तहारत के साथ भ्रमित न हों।

तत्हीर (फ़ारसीःتطهیر) का अर्थ है पाक करना और नेजासत को दूर करना। कुछ चीज़ो जैसे मस्जिद, इमामो के हरम, नमाज़ पढ़ने वाले का शरीर अथवा कपड़े नजिस होने पर फ़ुक़्हा उनको पाक करना वाजिब जानते है। पानी सर्वप्रचलित मुताहेरात है हर नजिस चीज़ को पाक करता है। ज़मीन, सूरज और इस्तेहाला दूसरे मुताहेरात है।

फ़ुक़्हा के फ़तवे के अनुसार नजिस चीज एक बार धोने से पाक हो जाती है; परन्तु क़लील पानी से धोने से मूत्र की नेजासत दो बार धोने से और तीन बार धोने से बर्तन पाक हो जाते है। इसके अलावा, न्यायशास्त्रियों का मानना है कि पानी उसी समय पाक करता है जब पानी मुतलक़ (खालिस) और पाक हो और धोने के दौरान मुज़ाफ़ न हो और धोने के बाद वस्तु में नेजासत बाकी नहीं रहे। अगर इसमें नेजासत की गंध या रंग रह जाए तो कोई मुशकिल नहीं है।

परिभाषा और स्थान

तत्हीर का शाब्दिक अर्थ पाक करना है।[१] न्यायशास्त्रीय चर्चाओं में और नेजासत के खंड में, इसका अर्थ नेजासत को दूर करना है।[२] उपयोग में लाई जाने वाली किसी भी नजिस वस्तु को पाक करना वांछनीय माना जाता है।[३] कुछ न्यायशास्त्री मामलों में, तत्हीर और नेजासत को दूर करना अनिवार्य माना जाता है; उनमें से: मस्जिद,[४] इमाम (अ) के हरम,[५] क़ुरआन,[६] नमाज़ पढ़ने वाले के कपड़े और शरीर[७] और तवाफ़,[८] नमाज़ में सज्दा करने का स्थान,[९] वुज़ू और ग़ुस्ल के आज़ा[१०] मृतक का शरीर और कफ़न इत्यादि।[११]

फ़िक़्ही किताबो में तत्हीर और नेजासत को दूर करने की चर्चा नमाज़ और तहारत के अध्यायों में अधिक होती है।[१२]

इसका भी अध्ययन करेः इज़ाल ए नेजासत

मुताहेरात

मुख्य लेख: मुताहेरात

मुताहेरात उन चीजों को कहा जाता है जो नेजासत को दूर करने या तत्हीर का कारण बनती हैं।[१३] मुताहेरात के विभिन्न प्रकार हैं और ऐसा कहा गया है कि न्यायविदों ने इनकी संख्या बीस तक बताई है।[१४]

कुछ मुताहेरात इस प्रकार हैं: पानी, ज़मीन, सूरज, इस्तेहाला, इंतेक़ाल, इस्लाम (काफिर का मुसलमान होना), नेजासत खाने वाले जानवर का इस्तिबरा (किसी जानवर को नेजासत खाने से रोकना) और मुसलमान का गायब होना।[१५] प्रत्येक इन मामलों के विशिष्ट नियम हैं जिनका न्यायशास्त्र की पुस्तकों में विस्तार से वर्णन किया गया है।[१६]

सबसे महत्वपूर्ण मुताहेरात पानी है; क्योंकि दूसरे मुताहेरात के विपरीत, यह हर नजिस चीज़ को पाक करता है।[१७]

