क़िबला से इन्हेराफ़
- क़िबला से विचलन लेख: क़िबला की ओर मुह करना (इस्तिक़बाल क़िबला), क़िबला, क़िबला का परिवर्तन, और मुसलमानो का क़िबला वाले लेखों से संबंधित है।
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क़िबला से विचलन (अरबीः الانحراف عن القبلة) एक न्यायशास्त्रीय शब्द (फ़िक्ही इस्तेलाह) है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति का मुह काबा की ओर नही है। क़िबला से भटकने का मुद्दा नमाज़, हज, क़ुरबानी और शौच (रफ़ए हाजत) जैसे मुद्दो के लिए न्यायशास्त्रीय स्रोतों में चर्चा की गई है।
न्यायविदो ने क़िबला से विचलन को कुछ इबादत जैसे कि नमाज़ में क़िबला से विचलन को नमाज़ के अमान्य अथर्त नमाज़ के बातिल होने का कारण मानते हैं। साथ ही उनके फ़तवे के अनुसार शौच करते समय क़िबला से विचलन को वाजिब मानते है।
परिभाषा एवं स्थान
मुसलमानो के यहाँ काबा या जिस दिशा में काबा स्थित है उसे क़िबला कहते हैं।[१] उन्होंने क़िबला से विचलन का अर्थ यह लिया है कि सामान्य रूप से[२] (बौद्धिक और वास्तविक सटीकता के साथ नहीं)[३] किसी व्यक्ति का मुहं काबा की ओर न हो।[४]
न्यायविदों ने इस्लामी धर्म के कई धार्मिक कर्तव्यों, जैसे नमाज़, हज, क़ुरबानी, शौच करते समय के मुद्दो को बयान करते है और इनमे से कुछ मुद्दो मे क़िबला से विचलन को वाजिब समझते है और इसी प्रकार कुछ मे क़िबला की ओर मुहं का ना होने को इबादत के अमान्य बातिल होने का कारण समझते है।[५]
कुछ विद्वानों के अनुसार, नमाज़ के दौरान क़िबला की ओर मुंह का होना और उससे विचलित न होना, ईश्वर की आज्ञा का पालन करने के अलावा, मुसलमानों के बीच एकता का कारण है।[६]
- अधिक जानकारी के लिए, यह भी देखें: क़िबला और इस्तिक़बाले किबला
क़िबला से विचलन के न्यायशास्त्रीय नियम
न्यायविदों ने क़िबला से विचलन को पूजा के कुछ कृत्यों के अमान्य होने का कारण माना और इसे (क़िबला से विचलन को) कुछ कार्यों में वाजिब या हराम माना[७] जिनमें शामिल हैं:
- यदि नमाज़ पढ़ने वाला जानबूझकर क़िबला से इतना विचलित हो जाए कि उसे यह न कहा जाएं कि उसका मुहं क़िबला की ओर है या अपने सिर को दाएँ या बाएँ ओर घुमाए, तो उसकी नमाज़ अमान्य (बातिल) है;[८] लेकिन यदि क़िबला से विचलन अनजाने में हो और 90 डिग्री से कम हो, तो प्रार्थना वैध (सही) है।[९] सिर के थोड़ा विचलन से कोई समस्या नहीं है।[१०]
- क़ुरबानी करते समय, जानवर के शरीर का अगला भाग क़िबला की ओर होना चाहिए,[११] अन्यथा, क़ुरबाननी किया गया जानवर अशुद्ध (नजिस) हो जाता है और उसे खाना हराम है[१२], यदि भूल के कारण या क़िबला की दिशा न जानने के कारण जानवर को क़िबला की ओर करके ज़िब्ह नही किया तो जिब्ह सही है।[१३] इस हुक़्म के प्रमाण को कुछ रिवायतो[१४] और सर्वसहमति[१५] जाना गया है।
- शौच करते समय क़िबला से विचलित होना वाजिब है[१६] और इस अवस्था में क़िबला की ओर मुंह करना और क़िबला की ओर पीठ करना हराम है।[१७]
