नेजासत खाने वाला जानवर
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कुछ अमली व फ़िक़ही अहकाम |
फ़ुरू ए दीन |
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नेजासत खाने वाला जानवर अथवा जल्लाल (फ़ारसीःحیوان نجساست خوار) हलाल गोश्त जानवर है जो मानव मल खाने का आदी हो गया है। नेजासत खाने वाले जानवर का माँस, दूध, अण्डा खाना हराम है और उसका मल-मूत्र भी नजिस है। नेजासत खाने वाले का इस्तिबरा (पाक खाना खिलाने और नेजासत खाने से बचना) से जल्लाला का हुक्म उस पर से ख़त्म हो जाएगा।
नेजासत खाने वाले जानवरो के इस्तबरा की अवधि अलग-अलग होती है; प्रसिद्ध न्यायशास्त्रियों के मतानुसार ऊँट का इस्तिबरा 40 दिन, गाय का इस्तिबरा 20 दिन, भेड़ का इस्तिबरा 10 दिन, बत्तख का इस्तिबरा 5 दिन तथा मुर्गी का इस्तिबरा 3 दिन का समय लगता है। उन जानवरों के बारे में जिनके लिए हदीसों में एक निश्चित अवधि का उल्लेख नहीं किया गया है, कुछ का मानना है कि जब तक उनसे नेजासत खाने वाली आदत समाप्त नही होती तब तक उनपर जल्लाला के नियम लागू रहेंगे, हालांकि अन्य लोग मुर्गियों और बत्तखों के समान पक्षियों को इस नियम मे उनके साथ भी ऐसा ही मानते हैं अर्थात जो पक्षी बत्तख के समान है उनके इस्तिबरा का समय 5 दिन और जो मुर्गी के समान है उनके इस्तिबरा का समय 3 दिन मानते है।
परिभाषा
हलाल मांस वाला जानवर जो मानव मल (अज़ारा) खाने ता आदी हो जाए, उसे नेजासत खाने वाला या जल्लाला कहा जाता है।[१] अबुल सलाह हलबी को छोड़कर, अधिकांश न्यायविदों के अनुसार, यह विशेषता केवल मानव मल खाने से प्राप्त होती है और अन्य नेजासत खाने से प्राप्त नही होती है।[२] अतीत (460 हिजरी) के न्यायविदों ने जानवर में इस विशेषता की प्राप्ति के लिए आवश्यक समय का उल्लेख नहीं किया है,[३] लेकिन बाद के न्यायविदो के शब्दों में विभिन्न मानदंड बताए गए हैं इस प्रयोजन के लिए विद्वान; दिन-रात मनुष्य का मल खाना,[४] नेजासत खाने से नए मांस की वृद्धि और हड्डियों का मजबूत होना,[५] जानवर के शरीर और त्वचा में खराबी और दुर्गंध का आना,[६] और जनता की द्ष्टि मे जानवर का नेजासत खाने वाला हो जाना,[७] कुछ ऐसे मानदंड हैं जिनका उल्लेख नेजासत खाने वाले जानवर को संदर्भित करने के लिए किया गया है।
हलाल मांस वाले जानवर को नेजासत खाने वाला तभी कहा जाता है और उस पर जल्लाला के अहकाम तभी लागू होते है जब उसका एकमात्र भोजन मानव मल हो।[८]
न्यायशास्त्रीय नियम
न्यायशास्त्र की पुस्तकों में नेजासत खाने वाले जानवर के लिए नियम हैं:
मांस, दूध और अंडे खाने का हुक्म
अधिकांश न्यायविदों के अनुसार, नेजासत खाने वाले जानवर का मांस खाना हराम है; दूसरी ओर, कुछ न्यायविदों का मानना है कि यह घृणित (मकरूह) है।[९] इसके अलावा, नेजासत खाने वाले जानवरों का दूध और अंडे खाना भी हराम माना जाता है; क्योंकि जानवरों का दूध और अंडे, चाहे वह हलाल हो या हराम, हलाल और हराम होना उनके मांस के अधीन हैं।[१०]
यदि हलाल मांस वाला जानवर मानव मल के अलावा अन्य शुद्ध भोजन खाता है, भले ही उसका अधिकांश भोजन उसी नेजासत का हो, तो उसका मांस खाना हराम नहीं, बल्कि मकरूह है।[११]
