तजरीदुल एतेक़ाद (किताब)

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तजरीदुल एतेक़ाद या तजरीदुल कलाम (अरबीः تَجریدُ الإعتِقاد) ख़्वाजा नसीरुद्दीन तूसी (मृत्यु 672 हिजरी) द्वारा अरबी भाषा मे इल्मे कलाम (धर्मशास्त्र के विज्ञान) के विषय पर लिखी गई किताब है, जो दार्शनिक दृष्टिकोण के साथ इमामिया की मान्यताओं-विश्वासो (अक़ाइद) को समझाती और साबित करती है।

ईश्वर के अस्तित्व और उसकी विशेषताओं को साबित करने के अलावा इस किताब में पैगंबर मुहम्मद (स) की बेसत की सार्वभौमिकता, क़ुरआन का मोज्ज़ा (चमत्कार) होना, पैगंबर (स) के बाद खिलाफ़त के लिए इमाम अली (अ) की तुलना में किसी दूसरे का अयोग्य होना। दूसरों पर इमाम अली (अ) की श्रेष्ठता, इमामों की इस्मत और मआद ए जिस्मानी (शारीरिक पुनरुत्थान) इत्यादि उल्लेखित विषय हैं।

तजरीदुल एतेक़ाद नामक किताब शियों के विश्वासो का सार और सबसे मूल्यवान कार्य के साथ सबसे संक्षिप्त शियो के धर्मशास्त्रीय ग्रंथों में से एक है; इसलिए इसकी व्याख्या मे या आलोचना मे कई रचनाएँ लिखी गई हैं। तजरीदुल एतेक़ाद किताब पर शिया और सुन्नी विद्वानों द्वारा कम से कम 231 शरह और हाशिए पेश किए गए हैं; उनमें से कश्फ़ुल मुराद अल्लामा हिल्ली द्वारा और तस्दीदुल क़वाइद अब्दुर रहमान इस्फ़हानी द्वारा द्वारा लिखी गई है।

मुर्तज़ा मुताहरी के अनुसार इस कृति में ख्वाजा नसीर ने कलाम को जदल से निकाल कर बुरहान तक पहुँचाया है।

लेखक

मुख़्य लेख: ख़्वाजा नसीरुद्दीन तूसी

नसीरुद्दीन मुहम्मद बिन मुहम्मद तूसी, ख़्वाजा नसीरूद्दीन तूसी के नाम से प्रसिद्ध महान मुस्लिम दार्शनिक और गणितज्ञ (जन्म तूस 597-672 बगदाद में मृत्यु) जिन्होंने मुग़ल शासक हलाकूख़ान के शासनकाल के दौरान 660 हिदसी में मुराग़ा रसदखाना की स्थापना की थी।[१]

उलूमे अक़ली (बौद्धिक विज्ञान) जैसे फ़लसफ़ा (दर्शनशास्त्र), इल्मे कलाम (धर्मशास्त्र) और अख़लाक़ (नैतिकता) के अलावा दूसरे उलूम जैसे हिंदसा (ज्यामिति), रियाज़ी (गणित), जब्र (बीजगणित) और फ़ीजीक (भौतिकी) तथा धार्मिक विज्ञान जैसे फ़िक्ह (न्यायशास्त्र), तफ़सीर (व्याख्या) और इसी प्रकार इतिहास, शेर, चिकित्सा और संगीत[२] सहित विभिन्न विषयों में शरह इशारात, तजरीदुल एतेक़ाद, तजरीद दर मंतिक़, फ़ुसूल ए नसीरिया, औसाफ़ अल-अशराफ़, क़वाएदुल अक़ाइद, नक़द अल-मोहस्सिल और असासुल इक़्तेबास उनके महत्वपूर्ण कार्यों के कुछ उदाहरण हैं।[३]

कंटेंट

तजरीदुल एतेक़ाद या तजरीदुल अक़ाइद[४] या जैसा कि किताब अल-ज़रीया में आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी द्वारा तजरीदुल कलाम उल्लेख किया गया है।[५] ख्वाजा नसीरुद्दीन तूसी की रचना है।[६] और प्रसिद्ध कथन के अनुसार इसकी रचना 660 हिजरी मे पूरी हुई।[७]

