बाब अल हवाइज

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बाब अल-हवाइज, (अरबी: باب الحوائج) वह जिसके ज़रिये तवस्सुल से दुआ करना ज़रूरतों (मन्नतों) के पूरा करने का कारण बनता है। बाब अल-हवाइज इमाम मूसा काज़िम (अ), हज़रत अब्बास (अ) और अली असग़र (अ) की उपाधियों में से एक है क्योंकि कुछ शियों का मानना ​​है कि इन तीनों लोगों की ओर रुख़ करना और उनके ज़रिये से दुआ करना मन्नत के पूरा होने का कारण बनता है।

बाब अल-हवाइज किसका उपनाम है?

शिया सामान्य संस्कृति में बाब अल-हवाइज, शियों के सातवें इमाम, इमाम मूसा बिन जाफ़र (अ), [१] कर्बला की घटना के शहीदों में से एक अब्बास बिन अली (अ) [२] और अली असग़र (इमाम हुसैन (अ) के छोेटे बेटे जो कर्बला में शहीद हुए थे [३] के लिये प्रयोग किया जाता है। मोहम्मद अली उर्दूबादी (निधन 1380 हिजरी) ने हयात अबी अल-फ़ज़्ल अल-अब्बास पुस्तक में हज़रत अब्बास (अ) के बारे में इस उपनाम की प्रसिद्धि निर्दिष्ट की है। [४] शिया मुज्तहिद मुजतबा तेहरानी, इन तीनों के अलावा, इमाम हुसैन (अ) की बेटी रुक़य्या को भी बाब अल-हवाइज कहा है। [५] बाब अल-हवाइज का अर्थ है ज़रूरतों का द्वार और इसका शाब्दिक अर्थ उस द्वार से है जहां ज़रूरतें (मन्नतें) पूरी होती हैं। [६]

इमाम काज़िम (अ) का उपनाम बाब अल-हवाइज क्यों है?

शियों के 7वें इमाम के लिए बाब अल-हवाइज उपनाम के प्रयोग के लिये कोई हदीस मूल नहीं है। मनाक़िब आले अबी तालिब पुस्तक में इब्न शहर आशोब (मृत्यु 588 हिजरी) के अनुसार, इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) को बग़दाद में कुरैश के मक़बरे में दफ़नाने के बाद, "बाब तीन" नामक प्रवेश द्वार का नाम बदलकर "बाब अल हवायज" कर दिया गया था। [नोट 1] [७] [नोट 2] इसके अलावा, सुन्नी विद्वानों में से एक, इब्न हजर हैतमी (मृत्यु 974 हिजरी) के अनुसार, इमाम काज़िम (अ.स.) इराक़ियों के बीच बाब क़ज़ाइल हवाइज इंदल्लाह (ईश्वर के पास मन्नतों को पूरा करने वाले) प्रसिद्ध थे। [८] शाफ़ेई विद्वानों में से एक, शबलनजी ने भी यह माना है कि इमाम काज़िम (अ.स.) को उन लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बाब अल-हवाइज का उपनाम दिया गया था जो उनसे तवस्सुल करते थे। [९] शिया विश्वकोश के अनुसार, सुन्नी और शिया अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इमाम काज़िम (अ.स.) की क़ब्र की ओर रुख करते हैं। [१०]

फ़ुटनोट

  1. देह ख़ुदा, शब्दकोश, शब्द "बाब अल-हवाईज" के अंतर्गत।
  2. देह ख़ुदा, शब्दकोश, शब्द "बाब अल-हवाईज" के अंतर्गत।
  3. मुहद्दी, फ़रहंग आशूरा, 2008, पृष्ठ 348।
  4. उर्दूबादी, हयात अबी अल-फ़ज़्ल अल-अब्बास, 1436 एएच, पृष्ठ 133।
  5. ज़िक्रे तवस्सुले हज़रत रुक़य्या (स), मोअस्सेसा पजोहिशी फ़ंरहंगी मसाबीह अल-हुदा।
  6. अनवरी, फरहंगेे सुखन, 2013, पृष्ठ 705।
  7. इब्न शहर आशोब, मनाक़िब अल अबी तालिब, 1376 एएच, खंड 3, पृष्ठ 438।
  8. इब्न हजर हैतमी, अल-सवाईक़ अल-मुहरक़ा, क़ाहिरा स्कूल, पृष्ठ 203।
  9. शबलनजी, नूर अल-अबसार, अल-शरीफ़ अल-रज़ी, पृष्ठ 331।
  10. शहीदी, "बाब अल-हवाईज", पेज 11.

स्रोत

  • इब्न हजर हैतमी, अल-सवाइक़ अल-मुहरक़ा फ़िल रद अहल अल-बिदअत वल-जिंदक़ह, क़ाहिरा स्कूल, बी ता।
  • इब्न शहर आशोब, मुहम्मद बिन अली, मनाक़िब आले अबी तालिब, नजफ़, अल-हैदरीया प्रेस, 1376 हिजरी।
  • उर्दूबादी, मुहम्मद अली, अबी अल-फ़ज़्ल अल-अब्बास का जीवन, अल्लामा अल-उर्दूबादी के विश्वकोश में, दार अल-कफ़ील, कर्बला, 1436 एएच।
  • अनवरी, हसन, फ़रहंग बुज़ुर्ग सुख़न, तेहरान, सुख़ुन प्रकाशन, 2013।
  • देह खोदा, अली अकबर, शब्दकोश।
  • शबलनजी, मोमिन बिन हसन, नूर अल-अबसार फ़ी मनाकिब आल-बैत अल-नबी अल-मुख्तार (स), क़ुम, अल-शरीफ अल-रज़ी, बी ता।
  • शहीदी, अब्दुल हुसैन, "बाब अल-हवाईज", दायरतुल मआरिफ़ शिया में, खंड 3, तेहरान, हिकमत प्रकाशन, 2013।
  • मोहद्दीसी, जवाद, फरहंगे आशूरा, क़ुम, मारुफ़ पब्लिशिंग हाउस, 2008।
  • ज़िक्रे तवस्सुल हज़रत रुक़य्या (अ), मसाबीह अल-हुदा सांस्कृतिक अनुसंधान संस्थान।