1 रमज़ान

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हिजरी कालक्रम

1 रमज़ान पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 237वाँ दिन है।



इस दिन के लिए रमज़ान के सभी दिनों के साझा आमाल के अलावा कुछ विशेष दुआएँ और आमाल भी बयान हुए है:

रमज़ान के पहले दिन के विशेष आमाल और दुआ
पहली रात के आमाल सहीफ़ा सज्जादीया की चवालीसवीं दुआ का पाठ करना

ग़ुस्ल

इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत

• दुआ ए जोशन कबीर का पाठ करना

• दुआ का पाठ करनाः

अनुवादः ऐ रमज़ान के परमात्मा और उसमे क़ुरआन को उतारने वाले यह रमज़ान का महीना है जिसमे तूने क़ुरआन को लोगो के मार्गदर्शन का चमकता हुआ दीपक बनाया और उसे सत्य और असत्य के बीच अंतर पैदा करने वाला बना कर उतारा। हे परमेश्वर हमे इस महीने मे रोज़ा रखने के लिए हमारा मार्गदर्शन कर, और इसे हमारी ओर से स्वीकार कर, हमे इस महीने मे सही व सालिम रख और इसे हमारे लिए सालिम रख और इसमे हमारे लिए अपनी ओर से आसानी प्रदान कर और अपनी क़ज़ा व कद़्र मे मोहकम मुद्दो से संबंधित जो निश्चित निर्णय करता है जो तेरी वह क़ज़ा है जिसमे किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन और पलट नही होती उसमे मेरा नाम अपने बैत अल हराम (काबा) के हाजीयो मे लिख दे कि जिनका हज तुझे स्वकार है उनकी सई स्वीकार है उनके पाप क्षमा कर दिए गए है और उनकी त्रुठीयां समाप्त कर दी गई है और अपने क़ज़ा व क़द्र् मे मेरी आयु को लम्बा बना दे जिसमे कल्याण और शांति हो मेरी जीविका मे वृद्धि कर।


चाँद देखने के समय सहीफ़ा ए सज्जादीया की तैतालीसवीं दुआ और इस दुआ का पाठ करना:

अनुवादः हे चंद्रमा, तेरा और मेरा पालनहार, अल्लाह है जो दुनिया का पालनहार हैं। हे अल्लाह, हमारे लिए सुरक्षा, विश्वास, स्वास्थ्य और इस्लाम के साथ चंद्रमा को नवीनीकृत करें, और जो तुझ से प्यार करता हैं और तुझे प्रसन्न करता हैं उसकी ओर बढ़ा...

पहले दिन के आमाल ग़ुस्ल

दान करना

• दो रक्अत नमाज़ पढ़ना जिसकी पहली रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद इन्ना फ़तहना और दूसरी रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद कोई भी सूरा पढ़े।

• सूर्य उदय के बाद इस दुआ का पाठ करेः

अनुवादः हे परमात्मा रमज़ान का महीना आ गया है, और तूने इस महीने मे मे हमारे ऊपर रोज़ा वाजिब कर दिया, और इसमे तूने क़ुरआन को लोगो के मार्गदर्शन के लिए उतारा और उसके सत्य और असत्य के बीच अंतर वाला बनाकर नाज़िल किया। हे परमात्मा हमे इस महीने मे रोज़ा रखने के हवाले से हमारी सहायता कर, और इसे हमारी ओर से स्वीकार कर, और हमे इस महीने मे सालिम रख और इसे हमारे लिए सालिम रख और इस्मे हमारे लिए अपनी हाजत से आसानी प्रदान कर तूही प्रत्येक चीज़ पर श्क्ति रखने वाला और दयालु

नमाज़ चार रक्अत नमाज़ जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद 15 बार सूर ए तौहीद
पहले दिन की दुआ

(ऐ अल्लाह, मेरा रोज़ा इस दिन मे रोज़ादारो के रोज़ा की तरह क़रार दे)

(और मेरी नमाज़, नमाज़ गुजारो की नमाज़ की तरह क़रार दे)

(और मुझे ग़ाफ़िलो की नींद से बेदार कर दे)

(और मेरे पापों को क्षमा कर, हे जगत के परमेश्वर)

(और हे पापियों को क्षमा करने वाले, मुझे क्षमा कर दे)