रेसालतुल हुक़ूक़
रेसालतुल हुक़ूक़ | |
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विषय | मानवाधिकारों और दूसरों के प्रति कर्तव्यों को व्यक्त करना |
किस से नक़्ल हुई | इमाम सज्जाद (अ) |
शिया स्रोत | तोह्फ़ अल-उक़ूल, खिसाल, मन ला याहजेरो अल-फक़ीह |
रेसालतुल हुक़ूक़ (अरबी الرسالۃ الحقوق) इमाम सज्जाद (अ) की एक हदीस जो उन पचास अधिकारों (हुक़ूक़) के बारे में है जो मनुष्य की जिम्मेदारी हैं; जैसे कि अल्लाह का अधिकार, पेशवाओ, शरीर के अंगो, रिश्तेदारो और नमाज़, रोज़ा, हज, बलिदान (क़ुर्बानी) और दान (सदक़ा) जैसे कार्य। इस हदीस का सबसे पुराना स्रोत इब्ने शोबा ए हर्रानी (मृत्यु 381 हिजरी) द्वारा लिखित तोह्फ़ अल-उक़ूल हैं, और शेख़ सदूक़ (मृत्यु 381 हिजरी) की तीन किताबें मन ला यहज़रोहुल फ़क़ीह (शियो की चार विशेष किताबो मे से एक), अल-ख़िसाल और अल-अमाली है।
हदीस के विशेषज्ञ इस हदीस को इसके रावीयो और हदीस स्रोतों की विश्वसनीयता के कारण विश्वसनीय मानते हैं। इस रेसाले का अंग्रेजी, फ्रेंच, उर्दू और हिंदी जैसी कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और इस पर कई शरह भी लिखी गई हैं।
संक्षिप्त परिचय
रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद (अ) की एक हदीस है जिसमें उन हक़ों (अधिकारो) का उल्लेख किया गया है जो इंसान की ज़िम्मेदारी हैं, जैसे अल्लाह का हक़, नेताओं के हक़, रिश्तेदारों के हक़ और शरीर के अंगों के हक़ इत्यादि।[१]
अल-ख़िसाल में शेख़ सदूक़ के कथन के अनुसार, इमाम सज्जाद (अ) ने इस हदीस को अपने एक साथी को एक पत्र के रूप में लिखा था।[२]
हदीस और उसके स्रोतों की वैधता
हदीस के विशेषज्ञो ने रेसालतुल हुक़ूक़ के रावीयो की श्रृंखला और प्रामाणिक हदीसी पुस्तकों मे उल्लेख होने के कारण इसे बहुत अधिक विश्वसनीयता प्रदान की है।[३] अबू हम्ज़ा सुमाली ने इमाम सज्जाद (अ) से हदीस बयान की है। कथाकार विज्ञान (इल्मे रेजाल) के शिया विद्वानो ने अबू हम्ज़ा सुमाली को शियो में चुनिंदा, सिक़ह और "भरोसेमंद" व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है।[४]
हदीस के सबसे पुराने स्रोत जिनमें पूरी तरह से वर्णन किया गया है: इब्ने शोबा ए हर्रानी (मृत्यु 381 हिजरी) द्वारा लिखित तोह्फ़ अल-उक़ूल,[५] और शेख़ सदूक़ (मृत्यु 381 हिजरी) की तीन किताबें खिसाल,[६] मन ला यहज़रोहुल फ़क़ीह,[७] अमाली[८] है।
मुस्तदरक अल-वसाइल मे मुहद्दिस नूरी के अनुसार, सैय्यद इब्ने ताऊस (589-664 हिजरी) ने भी हदीस को अपनी पुस्तक फलाह अल-साइल में उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इसे शेख़ कुलैनी द्वारा लिखित पुस्तक रसाइल अल-आइम्मा से बयान किया है।[९] हालांकि यह बात फलाह अल-साइल पुस्तक के मुद्रित संस्करण में नहीं है; लेकिन संशोधन कर्ताओ का कहना है कि यह बात अमुद्रित संस्करण में मौजूद है।[१०] दूसरी बात यह कि शेख़ कुलैनी की किताब रसाइल अल-आइम्मा इस समय लुप्त हो चुकी है।[११]
संसाधनो मे अंतर
