फ़दक

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यह लेख फ़दक क्षेत्र के बारे में है; इसकी घटना की जानकारी के लिए फ़दक की घटना देखें।
फ़दक का क्षेत्र, मदीना के उत्तर में

फ़दक (अरबी: فدك) ख़ैबर के पास हेजाज़ क्षेत्र में एक उपजाऊ गाँव था, जहाँ यहूदी रहते थे। ख़ैबर युद्ध में यह क्षेत्र बिना किसी लड़ाई के मुसलमानों के हाथ में आ गया था। وَآتِ ذَا الْقُرْ‌بَیٰ حَقَّهُ "व आते ज़ल क़ुर्बा हक़्क़हू" (और रिश्तेदार का हक़ दो) आयत के रहस्योद्घाटन (नुज़ूल) के बाद पैग़म्बर (स) ने उसे अपनी बेटी फ़ातिमा (स) को दे दिया।

पैग़म्बर (स) की मृत्यु के बाद पहले ख़लीफ़ा और फ़ातिमा (स) के बीच फ़दक के अधिकार (मालेकियत) को लेकर विवाद हो गया, जिसे फ़दक की घटना के नाम से जाना जाता है। अबू बक्र ने ख़िलाफ़त के पक्ष में फ़दक को जब्त कर लिया और इसी मुद्दे के कारण फ़ातिमा का विरोध हुआ। उमय्या और अब्बासिया काल के दौरान फ़दक भी ख़लीफ़ाओं के हाथों में था। हांलाकि, कुछ समय बाद, कुछ उमय्या और अब्बासिया ख़लीफ़ाओं ने इस क्षेत्र को फ़ातिमा के बच्चों को लौटा दिया; हालाँकि, बाद में ख़लीफ़ाओं ने इसे वापस ले लिया।

फ़दक सऊदी अरब के हाएल प्रांत में स्थित है और इसे "वादी ए फ़ातिमा" के नाम से जाना जाता है और इसके पेड़ों को "बोस्ताने फ़ातिमा" कहा जाता है। इस क्षेत्र में मस्जिदें और कुएं भी हैं, जिन्हें "मस्जिदे फ़ातिमा" और "उयून फ़ातिमा" के नाम से जाना जाता है।

फ़दक क्षेत्र के बगीचों का एक चित्र

भौगोलिक स्थिति एवं ऐतिहासिक महत्व

फ़दक हेजाज़ में एक भूमि थी[१] और मदीना से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर।[२] यह क्षेत्र इस्लाम के आरम्भ में यहूदियों का निवास था[३] और इसे ख़ैबर के युद्ध में बिना किसी संघर्ष के मुसलमानों को दे दिया गया था।[४] और पैग़म्बर (स) ने इसे फ़ातिमा (स) को दे दिया था।[५] पैग़म्बर की मृत्यु के बाद फ़दक के अधिकार पर विवाद ने शिया और सुन्नी विद्वानों के लेखन में इस संबंध में व्यापक बहस का कारण बना दिया[६] और इस विषय पर विशिष्ट पुस्तकें भी लिखी गईं।[७] साथ ही, अलग-अलग कालों में इसे लेकर शासकों की प्रतिक्रिया भी सामने आई।[८]

फ़दक क्षेत्र का मूल्य

इस्लाम के आगमन के दौरान फ़दक क्षेत्र में कई बगीचे और ताड़ के पेड़ थे।[९] इब्ने अबी अल-हदीद मोतज़ेली (मृत्यु: 656 हिजरी) ने शिया विद्वानों में से एक के हवाले से कहा कि फ़दक के ताड़ के पेड़ों का मूल्य उस समय कूफ़ा शहर के ताड़ के पेड़ बराबर था, जो विशाल उपवनों से लाभ उठाने वाले समृद्ध शहरों में से एक रहा है।[१०] सूत्रों के अनुसार, यहूदी दूसरे ख़लीफ़ा के काल तक फ़दक में रहते थे; लेकिन उसने उन्हें इस क्षेत्र को छोड़ने के लिए मजबूर किया।[११] यह वर्णन किया गया है कि जब उमर बिन खत्ताब ने यहूदियों को हेजाज़ से निष्कासित कर दिया, तो उसने उन्हें फ़दक के आधे मूल्य के लिए 50 हज़ार दिरहम का भुगतान किया।[१२] स्रोतों में, ईश्वर के पैग़म्बर (स) के समय में फ़दक की वार्षिक आय 24 हज़ार दीनार[१३] से 70 हज़ार तक होने का अनुमान दिया गया है।[१४]

