हुसैन मिन्नी वा अना मिन हुसैन

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हुसैन मिन्नी वा अना मिन हुसैन (अरबीःحسين مني وأنا من حسين) हुसैन मुझसे हैं और मैं हुसैन से हूं, इमाम हुसैन (अ) के फ़ज़ाइल के बारे में हदीसी नबवी है जिसे शिया और सुन्नी हदीस स्रोतों में वर्णित किया गया है। इसका सबसे पुराना स्रोत सुन्नी विद्वानों में से एक, इब्ने अबी शैबा (मृत्यु: 235 हिजरी) द्वारा लिखित अल-मुसन्नफ़ है, और इसका उल्लेख पहली बार शिया हदीस स्रोतों में इब्ने क़ूलुवैह (मृत्यु: 368 हिजरी) द्वारा लिखित कामिल अल-ज़ियारात में किया गया है।

कुछ लोगों के अनुसार, यह हदीस पैगंबर (स) और इमाम हुसैन (अ) की आध्यात्मिक एकता को व्यक्त करती है और हुसैन (अ) से मुहब्बत अल्लाह के बीच लोकप्रिय बनाती है और इमाम से शिया इमाम (अ) की पीढ़ी की निरंतरता को इंगित करती है। साथ ही, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अना मिन हुसैन वाक्यांश इस तथ्य को संदर्भित करता है कि इस्लाम का अस्तित्व इमाम हुसैन (अ) के आंदोलन के कारण है।

यह हदीस इमाम हुसैन के हरम के प्रवेश द्वार पर खुदी हुई है।

परिचय और स्थान

"हुसैन मिन्नी" इमाम हुसैन (अ) के फ़ज़ाइल का उल्लेख करने वाली पैगंबर (स) की हदीसों में से एक है। सय्यद हाशिम बहरानी के अनुसार, यह हदीस इमाम हुसैन (अ) के प्रति पैगंबर (स) के प्यार को दर्शाती है और इसे शिया और सुन्नी स्रोतों में बहुत दोहराया गया है।[१] हुसैन मिन्नी वाली हदीस इमाम हुसैन (अ) के हरम के प्रवेश द्वार पर लिखी हुई है।[२] इसके अलावा, यह हदीस इमाम हुसैन (अ) की छह कोनों वाले ज़रीह के स्तंभों पर लिखी गई है।[३]

हदीसी सूत्रों के अनुसार,[४] पैगंबर मुहम्मद (स) ने हुसैन (अ) को एक दावत में जाते समय बच्चों के साथ खेलते हुए देखा। पैगंबर (स) हुसैन (अ) के स्वागत के लिए आगे बढ़े और अपनी बाहें खोलकर उन्हें गले लगा लिया और फिर कहा:

अनुवादः हुसैन मुझसे हैं और मैं हुसैन से हूं, जो हुसैन से मुहब्बत करता है अल्लाह उससे मुहब्बत करता है, हुसैन पैगम्बरों के वंशजों के वंशज हैं।"[५]

हदीसी कंटेंट

इमाम हुसैन (अ) की ज़रीह पर हदीसे हुसैन मिन्नी वा अना मिन हुसैन
काहिरा में इमाम हुसैन मस्जिद में हदीस, हुसैन मिन्नी वा मिन हुसैन के पेट्रोग्लिफ़

कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, इस हदीस के कंटेंट में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:

  • पैगंबर (स) और इमाम हुसैन (अ) की आध्यात्मिक एकता
  • हुसैन (अ) से मुहब्बत करना अल्लाह के बीच उनकी लोकप्रियता का एक कारण है
  • शिया इमामों की पीढ़ी का सिलसिला हुसैन (स) से जारी है।[६]

शाफ़ेई विद्वान मनावी (मृत्यु: 1031 हिजरी) ने इस हदीस की व्याख्या में क़ाज़ी वकीअ से नक़ल किया है कि पैगंबर (स) जानते थे कि हुसैन (अ) और उनकी उम्मत के बीच क्या होने वाला है और इस कारण से केवल हुसैन (अ) का इस रिवायत मे वर्णन किया गया है और यह उल्लेख किया गया है कि हुसैन (अ) अपने प्यार और आक्रामकता और युद्ध में पैगंबर के समान हैं, और उन्होंने अहब्बल्लाह मन अहब्बा हुसैना कहकर इस पर ज़ोर दिया, हुसैन (अ) से मुहब्बत रसूले खुदा से मुहब्बत है और पैगंबर से मुहब्बत अल्लाह से मुहब्बत है।[७]

अहलेबैत पर शोध करने वाले इतिहासकार बाकिर शरीफ क़र्शी (मृत्यु 1433 हिजरी) के अनुसार, अना मिन हुसैन वाक्यांश इस तथ्य को संदर्भित करता है कि इमाम हुसैन (अ) का आंदोलन और उनकी शहादत से इस्लाम धर्म महफ़ूज़ हुआ है, इसलिए पैगंबर के धर्म का अस्तित्व इमाम हुसैन से है।[८]

