बशीर हुसैन नजफ़ी
पूरा नाम | शेख़ बशीर हुसैन नजफ़ी |
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जन्म तिथि | वर्ष 1361 हिजरी |
जन्म स्थान | जालंधर, भारत |
गुरू | आयतुल्लाह ख़ूई, मुहम्मद काज़िम क़ारूबी तबरेज़ी, सय्यद मुहम्मद रूहानी, मुहम्मद अली मुदर्रिसे अफ़ग़ानी |
शिक्षा स्थान | पाकिस्तान, नजफ़ |
संकलन | मिरक़ातुल उसूल, मुस्तफ़ा अल दैन अल क़य्यिम, अल-शायरिल हुसैनीयते वा मरासीम अल-अज़ा |
वेबसाइट | http://www.alnajafy.com/ |
शेख़ बशीर नजफ़ी (अरबी: بشير حسين النجفي) (जन्म 1361 हिजरी) शिया मराजे ए तक़लीद में से एक हैं, जो पाकिस्तान के मूल निवासी और नजफ़े अशरफ़ में रहते हैं।
कुछ शर्तों के साथ मासूमीन (अ) के चेहरों को बनाना हराम और इमाम हुसैन (अ) के शोक में क़मा लगाना जायज़ है, उनके मशहूर फ़तवे है।
आप राजनीतिक मामलों में इराक़ मे वहदते मरजेईयत में विश्वास करते है और इराकी राजनीतिक मुद्दों को आयतुल्लाह सिस्तानी की ओर संदर्भित करते है। "शिया और सुन्नी एकता का आह्वान" और "इराक़ की राजनीतिक धाराओं के समर्थन में निक्षपकता" उनके अन्य राजनीतिक दृष्टिकोण हैं।
मिरक़ात उल उसूल, अल-शायरिल हुसैनीयते वा मरासीम अल-अज़ा, वल गदीरिल इतालते वल आमाल उनकी रचनाऐँ है।
जीवनी
सादिक़ अली के पुत्र बशीर हुसैन नजफी, जोकि शेख़ बशीर नजफ़ी के नाम से प्रसिद्ध है[१] आपका जन्म 1942 ई में (पूर्वी पंजाब, भारत के जालंधर) शहर मे हुआ।[२] आपके दादा शेख मोहम्मद इब्राहिम पाकिस्तानी (मृत्यु 1962 ई) और आपके चाचा मौलाना खादिम हुसैन (मृत्यु 1402 हिजरी) धार्मिक विद्वान थे और आपका परिवार पाकिस्तान और भारत के विभाजन के बाद 1947 ई मे भारत से पाकिस्तान आकर लाहौर के उपनगरी शहर बाटापुर में बस गया। आपके परिवार के प्रचार से वहां शिया धर्म का प्रसार हुआ।[३]
बशीर नजफ़ी 1965 में उच्च शिक्षा के लिए नजफ गए।[४] इराक के राष्ट्रपति सद्दाम के शासन काल मे सद्दाम के आदेश से गैर-इराकी शिया मौलवियों और विद्वानों (जिन्हें मूआवेदीन कहा जाता था) को निष्कासित कर दिया गया था लेकिन आप नजफ़ से नही गए।[५] आयतुल्लाह ख़ूई का हवाला देते हुए ब्रिटिश इंडिपेंडेंट अखबार ने 1419 हिजरी 1999 ई में बशीर नजफ़ी की असफल हत्या की सूचना दी।[६] कुछ लोगों ने इस हमले की व्याख्या उन्हें दबाव मे इराक़ से बाहर निकालने के रूप में की है।[७] पाकिस्तान में बशीर नजफ़ी के प्रतिनिधि सिब्तैन सबज़वारी के अनुसार, नजफ में प्रवास के बाद वह कभी भी पाकिस्तान नहीं लौटे।[८]
शेख़ बशीर नजफ़ी के चार बेटे हैं, जिनमें अली बशीर नजफ़ी आपके प्रतिनिधि हैं।[९]
शिक्षा
