नौफ़ बेकाली

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नौफ़ बेकाली
पूरा नामनौफ़ बिन फ़ोज़ाला बेकाली
वंशहिमयर जनजाति
निवास स्थानकूफ़ा
किस के साथीइमाम अली (अ)
गतिविधियांइमाम अली (अ) के द्वारपाल
बुज़ुर्गानअबू अय्यूब अंसारी


नौफ़ बिन फ़ोज़ाला बेकाली (अरबी: نوف بن فضالة البكالي) जिन्हें नौफ़ बेकाली के नाम से जाना जाता है, जो इमाम अली (अ) के शासनकाल के दौरान उनके रक्षक और द्वारपाल थे। नौफ़ ने नहजुल बलाग़ा के कुछ कलेमाते क़ेसार और उपदेशों (ख़ुतबों) की सूचना दी है। नौफ़ का नाम पुराने शिया रेजाली स्रोतों में नहीं आया है, लेकिन कुछ शिया हदीसी स्रोतों में, उनके द्वारा हज़रत अली (अ) की हदीसों का वर्णन किया गया है।

जीवनी

नौफ़ बिन फ़ोज़ाला इमाम अली (अ) के साथियों में से एक हैं, जिन्हें हिमयर की जनजाति बेकाला या बेकाल से संबद्ध होने के कारण नौफ़ बेकाली कहा गया है।[१] कुछ ने उन्हें बनी हमदान जनजाति से माना है लेकिन तंक़ीह अल मक़ाल में मामक़ानी ने इसे खारिज कर दिया है।[२] कुछ स्रोतों में, उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह बताया गया है।[३] पैग़म्बर (स) के सहाबी अम्र बेकाली, जिनकी उंगलियां यरमूक की लड़ाई में कट गई थीं, उनके भाई माने गए हैं।[४]

नौफ़ सीरिया से थे,[५] इसलिए उन्हें शामी भी कहा गया है। इब्ने असाकर ने नौफ़ को दमिश्क़ के लोगों से माना है और तारीख़े मदीना दमिश्क़ में उनकी जीवनी का उल्लेख किया है[६] और कुछ लोगों के अनुसार वह फ़िलिस्तीन से थे।[७]

नौफ़ की उपाधि अबू यज़ीद थी[८] अबू अम्र और अबू रशीद का भी उनकी उपाधि के रूप में उल्लेख किया गया है।[९]

तबरी के कथन के अनुसार, नौफ़ की माँ ने उनके पिता की मृत्यु या अलगाव के बाद कअब अहबार से विवाह कर लिया था।[१०] ऐसा कहा गया है कि नौफ़, मुहम्मद बिन मरवान और अर्मेनियाई लोगों के बीच युद्ध में मारे गए थे।[११]

हज़रत अली (अ) के साथ संचार

इमाम अली (अ):

"ऐ नौफ़! धन्य हैं वे जो इस संसार से दुःखी हो गए हैं और परलोक (आख़िरत) की इच्छा रखते हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने धरती को फ़र्श, इसकी मिट्टी को बिस्तर, इसके पानी को सुखद गंध, कुरआन को इसकी ज़बान का शब्द और दुआ को इसका आदर्श वाक्य बना दिया है, और उन्होंने स्वयं को दुनिया से पूरी तरह से अलग कर लिया है और वे ईसा बिन मरियम के मार्ग पर आ गये हैं..."

पुरालेख इतिहास, शेख़ सदूक़, अल ख़ेसाल, 1362 शम्सी, पृष्ठ 337-338; नहजुल बलाग़ा, सुब्ही सालेह, हिकमत 104।

नौफ़ बेकाली इमाम अली (अ) के द्वारपाल थे। उनका उल्लेख साहिब,[१२] हाजिब[१३] और हज़रत अली (अ) के विशेष सहाबी[१४] के रूप में किया गया है। उन्होंने हज़रत अली (अ) की कुछ मुनाजात[१५] और उनके कुछ उपदेशों (ख़ुतबो) का वर्णन किया है।[१६] नौफ़ बेकाली ने हज़रत अली (अ) से उन्हें सलाह देने के लिए भी कहा, अली (अ) ने उन्हें सिल ए रहम, ज़ालिमों के साथ सहयोग न करने की सलाह दी, अहले बैत (अ) से दोस्ती, ग़ीबत को छोड़ने और अन्य नैतिक गुणों का आदेश दिया है।[१७]