हदीस के स्रोत और प्रामाणिकता

सबसे पुराना स्रोत जिसमे "हुसैन मिन्नी" की हदीस का वर्णन हुआ है उसके लेखक इब्ने अबी शैबा (मृत्यु: 235 हिजरी) है[९] सुन्नी विद्वान जानते हैं[१०] कि रेजाल शनास विद्वानों ने उन्हें मोअस्सक़ के रूप में पेश किया है।[११] शिया हदीस स्रोतों में, यह हदीस इब्ने कूलुवैह (मृत्यु 368 हिजरी)[१२] की किताब कामिल अल-ज़ियारात में और क़ाज़ी नौमान मग़रिबी (मृत्यु 363 हिजरी) की किताब शरह अल अखबार[१३] और शेख मुफ़ीद (मृत्यु 413 हिजरी) की किताब अल-इरशाद[१४] मे वर्णित है और उनके बाद अन्य रिवाई स्रोतों में उल्लेख किया गया है।[१५] अल्लामा मजलिसी (मृत्यु: 1110 हिजरी) ने कामिल अल-ज़ियारात को शिया फ़ुक़्हा के बीच सबसे विश्वसनीय और प्रसिद्ध माना है।[१६]

कामिल अल ज़ियारात के अनुसार मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह जाफ़र हिम्यरी, अबी सईद हसन बिन अली बिन ज़करिया अदावी बसरी, अब्दुल आला बिन हम्माद बुरसी, वहब, अब्दुल्लाह बिन उस्मान, सईद बिन अबी राशिद और याला आमेरी इस रिवायत के रावी है।[१७]

सुन्नी स्रोतों में, यह हदीस अहमद इब्ने हनबल की मुसनद,[१८] सुनन इब्ने माजा,[१९] सुनन तिर्मिज़ी[२०] और हाकिम नेशाबुरी द्वारा लिखित अल-मुस्तद्रक अलस सहीहैन[२१] में पाई जाती है। हाकिम नेशाबुरी ने इस हदीस को सहीह[२२], हैयसमी[२३] और तिर्मिज़ी[२४] ने हसन माना है।

मोनोग्राफ़ी

आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी के कथन के अनुसार, "हुसैन मिन्नी वा अना मिन हुसैन की शरह" शीर्षक वाली दो पुस्तकें सय्यद दिलदार अली नकवी के पुत्र सय्यद मुहम्मद और मिर्ज़ा मुहम्मद बिन काज़िम हिंदी (मृत्यु: 1289 हिजरी) सय्यद हुसैन बिन सय्यद दिलदार अली नक़वी के शिष्य द्वारा लिखी गई है,[२५] इसके अलावा, कुछ फ़हरिस्त लेखको के अनुसार, मुहम्मद खालीसी ज़ादे (मृत्यु: 1342 शम्सी) ने "हुसैन मिन्नी वा अना मिन हुसैन" नामक एक पुस्तक लिखी जो नजफ़ में प्रकाशित हुई।[२६]

फ़ुटनोट

  1. बहरानी, हिलयातुल अबरार, 1411 हिजरी, भाग 4, पेज 127
  2. रंजबर हुसैनी वा हाएरी, बर रसी ऐतेबार व दलालत हदीस नबवी, हुसैनुम मिन्नी वा अना मिल हुसैन, पेज 7
  3. आयात, रिवायात वा मज़ामीन बे कार रफ़्ते बर रूए ज़रीह जदीद इमाम हुसैन, साइट खबरगुज़ारी फार्स
  4. इब्ने क़ूलावैह, कामिल अल ज़ियारात, 1356 हिजरी, पेज 53
  5. इब्ने क़ूलावैह, कामिल अल ज़ियारात, 1356 हिजरी, पेज 53
  6. रंजबर हुसैनी वा हाएरी, बर रसी ऐतेबार व दलालत हदीस नबवी, हुसैनुम मिन्नी वा अना मिल हुसैन, पेज 8
  7. मनावी, फ़ैज़ अल क़दीर, 1356 हिजरी, भाग 3, पेज 387
  8. क़र्शी, हयात अल इमाम अल हुसैन, 1398 हिजरी, भाग 1, पेज 94; मूसवी गरमारवदी, फ़रहंग आशूरा, 1368 शम्सी, पेज 163
  9. इब्ने अबी शबीह, अल मुसन्निफ़, 1409 हिजरी, भाग 6, पेज 380
  10. रंजबर हुसैनी वा हाएरी, बर रसी ऐतेबार व दलालत हदीस नबवी, हुसैनुम मिन्नी वा अना मिल हुसैन, पेज 9
  11. रंजबर हुसैनी वा हाएरी, बर रसी ऐतेबार व दलालत हदीस नबवी, हुसैनुम मिन्नी वा अना मिल हुसैन, पेज 9
  12. इब्ने क़ूलुवैह, कामिल अल ज़ियारात, 1356 हिजरी, पेज 53
  13. क़ाज़ी नौमान, शरह अल अखबार, 1409 हिजरी, भाग 3, पेज 112
  14. शेख मुफ़ीद, अल इरशाद, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 127
  15. रंजबर हुसैनी वा हाएरी, बर रसी ऐतेबार व दलालत हदीस नबवी, हुसैनुम मिन्नी वा अना मिल हुसैन, पेज 8
  16. मजलिसी, बिहार उल अनवार, 1403 हिजरी, भाग 1, पेज 27
  17. इब्ने क़ूलावैह, कामिल अल ज़ियारात, 1356 हिजरी, पेज 53
  18. इब्ने हंबल, मसनद, 1421 हिजरी, भाग 29, पेज 103
  19. इब्ने माजा, सुनन, 1418 हिजरी, भाग 1, पेज 101
  20. तिरमिज़ी, सुनन, 1419 हिजरी, भाग 5, पेज 658
  21. हाकिम नेशाबूरी, अल मुस्तदरक अलस सहीहैन, 1411 हिजरी, भाग 3, पेज 194
  22. हाकिम नेशाबूरी, अल मुस्तदरक अलस सहीहैन, 1411 हिजरी, भाग 3, पेज 194
  23. हैसमी, मज्मा अल ज़वाइद, 1414 हिजरी, भाग 9, पेज 185
  24. तिरमिज़ी, सुनन, 1419 हिजरी, भाग 5, पेज 658
  25. आक़ा बुजर्ग तेहरानी, अल ज़रीया, 1403 हिजरी, भाग 13, पेज 196
  26. मशार, फहरिस्त किताबहाए चापी अरबी, 1344 शम्सी, पेज 311