फ़दक कालक्रम
शाबान 6 हिजरी इमाम अली (अ) का फ़दक पर हमला[१५]
सफ़र 7 हिजरी ख़ैबर की विजय[१६]
सफ़र या रबीअ अव्वल वर्ष 7 हिजरी यहूदियों द्वारा पैगंबर (स) को फ़दक देना
14 ज़िल-हिज्जा, 7 हिजरी फ़ातिमा ज़हरा (स) को फ़दक देना[१७]
रबीअ अव्वल 11 हिजरी अबू बक्र के आदेश से फ़दक का ज़ब्त करना
लगभग 30 हिजरी उस्मान द्वारा फ़दक का मारवान को सौंपना[१८]
40 हिजरी के बाद मुआविया द्वारा मारवान,[१९] अम्र बिन उस्मान और यज़ीद के बीच फ़दक का विभाजन
लगभग 100 हिजरी उमर इब्ने अब्दुल अज़ीज़ द्वारा हज़रत फ़ातिमा (स) के बच्चों को फ़दक की वापसी
101 हिजरी के बाद यज़ीद बिन अब्दुल मलिक द्वारा फिर से कब्ज़ा
लगभग 132 से 136 तक पहले अब्बासी ख़लीफ़ा सफ़्फ़ाह[२०] द्वारा वापसी
लगभग 140 मंसूर अब्बासी[२१] द्वारा फिर से क़ब्ज़ा
लगभग 160 मेहदी अब्बासी[२२] के आदेश पर वापसी
लगभग 170 हादी अब्बासी के आदेश पर फिर से क़ब्ज़ा
210 हिजरी मामून अब्बासी[२३] के आदेश पर वापसी
(232-247) मुतवक्किल अब्बासी[२४] के आदेश पर फिर से क़ब्ज़ा
248 हिजरी मुन्तसिर अब्बासी[२५] के आदेश पर वापसी

फ़दक पर मुसलमानों का क़ब्ज़ा

ख़ैबर की लड़ाई में पैग़म्बर (स) द्वारा ख़ैबर क्षेत्र और उसके किलों पर विजय प्राप्त करने के बाद, फ़दक के किलों और खेतों में रहने वाले यहूदियों ने पैग़म्बर (स) के पास प्रतिनिधि भेजे और समझौता करने के लिए सहमत हुए। तय हुआ कि ज़मीन का आधा हिस्सा उनके लिए होगा। इसलिए, फ़दक बिना लड़े या संघर्ष किये मुसलमानों के हाथ में आ गया।[२६] आय ए फ़य के अनुसार, जो संपत्तियाँ युद्ध के बिना प्राप्त की जाती हैं, उन्हें फ़य कहा जाता है और पैग़म्बर (स) को अधिकार है जिन्हें वह उचित समझें वह संपत्ति सौंप सकते हैं।[२७] शिया[२८] और सुन्नी[२९] स्रोतों के अनुसार, रिश्तेदारों के अधिकार देने के बारे में सूर ए इस्रा की आयत 26 के रहस्योद्घाटन (नुज़ूल) के साथ (وَآتِ ذَا الْقُرْ‌بَیٰ حَقَّهُ व आते ज़ल क़ुर्बा हक़्क़हू),[३०] पैग़म्बर (स) ने फ़ातिमा (स) को फ़दक दे दिया था।