अरभी भाषा मे लिखी गई यह किताब इस्लामी दर्शनशास्त्र और शिया कलाम पर आधारित है अर्थात लेखक ने इस किताब मे धर्मशास्त्रीय मुद्दो को दार्शनिक रूप मे बयान किया है।[८] सातवी चंद्र शताब्दी से धर्मशास्त्र के विज्ञान मे शिया और सुन्नी दोनो विचार धाराओ के स्कूलो के धर्मशास्त्रीय मुद्दो मे एक अदित्तीय उदारहण के रूप मे चली आ रही है।[९] इस किताब मे निम्नलिखित 6 अध्याय है।

  1. उमूर ए आम्माः वजूद और अदम, माहियत और इसी तरह इल्लत और मालूल तीन खंडो पर आधारित।
  2. जवाहिर और अग़राज़ः जवाहिर पांच खंड और अजसाम दो खंड, जवाहिर मुजर्रद और अग़राज़ पर आधारित है।
  3. ख़ालिक़ और उसकी सिफ़ात का इस्बातः तीन खंड वजूद, सिफ़ात और अफआल पर आधारित है।
  4. नबूव्वतः 10 खंड बेसत ए अम्बिया, वजूब ए बेसत, पैगंबरो की सिफ़ात, चमत्कार, करामात, बेसत की सार्वभौमिकता, हज़रत मुहम्मद (स) की बेसत, क़ुरआन का मोज्ज़ा होना, नस्ख और इसी प्रकार हज़त मुहम्मद (स) की बेसत का सार्वभौमिक होना।
  5. इमामतः 12 खंडो पर आधारित है जिसमे इमाम के निर्धारण का अनिवार्य होना, इस्मत, इमाम का दूसरे लोगो से अफ़ज़ल (श्रेष्ठ) होना, इमाम के संबंध मे नस (दस्तावेज) का होना अनिवार्य है, हज़रत अली की इमामत, इमाम अली (अ) की तुलना मे दूसरो मे योग्यता न होना, 12 इमाम, इमाम अली (अ) के विरोधी और आपसे लड़ने वाले इस खंड के तीन अध्याय अबू बक्र, उमर और उस्मान से संबंधित है।
  6. मआदः 11 खंडो पर आधारित है। जिसमे किसी दूसरी दुनिया बनाने की संभावना, भौतिक पुनरुत्थान, सवाब और अज़ाब, ईश्वरीय क्षमा, शफ़ाअत, पश्चाताप आदि शामिल हैं।

पुस्तक का पहला अध्याय वजूद और अदम के बारे में है। मोहक़्क़िक़े तूसी ने इस अध्याय में अस्तित्व और अनस्तित्व (वजूद और अदम) की दो परिभाषाएँ बयान की हैं और कहा है कि अस्तित्व और अनस्तित्व को परिभाषित करना संभव नहीं है, और यदि उन्होंने (मुताकल्लेमीन और हुक्मा) परिभाषाएँ दी हैं, तो यह केवल एक शब्द को दूसरे शब्दे मे परिवर्तित करने के बारे में है। और यह काम स्वयं-स्पष्ट चीजों की परिभाषा में आम है। वे एक शब्द को एक दूसरे स्पष्ट शब्द से बदल देते हैं, और यह स्पष्ट है कि अस्तित्व से बेहतर कुछ भी नहीं है जो अस्तित्व की परिभाषा में इस्तेमाल किया जा सकता है।[१०] पुस्तक का अंतिम अध्याय अम्र बिल मारूफ और नही अज़ मुंकर की शर्तो के बारे में है, मोहक़्क़िक़े तूसी ने तीन शर्ते बयान की है। 1- अम्र बिल मारूफ और नही अज़ मुंकर करने वाले के माध्यम से अच्छे और बुरे की पहचान 2- प्रभाव होने की संभावना 3- मफसदा न होना[११]

महत्व

तजरीदुल एतेक़ाद सबसे महत्वपूर्ण शिया कलामी पुस्तकों में से एक है और इसे एक अद्वितीय कृति माना जाता है[१२] संक्षिप्त होने के बावजूद कई मुस्लिम और शिया विद्वानों ने इस पर शरह लिखते हुए ख्वाजा के विचारों को स्वीकार या अस्वीकार करने पर तर्क दिए है।[१३] आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी ने तजरीदुल एतेक़ाद को शिया अकाइद पर सबसे मूल्यवान काम माना है।[१४] अली सदराई खुई के शोध के अनुसार , जिनका उल्लेख ताजरीदुल एतेक़ाद की ग्रंथ सूची में किया गया है, तजरीदुल एतेक़ाद के लिए कम से कम 231 शरह और हाशिए लिखे गए हैं।[१५]

