अल अरबी, सांतवां संस्करण, 1362 शम्सी।
  • नौवी, यह्या बिन शरफ़, अल मजमूअ शरह अल मोहज़्ज़ब, बैरुत, दार अल फ़िक्र, अप्रकाशित तारीख़।
  • मोहक़्क़िक़ हिल्ली, जाफ़र बिन हसन, अल मोअतबर फ़ी शरह अल मुख़्तसर, क़ुम, मोअस्सेसा सय्यद अल शोहदा अलैहिस्सलाम, पहला संस्करण, 1407 हिजरी।
  • शहीद अव्वल, मुहम्मद बिन मक्की, अल अल्फ़िया वन नफ़लिया, क़ुम, मकतब अल आलाम अल इस्लामी, 1408 हिजरी।
  • शेख सदूक़, मुहम्मद बिन अली, मन ला याहज़ुर अल फ़क़ीह, क़ुम, क़ुम जामिया मुदर्रेसीन हौज़ ए इल्मिया से जुड़ा इस्लामिक प्रकाशन ऑफिस, 1413 हिजरी।
  • हुर्रे आमोली, मुहम्मद बिन हसन, वसाइल अल शिया, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल बैत अलैहेमुस्सलाम, ले एहया अल तुरास, अप्रकाशित तारीख़।