सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी

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सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी
पूरा नामसय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी
जन्म तिथिवर्ष 1301 हिजरी क़मरी
मृत्यु तिथि18 शाबान 1394 हिजरी क़मरी, (15 शहरीवर 1353 हिजरी शम्सी)
समाधि स्थलहरमे इमाम अली (अ)
प्रसिद्ध रिश्तेदारसय्यद मुहम्मद मरज ए तक़लीद,सय्यद अली और सय्यद हुसैन
गुरूमुहम्मद काज़िम ख़ुरासानी, मिर्ज़ाई नाईनी और आक़ा ज़ियाउद्दीन इराकी
शिष्यसय्यद मु्हम्मद शाहरुदी • सय्यद जवाद अल-अली शाहरुदी • सय्यद काज़िम हाएरी • मिर्ज़ा जवाद तबरेज़ी • मुस्लिम मलकूती
शिक्षा स्थानमशहद, नजफ़
राजनीतिकफ़ैज़िया घटना के जवाब में पहलवी सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन
सामाजिकहज मिशन की स्थापना


सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी (1262-1353 हिजरी) (अरबीः السيد محمود الحسيني الشاهرودي) नजफ़ में रहने वाले शिया मरज ए तक़लीद और सय्यद मुहम्मद हुसैनी शाहरूदी के पिता थे। वह मिर्ज़ा ए नाइनी और आक़ा ज़िया ए इराक़ी के छात्र थे, जोकि सय्यद अबुल हसन इस्फ़हानी के बाद मरजेइयत के पद पर विरजमान हुए। मिर्ज़ा ए नाइनी ने उन्हें ज़ुल शहादतैन कहते थे और अपने छात्रों को इज्तिहाद का प्रमाण देने पर उनकी राय पूछते थे। इनके अलावा आक़ा ज़िया ए इराकी और सय्यद अबुल हसन इस्फ़हानी अपने छात्रों को इज्तिहाद का परीक्षण करने के लिए उनके पास भेजते थे।

काबुल और कुछ ईरानी शहरों में मस्जिद, इमाम बारगाह, मदरसे का निर्माण, नजफ़ में बुखाराई और कज़विनी मदरसों का पुनर्निर्माण, हज मिशन की स्थापना और फ़ैज़िया घटना की प्रतिक्रिया मे पहलवी सरकार का विरोध करना सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी के मरजेईयत काल के दौरान के कार्यों में से थे। इसी प्रकार उनके मरजेईयत के दौरान नजफ़ से कर्बला तक पैदल यात्रा फली-फूली।

न्यायशास्त्र और न्यायशास्त्र के सिद्धांतों तथा आक़ा ज़िया ए इराक़ी एवंम मिर्ज़ा ए नाइनी के लेकचरो की व्याख्यान सय्यद महमूद शाहरूदी के कार्यों में से हैं। इसके अलावा यनाबी उल-फ़िक़्ह उनके द्वारा दिए गए नमज़ पर दरसे खारिज की व्याख्या है, जिसे सय्यद मुहम्मद जाफ़र जज़ाएरी मुरव्विज द्वारा चार खंडों में प्रकाशित किया गया था।

सय्यद अहमद हुसैनी अश्कवरी (जन्म 1350 हिजरी) की अरबी भाषा मे "अल-इमाम अल-शाहरुदी अल-सय्यद महमूद अल-हुसैनी" उनके जीवन के बारे में है। तीर 1400 शम्सी में, आलिम ए ज़ुल शहादतैन के शीर्षक के तहत मशहद, क़ुम और नजफ़ में हुसैनी शाहरूदी की स्मृति में एक कांग्रेस आयोजित की गई थी।

जीवनी

सय्यद अली के बेटे सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी का जन्म वर्ष 1301 हिजरी में शाहरूद के पास बस्ताम शहर के आक़ा अब्दुल्लाह के किले मे हुआ था।[१] शिया प्रतिलेखक और सूचीकार सय्यद अहमद हुसैनी अश्कवरी (जन्म 1350 हिजरी) के कथन अनुसार उनकी वंशावली ज़ैद बिन अली तक पहुचंती हैं।[२] उनके पिता एक किसान और उनके दादा सय्यद अब्दुल्लाह विद्वान और तपस्वी थे।[३] सय्यद अब्दुल्लाह से करामात वर्णित है।[४]

संतान

सय्यद महमूद शाहरूदी के तीन बेटे थे:

  • सय्यद मुहम्मद: (जन्म 1344 हिजरी) उन्होंने 1375 हिजरी में अपने पिता से इज्तिहाद का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। अपने पिता की अनुपस्थिति में वह रात में मस्जिदे हिंदी में और दोपहर में जोहरची मस्जिद में इमामे जमाअत थे। उनके कार्यों में उनके पिता के अल-उसूल और सलात अल जुम्आ शामिल है।[५]
  • सय्यद अली: (जन्म 1347 हिजरी) उन्होंने अपने पिता के दरसे ख़ारिज मे भाग लेते थे और उनके कार्यालय के प्रबंधन के प्रभारी थे।[६]
  • सय्यद हुसैन: (जन्म 1360 हिजरी) वह अपने भाई सय्यद मुहम्मद हुसैनी शाहरूदी के दरसे खारिज़ मे भाग लेते थे और उनके व्याख्यान लिखते थे।[७]

