लिव इन रिलेशन

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लिव इन रिलेशन अथवा श्वेत विवाह (फ़ारसीःازدواج سفید) पुरुष और महिला के बीच विवाह के ढांचे के बाहर एक प्रकार का भावनात्मक और यौन संबंध है, जिसे पश्चिमी संस्कृति में एक साथ रहना जाना जाता है। शिया न्यायविदों के अनुसार, यह रिश्ता हराम है और इसे शरिया विवाह नहीं माना जाता है; क्योंकि विवाह में आवश्यक शर्तों, जैसे कि विवाह अनुबंध (अक़्द के सीगे) को पढ़ना का पालन नहीं किया जाता है, और महिला तथा पुरूस के पास शरिया विवाह के प्रभावों, जैसे विरासत, गुजारा भत्ता (नफ़्क़ा) और इद्दत के संबंध में दायित्व नहीं होते हैं।

लिव इन रिलेशन अर्थात श्वेत विवाह के लिए ख़यानत में वृद्धि, अवांछित गर्भधारण में वृद्धि, गर्भपात और परिवार की नींव के लिए खतरा जैसे परिणामों का उल्लेख किया गया है। इस तरह की घटना के व्यापक होने का कारण माता-पिता द्वारा अपने बच्चों पर निगरानी की कमी और शादी की बढ़ती उम्र से जुड़ा हुआ है। उन्होंने इससे निपटने के लिए समाधान प्रस्तावित किये हैं; जिसमें विवाह के लिए एक मंच प्रदान करना, रोजगार सृजन और अस्थायी विवाह शामिल है।

लिव इन रिलेशन या एक साथ रहना

लिव इन रिलेशन पुरुष और महिला के बीच एक प्रकार का भावनात्मक और यौन बंधन है, जो शरिया विवाह के नियमों का पालन किए बिना बनता है, जैसे कि विवाह अनुबंध को पढ़ना। इस प्रकार के रिश्ते को सहवास, एक साथ रहना और स्वतंत्र मिलाप के रूप में भी जाना जाता है।[१] कहा जाता हैं कि इस रिश्ते को श्वेत विवाह इसलिए कहा जाता है क्योंकि पुरुष और महिला का विवाहिक जीवन की क़ानूनी और शरई पहचान का प्रमाण पत्र श्वेत रहता है।[२] पश्चिमी संस्कृति में इस रिश्ते को सहजीवन, साथ रहना (cohabitation) कहा जाता है।[३]

इस्लामी विवाह से अंतर

श्वेत विवाह कई मायनों में धार्मिक विवाह से भिन्न है। उदाहरण के लिए, अक़्द का सीग़ा पढ़ना, मेहेर का निर्धारण करना, तलाक़ के बाद इद्दत गुज़ारना और कुंवारी लड़की के लिए अभिभावक (सरपस्त) से अनुमति लेना इत्यादि क़ानूनी और शरई विवाह की बुनयादी शर्ते है जबकि लिव इन रिलेशन मे मौजूद नहीं है[४] इसके अलावा, शरई विवाह के कुछ प्रभाव होते हैं जैसे पति और पत्नी को एक-दूसरे से विरासत मिलना, मेहेर का भुगतान और गुज़ारा भत्ता (नफ़्क़ा) आदि जबकि श्वेत विवाह में यह प्रभाव दिखाई नही देते।[५] इसके अलावा, मोअताती विवाह में भी हालाकि निकाह नही पढ़ा जाता परंतु पुरूष और महिला का इरादा उनकी सहमति होती है उदाहरण स्वरूप कुछ दूसरी निशानीया लेखन या संकेत जैसे अन्य कारकों के माध्यम से किया जाता है।[६]

इतिहास

इस्लामी समाजों में श्वेत विवाह के प्रचलन को पश्चिमी समाजों के प्रभाव के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।[७] ऐसा कहा जाता है कि 1960 के दशक के अंत में, यूरोप और अमेरिका में इसका विकास हुआ, जिसे "यौन क्रांति" के रूप में जाना जाता है, और कई विचलन हुए। यौन आज़ादी के नाम पर फैलाया गया लिव इन रिलेशन उन चीज़ों में से एक माना जाता है जो इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप आम हो गई है और धीरे-धीरे अन्य समाजों में भी फैल गई है।[८]

लिव इन रिलेशन का न्यायशास्त्रिय हुक्म

शिया न्यायविदों के अनुसार, श्वेत विवाह हराम है और व्यभिचार के बराबर है।[९] ख़ामेनई, मकारिम शिराज़ी, नूरी हमदानी, सुब्हानी, शुबैरी ज़ंजानी और साफी गुलपायएगानी जैसे मराज ए तक़लीद से 2017 ई में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, वे श्वेत विवाह को हराम मानते हैं।[१०]

