14 रमज़ान
(14 रमज़ान अल मुबारक से अनुप्रेषित)
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हिजरी कालक्रम |
14 रमज़ान पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में वर्ष का 250वाँ दिन है।
- 60 हिजरी, हानी बिन हानी और सईद बिन अब्दुल्लाह के माध्यम से कूफ़ीयो के पत्रो का इमाम हुसैन (अ) तक पहुंचना
- 67 हिजरी, इमाम हुसैन (अ) के ख़ून के प्रतिशोध के नेता मुख़्तार सक़फ़ी की मृत्यु
- 666 हिजरी, मुसलमानों द्वारा क्रुसेडर्स से अन्ताकिया पर पुनः कब्ज़ा
- 1248 हिजरी, वहीद बहबहानी के शिया रहस्यवादी, न्यायविद और हकीम शिष्य शम्सुद्दीन बहबहानी का निधन
- 1289 हिजरी, प्रसिद्ध भारतीय हकीम मुम्ताज़ अल उलमा सय्यद मुहम्मद तक़ी का निधन
- 1400 हिजरी, मिस्र मे ईरान के अंतिम शासक मुहम्मद रज़ा पहलवी की मृत्यु (27 जुलाई, 1980 ईस्वी)
इस दिन के लिए रमज़ान के सभी दिनों के साझा आमाल के अलावा कुछ विशेष दुआएँ और आमाल भी बयान हुए है:
रमज़ान के चौदहवें दिन के विशेष आमाल और दुआ | |||||||||||||
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चौदहवीं रात के आमाल | चार रक्अत नमाज़ जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद यासीन, मुल्क और तौहीद पढ़े | ||||||||||||
नमाज़ | छः रक्अत नमाज़ (दो रक्अती तीन नमाज), जिसकी प्रत्येक रक्अत मे सूर ए हम्द के बाद 1 बार सूर ए तौहीद और 30 बार सूर ए ज़िलज़ाल | ||||||||||||
चौदहवें दिन की दुआ |
(हे परमात्मा! आज के दिन मेरी गलतियो के लिए मुझे दोष न दे)
(और मेरी गलतीयो और भूलों का बहाना स्वीकार कर ले)
(अपने सम्मान के ख़ातिर मुझे आफ़ात और विपत्ति के तीरो का निशाना न बना)
(हे मुसलमानो का सम्मान करने वाले) |
सय्यद इब्ने ताऊस ने इक़बाल अल आमाल नामक किताब मे इस दिन के लिए और अधिक दुआएं नक़्ल की है।