- काबा की परिक्रमा करते समय यह वाजिब है कि परिक्रमा करने वाले का बायां कंधा काबा की ओर हो[१८] और उससे विचलित न हो।[१९]
फ़ुटनोट
- ↑ राग़िब इस्फ़हानी, मुफ़रेदात अलफ़ाज़ क़ुरआन, 1404 हिजरी, पेज 392; नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 7, पेज 320
- ↑ मोहक़्क़िक़ हिल्ली, अल मोअतबर, 1363 शम्सी, भाग 2, पेज 65; अरदबेली, मज्मा अल-फ़वाइद, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 57; नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 7, पेज 329; रूहानी, फ़िक़्ह अल-सादिक़, 1413 हिजरी, भाग 4, पेज 90
- ↑ मोहक़्क़िक़ हिल्ली, अल मोअतबर, 1363 शम्सी, भाग 2, पेज 65; अरदबेली, मज्मा अल-फ़वाइद, 1416 हिजरी, भाग 2, पेज 57; नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 7, पेज 329; रूहानी, फ़िक़्ह अल-सादिक़, 1413 हिजरी, भाग 4, पेज 90
- ↑ तूसी, अल-ख़िलाफ़, 1418 हिजरी, भाग 1, पेज 295; नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 7, पेज 328; हकीम, मुस्तमसिक अल-उरवा, 1404 हिजरी, भाग 5, पेज 176-179
- ↑ तबातबाई, यज़्दी, अल-उरवा अल-वुस्क़ा, 1419 हिजरी, भाग 2, पेज 310-313; मिशकीनी, मुस्तलेहात अल-फ़िक़्ह, 1392 शम्सी, पेज 415
- ↑ तबातबाई, तफसीर अल-मीज़ान, 1417 हिजरी, भाग 1, पेज 337; मकारिम शिराज़ी, तफसीर नमूना, 1374 शम्सी, भाग 1, पेज 415
- ↑ तबातबाई, यज़्दी, अल-उरवा अल-वुस्क़ा, 1419 हिजरी, भाग 2, पेज 310-313; मिशकीनी, मुस्तलेहात अल-फ़िक़्ह, 1392 शम्सी, पेज 415
- ↑ देखेः यज़्दी, अल-उरवा अल-वुस्क़ा, 1419 हिजरी, भाग 3, पेज 7-9; बनी हाशिम ख़ुमैनी, तौज़ीह अल-मसाइल (मोहश्शी), 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 617
- ↑ देखेः यज़्दी, अल-उरवा अल-वुस्क़ा, 1419 हिजरी, भाग 3, पेज 9; बनी हाशिम ख़ुमैनी, तौज़ीह अल-मसाइल (मोहश्शी), 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 617; बरगशतन व इंहेराफ़ बेदून उज़्र अज़ क़िबला, साइट रस्मी आयतुल्लाह सीस्तानी
- ↑ बनी हाशिम ख़ुमैनी, तौज़ीह अल-मसाइल (मोहश्शी), 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 618
- ↑ मुफ़ीद, अल-मुक़नेआ, 1410 हिजरी, पेज 419 नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 हिजरी, भाग 36, पेज 110; तौज़ीह अल-मसाइल (मोहश्शी), 1424 हिजरी, भाग 2, पेज 573, मस्अला 2594
- ↑ तबरेज़ी, इस्तिफ़्तेआत जदीद, 1384 शम्सी, भाग 1, पेज 398
- ↑ 13. तूसी, अल-ख़िलाफ़, 1418 हिजरी, भाग 8, पेज 319 शहीद सानी, मसालिक अल-इफ़हाम, 1416 हिजरी, भाग 1, पेज 160; नजफी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 36, पेज 111-112; तौज़ीह अल-मसाइल (मोहश्शी), 1424 हिजरी, भाग 2, पेज 573, मस्अला 2594
- ↑ हुर्रे आमोली, वसाइल अल-शिया, 1412 हिजरी, भाग 14, पेज 152-153
- ↑ तूसी, अल-ख़िलाफ़, 1418 हिजरी, भाग 6, पेज 50; नजफ़ी, जवाहिर अल-कलाम, 1362 हिजरी, भाग 36, पेज 110
- ↑ मीरदामाद, शारेह अल-निजात, 1426 हिजरी, पेज 301