कुछ लोग इस्लामी गणतंत्र ईरान के नागरिक संहिता के अनुच्छेद 1062 का हवाला देते हुए ईरान में श्वेत विवाह को हराम मानते हैं, जिसमें यह निर्धारित है कि विवाह में अनुबंध औपचारिक होना चाहिए।[११]

कारक, परिणाम और समाधान

भावनात्मक ज़रूरतें, परिवारों द्वारा अपने बच्चों के व्यवहार की निगरानी में कमी और उन्हें अस्वीकार करना, और लड़कियों में शादी की बढ़ती उम्र को श्वेत विवाह के प्रसार के कारक माना जाता है।[१२] इसके अलावा, श्वेत विवाह के परिणाम भी बताए गए हैं:

  • परिवार की नींव के लिए खतरा[१३]
  • अवैध संबंधों, अनचाहे गर्भधारण और गर्भपात में वृद्धि;[१४]
  • बच्चे पैदा करने में कमी और संभावित बच्चों और उनके अज्ञात भाग्य की गैर-पहचान;[१५]
  • तलाक़ की संख्या में वृद्धि[१६]
  • मानसिक रोग जैसे नशे आदि मे लिप्त होना[१७]

इस सामाजिक घटना को कम करने के लिए विवाह के लिए आधार प्रदान करना, रोजगार सृजित करना, जिम्मेदारी और अस्थायी विवाह की संस्कृति का निर्माण करना जैसे समाधान प्रस्तुत किए गए हैं।[१८]

फ़ुटनोट

  1. बस्तान, जामेअ शनासी खानवादेह बा निगाही बे मनाबे इस्लामी, 1392 शम्सी, पेज 63; मुहम्मदी असल, जिसीयत व इज़देवाज सफीद, पेज 20
  2. रहमताबादी व कारीज़ी, इज़देवाज सफ़ीद, पयामदहा व खतरात, पेज 79
  3. नुसरती व दिगरान, इजदेवाज सफ़ीद अज़ मंज़रे फ़िक़्ही हुक़ूक़ी, पेज 92
  4. जाफ़रजादा कूचकी व सिद्दीक़ी, बर रसी तफ़ावुतहा व हमसूई हाए इज़देवाज सफ़ीद वा निकाह मुआताती अज़ मंज़रे फ़िक़्ह इमामिया, पेज 15; रशीदी नेज़ाद व वाहिद यारीजान, वुजूह तफ़ावुत व तशाबोह इज़देवाज मोअक़्क़त बा पदीदए इज़देवाज सफ़ीद, पेज 84
  5. अर्जमंद दानिश व दिगरान, माहीयत, मशरूईयत व आसार इज़ेदवाज सफ़ीद, पेज 15
  6. हिदायत निया, निकाह मआताती अज़ मंज़रे फ़िक़्ह, पेज 205; सादेक़ी तेहरानी, रेसाले तौज़ीह अल-मसाइल, नवीन, 1387 शम्सी, पेज 281
  7. मग़रिबी कत्ता शमशीरी व दिगरान, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पेज 46; रहमताबादी व कारीज़ी, इज़देवाज सफ़ीद, पयामदहा व खतरात, पेज 81-82
  8. मग़रिबी कत्ता शमशीरी व दिगरान, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पेज 47; रहमताबादी व कारीज़ी, इज़देवाज सफ़ीद, पयामदहा व खतरात, पेज 81-82; नुसरती व दिगारन, इज़देवाज सफ़ीद अज़ मंज़रे फ़िक्ही हुक़ूक़ी, पेज 90; शकर बेगी व दिगरान, बरखास्त इज्तेमाई इज़देवाज सफ़ीद, पेज 69
  9. दाऊदी, हमबाशी या इज़देवाज सफ़ीद हमान ज़िना अस्त / नज़र आयतुल्लाह शुबैरी ज़िजानी दरबाए मुआतात, साइट शबका ए इज्तेहाद
  10. अर्जमंद दानिश व दिगरान, माहीयत, मशरूईयत व आसार इज़ेदवाज सफ़ीद, पेज 20
  11. मग़रिबी कत्ता शमशीरी व दिगरान, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पेज 50
  12. शकर बेगी व दिगरान, बरखास्त इज्तेमाई इज़देवाज सफ़ीद, पेज 95
  13. मग़रिबी कत्ता शमशीरी व दिगरान, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पेज 57-58 अफ़राज़, इज़देवाज सफ़ीद व पयामदहाए आन, पेज 121
  14. मग़रिबी कत्ता शमशीरी व दिगरान, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पेज 55-57 अफ़राज़, इज़देवाज सफ़ीद व पयामदहाए आन, पेज 121
  15. अफ़राज़, इज़देवाज सफ़ीद व पयामदहाए आन, पेज 122
  16. अफ़राज़, इज़देवाज सफ़ीद व पयामदहाए आन, पेज 122
  17. अफ़राज़, इज़देवाज सफ़ीद व पयामदहाए आन, पेज 122
  18. मग़रिबी कत्ता शमशीरी व दिगरान, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पेज 60-63; आतिश अफरोज़, राहकारहाई फ़िक्ह शिया दर मुवाजेह बा पयामदहाए इज़देवाज सफ़ीद, पाएगाह तखस्सुसी फ़िक्ह हुकूमती वसाइल