शेख़ बशीर नजफ़ी ने अपनी प्रारंभिक धार्मिक शिक्षा अपने दादा मुहम्मद इब्राहिम (मृत्यु 1962 ई) और अपने चाचा मौलाना खादिम हुसैन (मृत्यु 1402 हिजरी) से प्राप्त की और क़ुरआन हिफ़्ज़ कर लिया, इसलिए उन्हें हाफिज़ बशीर भी कहा जाता है। 1961 से 1965 के बीच, उन्होंने लाहौर में मदरसा जामेअतुल मुंतज़र (जामे अल-मुंतजर) में अध्ययन किया और अख्तर अब्बास नजफ़ी से लाभान्वित हुए।[१०] पाकिस्तान में उनके अन्य अध्यापको में सय्यद रेयाज़ हुसैन नक़वी और सय्यद सफ़दर हुसैन नजफ़ी।[११] आप स्कूल मे शिक्षा लेने के साथ-साथ इसी मदरसे मे पढ़ाते भी थे।[१२]
पाकिस्तान से नजफ़ प्रवास करने के पश्चात आपके अध्यापक निम्मलिखित हैः
- आयतुल्लाह ख़ूई: आपने सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई के पास उसूल का पूरा दौरा और फ़िक्ह का कुछ हिस्सा दर्से ख़ारिज पढ़ा।
- मुहम्मद काज़िम क़ारूबी तबरेज़ीः किफ़ायातुल उसूल और दर्से खारिज का कुछ हिस्सा
- सय्यद मुहम्मद रूहानीः उसूल और फ़िक्ह[१३]
- मुहम्मद अली मुदर्रिसे अफ़ग़ानी[१४]
बशीर नजफ़ी ने 1968 ई से नजफ़ में शिक्षण स्तर शुरू किया[१५] इराक के तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के पतन से पहले और पतन के बाद आप फ़िक़्ह और उसूल के दरसे खारिज़ पढ़ाने में व्यस्त थे।[१६]
रचनाएं
शेख़ बशीर नजफ़ी ने फिक़्ह, उसूल, फ़लसफ़ा, कलाम, तफ़सीर और हदीस जैसे विषयों पर अरबी भाषा में रचनाएँ लिखीं, जिनमें से लगभग 20 रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं।[१७] मिरक़ातुल उसूल नामक किताब आपके द्वारा लिखी गई उसूले फ़िक़्ह की एक किताब हैं।[१८] इस पुस्तक में आपने निम्नलिखित उसूल की शुरुआत और इसकी मुख्य विषयो जैसे अवामिर और नवाही, आम और ख़ास, उसूले अमालीया, तआदुल, तराजीह पर चर्चा की है।[१९]
आपकी कुछ प्रकाशित रचनाएँ इस प्रकार हैं:
- वक़फ़तुन माआ मुक़ल्लेदिल मौता
- मनासेकुल हज
- ख़ैरुस सहाएफे फ़ी अहकामिल इफ़ाफ़
- सतबक़न नजफ़ो ज़ाएदतुन हौज़ाति आलम
- मुस्तफ़ा अल दैन अल क़य्यिम
- बुहूसुन फ़िक़्हीयतुन मआसेरा
- अत्ताएबो हबीबुल्लाह
- अल-शाएरिल हुसैनीयतो वा मरासीमुल अज़ा
- विलादतो इमामुल महदी (अ)
- अल-गदीर इतालतो वल आमाल[२०]
- तालीक़तुन अला शरहित तजरीद अल-अल्लाम
मरजेईयत काल
आयतुल्लाह सिस्तानी के बाद बशीर नजफ़ी को नजफ़ में (सय्यद मोहम्मद सईद अल-हकीम और इस्हाक़ फ़य्याज़ के साथ) तीन मराज ए तकलीद में से एक माना जाता है।[२१] आपकी तौज़ीहुल मसाइल अल-दीनुल क़य्यिम नाम से अरबी भाषा मे प्रकाशित हुई और उसका अनुवाद अंग्रेजी, उर्दू और गुजराती (भारतीय राज्य गुजरात की आधिकारिक भाषा) में किया गया है।[२२]
मशहूर फ़त्वे
- शेख़ बशीर नजफ़ी के फ़तवे के अनुसार, तीन शर्तो के साथ इमाम हुसैन (अ) के सोग मे क़मा लगाना जायज़ है: "(1- क़मा लगाने वाले व्यक्ति को मरने या शरीर के किसी अंग को नुक़सान पहुंचने का यक़ीन या इत्मीनान ना हो, 2- किसी ऐसे स्थान अथवा समय पर ना हो जहा इस काम से लोग धर्म से दूर हो जाए, 3- क़मा लगाने का उद्देश्य इमाम हुसैन (अ) की मज़लूमियत और ज़ालिमो के ज़ुल्म को उजागर करना हो)।"[२३]