फ़डक के मालिकाना हक़ को लेकर विवाद

मुख्य लेख: फ़दक की घटना

पैग़म्बर (स) की मृत्यु के बाद, फ़दक के मालिकाना हक़ को लेकर विवाद हुआ। इस घटना में, अबू बक्र ने फ़ातिमा (स) से फ़दक ले लिया और ख़िलाफ़त के लाभ के लिए इसे ज़ब्त कर लिया।[३१] अबू बक्र का तर्क था कि पैग़म्बर विरासत नहीं छोड़ते हैं और उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पैग़म्बर (स) से यह बात सुनी है।[३२]

ख़ुत्बा ए फ़दक में, फ़ातिमा (स) ने अबू बक्र के शब्दों को क़ुरआन के विपरीत कहा[३३] और इमाम अली (अ) और उम्मे ऐमन को गवाह के रूप में लाईं कि पैग़म्बर (स) ने अपनी मृत्यु से पहले फ़दक को उन्हें सौंप दिया था।[३४] अबू बक्र ने स्वीकार कर लिया और एक कागज़ लिखा ताकि कोई फ़दक को न छू सके। जब फ़ातिमा (स) सभा से बाहर चली गईं, तो उमर बिन खत्ताब ने लेखनी ले ली और उसे फाड़ दिया।[३५]

इमाम अली (अ) के मुक़दमे की विफलता के बाद, फ़ातिमा (स) मस्जिद गईं और एक उपदेश दिया जो जो ख़ुत्बा ए फ़दक (फ़ेदकिया) के नाम से प्रसिद्ध है।[३६]

उमय्या और अब्बासिया काल के दौरान भी फ़दक ख़लीफ़ाओं के हाथों में था। हांलाकि, उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ उमवी,[३७] सफ़्फ़ाह[३८] और मामून अब्बासी[३९] जैसे कुछ ख़लीफ़ाओं ने इसे फ़ातिमा के बच्चों को लौटा दिया था। मुतावक्किल अब्बासी (शासनकाल: 247-232 हिजरी) ने मामून के आदेश से पहले फ़दक को पछली अवस्था में करने का आदेश जारी किया।[४०]

फ़दक के अवशेष

फ़दक, सऊदी अरब के हाएल प्रांत में स्थित है। इस क्षेत्र में, "अल-हाएत" नाम का एक शहर स्थापित किया गया है।[४१] फ़दक क्षेत्र को "वादी ए फ़ातिमा" के नाम से जाना जाता है और इसके पेड़ों को "बोस्ताने फ़ातिमा" कहा जाता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में मस्जिदें और कुएं भी हैं, जिन्हें "मस्जिदे फ़ातिमा" और "उयूने फ़ातिमा" के नाम से जाना जाता है।[४२] इस क्षेत्र के घर और मीनारें खंडहर में बदल गए हैं और इसके अधिकांश ताड़ के पेड़ सूख गए हैं।[४३] वर्ष 1387 शम्सी (2007) में, ईरान इस्लामी गणराज्य के अकबर हाशमी रफ़्संजानी ने अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ इसका दौरा किया था।[४४]

मोनोग्राफ़ी

फ़दक के बारे में लिखी गई कुछ पुस्तकें इस प्रकार हैं:

  • फ़दक वल अवाली अव अल हवाएत अल सबआ फ़िल किताब वल सुन्नत अल तारीख़ अल अदब, सय्यद मुहम्मद बाक़िर हुसैनी जलाली (जन्म 1324 शम्सी) द्वारा लिखित, इस पुस्तक में, फ़दक का इतिहास, इसकी भौगोलिक स्थिति, फ़दक की कहानी, साथ ही हदीस और इससे संबंधित धार्मिक विषयों पर चर्चा की गई है।[४५] इस पुस्तक को वर्ष 1385 शम्सी में किताबे साले विलायत के रुप में चुना गया था।[४६]
  • फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, ग़ुलाम हुसैन मजलिसी कोपाई द्वारा लिखित, यह पुस्तक वर्ष 1388 शम्सी में 290 पृष्ठों में प्रकाशित हुई थी।[४७] इसमें अकबर हाशमी रफ़्संजानी और उनके प्रतिनिधिमंडल की मक्का यात्रा और फ़दक की यात्रा की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।[४८]

फ़ोटो गैलरी

फ़ुटनोट

  1. याक़ूत हमवी, मोजम अल-बुल्दान, 1995 ईस्वी, खंड 4, पृष्ठ 238।
  2. google maps
  3. बलादी, मोजम मआलिम अल-हेजाज़, 1431 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 206 और 205 और खंड 7, पृष्ठ 23।
  4. तबरी, तारीख़ अल-उम्म व अल-मुलूक, 1387 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 15।
  5. सियूति, अल दुरुल मंसूर, दारुल मारेफ़ा, खंड 5, पृष्ठ 273।
  6. उदाहरण के लिए देखें, मजलिसी, बिहारुल अनवार, 1403 हिजरी, खंड 29, पृष्ठ 124-125; सुब्हानी, फ़ोरोग़े वेलायत, 1380 शम्सी, पृष्ठ 219; तबरसी, अल-एहतेजाज, 1403 हिजरी, खंड 1, पृ. 107, 108; फ़ख़्रे राज़ी, मफ़ातिहुल ग़ैब, 1420 हिजरी, खंड 29, पृष्ठ 506; इब्ने अबी अल-हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, 1404 हिजरी, खंड 16, पृष्ठ 284; बोख़ारी, सहीह बोख़ारी, 1422 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 79।
  7. उदाहरण के लिए देखें, सद्र, फ़दक फ़ी अल-तारीख़, 1415 हिजरी; हुसैनी मिलानी, फ़दक दर फ़राज़ व नशेब, 1386 शम्सी; हस्नी, फ़दक व बाज़ताबहाए तारीख़ी व सयासी, 1372 शम्सी।
  8. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क, 1415 हिजरी, खंड 45, पृष्ठ 178, 179; बलाज़री, फ़ोतूह अल-बुलदान, 1956 ईस्वा, पृ. 37, 38, 41; अल्लामा हिल्ली, नहजुल हक़, 1982 ईस्वी, पृष्ठ 357।
  9. याक़ूत हमवी, मोजम अल बुलदान, 1995 ईस्वी, खंड 4, पृष्ठ 238।
  10. इब्ने अबी अल-हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, 1404 हिजरी, खंड 16, पृष्ठ 236।
  11. मरजानी, बेहजा अल-नोफ़ूस, 2002 ईस्वी, खंड 1, पृष्ठ 438।
  12. जौहरी बसरी, अल सक़ीफ़ा व फ़दक, 1401 हिजरी, पृष्ठ 98।
  13. कुतुब रावंदी, अल-ख़राएज व अल-जराएह, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 113।
  14. इब्ने ताऊस, कशफ़ अल-मोहजा, 1370 हिजरी, पृष्ठ 124।
  15. तिबरी, तारीखुल उमम वल मुलूक, भाग 2, पेज 642
  16. इब्ने हेशाम, अस-सीरातुन नबावीया, भाग 2, पेज 341
  17. मक़रीज़ी, इम्ताउल असमाअ, भाग 13, पेज 149
  18. इब्ने अबिल हदीद, शरह नहजुल बलाग़ा, भाग 16, पेज 216
  19. अल्लामा हिल्ली, नहजुल हक़ वा कश्फुस-सिद्क़, पेज 357
  20. मोहसिन अमीन, आयानुश-शिया, भाग 1, पेज 318
  21. अल्लामा हिल्ली, नहजुल हक़ वा कश्फुस-सिद्क़, पेज 357
  22. बलाज़रि, फ़ुतूहुल बुलदान, भाग 1, पेज 37
  23. बलाज़रि, फ़ुतूहुल बुलदान, भाग 1, पेज 38
  24. इब्ने असीर, अल-कामिल फ़ित-तारीख़, भाग 7, पेज 116
  25. याक़ूते हम्वी, मोजमुल बुलदान, 1995 ई, ज़ेले माद्दा ए फ़िदक, पेज 238
  26. मोक़रेज़ी, इम्ता अल-अस्मा, 1420 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 325।
  27. फ़ख़्रे राज़ी, मफ़ातिहुल ग़ैब, 1420 हिजरी, खंड 29, पृष्ठ 506; तबातबाई, अल-मीज़ान, 1417 हिजरी, खंड 19, पृष्ठ 203।
  28. उदाहरण के लिए देखें, अय्याशी, तफ़सीरे अय्याशी, 1380 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 287; कूफ़ी, तफ़सीरे फ़ोरात, 1410 हिजरी, पृष्ठ 239, हदीस. 322; क़ुमी, तफ़सीरे क़ुमी, 1404 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 18; तबरसी, मजमा उल-बयान, 1372 शम्सी, खंड 8, पृष्ठ 478।
  29. सियूति, अल दुर्रुल मंसूर, दारुल मारेफ़ा, खंड 5, पृष्ठ 273; मुत्तक़ी हिंदी, कन्ज़ुल-उम्माल, 1401 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 767; इब्ने अबी अल-हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, 1404 हिजरी, खंड 16, पृष्ठ 216; कुंडोज़ी, यनाबी उल मोवद्दा, 1422 हिजरी, पृष्ठ 138 और 359।
  30. सूर ए इस्रा, आयत 26.
  31. शेख़ मुफ़ीद, अल-मुक़नेआ, 1410 हिजरी, पृष्ठ 289 और 290।
  32. बलाज़री, फ़ोतुह अल-बुल्दान, 1956 ईस्वी, पृष्ठ 40 और 41।
  33. तबरसी, अल-एहतेजाज, 1403 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 102।
  34. हल्बी, अल-सीरा अल-हलबिया, 1971 ईस्वी, खंड 3, पृष्ठ 512।
  35. हल्बी, अल-सीरा अल-हलबिया, 1971 ईस्वी, खंड 3, पृष्ठ 512।
  36. एरबली, कशफ़ उल-गुम्मा, 1421 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 353-364।
  37. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क, 1415 हिजरी, खंड 45, पृष्ठ 178 और 179; बलाज़री, फ़ोतूह अल-बुल्दान, 1956 ईस्वी, पृष्ठ 41।
  38. अल्लामा हिल्ली, नहजुल हक़, 1982 ईस्वी, पृष्ठ 357।
  39. बलाज़री, फ़ोतूह अल-बुल्दान, 1956 ईस्वी, खंड 1, पृ. 37 और 38।
  40. बलाज़री, फ़ोतूह अल-बुल्दान, 1956 ईस्वी, खंड 1, पृष्ठ 38।
  41. जाफ़रयान, आसारे इस्लामी मक्का व मदीना, 1384 शम्सी, पृष्ठ 396।
  42. मजलिसी कोपाई, फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, 1388 शम्सी, पृष्ठ 248 और 250।
  43. मजलिसी कोपाई, फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, 1388 शम्सी, पृष्ठ 281।
  44. मजलिसी कोपाई, फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, 1388 शम्सी, पृष्ठ 286-0-28।
  45. "फ़ातिमा (स) की चिंता भविष्यवक्ता की विरासत को बचाने की थी/ फ़ातिमी उपदेश पर एक ऐतिहासिक नजर", मेहर समाचार एजेंसी।
  46. दबीर खाने किताबे साले वेलायत, पेज़वाक हक़, 1386 शम्सी, पृष्ठ 89-95।
  47. मजलिसी कोपाई, फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, 1388 शम्सी, पुस्तक आईडी पृष्ठ को देखें।
  48. मजलिसी कोपाई, फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, 1388 शम्सी, पृष्ठ 247।

स्रोत

  • इब्ने अबी अल-हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, मुहम्मद अबुलफ़ज़ल इब्राहीम द्वारा शोध, क़ुम, आयतुल्ला मर्शी नजफ़ी लाइब्रेरी, 1404 हिजरी।
  • इब्ने ताऊस, सय्यद अली इब्ने मूसा, कशफ़ुल मोहजा ले समरते अल मोहजा, नजफ़, अल-मतबआ अल-हैदरिया, 1370 हिजरी।
  • इब्ने असाकर, अली इब्ने हसन, तारीख़े मदीना दमिश्क, बैरूत, दारुल फ़िक्र, पहला संस्करण, 1415 हिजरी।
  • बोख़ारी, मुहम्मद बिन इस्माइल, सहीह बोखारी (अल-जामेअ अल-मुस्नद सहीह अल-मुख्तसर मिन उमूर रसूलुल्लाह (स) और सुन्न व अय्यामा), मुहम्मद ज़ुहैर बिन नासिर द्वारा शोध, बैरुत, दार तौक़ अल-नेजात, पहला संस्करण, 1422 हिजरी।
  • बलादी, आतिक़ बिन ग़ैस, मोजम मआलिम अल-हेजाज़, दारुल मक्का/मोअस्सास ए अल रेयान, 1431 हिजरी।
  • बलाज़री, अहमद बिन यह्या बिन जाबिर, फ़ोतूह अल-बुल्दान, सलाहुद्दीन अल-मुंजद का शोध, क़ाहिरा, मकतबा अल-नहज़ा अल-मिस्रिया, 1956 ईस्वी।
  • जाफ़रयान, रसूल, आसारे इस्लामी मक्का व मदीना, तेहरान, मशअर, तीसरा संस्करण, 1384 शम्सी।
  • जौहरी बसरी, अबू बक्र अहमद बिन अब्दुल अज़ीज़, अल-सकिफ़ा व फदक, शोध: मोहम्मद हादी अमिनी, तेहरान, मकतबा अल-नैनवा अल-हदीसा, 1401 हिजरी।
  • "फ़ातिमा (स) की चिंता भविष्यवक्ता की विरासत को बचाने की थी/ फ़ातिमी उपदेश पर एक ऐतिहासिक नजर", मेहर समाचार एजेंसी, 9 बहमन 1398 शम्सी को सम्मिलित लेख, 4 तीर 1402 शम्सी को देखा गया।
  • हस्नी, अली अकबर, फ़दक व बाज़ताबहाए तारीख़ी व सयासी आन, क़ुम, कुंगरे हज़ारा शेख़ मुफ़ीद, 1372 शम्सी।
  • सुब्हानी, जाफ़र, फ़ोरोग़े वेलायत: तारीखे तहलीली ज़िन्देगानी ए अमीर मोमिनन अली (अ), क़ुम, मोअस्सास ए इमाम सादिक़ (अ), 6वां संस्करण, 1380 शम्सी।
  • सियूति, जलालुद्दीन, अल-दुर अल-मंसूर फ़ी अल-तफ़सीर अल-मासूर, बैरूत, दारुल मारेफ़ा लित तबाआ अल नश्र, बी ता।
  • शेख़ मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद बिन नोमान, अल-मुक़नआ, क़ुम, मोअस्सास ए अल-नश्र अल-इस्लामी, दूसरा संस्करण, 1410 हिजरी।
  • सद्र, मुहम्मद बाक़िर, फदक फ़िल तारीख़, अब्दुल जब्बार शरारा का शोध, मरकज़े अल-ग़दीर सेंटर लिद दरासात अल इस्लामिया, 1415 हिजरी।
  • तबातबाई, सय्यद मोहम्मद हुसैन, अल-मीज़ान, इंतेशाराते जामेअ मुदर्रेसीन, क़ुम, 1417 हिजरी।
  • तबरसी, फज़ल बिन हसन, अल-इहतेजाज अला अहले अल-लोजाज, मोहम्मद बाक़िर खोरसान द्वारा शोध और सुधार, मशहद, नश्रे मुर्तज़ा, प्रथम संस्करण, 1403 हिजरी।
  • तबरसी, फ़जल बिन हसन, मजमा उल-बयान फ़ी तफ़सीर अल-कुरान, तेहरान, नासिर खोस्रो, 1372 शम्सी।
  • तबरी, मुहम्मद बिन जरीर, तारीख़ अल उम्म व अल मुलूक, मुहम्मद अबुलफज़ल इब्राहीम द्वारा शोध, बेरूत, दारुल तोरास, 1387 हिजरी/1967 ईस्वी।
  • अल्लामा हिल्ली, अल-हसन बिन यूसुफ, नहजुल हक़ व कशफ़ुल सिद्क़, बेरूत, दार अल-किताब अल-लेबनानी, 1982 ईस्वी।
  • अय्याशी, मोहम्मद बिन मसऊद, तफ़सीरे अय्याशी, हाशिम रसूली द्वारा शोध, तेहरान, मकतबा अल इल्मिया अल इस्लामिया, प्रथम संस्करण, 1380 हिजरी।
  • फ़ख़्रे राज़ी, मुहम्मद बिन उमर, मफ़ातिहुल ग़ैब, दारुल एहिया अल-तोरास अल-अरबी, तीसरा, बेरूत, 1420 हिजरी।
  • कुतुब रावंदी, सईद बिन हिबतुल्लाह, अल-ख़राएज व अल-जराएह, क़ुम, मोअस्सास ए अल-इमाम अल-महदी (अ), 1409 हिजरी।
  • कूफ़ी, फ़ोरात बिन इब्राहीम, तफ़सीरे फ़ोरात, तेहरान, वेज़ारते फ़र्हंग व इरशादे इस्लामी, पहला संस्करण, 1410 हिजरी।
  • मुत्तक़ी हिंदी, अली बिन हेसामुद्दीन, कन्ज़ उल-उम्माल फ़ी सुनन अल-अक़वाल वा अल-अफ़आल, बकरी हयानी और सफ़वा अल-सक्क़ा द्वारा शोध, मोअस्सास ए अल रेसाला, 5वां संस्करण, 1401 हिजरी।
  • मजलिसी कोपाई, ग़ुलाम हुसैन, फ़दक अज़ ग़सब ता तख़रीब, क़ुम, दलीले मा, 1388 शम्सी।
  • मजलिसी, मोहम्मद बाक़िर, बिहारुल अनवार, बेरूत, दारुल एहिया अल-तोरास अल-अरबी, दूसरा संस्करण, 1403 हिजरी।
  • मिरजानी, अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मलिक, बहजा अल-नोफ़ूस व अल-असरार फ़ी तारीख़दार हिजरा अल-नबी अल-मुख्तार, बेरुत, दार अल ग़र्ब अल-इस्लामी, पहला संस्करण, 2002 ईस्वी।
  • मिक़रेज़ी, इम्ता उल-अस्मा बेमा लिन 'नबी मिनल अहवाल व अल-अमवाल वा अल-हिफ़दा वा अल-मताआ, बेरूत, दारुल किताब अल-इल्मिया, पहला संस्करण 1420 हिजरी।
  • हुसैनी मिलानी, सय्यद अली, फ़दक दर फ़राज़ व नशेब; एक सुन्नी विद्वान के जवाब में फ़दक पर एक शोध, क़ुम, अल-हक़ाएक़, 1386 शम्सी।
  • याक़ूत हम्वी, याक़ूत बिन अब्दुल्लाह, मजमा उल-बुल्दान, बेरूत, दार सादिर, दूसरा संस्करण, 1995 ईस्वी।