शोधकर्ताओं के अनुसार, इस पुस्तक में ख्वाजा नसीर तूसी ने फ़लसफ़ा ए मश्शा और शिया कलाम को मिलाकर शिया विचारकों के बीच इन दो विज्ञानो (कलाम और फ़लसफला) को एक दूसरे से निकट लाने मे सफल हुए है।[१६] मुर्तजा मुताहरी के अनुसार, ख्वाजा नासीरुद्दीन तूसी ने तजरीदुल एतेक़ाद को लिखकर कलाम को जदल से निकाल कर बुरहान तक पहुँचाया है।[१७] अश्अऱी और मोतज़ली मुस्लिम धर्मशास्त्रियों ने इस पुस्तक में ख्वाजा नासीर की पद्धति का अनुकरण किया है।[१८] ख्वाजा नासिर ने स्वयं इस पुस्तक को सर्वोत्तम पद्धति के रूप में पेश किया और उन विचारों और विश्वासों को शामिल किया जो सबूत के साथ उनके लिए साबित (सिद्ध) हैं।[१९]

व्याख्याएं

तजरीदुल एतेक़ाद सबसे संक्षिप्त शिया धर्मशास्त्रीय ग्रंथों में से एक है[२०] और विभिन्न इस्लामी संप्रदायों के विद्वानों ने फारसी और अरबी में इस पर कई शरह और हाशिए लिखे हैं।[२१] तजरीदुल एतेक़ाद पर सबसे पहले ख्वाजा नसीर तूसी के छात्र अल्लामा हिल्ली द्वारा लिखित शरह कश्फुल मुराद फ़ी शरह तजरीदिल एतेक़ाद है।[२२] सुन्नी विद्वान फ़ाज़िल कूशची[२३] जिन्होंने खुद तजरीदुल एतेक़ाद पर शरह लिखी, का मानना है कि अगर अल्लामा हिल्ली ने तजरीद पर शरह नही लिखी होती, तो शायद इस काम के विषयों से ख्वाजा का सही अर्थ कभी भी समझ मे नही आता।[२४]

तजरीदुल एतेक़ाद पर लिखी गई शरह और हाशियो में से कुछ ने अधिक ध्यान आकर्षित किया है और यहां तक कि उन्हें समझाते हुए या उनकी आलोचना करते हुए किताबें भी प्रकाशित हुई हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • कश्फ़ुल मुराद फ़ी शरह तजरीदिल एतेक़ादः हसन बिन युसूफ़ हिल्ली (मृत्यु 726 हिजरी) द्वारा लिखित पहली शरह है इस पर कम से कम 10 रचनाएं प्रकाशित हुई है जिनमे से दो फ़ारसी भाषा मे है।[२५]
  • तसदीदुल क़वाइद फ़ी शरह तजरीदिल अक़ाइद, या तशयीदुल क़वाइद, या तशदीदुल क़वाइदः जोकि शरह क़दीम के नाम से जानी जाती है। महमूद अब्दुर रहमान इस्फ़हानी द्वारा ख्वाजा नसीर के लेखन की अस्वीकृति मे विशेष रूप से इमामत के विषय पर है।[२६] अली बिन मुहम्मद जुर्जानी ने नसीरुद्दीन काशी के हाशिए का हवाला देते हुए तसदीदुल क़वाइद की समालोचना की है।[२७] जिसे हाशिया ए जुर्जानी कहा जाता है। इसकी आलोचनाम मे कम से कम 26 पुस्तके प्रकाशित हुई है।[२८] जुर्जानी के अलावा 9 व्यक्तियो ने शरह कदीम की नकद करते हुए किताबे लिखी है।[२९]
  • शरह तजरीदुल एतेक़ादः अली बिन मुहम्मद कूशची की रचना है जोकि शरह कूशची या शरह जदीद के नाम से व्याखयात है। यह किताब भी शरह तसदीदुल क़वाइद की भांति ख्वाजा नसीर तूसी के विचारो की आलोचना विशेष रूप से इमामत के विषय पर है।[३०] जोकि दूसरी शरहो की तुलना मे अधिक प्रसिद्ध है। इसी प्रकार इसके विरूद्ध बहुत सी किताबे लिखी गई है।[३१]
  • तब्क़ात अल-जलालीया वल सदरीयाः कूशची की शरह के संबंध मे मुल्ला जलाल दवानी और सदरे दशतकी के बीच आदान-प्रदान किए गए पांच कार्यो का शीर्षक है।[३२] इन पांच कार्यों के बारे में लिखी गई समीक्षाओं की कुल संख्या 60 से अधिक होने की सूचना है।[३३]
  • शवारिक अल-इल्हाम फ़ी शरह तजरीदिल कलामः मुल्ला सदरा शिराज़ी के छात्र अली बिन हुसैन फ़य्याज़ लाहीजी द्वारा लिखित सबसे विस्तृत शरह है जिसपर विभिन्न हाशिए भी लिखे गए है।[३४]