- शेख़ बशीर नजफ़ी के अनुसार, मासूमीन और कुछ ग़ैर मासूमीन जेसै हज़रत अब्बास (अ) के चेहरे की तस्वीर बनाना हराम है। और इस तस्वीरो को मासूमीन की ओर निसबत देना गुनाहे कबीरा (बड़े पाप) समझते है।[२४]
- आपके फ़त्वे के अनुसार, तौहीद, नबूवत और मआद पर विश्वास रखता हो और इस्लाम की आवश्यत शिक्षाओ मे से किसी एक का भी इंकार ना करता हो, ऐसा व्यक्ति मुस्लमान है। और अहले किबला की तकफ़ीर जायज़ नही है। और मुस्लमानों पर उसके जीवन, संपत्ति, और सम्मान की रक्षा करना अनिवार्य है।[२५]
राजनीतिक दृष्टिकोण
बशीर हुसैन नजफ़ी के कुछ विचार और राजनीतिक दृष्टिकोण इस प्रकार हैं:
- शिया और सुन्नी की एकता: "साख्तारे सियासी-इज्तेमाई शिआयाने इराक" पुस्तक के लेखक ने शिया और सुन्नी की एकता के आह्वान को बशीर नजफ़ी के मूल विचारों में से एक माना है।[२६] नजफी ने वहाबियों के उग्रवाद का विरोध किया[२७] और मुस्लमानों को हिंसक व्यवहार से बचने की सलाह दी।[२८]
- इराक़ की मरजेईयत की एकता: इतिहास के एक शोधकर्ता रसूल जाफ़रयान के अनुसार, "तशय्यो दर इराक, मरजेईयत वा ईरान" पुस्तक में बशीर नजफ़ी, सय्यद मुहम्मद सईद अल-हकीम और मुहम्मद इस्हाक़ फ़य्याज़ ने इराक के राजनीतिक मुद्दों को आयतुल्लाह सिस्तानी के लिए संदर्भित किया।[२९] "साख्तारे सियासी-इज्तेमाई शिआयाने इराक" पुस्तक के लेखक के अनुसार बाथ पार्टी के पतन के बाद इराक के राजनीतिक मुद्दों में बशीर नजफी की गतिविधिया कम हो गई है; उन्होंने इसका कारण इराक की मरजेईयत की एकता पर विश्वास और राजनीतिक मुद्दो मे सय्यद अली सिस्तानी की ओर जाना है।[३०]
- ईरान के इस्लामी गणराज्य के बारे में दृष्टिकोण: बशीर नजफ़ी ने ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक में ईरान के इस्लामी गणराज्य को दुनिया मे शियों और असली मुस्लमानों की आवाज़ माना।[३१] साथ ही ईरान के तत्कालीन विदेश मंत्री के साथ बैठक मे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में ईरान और इराक के बीच व्यापक संचार का आह्वान किया।[३२]
इराक़ से विदेशी ताकतों की वापसी पर जोर देना[३३] और इराकी राजनीतिक धाराओं का समर्थन करने में तटस्थता[३४] उनके अन्य विचारों और दृष्टिकोण हैं।
अन्य दृष्टिकोण
बशीर नजफ़ी ने हौज़ा ए इल्मिया के पाठ्यक्रम में पुस्तकों के स्थान पर नई और आसान पुस्तकों की प्रतिस्थापन की आलोचना की है।[३५] उनके अनुसार, शेख़ अंसारी द्वारा लिखित रसाइल और आखुंद खुरासानी द्वारा लिखित किफ़ायातुल उसूल का कोई विकल्प नहीं है।[३६] आपने मुहम्मद रज़ा मुज़फ़्फ़र द्वारा लिखित उसूलुल फ़िक्ह किताब को भी हसन बिन ज़ैनुद्दीन द्वारा लिखित किताब मआलिम अल-उसूल का उपयुक्त विकल्प के रूप में नहीं माना।[३७]