मूत्र, मल, पसीने और झूठन की अशुद्धता
न्यायशास्त्रियों के अनुसार नेजासत खाने वाले जानवरो का मल-मूत्र नजिस होता है।[१२] हालांकि नेजासत खाने वाले ऊंट के पसीने के संबंध मे न्यायविदो मे मतभेद है, इसलिए अगर नेजासत खाने वाले ऊँट का पसीना किसी चीज़ के संपर्क में आता है, तो कुछ न्यायशास्त्रियों ने इसे पाक करना वाजिब माना है।[१३] लेकिन अधिकांश न्यायविद नेजासत खाने वाले ऊँट के पसीने को पाक मानते हैं।[१४] कुछ शोधकर्ता, हालाँकि नेजासत खाने वाले ऊँट का पसीना पाक माना जाता है, लेकिन उनका मानना है कि नमाज़ पढ़ने वाले को इसे अपने शरीर से निकाल देना चाहिए।[१५] कुछ लेखकों ने अन्य नेजासत खाने वाले जानवरों के पसीने को भी नेजासत और तहारत में नेजासत खाने वाले ऊंट के पसीने मे शामिल करते हुए उनके नियम को समान माना है।[१६]
कुछ न्यायविदो ने नेजासत खाने वाले जानवर के झूठन (शेष पानी या भोजन) को भी नजिस माना है।[१७] अत: अन्य निजसत की भाँति इसके झूठन का खाना हराम है।[१८] इस दृष्टिकोण के विपरीत कुछ न्यायविदो ने निजसात खाने वाले जानवर के झूठन के संबंध मे कोई हुक्म नही दिया है बल्कि उसे खाना मकरूह माना है।[१९]
हज और उमरा के दौरान नेजासत खाने वाले ऊंट पर सवार होना
हज और उमरा के दौरान नेजासत खाने वाले ऊँट पर सवार होना मकरूह माना गया है।[२०]
इस्तिबरा
अगर नेजासत खाने वाले जानवर को कुछ समय के लिए नेजासत खाने से रोका जाए और उसे केवल साफ़ चारा खिलाया जाए, तो नेजासत खाने वाले जानवर के सभी अहकाम ख़त्म हो जाते हैं। न्यायशास्त्र में, इस अधिनियम को इस्तिबरा कहा जाता है।[२१] हालांकि, कुछ न्यायविदों ने नेजासत खाने की विशेषता को खत्म करने के लिए घास की शुद्धता पर विचार नहीं किया है।[२२]
इस्तिबरा की अवधि
अधिकांश न्यायविदों के अनुसार, ऊँट के इस्तिबरा मे 40 दिन, गाय को 20 दिन, भेड़ को 10 दिन, बत्तख को 5 दिन और मुर्गे को 3 दिन लगते हैं।[२३] यह अवधि प्रसिद्ध हदीसो मे उल्लेख हुई है जिसकी रिआयत न्यायविदो ने आवशयक बताई है।[२४] गैर-प्रसिद्ध हदीसों में बत्तख के लिए तीन,[२५] छः,[२६] और सात दिन,[२७] भेड़ के लिए सात[२८] और चौदह दिन,[२९] और एक गाय के लिए तीस दिन,[३०] इस्तबरा की अवधि के रूप में उल्लिखित हैं। जबकि सभी हदीसों में ऊँट के इस्तिबरा की अवधि 40 दिन और मुर्गे के इस्तिबार की अवधि केवल तीन दिन बताई हैं।[३१]
कुछ जानवरों जैसे मुर्गा, टर्की, हंस, तीतर, बटेर और बकरियों के लिए अवधि का रिवायतो में उल्लेख नहीं किया गया है। कुछ न्यायविदों ने अपने फैसले में मुर्गियों और बत्तखों जैसे पक्षियों को एक समान माना है।[३२] लेकिन कुछ अन्य का मानना है कि सभी जानवर जिनके लिए हदीसों में एक विशिष्ट अवधि का उल्लेख नहीं किया गया है, जब तक कि नेजासत खाने की विशेषता समाप्त नहीं हो जाती और उर्फ मे इसे नेजासत खाने की विशेषता के रूप में नहीं जाना जाएगा तब तक नेजासत खाने की आदत बाकी रहेगी।[३३]
फ़ुटनोट
- ↑ अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल अहकाम अल शरीया, 1420 हिजरी, पेज 633; आमोली, जामेअ अल मक़ासिद, 1414 हिजरी, भाग 1, पेज 160