मामक़ानी इमाम अली (अ) द्वारा नौफ़ को दिये गये उपदेशों (नसीहतों) को उनकी स्थिति की महानता और उनके विश्वास (ईमान) की ताक़त का संकेत मानते हैं, और इमाम अली (अ) द्वारा उन्हें अच्छे लोगों में से एक मानना उनके कथन का प्रमाण मानते हैं।[१८]

रिवायत

शिया हदीसी स्रोतों में नौफ़ बेकाली से हदीसों का वर्णन किया गया है: उन्होंने नहजुल बलाग़ा के कुछ कलेमाते क़ेसार और इमाम अली (अ) के उपदेशों (ख़ुतबों) का वर्णन किया है।[१९] उन्होंने ख़ुत्बा ए हम्माम (थोड़े अंतर के साथ)[२०] और शियों की विशेषताओं के बारे में भी हज़रत अली (अ) की हदीस का उल्लेख किया है।[२१]

नौफ़ ने अब्दुल्लाह बिन अम्र आस और अबू अय्यूब अंसारी से रिवायत सुनी हैं।[२२] अबू इसहाक़ हमदानी, नुसैर बिन ज़ोअलूक़, ख़ालिद बिन सबीह, अब्दुल मलिक बिन हबीब जूनी, अम्मारा बिन जुवैन अब्दी, शहर बिन होशब अशअरी,[२३] अबू अब्दुल्लाह शामी, अब्दुल आला[२४] और अलक़मा बिन क़ैस[२५] ने उनसे रिवायत की है।

उनका नाम पुराने शिया रेजाली स्रोतों में नहीं आया है; आयतुल्लाह ख़ूई ने उनके नाम के तहत शेख़ सदूक़ से केवल एक रिवायत का उल्लेख किया है और उनके बारे में अपनी राय व्यक्त नहीं की है।[२६] कुछ सुन्नी स्रोतों में कहा गया है कि नौफ़ की मान्यता के अनुसार, क़ुरआन में मूसा और ख़िज़्र की कहानी में मूसा का संदर्भ, बनी इस्राइल के पैग़म्बर मूसा (अ) की तुलना में एक और मूसा हैं और इसी कारण, इब्ने अब्बास ने उन्हें झूठा और ईश्वर का दुश्मन कहा है।[२७]

