14 रमज़ान

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(14 रमज़ान अल मुबारक से अनुप्रेषित)
5. शाबान 6. रमज़ान 7. शव्वाल
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हिजरी कालक्रम

14 रमज़ान पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 250वाँ दिन है।



इस दिन के लिए रमज़ान के सभी दिनों के साझा आमाल के अलावा कुछ विशेष दुआएँ और आमाल भी बयान हुए है:

रमज़ान के चौदहवें दिन के विशेष आमाल और दुआ
चौदहवीं रात के आमाल चार रक्अत नमाज़ जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद यासीन, मुल्क और तौहीद पढ़े
नमाज़ छः रक्अत नमाज़ (दो रक्अती तीन नमाज), जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद 1 बार सूर ए तौहीद और 30 बार सूर ए ज़िलज़ाल
चौदहवें दिन की दुआ

(हे परमात्मा! आज के दिन मेरी गलतियो के लिए मुझे दोष न दे)

(और मेरी गलतीयो और भूलों का बहाना स्वीकार कर ले)

(अपने सम्मान के ख़ातिर मुझे आफ़ात और विपत्ति के तीरो का निशाना न बना)

(हे मुसलमानो का सम्मान करने वाले)

सय्यद इब्ने ताऊस ने इक़बाल अल आमाल नामक किताब मे इस दिन के लिए और अधिक दुआएं नक़्ल की है।