30 रमज़ान

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हिजरी कालक्रम

30 रमज़ान पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 266वाँ दिन है।



इस दिन के लिए रमज़ान के सभी दिनों के साझा आमाल के अलावा कुछ विशेष दुआएँ और आमाल भी बयान हुए है:

रमज़ान के तीसवें दिन के विशेष आमाल और दुआ
तीसवीं रात
  • ग़ुस्ल
  • इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत
  • दुआ का पढ़ना

الْحَمْدُ لِلَّهِ لا شَرِیک لَهُ الْحَمْدُ لِلَّهِ کمَا ینْبَغِی لِکرَمِ وَجْهِهِ وَ عِزِّ جَلالِهِ وَ کمَا هُوَ أَهْلُهُ یا قُدُّوسُ یا نُورُ یا نُورَ الْقُدْسِ یا سُبُّوحُ یا مُنْتَهَی التَّسْبِیحِ یا رَحْمَانُ یا فَاعِلَ الرَّحْمَةِ یا اللَّهُ یا عَلِیمُ یا کبِیرُ یا اللَّهُ یا لَطِیفُ یا جَلِیلُ یا اللَّهُ یا سَمِیعُ یا بَصِیرُيَا اللَّهُ يَا اللَّهُ يَا اللَّهُ لَكَ الْأَسْمَاءُ الْحُسْنَى وَ الْأَمْثَالُ الْعُلْيَا وَ الْكِبْرِيَاءُ وَ الْآلاءُ أَسْأَلُكَ أَنْ تُصَلِّيَ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ أَنْ تَجْعَلَ اسْمِي فِي هَذِهِ اللَّيْلَةِ فِي السُّعَدَاءِ وَ رُوحِي مَعَ الشُّهَدَاءِ وَ إِحْسَانِي فِي عِلِّيِّينَ وَ إِسَاءَتِي مَغْفُورَةً وَ أَنْ تَهَبَ لِي يَقِيناً تُبَاشِرُ بِهِ قَلْبِي وَ إِيمَاناً يُذْهِبُ الشَّكَّ عَنِّي وَ تُرْضِيَنِي بِمَا قَسَمْتَ لِي وَ آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَ فِي الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَ قِنَا عَذَابَ النَّارِ الْحَرِيقِ وَ ارْزُقْنِي فِيهَا ذِكْرَكَ وَ شُكْرَكَ وَ الرَّغْبَةَ إِلَيْكَ وَ الْإِنَابَةَ وَ التَّوْبَةَ وَ التَّوْفِيقَ لِمَا وَفَّقْتَ لَهُ مُحَمَّدا وَ آلَ مُحَمَّدٍ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَ عَلَيْهِمْ.

अल्हमदो लिल्लाहे ला शरीका लहुल हम्दो लिल्लाहे कमा यंबग़ी लेकरेमे वज्हेही व इज़्ज़ा जलालेही व कमा होवा अहलेहू या क़ुद्दूसो या नूरो या नुरल क़ुद्से या सुब्बूहो या मुंतहत तस्बीहे या रहमानो या फ़ाइलर रहमते या अल्लाहो या अलीमो या कबीरो या अल्लाहो या लतीफ़ो या जलीलो या अल्लाहो या समीओ या बसीरो, या अल्लाहो, या अल्लाहो, या अल्लाहो लकल अस्मा अल हुसना वल अमसाल अल उलया वल किबरीयाओ वल आलाओ अस्अलोका अन तोसल्लेया अला मुहम्मदिव वआले मुहम्मदन वअन तज्अला इस्मी फ़ी हाज़ेहिल लैलते फ़िस सोआदाए व रूही मअश शोहादाए व एहसानी फ़ी इल्लीयीना व इसाअती मग़फ़ूरतन व अन तहाबा ल यक़ीनन तोबाशेरो बेहि क़ल्बी वा ईमानन युज़्हेबुश शक्का अन्नी वा तुरज़ेयनी बेमा क़समता ली व आतेना फ़िद दुनिया हसनतव वफ़िल आख़ेरते हसनतन वक़ेना अज़ाबन नारिल हरीक़े वरज़ुक़्नी फ़ीहा ज़िक्रका व शुकरका वर रग़बता इलैका वल एनाबता वत तौफ़ीक़ा लेमा वफ़्फ़क़ता लहू मुहम्मदन वा आले मुहम्मदिन अलैहे व अलैहेमुस सलामो