उपलब्ध संस्करण

तजरीदुल एतेक़ाद के कई संस्करण उपलब्ध हैं; उनमें से वह संस्करण जोकि 669 हिजरी मे लिखा गया और तेहरान में इस्लामिक काउंसिल के पुस्तकालय में मौजूद है।[३५] तजरीदुल एतेक़ाद अल्लामा हिल्ली की शरह के साथ पहला संस्करण 1311 में प्रकाशित हुई थी।[३६] इस पुस्तक के विभिन्न संस्करण उपलब्ध हैं। 1407 हिजरी मे क़ुम मे प्रकाशित होने वाला मुहम्मद जवाद हुसैनी जलाली द्वारा संशोधित संस्करण शामिल है। 1351 हिजरी में अबुल हसन शैरानी के विवरण के साथ अल्लामा हिल्ली (कशफ़ुल मुराद) का वर्णन भी अनुवादित और प्रकाशित किया गया था[३७] और हसनज़ादेह अमोली द्वारा संशोधित संस्करण 1407 हिजरी में क़ुम में प्रकाशित किया गया था।[३८]

आक़ा बुजुर्ग तेहरानी[३९] और हाजी खलीफा[४०] ने बड़ी संख्या में तजरीदुल एतेक़ाद पर शरह और हाशियो को परिचित कराया है। इसके अलावा, अली सदराई खूई और सैय्यद महमूद मरअशी ने तजरीदुल एतेक़ाद की पांडुलिपियों (खत्ती नुस्खो) और इसकी कई शरहो और हाशियो की जांच करके "किताब शनासी ए तजरीदुल एतेक़ाद" नामक एक काम में, इससे संबंधित सभी कार्यों को पेश किया है। यह काम 2002 में क़ुम में आयतुल्लाह मरअशी नजफी पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा प्रकाशित किया गया था।[४१]