पानी से पाक करने की विधि

सभी मुसलमानों के नजदीक पाक करने के लिए सबसे प्रचलित पानी है।[१८] न्यायशास्त्रियों का कहना है कि यदि कोई वस्तु (बर्तन के अलावा) मूत्र के अलावा किसी अन्य कारण से नजिस हो जाती है, तो नेजासत दूर करने के बाद उसे एक बार (क़लील पानी या मुतलक) धोने से पाक हो जाता है।[१९] लेकिन मूत्र से नजिस किसी चीज को क़लील पानी से पाक करने के लिए दो बार धोना पड़ता है।[२०] फ़ुक़्हा के एक समूह के अनुसार, कपड़े और कालीन की तरह उन्हें निचोड़ना जरूरी है ताकि उनमें बचा हुआ पानी बाहर आ निकल जाए।[२१]

न्यायशास्त्रियों के फ़तवे के अनुसार किसी नजिस बर्तन को क़लील पानी से पाक करने के लिए उसे तीन बार धोना चाहिए;[२२] लेकिन क़ुर या जारी (बहते) पानी से एक बार धोना ही काफी है; मगर यह कि बर्तन शराब या कुत्ते और सूअर द्वारा नजिस न किया गया हो।[२३]

तत्हीर के अहकाम

फ़िक़्ही किताबो मे तत्हीर के बारे में कई अहकाम और मुद्दे बताए गए हैं:

  • तत्हीर मे क़स्दे क़ुरबत की कोई शर्त नहीं है।[२४]
  • कई मामलों में तत्हीर का वुजूब जैसे नमाज़ में कपड़ों का पाक होना या सज्दा करने के स्थान का पाक होना वुजूब मुकद्दमी है;[२५] अर्थात तत्हीर का वुजूब नमाज़ के लिए है ना यह कि कपड़ो का स्वंय पाक होना आवश्यक है।
  • नेजासत को पाक करने वाला पानी मुतलक़ (खालिस) और पाक हो और धोते समय पानी मुज़ाफ़ न हो और धोने के बाद नेजासत वस्तु मे बाकी न रहे।[२६]
  • नजिस चीज उस वक्त तक पाक नही हो सकती जब तक उसमे नेजासत बाकी है। लेकिन अगर उसमे नेजासत की गंध और रंग बाकी रहे तो कोई इशकाल नही है। इस आधार पर अगर कपड़े से खून को निकाल दिया जाए और कपड़े को पानी से पाक किया जाए और उस कपड़े मे खून का रंग बाकी रहे तो कपड़ा पाक है।[२७]
  • पेशाब को पानी के अलावा किसी अन्य चीज से पाक नहीं किया जा सकता है और अगर पेशाब करने के बाद पेशाब के मक़ाम को दो बार (क़लील पानी से) धोया जाए तो पाक हो जाएगा। न्यायविदों के एक समूह का मानना है कि एक बार धोना काफ़ी है।[२८]
  • मल के स्थान को पानी से धोना बेहतर है; लेकिन इसे कागज के तीन टुकड़ों या पत्थर या कपड़े वगैरह से पाक किया जा सकता है।[२९]
  • यदि पैर का तलवा या जूते का निचला भाग ज़मीन के संपर्क में आने से नजिस हो जाए तो उसे ज़मीन पर चलकर पाक किया जाता है; बशर्ते कि ज़मीन पाक और सूखी हो और सभी नेजासत दूर हो जाएँ। इसके अलावा, जमीन मिट्टी, पत्थर, मोज़ाइक, ईंट और इसी तरह की होनी चाहिए।[३०]
  • सूरज कुछ शर्तों के साथ पृथ्वी और इमारत तथा उसमे लगी चीज़े, जैसे कि इमारत में लगा दरवाजा और खिड़की को पाक करता है।[३१]
  • कोई चीज़ जो पहले नजिस थी, यदि व्यक्ति स्वयं उसके पाक होने के बारे में यकीन रखता हो, या दो लोग गवाही दें कि वह नजिस नही है, या उस चीज का मालिक उसके पाक होने के बारे में सूचित करता है, तो उसे पाक माना जाता है।[३२]