अनुवादः ईश्वर की स्तुति कि उसका कोई साथी नहीं है, ईश्वर की स्तुति उस तरीके से जो उसकी महिमा और उसकी महिमा की महिमा के योग्य है, और जिस प्रकार वह उसके योग्य है, हे पवित्र, हे प्रकाश, हे शुद्ध, हे महिमा, हे परम पवित्रता, हे क्षमा करने वाले, हे दया करने वाले हे ईश्वर, हे बुद्धिमान, हे महान, हे ईश्वर, हे सज्जन, हे उत्कृष्ट, हे ईश्वर, हे सुनने वाले, हे द्रष्टा, हे परमात्मा , हे प्रभु, हे पालनहार, सर्वोत्तम नाम, और सर्वोत्तम उदाहरण, महानता और आशीर्वाद तेरे हैं। मैं तुझसे मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार पर सलवात भेजने का आग्रह करता हूं। और इस रात में मेरा नाम प्रतिष्ठित लोगों में और मेरी आत्मा शहीदों में क़रार दे, और मेरे अच्छे कर्मों को स्वर्ग के सर्वोच्च स्थान पर ऱख, और मेरे बुरे कर्मों को क्षमा कर दे, और मुझे विश्वास दे कि मेरा दिल इसके साथ रहे, और मेरे ईमान से दोई को दूर कर दे, और जो कुछ तूने मुझे दिया है, उससे मुझे प्रसन्न कर देगा, और हमें इस संसार और परलोक में शांति प्रदान करेगा। मुझे एक अच्छा इनाम दे, और मुझे जलती हुई आग से बचा, और इस रात मे तेरे ज़िक्र, शुक्र, और तेरी ओर रग़बत तथा तौबा की तौफ़ीक प्रदान कर जिस से तूने मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार को सफल बनाया।

  • सूर ए अंआम, सूर ए कहफ़ और सूर ए यासीन का पढ़ना
  • सौ बार أَسْتَغْفِرُ اللَّهَ وَ أَتُوبُ إِلَیهِ अस्तग़फ़िरुल्लाहा रब्बी व अतूबो इलैह का पढ़ना
  • दुआ का पढ़ना

اَللَّهُمَّ هَذَا شَهْرُ رَمَضَانَ الَّذِی أَنْزَلْتَ فِیهِ الْقُرْآنَ وَ قَدْ تَصَرَّمَ وَ أَعُوذُ بِوَجْهِک الْکرِیمِ یا رَبِّ أَنْ یطْلُعَ الْفَجْرُ مِنْ لَیلَتِی هَذِهِ أَوْ یتَصَرَّمَ شَهْرُ رَمَضَانَ وَ لَک قِبَلِی تَبِعَةٌ أَوْ ذَنْبٌ تُرِیدُ أَنْ تُعَذِّبَنِی بِهِ یوْمَ أَلْقَاک.

अल्लाहुम्मा हाज़ा शहरो रमज़ानल लज़ी अंज़लता फ़ीहिल क़ुरआना वक़द तसर्रमा व आउज़ो बेवजहेकल करीमे या रब्बे अन यतलोअल फज़्रो मिन लैलती हाज़ेही ओ यतसर्रमा शहरो रमज़ाना व लका क़ेबली तबअतुन ओ ज़नबुन तोरीदो अन तोअज़्ज़ेबनी बेहि यौमा अलक़ाका

अनुवादः हे अल्लाह, यह रमज़ान का महीना है, जिसमें तूने क़ुरआन उतारा, और अब यह गुजर रहा है, और मैं इस रात की सुबह से, या रमज़ान के महीने के गुजरने और उसके परिणाम से तेरी दयालु सार की शरण चाहता हूं तेरी दृष्टि में किसी अयोग्य या पापपूर्ण कार्य का। कि जिस दिन मैं तुझसे मिलूंगा उसके कारण तू मुझे यातना देना चाहता हैं।

  • सहीफ़ा सज्जादीया की पैंतालीसवीं दुआ का पढ़ना और रमज़ान को विदा करना
  • दुआ ए विदा का पढ़ना
اللَّهُمَّ لا تَجْعَلْهُ آخِرَ الْعَهْدِ مِنْ صِیامِی لِشَهْرِ رَمَضَانَ وَ أَعُوذُ بِک أَنْ یطْلُعَ فَجْرُ هَذِهِ اللَّیلَةِ إِلا وَ قَدْ غَفَرْتَ لِی