फ़ुटनोट

  1. नसीरुद्दीन तूसी, तनसूख़नामा एलख़ानी, मुक़द्दमा, पेज 19
  2. देखेः फहरिस्त ए आसार ए ख्वाज़ा नसीरुद्दीन तूसी
  3. नसीरुद्दीन तूसी, तनसूख़नामा एलख़ानी, मुक़द्दमा, पेज 22
  4. देखेः नसीरुद्दीन तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, मकतब अल-आलाम अल-इस्लामी, पेज 101
  5. देखेः आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, अल-ज़रीआ एला तसानीफ़ अल-शिया, दार अल-अज़्वा, भाग 3, पेज 352-354; शेरानी, कशफुल मुराद, 1372 शम्सी, पेज 11
  6. हाजी ख़लीफ़ा, कशफ अल-ज़ुनून, दार ए एहयाइत तुरास अल-अरबी, भाग 1, पेज 346
  7. नसीरुद्दीन तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, मकतब अल-आलाम अल-इस्लामी, शोधः हुसैनी जलाली, मुक़द्दमा मोहक़्क़िक़, पेज 73
  8. नसीरुद्दीन तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, मकतब अल-आलाम अल-इस्लामी, शोधः हुसैनी जलाली, मुक़द्दमा मोहक़्क़िक़, पेज 71
  9. नसीरुद्दीन तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, मकतब अल-आलाम अल-इस्लामी, शोधः हुसैनी जलाली, मुक़द्दमा मोहक़्क़िक़, पेज 71
  10. तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, 1407 हिजरी, भाग 1, पेज 105
  11. तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, 1407 हिजरी, भाग 1, पेज 310
  12. देखेः शेरानी, कशफ़ुल मुराद, 1372 शम्सी, पेज 11
  13. हुसैनी ख़ानसारी, कशफ़ुल इस्तार, 1418 हिजरी, भाग 5, पेज 24
  14. आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, अल-ज़रीआ एला तसानीफ़ अल-शिया, दार अल-अज़्वा, भाग 3, पेज 352
  15. सदराई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 13
  16. अहमदी, इज्माली अज़ सैर ए फ़लसफ़ा ए इस्लामी..., पेज 224 दावरी, पैदाइश वा बस्त इल्मे कलाम, पेज 119
  17. मुताहरी, आशनाई बा उलूम ए इस्लामी, 1369 शम्सी, भाग 2, पेज 68
  18. मुताहरी, आशनाई बा उलूम ए इस्लामी, 1369 शम्सी, भाग 2, पेज 57
  19. अल्लामा हिल्ली, कशफ़ुल मुराद फ़ी शरह तजरीदिल एतेक़ाद, 1407 हिजरी, पेज 20
  20. अल्लामी हिल्ली, कशफ़ुल मुराद, 1407 हिजरी, पेज 19; शेरानी, कशफ़ुल मुराद, 1372 शम्सी, पेज 11
  21. कंतूरी, कशफ़ अल-हुजब वल इस्तार अन असमाए अल-कुतुब वल अस्फ़ार, पेज 97; सदराई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 12-13
  22. सदराई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 35
  23. शेरानी, कशफ़ुल मुराद, 1372 शम्सी, पेज 11
  24. आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, अल-ज़रीआ, भाग 3, पेज 353; अल्लामा हिल्ली, कशफ़ुल मुराद फ़ी शरह तजरीदिल एतेक़ाद, मुक़द्दमा हसन हसन जादा आमोली, पेज 3; सदराई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 35
  25. सदराई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 35-42
  26. देखेः सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 42
  27. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 44
  28. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 47-54
  29. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 55-58
  30. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 59
  31. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 59
  32. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 63
  33. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 59-130
  34. सदारई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी, पेज 161-162
  35. नसीरुद्दीन तूसी, तजरीदुल एतेक़ाद, मकतब अल-आलाम अल-इस्लामी, शोधः हुसानी जलाली, मुक़द्दमा मोहक़्क़िक़, पेज 76
  36. वन दाइक, इकतेफ़ा अल-क़ुनूअ बेमा होवा मतबूअ, 1409 हिजरी, पेज 197
  37. देखेः शेरानी, कशफ़ुल मुरादः शरह तजरीदुल एतेक़ाद, 1372 शम्सी, पेज 13
  38. देखेः अल्लामा हिल्ली, कशफ़ुल मुराद, 1407 हिजरी
  39. आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, अल-ज़रीया एला तसानीफ़ अल-शिया, भाग 3, पेज 352-354, भाग 6, पेज 64-70
  40. हाजी ख़लीफ़ा, कशफ अल-ज़ुनून, दार ए एहयाइत तुरास अल-अरबी, भाग 1, पेज 351-364
  41. देखेः सदराई ख़ूई, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, 1382 शम्सी

