सामग्री पर जाएँ

सादिक़ (उपनाम)

wikishia से
(सादिक़ से अनुप्रेषित)

यह लेख इमाम सादिक़ अलैहिस सलाम के उपनाम के बारे में है। इमाम (अ) के व्यक्तित्व के बारे में जानने के लिए इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस सलाम देखें।


सादिक़, (अरबी: الصادق) इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस सलाम का सबसे प्रसिद्ध उपनाम है।[] यह उपनाम शियों के छठे इमाम को उनके शब्दों और कर्मों में सच्चाई के कारण दी गई है।[] यह भी कहा जाता है कि उनके जीवन में कोई ग़लती देखने में न आने के कारण उनका उपनाम सादिक़ पड़ा।[]

इमाम सज्जाद अलैहिस सलाम के एक कथन के अनुसार, छठे इमाम को जाफ़रे कज़्ज़ाब से अलग करने के लिए उन्हे सादिक़ कहा जाता था।[] इसी हदीस के अनुसार, शियों के चौथे इमाम अली बिन हुसैन से पूछा गया कि स्वर्ग के लोग छठे इमाम को सादिक़ क्यों कहते हैं, जबकि आप सभी (इमाम) सादिक़ और सच्चे हैं? उन्होने उत्तर दिया: मेरे पिता को उनके दादा, पैग़म्बर (स) ने सूचित किया कि जब मेरा बेटा "जाफ़र बिन मुहम्मद बिन अली इब्न हुसैन" पैदा हो, तो उसे सादिक़ बुलाओ; क्योंकि उसके पांचवें वंश में एक बच्चा होगा जो जाफ़र कहलाएंगा और वह इमामत का झूठा दावा करेगा, वह भगवान की दृष्टि में जाफ़र कज़्ज़ाब और भगवान पर झूठ बांधने वाला होगा।[] किताब एलल अल शराया में भी इस नामकरण का यही कारण बताया गया है।[]

कुछ ने कहा है कि इमाम सादिक़ (अ) को अपने समय के विद्रोह में भाग लेने से बचने के कारण सादिक़ कहा जाता था; क्योंकि उस समय जो कोई भी अपने आसपास लोगों को इकट्ठा करता था और सरकार के खिलाफ़ विद्रोह करता था, उसे झूठा (कज्ज़ाब) कहा जाता था।[] इसी तरह, अबुल फ़रज इस्फ़हानी (284-356 हिजरी) ने अपनी किताब मक़ातिल अल तालेबीन में एक रिवायत वर्णित की है कि मंसूर अब्बासी (हुकूमत: 136-158 हिजरी) ने, जब वह सत्ता में आया, तो छठे शिया इमाम की भविष्यवाणी के सच होने के बाद जो मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह बिन हसन नफ़्से ज़किया की मौत के बारे में थी, उन्हें "सादिक़" (सच्चा) का ख़िताब दिया।[]

इब्ने शहरआशोब माज़ंदरानी ने अपनी किताब मनाक़िब में एक रिपोर्ट बयान की है कि इमाम सादिक़ (अ) को "सादिक़" का उपनाम मंसूर अब्बासी ने तब दिया जब इमाम अली (अ) की क़ब्र के ज़ाहिर होने की भविष्यवाणी सच हो गई।[]

संबंधित पेज

फ़ुटनोट

  1. मजलिसी, जिला अल-उयून, 2002, पृष्ठ 869।
  2. मुज़फ्फर, अल-इमाम अल-सादिक़, 1421 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 190।
  3. मजलिसी, बेहार अल-अनवार, 1363, खंड 47, पृ.33।
  4. क़ुम्मी, मुनतहल-आमाल, 1379, खंड 2, पृष्ठ 1336।
  5. क़ुम्मी, मुनतहल-आमाल, 1379, खंड 2, पृष्ठ 1336।
  6. सदूक़, एलल अल शराया, 1408 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 274।
  7. पाकेटची, "जाफ़र सादिक़ (अ), इमाम", पी. 181।
  8. अबुल फ़रज इस्फ़हानी, मक़ातिल अल तालेबीन, 1385 हिजरी, पृष्ठ 173।
  9. इब्ने शहर आशोब, मनाक़िब, 1379 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 273।

स्रोत

  • इब्ने शहर आशोब, मुहम्मद बिन अली, मनाक़िब आले अबी तालिब, क़ुम, अल्लामा, पहला संस्करण, 1379 शम्सी।
  • अबुल फ़रज इस्फ़हानी, अली बिन हुसैन, मक़ातिल अल तालेबीन, काज़िम अल मुज़फ़्फ़र द्वारा परिचय, क़ुम, दारुल किताब लिल तबाअत व अल नशर, 1965 ईस्वी।
  • पाकेतची, अहमद, "जाफ़र सादिक़ (अ), इमाम", तेहरान, द ग्रेट इस्लामिक इनसाइक्लोपीडिया, खंड 18, द ग्रेट इस्लामिक इनसाइक्लोपीडिया सेंटर, 2010।
  • सदूक़, मुहम्मद बिन अली, एलल अल शराया, बेरूत, इंतेशाराते आलमी, 1408 हिजरी।
  • क़ुम्मी, शेख़ अब्बास, मुनतहल आमाल, क़ुम, दलिल मा प्रकाशन , 2000।
  • मजलिसी, मोहम्मद बाक़िर, बिहारुल अनवार, तेहरान, इस्लामीया प्रकाशन, 1984।
  • मजलिसी, मोहम्मद बाक़िर, जला अल-ओयुन, क़ुम, सरवर, प्रकाशन, 2003।
  • मुज़फ्फ़र, मोहम्मद हुसैन, इमाम अल-सादिक (अ), क़ुम, जामे मुदर्सीन, 1421 हिजरी।