अल्लाहुम्मा ला तज्अलहो आखेरल अहदे मिन सेयामी लेशहरे रमज़ाना वा आउज़ो बेका अन यत्लओ फज़्रो हाज़ेहिल लैलते इल्ला वक़द ग़फ़रता ली

अनुवादः हे अल्लाह, इस महीने को आखिरी बार रमज़ान के महीने में रोज़ा करार न देना, और मैं इस रात की सुबह से तब तक तेरी शरण चाहता हूं, जब तक कि तू मुझे माफ न कर दें।

  • दस रक्अत नमाज़, प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द एक बार और सूर ए तौहीद दस बार, हर रुकूअ और हर सज्दे मे दस बार سُبْحَانَ اللَّهِ وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ وَ لا إِلَهَ إِلا اللَّهُ وَ اللَّهُ أَکبَرُ सुब्हानल्लाहे वल हम्दोलिल्लाहे वला एलाहा इल्लल्लाहो वल्लाहो अकबर , दस रक्अत पूरी होने के बाद 1000 बार अस्तग़फ़ार करे और आखिर मे सज्दे मे इस दुआ को पढ़े
یا حَی یا قَیومُ یا ذَا الْجَلالِ وَ الْإِکرَامِ یا رَحْمَانَ الدُّنْیا وَ الْآخِرَةِ وَ رَحِیمَهُمَا یا أَرْحَمَ الرَّاحِمِینَ یا إِلَهَ الْأَوَّلِینَ وَ الْآخِرِینَ اغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَ تَقَبَّلْ مِنَّا صَلاتَنَا وَ صِیامَنَا وَ قِیامَنَا 

या हय्यो या क़य्यूमो या ज़ल जलाले वल इकरामे या रहमानद दुनिया वल आख़ेरते वा रहीमहोमा या अरहमर राहेमीना या इलाहल अव्वलीना वल आख़रीना इग़फ़िर लना ज़ोनूबना व तक़ब्बल मिन्ना सलातना व सेयामना व क़यानमा

अनुवादः हे स्वावलंबी जीवन! हे महानता और भव्यता के स्वामी, हे इस लोक और परलोक के दाता, और हे इस लोक और परलोक के दयालु, हे दयालुओं में परम दयालु, हे अतीत और भविष्य के भगवान, हमारे पापो को क्षमा कर, और हमारी नमाजो, रोज़ो और रात्रि जागरण को स्वीकार कर।

तीसवां दिन
  • दुआ का पढ़ना

اللَّهُمَّ اشْرَحْ بِالْقُرْآنِ صَدْرِی وَ اسْتَعْمِلْ بِالْقُرْآنِ بَدَنِی وَ نَوِّرْ بِالْقُرْآنِ بَصَرِی وَ أَطْلِقْ بِالْقُرْآنِ لِسَانِی وَ أَعِنِّی عَلَیهِ مَا أَبْقَیتَنِی فَإِنَّهُ لا حَوْلَ وَ لا قُوَّةَ إِلا بِک.

अल्लाहुम्शरह बिल क़ुरआने सदरी वस्तअमिल बिल क़ुरआने बदनी व नव्विर बिल क़ुरआने बसरी व अतलिक़ बिल क़ुरआने लेसानी व आअन्नी अलैहे मा अब्क़ैयतनी फ़इन्नहू ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बेका

अनुवादः हे परमात्मा ! क़ुरआन के लिए मेरी छाती को चौड़ा कर दे, और क़ुरआन के लिए मेरे शरीर को क़रार दे, और मेरे दृष्टि को क़ुरआन के लिए प्रबुद्ध कर, और मेरी भाषा मे कुरआन मे पुनस्थर्पित कर, और जबतक मै जीवित हूं तब तक उस पर काम करने मे मेरी सहायता कर तेरी इच्छा के बिना कोई गति और नही है।

  • इमाम अली (अ) से वर्णित दुआ का पढ़ना

اللَّهُمَّ إِنِّی أَسْأَلُک إِخْبَاتَ الْمُخْبِتِینَ وَ إِخْلاصَ الْمُوقِنِینَ وَ مُرَافَقَةَ الْأَبْرَارِ وَ اسْتِحْقَاقَ حَقَائِقِ الْإِیمَانِ وَ الْغَنِیمَةَ مِنْ کلِّ بِرٍّ وَ السَّلامَةَ مِنْ کلِّ إِثْمٍ وَ وُجُوبَ رَحْمَتِک وَ عَزَائِمَ مَغْفِرَتِک وَ الْفَوْزَ بِالْجَنَّةِ وَ النَّجَاةَ مِنَ النَّار