हदीस स्रोतों में रेसालातुल हुक़ूक़ के पाठ को मतभेदों के साथ उद्धृत किया गया है। तोहफ़ अल-उक़ूल और ख़िसाल नामक दो पुस्तकों में, हदीस को अधिक विस्तार से प्रस्तुत किया गया है और इसमें एक मुक़द्दमा है जो हदीस के विषयों का सार प्रस्तुत करता है।[१२] यह मुक़द्दमा मन ला यहज़ुरोहु अल-फ़क़ीह और आमाली पुस्तक में मौजूद नहीं है।[१३] इसी प्रकार आमाली नामक किताब में हदीस खुद पर मनुष्य के अधिकार से शुरू होती है;[१४] अन्य तीन किताबों के विपरीत जोकि अल्लाह के अधिकार से शुरू होती हैं।[१५]
अधिकारो की संख्या
तोहफ़ अल-उक़ूल किताब के अनुसार रेसालतुल हुक़ूक़ मे अधिकारो की संख्या पचास हैं। इस पुस्तक में हदीस के अंतिम पैराग्राफ में कहा गया है: "ये पचास अधिकार हैं ..."[१६] जबकि यह वाक्यांश शेख़ सदूक़ के कथन में नहीं पाया जाता;[१७] लेकिन शेख़ सुदूक़ ने भी अधिकारों की संख्या पचास मानी है; क्योंकि उन्होंने ख़िसाल नामक किताब में हदीस के लिए: "अली इब्न अल-हुसैन ने अपने साथियों के लिए पचास अधिकार लिखे।" शीर्षक का च्यन किया है।[१८]
रेसालतुल हुक़ूक़ के पाठ को उद्धृत करने वाले कुछ लेखकों ने इन अधिकारों की संख्या को 51 बताया है।[१९] उन्होंने इसका कारण यह बताया है कि तोहफ़ अल-अकूल में हज के अधिकार का उल्लेख नहीं है; जबकि शेख सुदूक़ ने इसका उल्लेख किया है।[२०] इस मुद्दे के विश्लेषण मे हदीस के एक विद्वान के अनुसार हज का अधिकार हदीस का एक हिस्सा था जिसका वर्णन तोहफ़ अल-उकूल में छूट गया। इन सभी बातो के साथ अधिकारो की संख्या पचास ही है, और इन लेखकों ने अधिकारों की गणना करते समय एक अधिकार की वृद्धि कर दी है।[२१]
विषय
रेसालतुल हुक़ूक़ मे मौजूद पचास अधिकारो को सात श्रेणीयो मे विभाजित किया गया है।
- अल्लाह का अधिकार।
- शरीर के अंगो के अधिकार; जीभ, कान, आँख, हाथ, पैर, पेट और गुप्त अंग।
- क्रियाओं (अफ़्आल) के अधिकार: नमाज़, हज, रोज़ा, दान (सदक़ा), बलिदान (क़ुरबानी)।
- नेताओं (पेशवाओ) के अधिकार: शासक, शिक्षक, स्वामी (दास पर स्वामी का अधिकार)।
- जनता के अधिकार: लोग (शासकों पर जनता का अधिकार), छात्र, पत्नी, दास (स्वामी पर दास का अधिकार)।
- रिश्तेदारों के अधिकार: माता, पिता, बच्चे, भाई।
- दूसरों के अधिकार: जिसने आपको गुलामी से मुक्त किया, वह गुलाम जिसे आपने मुक्त किया, उपकार करने वाला, मुअज्जिन (बांगी), इमामे जमाअत, साथी, पड़ोसी, दोस्त, साथी, संपत्ति, ऋणी, सहयोगी, दावेदार, प्रतिवादी, परामर्श देने वाला, परामर्श लेने वाला, सलाह देने वाला, सलाह देने वाला, बड़ा, छोटा, विंती करने वाला, जिस से तेरी विनती है, तुझे हानि पहुँचाने वाला, सुख पहुँचाने वाला, सहधर्मी, अहले ज़िम्मा।[२२]
अनुवाद
रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद (अ) के फ़ारसी भाषा में कई अनुवाद हैं। इमाम सज्जाद की ग्रंथ सूची में, लगभग 30 फ़ारसी अनुवादों का उल्लेख है।[२३] उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- तरजुमा ए रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद, रज़ा बहताश्त
- तरजुमा ए रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद, सीमा ए मोमेनीन, मुहम्मद सादिक़ कुबादी
- तरजुमा ए रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद, मुहम्मद जवाद मौलवी निया