स्रोत

  • आतिश अफ़रोज़, मुहर्रम, फ़िक़्ह शिया दर मुवाजेह बा पदीदे इज़देवाज सफडीद, पाएगाह तखस्सुसी फ़िक़्ह हुकूमती वसाइल, प्रविष्ठ की तारीख 22 आज़र 1396 शम्सी, वीजिट की तारीख 8 आज़र 1402 शम्सी
  • अर्जमंद दानिश, जाफ़र, असगर अरबीयान व सय्याद मुहम्ममद रज़ा आयती, माहीयत, मशरूईयत व आसार इज़देवाज सफ़ीद, मजल्ला फ़िक़्ह व मबानी हुक़ूक़ इस्लामी, क्रमांक 4, ज़मिस्तान, 1397 शम्सी
  • अफ़राज़, सबा, इज़देवाज सफ़ीद व पयामदहाए आन, मजल्ला मुतालेआत हुक़ूक़, दौरा जदीद क्रमांक 30, पाईज 1401 शम्सी
  • बसतान, हुसैन, जामेअ शनासी ख़ानवादे बा निगाही बे मनाबे इस्लामी, क़ुम, पुजूहिशगाह हौज़ा व दानिशगाह, 1392 शम्सी
  • जाफ़रजादा कूचकी, अली रज़ा व फ़ातिमा सद्दिक़ी, बररसी तफावुतहा व हमसूईहाए इज़देवाज सफ़ीद बा निकाह मुआताती अज़ मंजरे फ़िक़्ह इमाममिया, हुमाइश पुजुहिशहाए दीनी, उलूम इस्लामी, फ़िक्ह व हुक़ूक़ दर ईरान व जहान इस्लाम, दौरा 2, बहार 1398 शम्सी
  • दाउदी, सईद, हमबाशी या इज़देवाज सफ़ीद हमान ज़िना अस्त / नज़र यतुल्लाह शुबैरी ज़िनजानी दरबार ए मुआतात, साइट शब्का इजतेहाद, प्रविष्ठ की तारीख 14 इस्फंद 1400 शम्सी, वीजिट की तारीख 4 आज़र 1402 शम्सी
  • रहमताबादी, आज़म व इल्हाम कारीज़ी, इज़देवाज सफ़ीद, पयामदहा व खतरात, पुजूहिशहाए नवीन दर गुस्तरे तारीख, फ़रहंग व तमद्दुन शिया, क्रमांक 1, पाईज़ व ज़मिस्तान, 1396 शम्सी
  • रशीदी नेजाद, ज़हरा व यूनिस वाहिद यारीजान, वजूह तफ़ावुत व तशाबो इज़देवाज मोअक्कत बा पदीदे इज़देवाज सफ़ीद, नामा इलाहीयात, क्रमांक 48, पाईज 1398 शम्सी
  • शकर बेगी, आलीया, फ़रज़ाने अमजदी व सईद मअदनी, बरखास्त इज्तेमाई इज़देवाज सफ़ीद, पुजूहिशहाए जामेअ शनाख्ती, चौदहवां साल, क्रमांक 1 व 2, बहार व ताबिस्तान, 1399 शम्सी
  • सादेक़ी तेहरानी, मुहम्मद , रेसाला तौज़ीह अल मसाइल नवीन, तेहरान, उम्मीद फरदा, 1387 शम्सी
  • हिदायत निया, फरजुल्लाह, निकाह मुआताती अज़ मंजरे फ़िक़्ह, मजल्ला मुतालेआत राहबरी ज़नान, क्रमांक 40, ताबिस्तान 1387 शम्सी
  • मुहम्मदी असल, अब्बास, जिनसीयत व इज़देवाज सफ़ीद, मजल्ला गुजारिश क्रमांक 263, मेहेर 1393 शम्सी
  • मगरिबी कत्ता शमशीरी, मुहम्मद जहरा सज्जादी व फ़ातिमा मुख़्लिसी, आसार व पयामदहाए हुक़ूक़ी इज़देवाज सफ़ीद दर ईरान, पुजूहिशहाए इस्लामी ज़न व खानवादे, क्रमांक 1, पाईज़ व ज़िम्सानत 1398 शम्सी
  • नुसरती, अली, सय्यद अबुल क़ासिम हुसैनी व मूसा लशनी, इज़देवाज सफ़ीद अज़ मंजरे फ़िक़्ही हुकूकी, मुतालेआत राहबुरदी ज़नान, क्रमांक 91, बहार 1400 शम्सी