18 रमज़ान

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हिजरी कालक्रम

18 रमज़ान पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 254वाँ दिन है।



इस दिन के लिए रमज़ान के सभी दिनों के साझा आमाल के अलावा कुछ विशेष दुआएँ और आमाल भी बयान हुए है:

रमज़ान के अठ्ठारहवें दिन के विशेष आमाल और दुआ
नमाज़ चार रक्अत नमाज़ जिसकी पहली रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद 25 बार सूर ए कौसर
अठ्ठारहवें दिन की दुआ

(हे परमात्मा! मुझे इसकी सहर की बरकतो के लिए मुझे इसमे बेदार रख)

(और इसके नूर से मेरे दिल को नूरानी कर)

(और मेरे सभी अंगो को इसके आसार और बरकात से मुसख़्खर कर)

(अपने नूर के माध्यम से हे मारफ़त वालो के दिलो को रोश)

सय्यद इब्ने ताऊस ने इक़बाल अल आमाल नामक किताब मे इस दिन के लिए और अधिक दुआएं नकल की है।