- ↑ तूसी, अल-निहाया, 1400 हिजरी, भाग 1, पेज 9-10; अल्लामा हिल्ली, क़वाइद अल-अहकाम, 1413 हिजरी, भाग 1, पेज 180; शहीद सानी, मसालिक अल-इफ़हाम, 1416 हिजरी, भाग 1, पेज 28
- ↑ ख़ुमैनी, मुंतख़ब मनासिक हज, 1426 हिजरी, पेज 142
- ↑ महमूदी, मनासिक हज (मोहश्शी), 1429 हिजरी, पेज 298
स्रोत
- अरदबेली, मजमा अल-फ़वाइद व अल-बुरहान, क़ुम, इंतेशारात इस्लामी, 1416 हिजरी
- बरगश्त व इंहेराफ बेदूने उज़्र अज़ क़िबला, साइट रस्मी आयतुल्लाह सीस्तानी, वीजिट की तारीख 12 उरदीबहिश्त 1403 शम्सी
- बनी हाशमी खुमैनी, सय्यद मुहम्मद हुसैन, तौज़ीह अल-मसाइल (मोहश्शी), क़ुम, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी, आठवां संस्करण, 1424 हिजरी
- तबरेज़ी, जवाद, इस्तिफ़्तेआत जदीद, क़ुम, दार अल-सिद्दीका अल-शहीदा, पहला संस्करण 1384 शम्सी
- हुर्रे आमोली, मुहम्मद बिन हसन, वसाइल अल-शिया, क़ुम, आले अल-बैत (अ), 1412 हिजरी
- हकीम, सय्यद मोहसिन, मुस्तमसिक अल-उरवा अल-वुस्क़ा, क़ुम, मकतब अल-नजफ़ी, 1404 हिजरी
- ख़ुमैनी, सय्यद रुहुल्लाह, मुंतखब मनासिक हज, क़ुम, नशर मशअर, दूसरा संस्करण, 1426 हिजरी
- राग़िब इस्फ़हानी, हुसैन बिन मुहम्मद, मुफ़रेदात अल-फ़ाज़ अल-क़ुरआन, नशर अल किताब, 1404 हिजरी
- रूहानी, मुहम्मद सादिक़, फ़िक़्ह अल-सादिक़, क़ुम, दार अल-किताब, 1413 हिजरी
- शहीद सानी, ज़ैनुद्दीन, मसालिक अल-इफ़हाम एला तन्क़ीह शरायेउल इस्लाम, क़ुम, मआरिफ इस्लामी, 1416 हिजरी
- तबातबाई यज़्दी, सय्याद मुहम्मद काज़िम, अल-उरवा अल-वुस्क़ा (मोहश्शी), गिरदआवरंदेः मोहसिनी सब्ज़वारी, अहमद, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी, क़ुम, पहला संस्करण, 1419 हिजरी
- तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल-ख़िलाफ़, बे कोशिश खुरासानी व दिगरान, क़ुम, नशर इस्लामी, 1418 हिजरी
- तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल-निहाया, बे कोशिश आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, बेरूत, दार अल-किताब अल-अरबी, 1400 हिजरी
- अल्लामा तबातबाई, हसन बिन यूसुफ़, क़वाइद अल-अहकाम फ़ी मारफ़त अल-हलाल वल-हराम, क़ुम, मोअस्सेसा नशर इस्लामी, 1413 हिजरी
- मोहक़्क़िक़ हिल्ली, जाफ़र बिन हसन, अल-मोअतबर, क़ुम, मोअस्सेसा सय्यद अल-शोहदा, 1363 शम्सी
- महमूद, अब्दुर रहमान, मोअजम अल-मुस्तलेहात व अलफ़ाज़ अल-फ़िक़्हीया, क़ाहिरा, दार अल फ़ज़ीलत, 1419 हिजरी
- महमूदी, मुहम्मद रज़ा, मनासिक हज (मोहश्शी), तेहरान, नशर मशअर, 1429 हिजरी
- मिश्कीनी, अली, मुस्तलेहात अल-फ़िक्ह, क़ुम, दार अल-हदीस, 1392 शम्सी
- मुफ़ीद, अल-मुक़नेआ, क़ुम, मोअस्सेसा नशर इस्लामी, 1410 हिजरी
- मीरदामाद, मुहम्मद बाक़िर, शारेअ अल-निजात फ़ी अहकाम अल-इबादात, क़ुम, मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ़ फ़िक़्ह इस्लामी, पहला संस्करण 1426 हिजरी
- नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जवाहिर अल-कलाम, बे कोशिश क़ूचानी व दिगरान, बैरूत दार एहया अल-तुरास अल-अरबी, 1362 शम्सी