उनका मानना है कि इल्मे उसूल को इल्मे फ़लसफ़ा से अलग किया जाना चाहिए, हालांकि आप इल्मे उसूल सीखने से पहले इल्मे फ़लसफ़ा सीखना आवश्यक समझते हुऐ इल्मे उसूल के कुछ हिस्सों में फ़लसफ़ी बहस को व्यक्त करने की आवश्यकता को स्वीकार करते हैं। दानिशे उसूल वा वज़्ए दरसी ए आन दर हौज़ा ए नजफ़, 104 और 105; देखेः दानिशे उसूल वा वज़्ए दरसी ए आन दर हौज़ा ए नजफ़, 106
फ़ुटनोट
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ नक़वी, तज़किरा ए उलमा ए इमामीया पाकिस्तान, मरकज़े तहक़ीक़ाते फ़ारसी ईरान और पाकिस्तान, पेज 65
- ↑ नक़वी, तज़किरा ए उलमा ए इमामीया पाकिस्तान, मरकज़े तहक़ीक़ाते फ़ारसी ईरान और पाकिस्तान, पेज 65 ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ नक़वी, तज़किरा ए उलमा ए इमामीया पाकिस्तान, मरकज़े तहक़ीक़ाते फ़ारसी ईरान और पाकिस्तान, पेज 65-66
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 220
- ↑ काकबोर्न, «Baghdad riots over killing of Ayatollah»
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 220
- ↑ क़ासिम सुलैमानी का नमाज़े जनाज़ा पढ़ाने वाले पाकिस्तानी आयतुल्लाह बशीर हुसैन नजफी, साइट गूगल न्यूज़
- ↑ क़ासिम सुलैमानी का नमाज़े जनाज़ा पढ़ाने वाले पाकिस्तानी आयतुल्लाह बशीर हुसैन नजफी, साइट गूगल न्यूज़
- ↑ नक़वी, तज़किरा ए उलमा ए इमामीया पाकिस्तान, मरकज़े तहक़ीक़ाते फ़ारसी ईरान और पाकिसातन, पेज 65-66
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख़ बशीर नजफ़ी
- ↑ नक़वी, तज़किरा ए उलमा ए इमामीया पाकिस्तान, मरकज़े तहक़ीक़ाते फ़ारसी ईरान और पाकिसातन, पेज 65-66
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ हौज़ा ए नजफ तलाशहा वा मज़लूमीयतहा, पेज 69
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख़ बशीर नजफ़ी
- ↑ मिन अबनाइत तुरास, दर मजल्ले तुरासुना, पेज 393-394
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ नादेरी दोस्त, शियाआने इराक, 1386 शम्सी, पेज 175
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ बशीर नजफ़ी, अल-शाएरिल हुसैनीया वा मरासीमिल अज़ा, 1433 हिजरी, पेज 117-118 देखेः बशीर नजफ़ी, अल-शाएरिल हुसैनीया वा मरासीमिल अज़ा, 1433 हिजरी, पेज 117-118
- ↑ अल-शाएरिल हुसैनीया वा मरासीमिल अज़ा, 1433 हिजरी, पेज 143; देखेः बशीर नजफी, अलइसतिफतिआत, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख़ बशीर नजफ़ी
- ↑ मीर आक़ाई, अल-तादीयातिल मज़हबिया फ़िल इस्लाम वा आराइल ओलामा फ़ीहा, 1428 हिजरी, पेज 109-110; माहद अल-हज वल ज़ियारत, हुर्मते तकफीरुल मुस्लेमीन, 1434 हिजरी, पेज 65
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 220
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 223-224 बेनक़ल अज़ बखरगुजारी रसा न्यूज़
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 223-224 बेनक़ल अज़ बखरगुजारी हौज़ा न्यूज़
- ↑ जाफ़रयान, तशीअ दर इराक, 1386 शम्सी, पेज 132-133