अल्लाहुम्मा इन्नी अस्अलोका इख़बातल मुखबेतीना व इखलासल मूक़ेनीना व मुराफ़क़तल अबरारे वस तेहक़ाक़ा हक़ाएक़ल ईमाने वल ग़नीता मिन कुल्ले बिर्रिन वस सलामता मिन कुल्ले इस्मिन व वज़ूबा रहमतेका व अज़ाएमा मग़फ़ेरतेका वल फ़ौज़ा बिल जन्नते वन नजाता मिनन नारे

अनुवादः हे भगवान, मैं तुझ से नम्र लोगों की विनम्रता, और निश्चित लोगों की ईमानदारी, और धर्मियों की सहनशीलता, और विश्वास की सच्चाई की योग्यता, और हर अच्छी चीज का लाभ, और हर चीज से स्वास्थ्य, तेरी दया का दायित्व, और क्षमा की इच्छा, और स्वर्ग तक पहुँचना, पाप और आग से मुक्ति मांगता हूं।

नमाज़ बारह रक्अत नमाज़ प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद 20 बार सूर ए तौहीद
तीसवें दिन की दुआ

(हे परमात्मा ! इस महीने मे मेरे रोज़ को उस आधार पर स्वीकार कर )

(जो तुझे और पैगंबर (अ) को पंसद है)

(जबकि इसकी शाखाएँ इसके सिद्धांतो पर आधारित है)

(हमारे सरदार मुहम्मद और उनके पवित्र परिवार के अधिकार से)

(और सारी प्रशंसा उस परमेश्वर के लिए जो दोनो जगत का पालनहार है)


रमज़ान के अंतिम दस दिनो के आमाल और दुआएँ
हर रात की दुआ
  • इस दुआ का पढ़ना

يأَعُوذُ بِجَلالِ وَجْهِكَ الْكَرِيمِ أَنْ يَنْقَضِيَ عَنِّي شَهْرُ رَمَضَانَ أَوْ يَطْلُعَ الْفَجْرُ مِنْ لَيْلَتِي هَذِهِ وَ لَكَ قِبَلِي ذَنْبٌ أَوْ تَبِعَةٌ تُعَذِّبُنِي عَلَيْهِ.

अऊज़ो बेजलाले वज्हेकल करीमे अन यंक़ज़ेया अन्नी शहरो रमज़ाना औ यतलोअल फ़ज्रो मिन लैलती हाज़ेही वलका क़ेबली ज़मबुन औ तबअतुन तोअज़्ज़ेबोनी अलैह

अनुवादः गुजरे हुए रमज़ान के महीने से, या इस रात की सुबह से जिसमे मुझसे कोई पाप हुआ हो या किसी कार्य का परिणाम हो जिसके लिए तू मुझे दंडित करेंगा, मैं तेरी कृपा की महानता का आश्रय चाहता हूं।

  • इस दुआ का पढ़ना

اللَّهُمَّ إِنَّكَ قُلْتَ فِي كِتَابِكَ الْمُنْزَلِ شَهْرُ رَمَضَانَ الَّذِي أُنْزِلَ فِيهِ الْقُرْءَانُ هُدًى لِلنَّاسِ وَ بَيِّنَاتٍ مِنَ الْهُدَى وَ الْفُرْقَانِ فَعَظَّمْتَ حُرْمَةَ شَهْرِ رَمَضَانَ بِمَا أَنْزَلْتَ فِيهِ مِنَ الْقُرْآنِ وَ خَصَصْتَهُ بِلَيْلَةِ الْقَدْرِ وَ جَعَلْتَهَا خَيْراً مِنْ أَلْفِ شَهْرٍ اللَّهُمَّ وَ هَذِهِ أَيَّامُ شَهْرِ رَمَضَانَ قَدِ انْقَضَتْ وَ لَيَالِيهِ قَدْ تَصَرَّمَتْ وَ قَدْ صِرْتُ يَا إِلَهِي مِنْهُ إِلَى مَا أَنْتَ أَعْلَمُ بِهِ مِنِّي وَ أَحْصَى لِعَدَدِهِ مِنَ الْخَلْقِ أَجْمَعِينَ فَأَسْأَلُكَ بِمَا سَأَلَكَ بِهِ مَلائِكَتُكَ الْمُقَرَّبُونَ وَ أَنْبِيَاؤُكَ الْمُرْسَلُونَ،