स्रोत

  • आयात, रिवायात वा मज़ीन बे कार रफ़्ते बर रूए ज़रीह जदीद इमाम हुसैन, साइट खबरगुज़ारी फ़ार्स, तारीख दर्ज मतलब 15 इस्फंद 1391, तारीख वीजीट 1 खुरदाद 1402
  • आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, मुहम्मद मोहसिन, अल ज़रीया इला तसानीफ़े अल शिया, बैरूत, दार अल अज़्वा, 1403 हिजरी
  • इब्ने अबी शैबाह, अब्दुल्लाह बिन मुहम्मद, अल मुसनिफ़ फ़िल अहादीस वल आसार, रियाज़, मकतब अल रुश्द, 1409 हिजरी
  • इब्ने हंबल, अहमद, मुसनद, बैरूत, मोअस्सेसा अल रिसालत, 1421 हिजरी
  • इब्ने क़ूलावैह, जाफर बिन मुहम्मद, कामिल अल ज़ियारात, नजफ, दार अल मुर्तज़वी, 1356 हिजरी
  • इब्ने माजा, मुहम्मद बिन यज़ीद, सुनन, मकतब अबिल मुआती, 1418 हिजरी
  • बहरानी, सय्यद हाशिम, हिलयातुल अबरार फ़ी अहवाल मुहम्मद वा आले अल अत्हार अलैहेमुस सलाम, क़ुम, मोअस्सेसा मआरिफ़ इस्लामीया, 1411 हिजरी
  • तिरमिज़ी, मुहम्मद बिन ईसा, सुनन, क़ाहेरा, मतबा मुस्तफ़ा अल बाबी अल हलबी, 1395 हिजरी
  • हाकिम नेशाबूरी, अबू अब्दुल्लाह, अल मुसतदरक अलस सहीहैन, बैरूत, दार अल कुतुब अल इल्मीया, 1411 हिजरी
  • रंजबर हुसैनी, मुहम्मद वा माजेदा हाएरी, बररसी ऐतेबार वा दलालते हदीस नबवीः हुसैनो मिन्नी वा अना मिन हुसैन, पुजूहिशनामा मआरिफ हुसैनी, साल 4, क्रमांक 15, पाईज़ 1398 शम्सी
  • शेख मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद बिन नौमान, अल इरशाद फ़ी मारफ़ते हुजाजिल्लाह अलल एबाद, क़ुम, कुंगरा ए शेख मुफ़ीग, 1413 हिजरी
  • क़र्शी, बाकिर शरीफ, हयात अल इमाम अल हुसैन, बैरूत, दार एहया अल तुरास अल अरबी, 1403 हिजरी
  • मशार, खान बाबा, फहरिस्त किताब हाए चापी अरबी, 1344 हिजरी
  • मगरब़ी, नौमान बिन मुहम्मद, शरह अल अखबार फ़ी फ़ज़ाइल अल आइम्मा अल अत्हार अलैहेमुस सलाम, जामेअ मुदर्रेसीन, 1414 हिजरी
  • मनावी, ज़ैनुद्दीन मुहम्मद, फ़ैज़ अल क़दीर, मिस्र, मकतब अल तिजारी अल कुबरा, 1356 हिजरी
  • नौवी, याह्या बिन शरफ, तहज़ीब अल अस्मा वा लुग़ात, दमिश्क़, दार अल रिसाला अल आलमीया, 1430 हिजरी
  • हैसमी, अली बिन अबी बकर, मज्मा अल ज़वाइद व मंबा अल फ़वाइद, क़ाहेरा, मकतब अल कुदसी, 1414 हिजरी