- ↑ अल्लामा हिल्ली, मुखतलफ़ अल शिया, 1413 हिजरी, भाग 8, पेज 313; अर्दाबेली, मजमा अल फ़वाइद वल बुरहान, 1403 हिजरी, भाग 11, पेज 249; नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 36, पेज 271
- ↑ हुसैन अली, बर रसी अहकाम हैवान जल्लाल, 1396 शम्सी, पेज 12
- ↑ फ़ाज़िल मिक़दाद, अल तंक़ीह अल राऐअ, 1404 हिजरी, पेज 36
- ↑ आमोली, जामेअ अल मक़ासिद, 1414 हिजरी, भाग 1, पेज 160; आमोली, मदारिक अल अहकाम, 1411 हिजरी, भाग 1, पेज 130
- ↑ शहीद सानी, मसालिक अल इफ़हाम, 1413 हिजरी, भाग 12, पेज 25
- ↑ अर्दबेली, मजमा अल फवाइद वल बुहान, 1403 हिजरी, भाग 11, पेज 250; सब्ज़ावारी, किफ़ाया अल अहकाम, इंतेशारात महदवी, भाग 2, पेज 603; तबातबाई, रियाज अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 13, पेज 383
- ↑ अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल अहकाम अल शरीया, 1420 हिजरी, पेज 633; आमोली, जामे अल मक़ासिद, 1414 हिजरी, भाग 1, पेज 106
- ↑ नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, दार एहया अल तुरास अल अरबी, भाग 36, पेज 272
- ↑ तबातबाई, रियाज अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 13, पेज 376; हाएरी, किताब अल मनाहिल, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), पेज 624; तबरेज़ी, तंक़ीह मबानी अल इतरा, किताब अल तहारत, 1426 हिजरी, भाग 3, पेज 396
- ↑ अल्लामा हिल्ली, मुखतलफ अल शिया, 1413 हिजरी, भाग 8, पेज 312; शहीद सानी, मसालिक अल इफ़हाम, 1413 हिजरी, भाग 12, पेज 27
- ↑ हल्बी, ग़ुन्यातुल नुज़ूअ, 1417 हिजरी, पेज 40; अल्लामा हिल्ली, तज़केरा अल फ़ुक़्हा, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), भाग 1, पेज 51
- ↑ शेख मुफ़ीद, अल मुक़्नेआ, 1413 हिजरी, पेज 71; शेख तूसी, अल निहाया, 1400 हिजरी, पेज 53
- ↑ देखेः मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शरा ए अल इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 1, पेज 45; अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल अहकाम अल शरीया, 1420 हिजरी, भाग 1, पेज 158; शहीद अव्वल, ज़िकरा अल शिया, 1419 हिजरी, भाग 1, पेज 119-120; हिल्ली, मआलिम अल दीन, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 76
- ↑ ख़ूई, अल तंक़ीह, अल तहारत 2, 1418 हिजरी, पेज 154
- ↑ हिल्ली, नुज़हतुन नाज़िर, 1394 हिजरी, पेज 18-19
- ↑ इब्ने बर्राज, अल मोहज़्ज़ब, 1406 हिजरी, भाग 1, पेज 25; कैदरी, इस्बाह अल शिया, 1416 हिजरी, पेज 25
- ↑ अंसारी, किताब अल मकासिब (अल मोहश्शी), 1410 हिजरी, भाग 1, पेज 188; तबातबाई, क़ुमी, मबानी मिन्हाज अल सालेहीन, 1424 हिजरी, भाग 6, पेज 136
- ↑ मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शरा ए अल इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 1, पेज 8; शहीद अव्वल, अल दुरूस अल शरीया, 1417 हिजरी, भाग 1, पेज 123
- ↑ अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल अहकाम अल शरीया, 1420 हिजरी, भाग 2, पेज 113; शहीद अव्वल, अल दुरूस अल शरीया, 1417 हिजरी, भाग 1, पेज 474; हिल्ली, अल जामेअ लिश शराए, 1405 हिजरी, पेज 230