अल्लाहुम्मा इन्नका क़ुलता फ़ी किताबेकल मुंज़ले शहरो रमज़ान अल लज़ी उंज़ेला फ़ीहिल क़ुरआनो हुदन लिन्नासे व बय्येनातिन मिनल हुदा वल फ़ुरक़ाने फ़अज़्ज़मता हुर्मता शहरे रमज़ाना बेमा अंज़लता फ़ीहे मिनल क़ुरआने व ख़सस्तहू बेलैलातिल क़द्रे व जअलतहा खैरम मिन अल्फ़े शहर अल्लाहुम्मा वा हाज़ेही अय्यामो शहरे रमज़ाना क़दिन क़ज़त वलयालीहे कद तसर्रमत व वकद सिरतो या इलाही मिन्हो एला मा अंता आलमो बेहि मिन्नी व आहसा लेअददेही मिनल ख़ल्क़े अजमाईना फ़अस्अलोका बेमा सालका बेहि मलाएकतल मक़र्रबूना व अम्बियाओकल मुरसलूना,

अनुवादः हे परमात्मा, तूने अपनी अवतरित पुस्तक में कहा: रमज़ान का महीना, वह महीना जिसमें क़ुरआन को लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए नाजिल किया और इस महीने में क़ुरआन को नाजिल करके मार्गदर्शन और झूठ से सच्चाई को शुद्ध करने के स्पष्ट कारण हैं। तूने इसकी पवित्रता को महान माना, और क़द्र की रात अपने लिए आरक्षित है, वह रात जिसे तूने हज़ार महीनों से बेहतर बनाया है। या अल्लाह, रमज़ान के ये दिन बीत गए, और इसकी रातें खो गईं। मैं इस महीने से ऐसा व्यक्ति बन गया हूं कि तू इसे मुझसे बेहतर जानता हैं, और इसकी संख्या तेरी सभी रचनाओं से अधिक है, इसलिए तेरे निकट फ़रिश्तों और दूतों ने जो कुछ तुझे भेजा है उसके अनुसार मैं तूझ से पूछ रहा हूं,

وَ عِبَادُكَ الصَّالِحُونَ أَنْ تُصَلِّيَ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ وَ أَنْ تَفُكَّ رَقَبَتِي مِنَ النَّارِ وَ تُدْخِلَنِي الْجَنَّةَ بِرَحْمَتِكَ وَ أَنْ تَتَفَضَّلَ عَلَيَّ بِعَفْوِكَ وَ كَرَمِكَ وَ تَتَقَبَّلَ تَقَرُّبِي وَ تَسْتَجِيبَ دُعَائِي وَ تَمُنَّ عَلَيَّ [إِلَيَ ] بِالْأَمْنِ يَوْمَ الْخَوْفِ مِنْ كُلِّ هَوْلٍ أَعْدَدْتَهُ لِيَوْمِ الْقِيَامَةِ إِلَهِي وَ أَعُوذُ بِوَجْهِكَ الْكَرِيمِ وَ بِجَلالِكَ الْعَظِيمِ أَنْ يَنْقَضِيَ أَيَّامُ شَهْرِ رَمَضَانَ وَ لَيَالِيهِ وَ لَكَ قِبَلِي تَبِعَةٌ أَوْ ذَنْبٌ تُؤَاخِذُنِي بِهِ أَوْ خَطِيئَةٌ تُرِيدُ أَنْ تَقْتَصَّهَا مِنِّي لَمْ تَغْفِرْهَا لِي سَيِّدِي سَيِّدِي سَيِّدِي أَسْأَلُكَ يَا لا إِلَهَ إِلا أَنْتَ إِذْ لا إِلَهَ إِلا أَنْتَ،

व एबादेकस सालेहूना अन तोसल्लेया अला मुहम्मदिव वआले मुहम्मदिव वा अन तफ़क्का रक़बती मिनन नारे वा तुदख़ेलनिल जन्नता बेरहमतेका वअन तताफ़ज़्ज़ला अलय्या याअफ़ूका व करामेका व तताक़ब्बला तक़र्रोबी व तस्तजीबा दोआई व समनुन अलय्या बिल अम्ने यौमल ख़ौफ़े मिन कुल्ले हौलिन आददतहू लेयौमिल क़यामते इलाही व आऊज़ो बेवज़्हेकल करीमे वबे जलालेकल अज़ीमे अन यंक़ज़ेया अय्यामो शहरे रमज़ाना वलयालीहे वलका क़ेबली तबेअता ओ ज़ंबिन तोआख़िज़नी बेहि औ ख़तीअता तोरीदो अन तकतस्सेहा मिन्नी लम तग़फ़िरहा ली सय्यदी सय्यदी सय्यदी अस्अलोका या ला एलाहा इल्ला अन्ता इज़ ला एलाहा इल्ला अंता