फ़ुटनोट

  1. इब्ने अबी अल हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, 1404 हिजरी, खंड 10, पृष्ठ 77; मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1352 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 277।
  2. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1352 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 277।
  3. शेख़ तूसी, अल अमाली, 1414 हिजरी, पृष्ठ 576।
  4. इब्ने हजर, अल एसाबा, 1415 हिजरी-1995 ईस्वी, खंड 4, पृष्ठ 580।
  5. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 303।
  6. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 303-313।
  7. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 303।
  8. तबरी, तारीख़ अल उम्म व अल मुलूक, 1967 ईस्वी 1387 हिजरी, खंड 11, पृष्ठ 383।
  9. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1352 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 276; इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 303।
  10. तबरी, तारीख़ अल उम्म व अल मुलूक, 1387 हिजरी, खंड 11, पृष्ठ 164, 664।
  11. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 313।
  12. अमीन, आयान अल शिया, बी ता, खंड 2, पृष्ठ 350।
  13. इब्ने अबी अल हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, 1404 हिजरी, खंड 10, पृष्ठ 77।
  14. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1352 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 276।
  15. अल्लामा मजलिसी, बिहार अल अनवार, 1403 हिजरी, खंड 73, पृष्ठ 359।
  16. नहजुल बलाग़ा, सुब्ही सालेह, खुत्बा 182; अल्लामा मजलिसी, बिहार अल अनवार, 1403 हिजरी, खंड 33, पृष्ठ 394, खंड 34, पृष्ठ 124।
  17. शेख़ सदूक़, अल अमाली, 1376 शम्सी, पृष्ठ 200-210।
  18. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1352 हिजरी, खंड 3, पृष्ठ 276।
  19. नहजुल बलाग़ा, सुब्ही सालेह, उपदेश 182; इब्ने अबी अल हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा, 1404 हिजरी, खंड 10, पृष्ठ 77-76।
  20. अल्लामा मजलिसी, बिहार अल अनवार, 1403 हिजरी, खंड 65, पृष्ठ 192-193।
  21. तूसी, अल अमाली, 1414 हिजरी, पृष्ठ 576।
  22. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 303।
  23. इब्ने असाकर, तारीख़े मदीना दमिश्क़, 1418 हिजरी, खंड 62, पृष्ठ 303।
  24. शेख़ सदूक़, अल ख़ेसाल, 1362 शम्सी, खंड 1, पृष्ठ 337।
  25. शेख़ मुफ़ीद, अल अमाली, 1413 हिजरी, पृष्ठ 132-133।
  26. ख़ूई, मोजम रेजाल अल हदीस, 1410 हिजरी 1369 शम्सी, खंड 19, पृष्ठ 185-186।
  27. किरमानी, अल कवाकिब अल दरारी, 1401 हिजरी, खंड 14, पृष्ठ 50।

स्रोत

  • इब्ने अबी अल-हदीद, अब्दुल हमीद बिन हिबतुल्लाह, शरहे नहजुल बलाग़ा, मुहम्मद अबुल फज़ल इब्राहीम द्वारा संशोधित, मकतब आयतुल्लाह अल मर्शी अल-नजफ़ी, क़ुम, 1404 हिजरी।
  • इब्ने हजर असक्लानी, अहमद बिन अली, अल एसाबा फ़ी तमीज़ अल सहाबा, शोध: आदिल अहमद अब्दुल मौजूद और अली मुहम्मद मोअव्वज़, बेरूत, दार अल-कुतुब अल-इल्मिया, 1415 हिजरी-1995 ईस्वी।
  • इब्ने असाकर, अली इब्ने हसन, तारीख़े मदीना दमिश्क़, शोध: अली शिरी, दार अल फ़िक्र, बेरूत, 1418 हिजरी-1998 ईस्वी।
  • अमीन, सय्यद मोहसिन, आयान अल शिया, हसन अमीन का शोध, बी.ता।
  • ख़ूई, सय्यद अबुल क़ासिम, मोजम रेजाल अल हदीस, मरकज़े नशरे आसारे शिया, क़ुम, 1410 हिजरी-1369 शम्सी।
  • शेख़ सदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल अमाली, किताबची, तेहरान, 1376 शम्सी।
  • शेख़ सदूक़, मुहम्मद बिन अली, अल ख़ेसाल, संपादित: अली अकबर ग़फ़्फ़ारी, जामिया मुदर्रेसीन, क़ुम, 1362 शम्सी।
  • शेख़ तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल अमाली, सुधार: मोअस्सास ए अल बअस, दार अल सक़ाफ़ा, क़ुम, 1414 हिजरी।
  • शेख़ मुफ़ीद, मुहम्मद बिन नोमान, अल अमाली, अली अकबर गफ़्फ़ारी और हुसैन वली द्वारा सुधार, शेख़ मुफ़ीद कांग्रेस, क़ुम, 1413 हिजरी।
  • तबरी, मुहम्मद बिन जरीर, तारीख़ अल उम्म व अल मुलूक, शोध: मुहम्मद अबुल फ़ज़्ल इब्राहीम, दार अल-तोरास, बेरूत, 1967 ईस्वी-1387 हिजरी।
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  • नहजुल बलाग़ा, सुब्ही सालेह द्वारा सुधार, हिजरत, क़ुम, 1414 हिजरी।