अब्दुल्लाह बिन मिसमा हमदानी
पूरा नाम | अब्दुल्लाह बिन मिसमा हमदानी |
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वंश | हमदान क़बीला |
निवास स्थान | कूफ़ा |
गतिविधियां | कूफ़ा के शियों द्वारा लिखे गए पहले पत्र को इमाम हुसैन (अ) तक पहुचाया |
अब्दुल्लाह बिन मिस्मा हमदानी (अरबी: عبد الله بن مسمع الهمداني) (जीवित 60 हिजरी) कूफ़ा के शियों में से एक थे, जिन्होंने अब्दुल्लाह बिन वाल तैमी के साथ मिलकर मक्का में इमाम हुसैन (अ) के पास कूफ़ा के शियों का पहला पत्र पहुचाया। प्रसिद्ध इतिहासकार, मुहम्मद बिन जरीर तबरी (मृत्यु 310 हिजरी) की किताब तारिख़ अल-उमम वल-मलूक की रिपोर्ट के अनुसार, शिया इतिहासकार अबू मख़नफ़ (मृत्यु 157 हिजरी) द्वारा उद्धृत, मुआविया की मौत की ख़बर (15 रजब 60 हिजरी) सुनने के बाद, कूफ़ा के शिया, शिया बुजुर्गों में से एक सुलेमान बिन सोरद ख़ोज़ाई के घर में से इकट्ठा हुए और उन्होंने उन्हें बताया कि हुसैन (अ) ने यज़ीद के प्रति निष्ठा से इनकार कर दिया, आप हुसैन (अ) और उनके पिता के शिया हैं, अगर आप उनकी मदद करना चाहते हैं, तो उन्हे सूचित करें।[१]
फिर इस समूह ने हुसैन बिन अली (अ) को एक पत्र लिखा और उन्हें कूफ़ा में आमंत्रित किया। मुहम्मद बिन जरीर अल-तबरी के अनुसार, अब्दुल्लाह बिन मिसमअ हमदानी और अब्दुल्लाह बिन वाल ने रमज़ान की 10 तारीख़ 60 हिजरी को मक्का में को इमाम हुसैन (अ) तक उक्त पत्र को पहुचाया।।[२] शिया इतिहासकार शेख़ मुफ़ीद (मृत्यु 413 हिजरी) ने भी इस रिपोर्ट को अपनी किताब अल-इरशाद में उद्धृत किया है और उसमें उन्होने पत्र पहचाने वाले का नाम अब्दुल्लाह बिन मिस्मा हमदानी लिखा है।[३] अख़बार अल-तवाल में, इब्ने कुतैबा दैनुरी (मृत्यु 283 हिजरी), द्वारा उसका नाम ओबैदुल्लाह बिन सबीअ हमदानी ज़िक्र हुआ है।[४]
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फ़ुटनोट
स्रोत
- दैनौरी, अहमद बिन दाऊद, अख़बार अल-तवाल, क़पम, शरीफ़ रज़ी पब्लिशिंग हाउस, 1373 शम्सी।
- शेख़ मुफ़ीद, मुहम्मद, अल-इरशाद फ़ी मारेफ़ते हज्जुल्लाह अलल-इबाद, आल-अल-बैत फाउंडेशन, क़ुम, शेख़ मोफिद हज़ारा कांग्रेस द्वारा संपादित, 1413 हिजरी।
- तबरी, मुहम्मद बिन जरीर, तारीख़ अल उमम वल-मुलूक, बेरूत, अल-अलामी पब्लिशिंग हाउस, 1409 हिजरी।