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 220; देखेः ज़ारेआन, तहलील ए कुनुश सियासी मरजेईयत शियाआने इराक दर दौरा ए पसा सद्दाम, पेज 10
- ↑ अलाक़ेमंदीम रवाबिते तेहरान बगदाद पीश अज़ पीश गुस्तरिश याबाद, खबरगुजारी दानिशगाहे आज़ाद इस्लामी
- ↑ क़ासेमी, मरजेईयत वा सियासत दर इराक पस अज़ इशग़ाल, बा ताकीद बर अंदीशे आयतुल्लाह सिस्तानी, पेज 119
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 220; क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 222 बेनक़ल अज़ पाएगाहे तिबयान
- ↑ क़ासिमी, साख्तारे सियासी-इजतेमाई शियाआने इराक, 1393 शम्सी, पेज 222
- ↑ ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तरे मरकज़ी शेख बशीर नजफ़ी
- ↑ दानिशे उसूल वा वज़्ए दरसी ए आन दर हौज़ा ए नजफ़, 104, 111 और 112
- ↑ दानिशे उसूल वा वज़्ए दरसी ए आन दर हौज़ा ए नजफ़, 112
स्रोत
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- ज़िंदगी नामा, साइट दफ्तर मरकजी शेख बशीर हुसैन अल-नजफी, तारीख वीजीट 23 शहरीवर 1399 शम्सी
- क़ासिम सुलैमानी का जनाज़ा पढ़ाने वाले पाकिस्तानी आयतुल्लाह बशीर हुसैन नजफी, साइट गूगल न्यूज़, तारीख वीजीट 23 शहरीवर 1399 शम्सी
- क़ासमी, फरजुल्लाह, मरजेईयत वा सियासत दर इराक पस अज इशगाल, बा ताकीद बर अनदेशा आयतुल्लाह सीस्तानी, दर फसल नामा उलूम सियासी, क़ुम, दानिशगाह बाकिर अल उलूम, साल दवाजदहुम, क्रमांक 45, बहार 1388 शम्सी, पेज 119
- क़ासमी, फ़रजुल्लाह, साख्तारे सियासी इज्तेमाई शियाआने इराक, तेहरान, मशअर, 1393 शम्सी
- कारकबून, पातरिक, Baghdad riots over killing of Ayatollah, साइट इंडीपेंडेंट, तारीखे दर्ज मतलब 21 फरवरी 1999 ई, तारीखे वीजीट 23 शहरीवर 1399 शम्सी
- माहद अल-हज वल ज़ियारत, हुरमते तकफीरे मुस्लेमीन वल असाअते एला मुकद्देसातिल उममतिल इस्लामीयाते फ़ी फतावा वा आराए मराजा ए दीन वल ओलामा अल-मुस्लेमीन अल-शिया, तेहरान, मश्अर, 1434 हिजरी
- मिन अबनाइत तुरास, मजल्ला तुरासोना, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत (अ)ले एहयाइत तुरास, रजब वल जुलहिज्जा 1427 हिजरी, अलसन्तुस सानिया वल इशरून, अल-दद 3 और 4, पेज 380-398
- मीर आक़ाई, जलाल, अल-तादीयतो अल-मज़हबीयतो फ़िल इस्लाम वा आराए अल-ओलामाए फ़ीहा, तेहरान, अल-मज्माउल आलामी लेतक़रीब बैनल मज़ाहिबिल इस्लामीया, अलमुआवेनातुल सक़ाफ़िया, 1428 हिजरी
- नजफी, हाफ़िज बशीर हुसैन, अल-इस्तिफतेआत, साइट दफतर मरकज़ी शेख बशीर हुसैन नजफ़ी, तारीखे वीजीट 23 शहरीवर 1399 शम्सी
- नजफ़ी, हाफिज़ बशीर हुसैन, अल-शआएरिल हुसैनीयाते वा मरासीम अल-अज़ा फ़ी ज़ौइल फ़तावा, नजफ, मोअस्सेसा ए अल-अनवार अलनजफी (लिससक़ाबते वल तनमीया), 1433 हिजरी
- नक़वी, सय्यद हुसैन आरिफ, तजकेरा ए ओलामा ए इमामीया पाकिस्तान, इस्लामाबाद, मरकज़े तहक़ीक़ात फ़ारसी ईरान व पाकिस्तान