- तरजुमा ए रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद, अली शेरवानी[२४]
इसके अलावा, कुछ किताबों में इस हदीस का अनुवाद भी किया गया है; जिन मे मुहम्मद बाक़िर कमरे-ई द्वारा शेख़ सदूक़ की किताब ख़िसाल का अनुवाद, जिंदगानी ए अली इब्न अल-हुसैन का जाफ़र शहीदी द्वारा और अहमद जन्नती द्वारा तोहफ़ अल-उक़ूल का अनुवाद है।[२५]
कहा गया है कि मुहम्मद बाक़िर ख़ातूना बादी (मृत्यु 1127 हिजरी) ने सर्वप्रथम फ़ारसी भाषा मे अनुवाद किया है।[२६] इसी प्रकार रेसालतुल हुक़ूक़ का दूसरी भाषाओ जैसे अंग्रेज़ी, फ़ैंच, ग्रीक, उर्दू, ताजिक, अर्मेनियाई, थाई, हिंदी, मलय, सर्बियाई, तागालोग (मनीला) और अम्हारिक (इथियोपिया) मे अनुवाद किया गया है।[२७]
व्याख्याएँ
रेसालतुल हुक़ूक़ पर कई शरह लिखी गई है उनमे से कुछ निम्नलिखित हैः
- हुक़ूक़ अज़ निगाहे इमाम सज्जाद (अ); कुदरतुल्लाह मशाइख़ी
- रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद (अ) ; अली मुहम्मद हैदरी नराक़ी
- तरजुमा वा शरह रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद (अ); मुहम्मद सैपहरी
- हुक़ूक़ ए इस्लामी; इमाम ज़ैनुल-आबेदीन (अ) के रेसालतुल हुक़ूक़ पर आधारित व्यक्तिगत और सामाजिक कर्तव्यों सहित; अली अकबर नासेरी
- तअम्मुलातुन फ़ी रिसालतुल हुक़ूक़ लिल इमाम अली इब्न अल-हुसैन (अ) ; मुहम्मद तकी अल-मुदर्रेसी
- तफ़सील अल-हुक़ूक शरहुन रेवाइयुन अला रेसालतुल हुक़ूक लिल इमाम अल-सज्जाद (अ); मुहम्मद हुसैन अल-रमज़ी अल-तिब्सी
- रेसालतुल हुक़ूक़; सय्यद हसन क़बांची
- अल-माएदा अल-समावीया फ़ी शरह अल-रेसाला अल-सज्जादीया; मासूम बिन रज़ी हुसैनी क़ूहिस्तानी
- शरह रसाल ए हुक़ूक़ हज़रत सज्जाद; मुस्तफ़ा मीर तक़ी
- अल-नहजीन फ़ी शरह रेसालतुल हुक़ूक़ लिल इमाम अली इब्न अल-हुसैन; सालेह बिन महदी सालेही
- रेसालतुल हुक़ूक़; आयतुल्लाह हुसैन अली मुंतज़री
संबंधित लेख
किताब शनासी इमाम सज्जाद (अ), सहीफ़ा सज्जादीया वा रेसाला हुक़ूक़ (किताब)
फ़ुटनोट
- ↑ देखेः इबने शैबा हर्रानी, तोहफुल उक़ूल, 1363 शम्सी, पेज 55-272; सुदूक़, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 564-570; सुदूक़, मन ला याहज़ेरोहुल फ़क़ीह, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 618-625; सुदूक़, अल-अमाली, 1376 शम्सी, पेज 368-375
- ↑ शेख सुदूक़, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 564
- ↑ हुसैनी जलाली, जेहाद ए इमाम सज्जाद, 1382 शम्सी, पेज 293
- ↑ नज्जाशी, रेजाल नज्जाशी, 1365 हिजरी, पेज 115
- ↑ इब्ने शैबा हर्रानी, तोहफ़ुल उक़ूल, 1363 शम्सी, पेज 255-272
- ↑ शेख सुदूक़, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 564-570
- ↑ शेख सूदूक़, मन ला याहजेरो अल-फक़ीह, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 618-625
- ↑ सुदूक़, अल-आमाली, 1376 शम्सी, पेज 368-375
- ↑ मोहद्दिस नूरी, मस्तदरक अल-वसाइल, 1408 हिजरी, भाग 11, पेज 169
- ↑ देखेः मोहद्दिस नूरी, मस्तदरक अल-वसाइल, 1408 हिजरी, भाग 11, पेज 169 (फुटनोट)
- ↑ हुसैनी जलाली, जेहाद ए इमाम सज्जाद, 1382 शम्सी, पेज 289