स्रोत

  • अनवार, अब्दुल्लाह, फ़हरिस्त नुसख़ ख़त्ती किताब ख़ाना मिल्ली, तेहरान, 1343-1358 शम्सी
  • अल्लाम हिल्ली, हसन बिन युसूफ़, कशफ़ुल मुराद फ़ी शरह तजरीदिल एतेक़ाद, क़ुम, चाप हसन हसन ज़ादा आमोली, 1407 हिजरी
  • अहमदी, अहमद, इजमाली अज़ सैर फ़लसफ़ा इस्लामी बाद अज़ इब्ने रुश्द, दर मजल्ले फ़लसफ़ा दर ईरानः मजमूआ मक़ालात फ़लसफ़ी, तेहरान, हिकमत, 1358 शम्सी
  • आक़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, मुहम्मद मोहसिन, अल-ज़रीआ एला तसानीफ़ अल-शिया, भाग 3, बैरूत, दार अल-अज़्वा
  • कंतूरी, एजाज़ हुसैन बिन मुहम्मद क़ुली, कशफ़ अल-हुजब वल इस्तार अन असामा इल कुतुब वल अस्फ़ार, क़ुम 1409 हिजरी
  • कूशची, अली बिन मुहम्मद, शरह तजरीदुल अक़ाइद, तेहरान, चाप संगी, 1285
  • दावरी, रज़ा, पैदाइश व बस्त इल्मे कलाम, दर मजल्ला ए फ़लसफ़ा दर ईरानः मजमूआ मक़ालात फ़लसफ़ी, तेहरान, हिकमत, 1358 शम्सी
  • नसीरुद्दीन तूसी, मुहम्मद बिन मुहम्मद, तजरीदुल एतेक़ाद, ज़िम्ने कशफ़ुल मुराद फ़ी शरह तजरीदिल एतेक़ाद, तालीफ, अल्लामा हिल्ली, क़ुम, चाप हसन हसन जादा आमोली, 1407 हिजरी
  • नसीरुद्दीन तूसी, मुहम्मद बिन मुहम्मद, तजरीदुल एतेक़ाद, शोधः मुहम्मद जवाद हुसैनी जलाली, तेहरान, मकतब आलाम इस्लामी, पहला संस्करण 1407 हिजरी
  • नसीरुद्दीन तूसी, मुहम्मद बिन मुहम्मद, तलख़ीस अल-मोहस्सिल, तेहरान, चाप अब्दुल्लाह नूरानी, तेहरान, 1359 शम्सी
  • नुस्ख़ेहाए ख़्त्ती, नशरिया किताब खाना मरकज़ी दानिशगाह तेहरान, भाग 5, जेर नज़र मुहम्मद तक़ी दानिश पुज़ूह, तेहरान 1346 शम्सी
  • फ़ाज़िल, महमूद, फ़हरिस्त नुस्ख़ेहाए ख़त्ती किताब ख़ाना दानिश कदे इलाहीयात व मआरिफ इस्लामी मशहद, तेहरान, 1355- 1361 शम्सी
  • फ़िकरत, मुहम्मद आसिफ़, फ़हरिस्ते अलिफ बाई कुतुब खत्ती किताब खाना मरकज़ी आस्ताने कुद्से रज़वी, मशहद, 1369 शम्सी
  • मंजूई, अली नक़ी व मुहम्मद तक़ी दानिश पुज़ूह, फहरिस्त किताब खाना मदरसा आली सिपाह सालार, भाग 3, तेहरान, 1340 शम्सी
  • मंजूई, अली नक़ी व मुहम्मद तक़ी दानिश पुज़ूह, फहरिस्त किताब खाना मदरसा आली सिपाह सालार, भाग 4, तेहरान, 1366 शम्सी
  • मुताहरी, मुर्तज़ा, आशनाई बा उलूम ए इस्लामी, भाग 2, तेहरान, 1369 शम्सी
  • मुदर्रिस रज़वी, मुहम्मद तक़ी, अहवाल वा आसार ए ख़्वाजा नसीरूद्दीन तूसी, तेहारन, 1354 शम्सी
  • मुदर्रिस रज़वी, मुहम्मद तक़ी, शरह हाल ए मोअल्लिफ़ किताब, दर तंसूख नामा एलख़ानी, तेहरान, इत्तेलाआत, 1363 शम्सी
  • वन दाइक, अदवार, किताब इक्तेफ़ा अल-क़ुनूअ बेमा होवा मतबूअ, मिस्र, चाप मुहम्मद अली बबलावी, 1313 हिजरी, 1896 ई (क़ुम चाप अफसत, 1409 हिजरी)
  • शेरानी, अबुल हसन, कशफ़ुल मुराद, शरह फ़ारसी तजरीदुल एतेक़ाद, तेहरान, किताब फरोशी इस्लामीया, 1372 शम्सी
  • सदराई ख़ूई, अली, किताब शनासी तजरीदुल एतेक़ाद, बे कोशिश सय्यद महमूद मरअशी नजफ़ी, क़ुम, किताब खाना बुजुर्ग हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा मरअशी नजफी, 1382शम्सी 1424 हिजरी 2003 ई
  • सदरूद्दीन शिराज़ी, मुहम्मद बिन इब्राहीम, शरह उसूले काफ़ी, तेहरान, चाप संगी, 1391 हिजरी
  • हाजी ख़लीफ़ा, मुस्तफ़ा बिन अब्दुल्लाह, कशफ़ अल-ज़ुनून अन असामीइल कुतुब वल फ़ुनून, बा मुक़द्दमा सय्यद शहाबुद्दीन मरअशी, बैरूत, दार ए एहयाइत तुरास अल-अरबी
  • हुसैनी ख़ानसारी, अहमद, कशफ अल-इस्तार अन वज अल-कुतुब वल अस्फ़ार, बे कोशिश मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ) ले एहयाइत तुरास, भाग 5, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ) ले एहआइत तुरास, 1418 हिजरी
  • हुसैनी, अहमद, फ़हरिस्त नुस्ख़ेहाए ख़त्ती किताब खाना उमूमी हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा नजफ़ी मरअशी, क़ुम, 1354-1374 शम्सी