अनुवादः और तेरे योग्य सेवक, कि तू मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार पर सलवात भेज, और मेरे अस्तित्व को आग से मुक्त कर, और अपनी दया से मुझे स्वर्ग में प्रवेश करा, और अपनी क्षमा और कृपा से मुझ पर कृपा कर, और मेरे अनुरोध को निकटता के लिए स्वीकार कर, और मेरी दुआए मुझे उत्तर देती हैं, और मुझे आतंक के दिन से बचा, मुझे किसी भी भय से न रोक जो तूने मेरे पुनरुत्थान के लिए तैयार किया है, हे परमात्मा, मैं तेरे उदार स्वभाव और तेरी महान महिमा की शरण लेता हूं और मैं तुमसे उस काम या पाप का नतीजा माँगता हूँ जिसका तू मुझ पर आरोप लगाता है, या कोई गलती जिसका तू मुझसे बदला लेना चाहता है, और तूने उनके लिए मुझे माफ नहीं किया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे प्रभु, हे मेरे प्रभु, मैं आपसे पूछता हूं कि कोई एलाह नहीं है, लेकिन तेरे अलावा कोई एलाह नही है।

إِنْ كُنْتَ رَضِيتَ عَنِّي فِي هَذَا الشَّهْرِ فَازْدَدْ عَنِّي رِضًا وَ إِنْ لَمْ تَكُنْ رَضِيتَ عَنِّي فَمِنَ الْآنَ فَارْضَ عَنِّي يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ يَا اللَّهُ يَا أَحَدُ يَا صَمَدُ يَا مَنْ لَمْ يَلِدْ وَ لَمْ يُولَدْ وَ لَمْ يَكُنْ لَهُ كُفُوا أَحَدٌ

इन कुंता रज़ीता अन्नी फ़ी हाज़श शहरे फ़ज़्दद अन्नी रेज़न व इन लम तकुन रज़ीता अन्नी फ़मेनल आना फ़रज़ा अन्नी या अरहमर राहेमीना या अल्लाहो या अहदो या समदो या मन लम यलिद वलम यूलद वलम यकुन लहू कोफ़ोवन अहद

अनुवादः यदि तू इस महीने में मुझसे प्रसन्न हुआ हैं, तो मेरे साथ अपनी प्रसन्नता बढ़ा, और यदि तू मुझसे प्रसन्न नहीं हुआ हैं, तो कृपया अब मुझ से प्रसन्न हों, हे परम दयालु, हे भगवान, हे एक, हे बिनियाज़, हे वह जिसे किसी ने नही जना और नही उसने किसी को जना। और उसके तुल्य कोई न हुआ।

हर नमाज़ के बाद दुआ اللَّهُمَّ أَدِّ عَنَّا حَقَّ مَا مَضَى مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ وَ اغْفِرْ لَنَا تَقْصِيرَنَا فِيهِ وَ تَسَلَّمْهُ مِنَّا مَقْبُولا وَ لا تُؤَاخِذْنَا بِإِسْرَافِنَا عَلَى أَنْفُسِنَا وَ اجْعَلْنَا مِنَ الْمَرْحُومِينَ وَ لا تَجْعَلْنَا مِنَ الْمَحْرُومِينَ.

अल्लाहुम्मा अद्दे अन्नन्न हक़्क़ा मा मज़ेया मिन शहरे रमज़ाना व इग़फ़िर लना तक़सीरना फ़ीहे व तसल्लेमहू मिन्ना मक़बूला वला तोआख़िज़ना बेइसराफ़ेना अला अंफ़ोसेना वजअलना मिनल मरहूमीना वला तजअलना मिन महरूमीना

अनुवादः हे अल्लाह, हमें रमज़ान के महीने से जो कुछ बीत चुका है उसका हक़ दे, और इस महीने में इबादत की कमी को माफ कर दे, और रमज़ान के महीने को हमसे स्वीकार कर, और हम पर अपने खिलाफ अत्यधिक कार्यों का आरोप न लग, और हमे मरहूमीन मे से क़रार दे लेकिन महरूमीन से क़रार न दे।

सय्यद इब्ने ताऊस ने इक़बाल अल आमाल नामक किताब मे इस दिन के लिए और अधिक दुआएं नकल की है।