इसका भी अध्ययन करें: तख़ल्ली

मोनोग्राफ़ी

  • मुताहेरात दर इस्लाम, महदी बाज़रगान द्वारा लिखित। इस पुस्तक में जैव रासायनिक शुद्धि के माध्यम से और भौतिकी और रसायन विज्ञान कानूनों और गणितीय सूत्रों की मदद से इस्लामी शुद्धता और स्वच्छता के नियमों की जांच की गई है। प्रकाशक: अल-फत्ह: 1359 शम्सी
  • अहकामे मुताहेरात, नेजासात व तख़ल्ली मुताबिक नजराते दवाजदेह तन अज़ मराजे। यह संग्रह फतवाई पुस्तकों की कमियों को दूर करने के लिए शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा लिखा गया है। प्रकाशक: बाक़िर अल उलूम रिसर्च इंस्टीट्यूट, प्रकाशन का वर्ष: 1396 शम्सी।
  • अहकामे मुताहेरातः सय्यद रज़ा मूसवी बायगी और अली तबताबाई द्वारा लिखित। यह पुस्तक न्यायशास्त्रीय स्रोतों जैसे अल-उरवा अल-वुस्क़ा, तहरीर अल-वसीला, मिन्हाज अल-सालेहीन, तौज़ीह अल मसाइल और इस्तिफ़तेआत एंवम मराज ए एज़ाम की विश्वासनीय साइटो पर आधारित एक संग्रह है जिसे इंतेशारात जाएर रज़वी ने प्रकाशिक किया है।


फ़ुटनोट

  1. दहख़ुदा, लुगतनामा, तत्हीर शब्द के अंतर्गत
  2. खूई, अल तंक़ीह, 1418 हिजरी, भाग 2, पेज 276
  3. मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ़ फ़िक़्ह इस्लामी, मोसूआ अल फ़िक़्ह अल इस्लामी, 1387 शम्सी, भाग 10, पेज 289
  4. मुकद्दस अर्दबेली, मजमा अल फ़ाएदा वल बयान, 1403 हिजरी, भाग 1, पेज 325; फ़कीह हमादानी, मिस्बाह अल फ़क़ीह, 1416 हिजरी, भाग 8, पेज 56
  5. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 6, पेज 99
  6. नजफ़ी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 6, पेज 99
  7. नजफी, मजमा अल रसाइल, 1415 हिजरी, पेज 43; इमाम ख़ुमैनी, तहरीर अल वसीला, दार अल इल्म, भाग 1, पेज 119
  8. बहरानी, अल हदाइक अल नाज़ेरा, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी, भाग 16, पेज 86
  9. शहीद अव्वल, अल ज़िकरा, 1377 शम्सी, भाग 1, पेज 14
  10. तबातबाई यज़्दी, अल उरवा अल वुस्क़ा, 1409 हिजरी, भाग 1, पेज 298
  11. नजफी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 4, पेज 251
  12. मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ़ फ़िक़्ह इस्लामी, फ़रंहग फ़िक़्ह फ़ारसी, 1387 शम्सी, भाग 1, पेज 388
  13. मिशकीनी, मुस्तलेहात अल फ़िक़्ह, 1392 शम्सी, पेज 528
  14. मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ़ फ़िक्ह इस्लामी, फरहंग फिक्ह, 1387 शम्सी, भाग 5, पेज 239
  15. तबातबाई यज़्दी, अल उरवा अल वुस्क़ा, 1409 हिजरी, भाग 1, पेज 107-146
  16. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 99
  17. तबातबाई यज़्दी, अल उरवा अल वुस्क़ा, 1409 हिजरी, भाग 1, पेज 107
  18. मुग़नेया, अल फ़िक़्ह अला अल मज़ाहिब अल ख़म्सा, 1421 हिजरी, भाग 1, पेज 28
  19. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 105-106
  20. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 105
  21. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 105
  22. तबातबाई यज़्दी, अल उरवा अल वुस्क़ा, 1409 हिजरी, भाग 1, पेज 109
  23. तबातबाई यज़्दी, अल उरवा अल वुस्क़ा, 1409 हिजरी, भाग 1, पेज 112
  24. नजफी, जवाहिर अल कलाम, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 93
  25. फ़क़ीह हमादानी, मिस्बाह अल फ़क़ीह, 1416 हिजरी, भाग 8, पेज 35
  26. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 99
  27. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 110
  28. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 59
  29. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 59
  30. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 114
  31. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 117
  32. बनी हाशिम, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, 1424 हिजरी, भाग 1, पेज 133