- ↑ मिश्कीनी, मुस्तलेहात अल फ़िक़्ह, 1419 हिजरी, पेज 62
- ↑ मुकद्दस अर्दबेली, मजमा अल फ़वाइद वल बुरहान, 1403 हिजरी, भाग 11, पेज 255
- ↑ शेख तूसी, अल खिलाफ, 1407 हिजरी, भाग 6, पेज 86; इब्ने बर्राज, अल मोहज़्ज़ब, 1406 हिजरी, भाग 2, पेज 428; मोहक़्क़िक़ हिल्ली, शरा ए अल इस्लाम, 1408 हिजरी, भाग 3, पेज 170-173; अल्लामा हिल्ली, तहरीर अल अहकाम अल शरीया, 1420 हिजरी, भाग 4, पेज 633-635
- ↑ तबताबाई, रियाज़ अल मसाइल, 1418 हिजरी, भाग 13, पेज 386
- ↑ सदूक, मन ला याहज़ुर, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 338 और 339
- ↑ सदूक, मन ला याहज़ुर, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 338 और 339
- ↑ कुलैनी, अल काफ़ी, 14047 हिजरी, भाग 6, पेज 252
- ↑ इब्ने अश्अस, अल जाफरीयात, मकतब अल नबावीया, अल हदीसा, पेज 27
- ↑ कुलैनी, अल काफ़ी, 14047 हिजरी, भाग 6, पेज 252
- ↑ कुलैनी, अल काफ़ी, 14047 हिजरी, भाग 6, पेज 253
- ↑ कुलैनी, अल काफ़ी, 14047 हिजरी, भाग 6, पेज 251 और 253; सदूक़, मन ला याहज़ुर, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 338-339; इब्ने अश्अस, अल जाफ़रीयात, मकतब अल नबावीया, पेज 27
- ↑ अल्लामा हिल्ली, क़वाइद अल अहकाम, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 328; शहीद अव्वल, अल लुम्आ अल दमिश्क़ीया, 1410 हिजरी, पेज 236; अल्लामा हिल्ली, इरशाद अल अज़हान, 1410 हिजरी, भाग 2, पेज 112
- ↑ यज़्दी तबातबाई, अल उरवातुल वुस्क़ा (अल मोहश्शी), 1419 हिजरी, भाग 1, पेज 278
स्रोत
- इब्ने अश्अस, मुहम्मद, अल जाफ़रीयात, तेहरान, मकतब नबावी अल हदीसा
- इब्ने बर्राज, अब्दुल अज़ीज़, अल मोहज़्ज़ब, क़ुम, दफतर इंतेशारात इस्लामी, 1406 हिजरी
- अंसारी, मुर्तज़ा, किताब अल मकासिब (अल-मोहश्शा), क़ुम, मोअस्सेसा मतबूआती दार अल किताब, 1410 हिजरी
- तबरेज़ी, जवाद बिन अली, तंक़ीह मबानी अल इतरता, किताब अल तहारत, क़ुम, दार अल सिद्दीका अल शहीदा सलामुल्लाहे अलैहा, 1426 हिजरी
- हाएरी, सय्यद मुहम्मद, किताब अल मनाहिल, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ)
- हुसैन अली, मुहम्मद अमीन, बर रसी अहकाम हैवान जल्लाल, पायान नामा सतह सह रिश्ता फ़िक़्ह व उसूल, क़ुम, मरकज मुदीरीयत हौजा हाए इल्मीया, 1396
- हिल्बी, हमज़ा बिन अली, ग़ुनयतुन नुज़ूअ एला इल्मी अल उसूल वल फ़ुरूअ, कुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक (अ), 1417 हिजरी
- हिल्ली, मुहम्मद बिन शुजाअ अल कुतान, मआलिम अल दीन, फ़ी फ़िक़्ह आले यासीन, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ), 1424 हिजरी
- हिल्ली, याह्या बिन सईद, अल जामेअ लिश्शराए, क़ुम, मोअस्सेसा सय्यद अल शोहदा अल इल्मीया, 1405 हिजरी
- हिल्ली, याह्या बिन सईद, नुज़हजुन नाज़ेरा फ़ी अल जमअ बैनल अशबाह वन नजाइर, क़ुम, मंशूरात रज़ी, 1394 हिजरी
- ख़ूई, सय्यद अबुल क़ासिम, अल तंक़ीह फ़ी शरह अल उरवातुल वुस्क़ा, अल तहारत 2, क़ुम, 1418 हिजरी
- सब्ज़वारी, मुहम्मद बाक़िर बिन मुहम्मद, किफ़ातुल अहकाम, इस्फहान, इंतेशारात महदवी