- ↑ देखेः इबने शैबा हर्रानी, तोहफुल उक़ूल, 1363 शम्सी, पेज 255-256; सुदूक़, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 564-565
- ↑ शेख सूदूक़, मन ला याहजेरो अल-फक़ीह, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 618; सुदूक़, अल-आमाली, 1376 शम्सी, पेज 368
- ↑ देखेः सुदूक़, अल-आमाली, 1376 शम्सी, पेज 368
- ↑ देखेः इबने शैबा हर्रानी, तोहफुल उक़ूल, 1363 शम्सी, पेज 255; सुदूक़, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 566 मन ला याहजेरो अल-फक़ीह, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 618
- ↑ देखेः इबने शैबा हर्रानी, तोहफुल उक़ूल, 1363 शम्सी, पेज 272
- ↑ सुदूक़, अल-खिसाल, 1362 शम्सी, भाग 2, पेज 570; सुदूक़, मन ला याहजेरो अल-फक़ीह, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 625; सुदूक़, अल-आमाली, 1376 शम्सी, पेज 375
- ↑ सुदूक़, मन ला याहजेरो अल-फक़ीह, 1413 हिजरी, भाग 2, पेज 564
- ↑ हुसैनी जलाली, जेहाद ए इमाम सज्जाद, 1382 शम्सी, पेज 294
- ↑ हुसैनी जलाली, जेहाद ए इमाम सज्जाद, 1382 शम्सी, पेज 294
- ↑ हुसैनी जलाली, जेहाद ए इमाम सज्जाद, 1382 शम्सी, पेज 294-297
- ↑ हुसैनी जलाली, जेहाद ए इमाम सज्जाद, 1382 शम्सी, पेज 305-307
- ↑ हबीबी वा शम्सुद्दीनी मुतलक, 1394 शम्सी, पेज 321-324
- ↑ हबीबी वा शम्सुद्दीनी मुतलक, 1394 शम्सी, पेज 321-324
- ↑ सहपहरी, तरजुमा वा शरह रेसालतुल ह़ुक़ूक़ इमाम सज्जाद, 1384 शम्सी, पेज 29-30
- ↑ हुसैनी जलाली, रेसालतुल हुक़ूक़, पेज 707
- ↑ हबीबी वा शम्सुद्दीनी मुतलक, 1394 शम्सी, पेज 329-332
स्रोत
- इब्ने शैया हर्रानी, हसन बिन अली, तोहफ़ अल उक़ूल अन आले अल-रसूल, शोधः अली अकबर गफ़्फ़ारी, क़ुम, जामे मुदर्रेसीन, दूसरा संस्करण, 1363 शम्सी
- हबीबी, सलमान व मुख्तार शम्सुद्दीनी मुतलक़, किताब शनासी इमाम सज्जाद, सहीफ़ा ए सज्जादीया व रेसालतुल हुक़ूक़, तेहरान, मजमा जहानी अहलेबैत (अ), पहला संस्करण, 1394 शम्सी
- हुसैनी जलाली, सय्यद मुहम्मद रज़ा, जेहाद इमाम सज्जाद, तरजुमा मूसा दानिश, मशहद, बुनयाद पुज़ूहिशहाए इस्लामी, पहला संस्करण, 1382 शम्सी
- हुसैनी जलाली, सय्यद मुहम्मद रज़ा, रेसालतुल हुक़ूक़, दानिश नामा जहान इस्लाम, तेहरान, बुनयाद दाएरातुल मआरिफ़ इस्लामी, पहला संस्करण, 1393 शम्सी
- सपहरी, मुहम्मद, तरजुमा वा शरह रेसालतुल हुक़ूक़ इमाम सज्जाद, क़ुम, दार उल इल्म, आठवा संस्करण, 1384 शम्सी
- सुदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल-अमाली, तेहरान, किताबची, छटा संस्करण, 1376 शम्सी
- सुदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल-ख़ेसाल, शोधः अली अकबर गफ़्फ़ारी, क़ुम, जामे मुदर्रेसीन, पहला संस्करण, 1362 शम्सी
- सुदूक़, मुहम्मद बिन अली, मन ला याहजेरोह उल-फ़कीह, शोधः अली अकबर गफ़्फ़ारी, क़ुम, जामे मुदर्रेसीन, दूसरा संस्करण, 1413 हिजरी
- नज्जाशी, अहमद बिन अली, रेजाल नज्जाशी, क़ुम, जामे मुदर्रेसीन, छठा संस्करण, 1365 शम्सी
- मोहद्दिस नूरी, हुसैन बिन मुहम्मद तक़ी, मुस्तदरक अल-वसाइल व मुस्तंबित अल मसाइल, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ), पहला संस्करण, 1408 हिजरी