स्रोत

  • इमाम ख़ुमैनी, तहरीर अल वसीला, क़ुम, मोअस्सेसा मतबूआत दार अल इल्म, पहला संस्करण
  • बहरानी, युसुफ़ बिन अहमद, अल हदाइक अल नाज़ेरा फ़ी अहकाम अल इत्रातिल ताहेरा, क़ुम, मोअस्सेसा अल नशर अल इस्लामी अल ताबेअ लेजमाअतिल मुदर्रेसीन
  • बनी हाशिम ख़ुमैनी, सय्य्द मुहम्मद हुसैन, तौज़ीह अल मसाइल मराजे, क़ुम, दाफ्तर इंतेशारात इस्लामी, आठवा संस्करण, 1424 हिजरी
  • ख़ूई, सय्यद अबुल क़ासिम, अल तंक़ीह फ़ी शरह अल उरवा अल वुस्क़ा, तक़रीर मीर्ज़ा अली ग़रवी, क़ुम, पहला संस्करण 1418 हिजरी
  • दहख़ुदा, अली अकबर, लुगत नामा दह खुदा, तेहरान, इंतेशारत दानिशगाह तेहरान, 1377 शम्सी
  • शहीद अव्वल, मुहम्मद बिन मक्की, ज़िकरा अल शिया फ़ी अहकाम अल शरीया, क़ुम, मोअस्सेसा आले अलबैत (अ), पहला संस्करण, 1377 शम्सी
  • तबातबाई यज्दी, सय्यद मुहम्मद काज़िम, अल उरवा अल वुस्क़ा, बैरूत, मोअस्सेसा अल आलमी लिल मतबूआत, दूसरा संस्करण, 1409 हिजरी
  • मिश्कीनी अर्दबेली, अली, मुस्तलेहात अल फ़िक्ह, क़ुम, दार अल हदीस, 1392 शम्सी
  • मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ़ फ़िक़्ह इस्लामी, फ़रहंग फ़िक़्ह, क़ुम, मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ फ़िक़्ह इस्लामी, 1387 शम्सी
  • मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ़ फ़िक़्ह इस्लामी, मोसूआ अल फ़िक्ह अल इस्लामी, क़ुम, मोअस्सेसा दाएरातुल मआरिफ फ़िक़्ह इस्लामी, 1387 शम्सी
  • मुहक़्क़िक़ अर्दबेली, अहमद बिन मुहम्मद, मजमा अल फाएदा वल बयान, क़ुम, मोअस्सेसा अल नश्र अल इस्लामी, पहाल संस्करण, 1403 हिजरी
  • मुगनेया, मुहम्मद जवाद, अल फ़िक़्ह अलल मज़ाहिब अल ख़म्सा, बैरूत, दार अल तियार अल जदीद व दार अल जवाद, दसवां संस्करण, 1421 हिजरी
  • नजफ़ी, मुहम्मद हसन, जाविहर अल कलाम, बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी, सातंवा संस्करण, 1362 शम्सी
  • नजफी, मुहम्मद हसन, मजमा अल रेसाइल (महश्शी), मशहद, मोअस्सेसा साहिब ज़मान (अ), पहला संस्करण 1415 हिजरी
  • हमादानी, आक़ा रज़ा, मिस्बाह अल फ़क़ीह, क़ुम, अल मोअस्सेसा अल जाफ़रीया लेएहया अल तुरास, पहाल संस्करण, 1416 हिजरी