- शहीद अव्वल, मुहम्मद बिन मक्की, अल दुरूस अल शरीया फ़ी फ़िक्ह अल इमामीया, क़ुम, दफतर इंतेशारात इस्लामी, 1417 हिजरी
- शहीद अव्वल, मुहम्मद बिन मक्की, अल लुम्आ अल दमिश्कीया फ़ी फ़िक़्ह अल इमामीया, बैरूत, दार अल तुरास, 1410 हिजरी
- शहीद अव्वल, मुहम्मद बिन मक्की, ज़िकरा अल शिया फ़ी अहकाम अल शरीया, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), 1419 हिजरी
- शहीद सानी, जैनुद्दीन बिन अली, मसालिक अल इफहाम, इला तंक़ीह शराए अल इस्लाम, क़ुम, मोअस्सेसा अल मआरिफ़ अल इस्लामीया, 1413 हिजरी
- शेख़ तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल ख़िलाफ़, क़ुम, दफतर इंतेशारात इस्लामी, 1407 हिजरी
- शेख तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल निहाया फ़ी मुजर्रद अल फिक्ह वल फ़तावा, बैरूत, दार अल किताब अल अरबी, 1400 हिजरी
- शेख मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद बिन नौमान, अल मुक़नेआ, क़ुम, कुंगरे जहानी हजारे शेख मुफ़ीद, 1413 हिजरी
- सदूक़, मुहम्मद बिन अली, मन ला याहजुर अल फ़क़ीह, कुम, दफतरे इंतेशारात इस्लामी, 1413 हिजरी
- तबातबाई क़ुमी, सय्यद तक़ी, मबानी मिनहाज अल सालेहीन, क़ुम, मंशूरात कलम अल शरक़, 1426 हिजरी
- तबातबाई यज़्दी, सय्यद मुहम्मद काज़िम, अल उरवातुल वुस्क़ा (अल मोहश्शी), कुम, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी, 1418 हिजरी
- तबातबाई, सय्यद अली, रियाज़ अल मसाइल, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), 1418 हिजरी
- आमोली, अली बिन हुसैन, जामे अल मक़ासिद फ़ी शरह अल कवाइद, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), 1414 हिजरी
- आमोली, मुहम्मद बिन अली, मदारिक अल अहकाम फ़ी शरह इबादात शरा ए अल इस्लाम, बैरूत, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), 1410 हिजरी
- अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, इरशाद अल अज़हान एला अहकाम अल ईमान, क़ुम, दफतरे इंतेशारात इस्लामी, 1410 हिजरी
- अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, तहरीर अल अहकाम अल शरीया अला मज़हब अल इमामीया, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ), 1420 हिजरी
- अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसुफ़, तज़केरा अल फ़ुक़्हा, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ)
- अल्लामा हिल्ली, हसन बिन युसुफ़, मुखतलफ अल शिया फ़ी अहकाम अल शरीया, क़ुम, किताब खाना आयतुल्लाह मरअशी नजफ़ी (र), 1404 हिजरी
- कुलैनी, मुहम्मद बिन याक़ूब, अल काफ़ी, तेहरान, दार अल कुतुब अल इस्लामीया, 1407 हिजरी
- कैदरी, मुहम्मद बिन हुसैन, इस्बाह अल शिया बेमिस्बाह अल शरीया, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ) 1416 हिजरी
- मिश्कीनी, अली, मुस्तलेहात अल फ़िक़्ह, क़ुम, अल हादी, 1419 हिजरी
- मुक़द्दस अर्दबेली, अहमद बिन मुहम्मद, मजमा अल फ़ाएदा वल बुरहान फ़ी शरह इरशाद अल अज़हान, क़ुम, दफ्तर नशर इस्लामी, 1403 हिजरी
- नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जवाहिर अल कलाम फ़ी शरह शराए अल इस्लाम, बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी