सामग्री पर जाएँ

1 रमज़ान

wikishia से
5. शाबान 6. रमज़ान 7. शव्वाल
1 2 3 4 5 6 7
8 9 10 11 12 13 14
15 16 17 18 19 20 21
22 23 24 25 26 27 28
29 30
हिजरी कालक्रम

1 रमज़ान पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 237वाँ दिन है।



इस दिन के लिए रमज़ान के सभी दिनों के साझा आमाल के अलावा कुछ विशेष दुआएँ और आमाल भी बयान हुए है:

रमज़ान के पहले दिन के विशेष आमाल और दुआ
पहली रात के आमाल सहीफ़ा सज्जादीया की चवालीसवीं दुआ का पाठ करना

ग़ुस्ल

इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत

• दुआ ए जोशन कबीर का पाठ करना

• दुआ का पाठ करनाः

اللَّهُمَّ رَبَّ شَهْرِ رَمَضَانَ مُنَزِّلَ الْقُرْآنِ هَذَا شَهْرُ رَمَضَانَ الَّذِي أَنْزَلْتَ فِيهِ الْقُرْآنَ وَ أَنْزَلْتَ فِيهِ آيَاتٍ بَيِّنَاتٍ مِنَ الْهُدَى وَ الْفُرْقَانِ اللَّهُمَّ ارْزُقْنَا صِيَامَهُ وَ أَعِنَّا عَلَى قِيَامِهِ اللَّهُمَّ سَلِّمْهُ لَنَا وَ سَلِّمْنَا فِيهِ وَ تَسَلَّمْهُ مِنَّا فِي يُسْرٍ مِنْكَ وَ مُعَافَاةٍ وَ اجْعَلْ فِيمَا تَقْضِي وَ تُقَدِّرُ مِنَ الْأَمْرِ الْمَحْتُومِ وَ فِيمَا تَفْرُقُ مِنَ الْأَمْرِ الْحَكِيمِ فِي لَيْلَةِ الْقَدْرِ مِنَ الْقَضَاءِ الَّذِي لا يُرَدُّ وَ لا يُبَدَّلُ أَنْ تَكْتُبَنِي مِنْ حُجَّاجِ بَيْتِكَ الْحَرَامِ الْمَبْرُورِ حَجُّهُمْ الْمَشْكُورِ سَعْيُهُمْ الْمَغْفُورِ ذُنُوبُهُمْ الْمُكَفَّرِ عَنْهُمْ سَيِّئَاتُهُمْ وَ اجْعَلْ فِيمَا تَقْضِي وَ تُقَدِّرُ أَنْ تُطِيلَ لِي فِي عُمْرِي وَ تُوَسِّعَ عَلَيَّ مِنَ الرِّزْقِ الْحَلالِ
अल्लाहुम्मा रब्बा शहरे रमज़ान मुनज़्ज़ेलल क़ुरआने हाज़ा शहरो रमज़ानल लज़ी अंज़लता फ़ीहिल क़ुरआन वा अंज़लता फ़ीहे आयातिम बय्येनातिम मिनल हुदा वल फ़ुरक़ान अल्लाहुम्मर ज़ुक़्ना सेयामहू वा आऐनन अला क़ेयामेहि अल्लाहुम्मा सल्लिमहो लना वा सल्लिमहो फ़ीहे वा तोसल्लेमोहू मिन्ना फ़ी युसरे मिन्का वा मुआफ़ात वज़्अल फ़ीमा तक़्ज़ी वा तोक़द्देरो मिनल अम्रिल महतूमे वा फ़ीमा तफ़रोक़ो मिनल अम्रिल हकीमे फ़ी लैलतिल क़द्रे मिनल क़ज़ाइल लज़ी ला योरद्दा वला योबद्देलो अन तकतुबनी मिन हुज्जाजे बैतेकल हरामिल मबरूरे हज्जोहोमुल मशकूरे सअयोहोमुल मग़फ़ूरे ज़ोनूबोहोमुल मोकफ़्फ़रे अंहुम सय्येआतोहुम वज्अल फ़ीमा तक़ज़ी वा तोक़द्देरो अंन तोतीला ली फ़ी उमरी वा तोवस्सेआ अलय्या मिनर रिज़्क़िल हलाल



अनुवादः ऐ रमज़ान के परमात्मा और उसमे क़ुरआन को उतारने वाले यह रमज़ान का महीना है जिसमे तूने क़ुरआन को लोगो के मार्गदर्शन का चमकता हुआ दीपक बनाया और उसे सत्य और असत्य के बीच अंतर पैदा करने वाला बना कर उतारा। हे परमेश्वर हमे इस महीने मे रोज़ा रखने के लिए हमारा मार्गदर्शन कर, और इसे हमारी ओर से स्वीकार कर, हमे इस महीने मे सही व सालिम रख और इसे हमारे लिए सालिम रख और इसमे हमारे लिए अपनी ओर से आसानी प्रदान कर और अपनी क़ज़ा व कद़्र मे मोहकम मुद्दो से संबंधित जो निश्चित निर्णय करता है जो तेरी वह क़ज़ा है जिसमे किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन और पलट नही होती उसमे मेरा नाम अपने बैत अल हराम (काबा) के हाजीयो मे लिख दे कि जिनका हज तुझे स्वकार है उनकी सई स्वीकार है उनके पाप क्षमा कर दिए गए है और उनकी त्रुठीयां समाप्त कर दी गई है और अपने क़ज़ा व क़द्र् मे मेरी आयु को लम्बा बना दे जिसमे कल्याण और शांति हो मेरी जीविका मे वृद्धि कर।


चाँद देखने के समय सहीफ़ा ए सज्जादीया की तैतालीसवीं दुआ और इस दुआ का पाठ करना:

رَبِّي وَ رَبُّكَ اللَّهُ رَبُّ الْعَالَمِينَ اللَّهُمَّ أَهِلَّهُ عَلَيْنَا بِالْأَمْنِ وَ الْإِيمَانِ وَ السَّلامَةِ وَ الْإِسْلامِ وَ الْمُسَارَعَةِ إِلَى مَا تُحِبُّ وَ تَرْضَى اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِي شَهْرِنَا هَذَا وَ ارْزُقْنَا خَيْرَهُ وَ عَوْنَهُ وَ اصْرِفْ عَنَّا ضُرَّهُ وَ شَرَّهُ وَ بَلاءَهُ وَ فِتْنَتَهُ
रब्बी रब्बोकल्लाहो रब्बुल आलामीना अल्लाहुम्मा आहिल्लहू अलैना बिल अम्ने वल ईमाने वस्सलामते वल इस्लामे वल मुसारआते एला मा तोहिब्बो वा तरज़ा अल्लाहुम्मा बारिक लना फ़ी शहरेना हाज़ा वर ज़ुकना ख़ैयरतुन वा औवनहू वस रिफ़ अन्ना ज़ुर्रहू वा शर्रहू वा बलाअहू वा फ़ितनहू



अनुवादः हे चंद्रमा, तेरा और मेरा पालनहार, अल्लाह है जो दुनिया का पालनहार हैं। हे अल्लाह, हमारे लिए सुरक्षा, विश्वास, स्वास्थ्य और इस्लाम के साथ चंद्रमा को नवीनीकृत करें, और जो तुझ से प्यार करता हैं और तुझे प्रसन्न करता हैं उसकी ओर बढ़ा...

पहले दिन के आमाल ग़ुस्ल

दान करना

• दो रक्अत नमाज़ पढ़ना जिसकी पहली रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद इन्ना फ़तहना और दूसरी रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद कोई भी सूरा पढ़े।

• सूर्य उदय के बाद इस दुआ का पाठ करेः

اَللّهُمَّ قَدْ حَضَرَ شَهْرُ رَمَضانَ وَقَدِ افْتَرَضْتَ عَلَینا صِیامَهُ وَاَنْزَلْتَ فیهِ الْقُرآنَ هُدی لِلنّاسِ وَبَیناتٍ مِنَ الْهُدی وَالْفُرْقانِ اَللّهُمَّ اَعِنّا عَلی صِیامِهِ وَتَقَبَّلْهُ مِنّا وَتَسَلَّمْهُ مِنّا وَسَلِّمْهُ لَنا فی یسْرٍ مِنَک وَعافِیةٍ اِنَّک عَلی کلِّشَیءٍ قَدیرٌ
अल्लाहुम्मा क़द हज़रा शहरो रमज़ान वा क़दिफ़ तरज़्ता अलैना सेयामहू वा अंज़लता फ़ीहिल क़ुरआन हुदन लिन्नासे वा बय्येनातिम मिनल हुदा वल फ़ुरक़ान अल्लाहुम्मा आइन्ना अला सेयामेही वा तक़ब्बलहो मिन्ना वा तसल्लिमहो मिन्ना वा सल्लिमहो लना फ़ी युसरिम मिन्का वा आफ़ीयतिन इन्नका अला कुल्ले शैइन क़दीर



अनुवादः हे परमात्मा रमज़ान का महीना आ गया है, और तूने इस महीने मे मे हमारे ऊपर रोज़ा वाजिब कर दिया, और इसमे तूने क़ुरआन को लोगो के मार्गदर्शन के लिए उतारा और उसके सत्य और असत्य के बीच अंतर वाला बनाकर नाज़िल किया। हे परमात्मा हमे इस महीने मे रोज़ा रखने के हवाले से हमारी सहायता कर, और इसे हमारी ओर से स्वीकार कर, और हमे इस महीने मे सालिम रख और इसे हमारे लिए सालिम रख और इस्मे हमारे लिए अपनी हाजत से आसानी प्रदान कर तूही प्रत्येक चीज़ पर श्क्ति रखने वाला और दयालु

नमाज़ चार रक्अत नमाज़ जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद 15 बार सूर ए तौहीद
पहले दिन की दुआ
اَللّهُمَّ اجْعَلْ صِیامِی فِیهِ صِیامَ الصَّائِمِینَ
अल्लाहुम्मा इज्अल सेयामी फ़ीहे सेयामस साएमीना



(ऐ अल्लाह, मेरा रोज़ा इस दिन मे रोज़ादारो के रोज़ा की तरह क़रार दे)

وَ قِیامِی فِیهِ قِیامَ الْقَائِمِینَ
वक़यामी फ़ीहे क़यामल क़ाएमीना



(और मेरी नमाज़, नमाज़ गुजारो की नमाज़ की तरह क़रार दे)

وَ نَبِّهْنِی فِیهِ عَنْ نَوْمَةِ الْغَافِلِینَ
व नब्बेहनी फ़ीहे अन नौमतिल ग़ाफ़ेलीना



(और मुझे ग़ाफ़िलो की नींद से बेदार कर दे)

وَ هَبْ لِی جُرْمِی فِیهِ یا إِلَهَ الْعَالَمِینَ
व हब ली जुर्मी फ़ीहे या एलाहल आलामीना



(और मेरे पापों को क्षमा कर, हे जगत के परमेश्वर)

وَ اعْفُ عَنِّی یا عَافِیا عَنِ الْمُجْرِمِینَ
वअफ़ो अन्नी या आफ़ीयन अनिल मुजरेमीना



(और हे पापियों को क्षमा करने वाले, मुझे क्षमा कर दे)