सय्यद महमूद शाहरूदी का निधन 18 शाबान 1394 हिजरी को 94 वर्ष की आयु मे हुआ।[८] और उन्हें इमाम अली (अ) के हरम मे दफ़नाया गया।[९]

नजफ़ मे सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी की शव यात्रा

वैज्ञानिक गतिविधिया

शाहरूदी ने बस्ताम में अपनी शिक्षा की मूल बातें सीखीं, फिर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए मशहद चले गए। उन्होंने मशहद में स्तरीय पाठ्यक्रमों का अध्ययन किया और किफ़ायातुल उसूल पढ़ते हुए वहा के हौज़ा ए इल्मीया मे शिक्षा भी देते थे।[१०]

शाहरूदी 1328 हिजरी में नजफ गए और वहा आख़ूंद खोरासानी के फ़िक्ह (न्यायशास्त्र) और उसूल (न्यायशासत्र के सिद्धांतों) के पाठ में भाग लेते थे। साथ ही शेख अंसारी के किताबे रसाइल और मकासिब पढ़ाते थे।[११] उन्होंने लगभग अठारह महीनों तक आख़ूद ख़ोरासानी की कक्षा मे भाग लिया। 20 ज़िल-हिज्जा 1329 हिजरी को आख़ूद ख़ोरासानी के स्वर्गवास पश्चात सामर्रा चले गए; लेकिन कुछ समय पश्चात नजफ़ वापस लौट कर आक़ा जिया ए इराकी के उसूले फ़िक्ह का एक दौरा किया। वह मिर्ज़ाए नाइनी की कक्षाओं में भी जाते थे और उनके विशेष छात्रों में से थे। मिर्ज़ाए नाइनी उन्हें अपने अन्य छात्रों पर प्राथमिकता देते और जब अपने छात्रों को वैज्ञानिक प्रमाण पत्र जारी करते तो उनकी राय भी पूछते थे।[१२] कहा जाता है कि नाइनी उनकी गवाही को दो आदिल लोगों की गवाही मानते थे।[१३] सय्यद अबुल हसन इस्फ़हानी और आक़ा जियाउद्दीन इराक़ी उन्हे ज़ुल शहादतैन (दो शहादतों का मालिक) कहते थे और इज्तिहाद का परीक्षण करने के लिए अपने छात्रों को उसके पास भेजते थे।[१४]

सय्यद महमूद शाहरूदी के पाठ में कई विद्वानों ने भाग लिया। सय्यद मुहम्मद हुसैनी शाहरूदी, सय्यद जवाद आले-अली शाहरूदी, सय्यद मुहम्मद जाफ़र मुरव्विज जज़ाएरी, मुहम्मद रहमती सीरजानी, अली आज़ाद कज़्विनी[१५] मुहम्मद इब्राहीम जन्नाती, मुस्लिम मलाकूती, जवाद तबरेज़ी[१६] और सय्यद काज़िम हाएरी[१७] उनके छात्र थे।

मरजेईयत

मिर्ज़ाए नाइनी और सय्यद अबुल हसन इस्फ़हानी के दौर मे 35 वर्ष की आयु में शाहरूदी इज्तिहाद पर पहुंचे।[१८] उन्होंने दोनो के जीवित रहते हुए रिसाला ए अमलिया (तौज़ीह अल मसाइल) प्रकाशित करने से परहेज किया और लोगों को अबुल हसन इस्फ़हानी और मिर्ज़ाए नाइनी के पास भेजते थे। 1365 हिजरी में सय्यद अबुलहसन इस्फ़हानी के निधन पश्चात मरजेईय का पद संभाला, और 1366 हिजरी में उनका रिसाला ए अमलया (तौज़ीह अल मसाइल) नजफ़ और तेहरान से प्रकाशित हुआ।[१९] आयतुल्लाह बुरूजर्दी और सय्यद मोहसिन हकीम के निधन पश्चात उनकी मरजेईयत मे विस्तार आया।[२०]

गतिविधियां

  • अफगानिस्तान के काबुल में मस्जिद और इमाम बारगाह का निर्माण
  • फ़ारूज़, ज़ाहेदान और फ़ूमन शहर मे (मदरसा ए महमूदीया) धार्मिक स्कूलों की स्थापना
  • नजफ में बुखाराई और काज़विनी मदरसे का पुनर्निर्माण
  • ईरान के विभिन्न शहरों जैसे बिजनवर्द, तय्यबात, कलालेह, रामियान और जाजर्म में मस्जिदों का निर्माण
  • स्कूल की स्थापना: इस स्कूल में प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल के अंत तक दो भाषा फ़ारसी और अरबी पाठयक्रम शामिल थे। उस समय नजफ के स्कूलों को ईरान और इराक की सरकारों द्वारा समर्थन दिया गया था। इसलिए अधिकांश छात्रों ने अपने बच्चों को उनमें दाखिला दिलाने से इनकार कर दिया।[२१]
  • धार्मिक छात्रो के आवासीय शहर का निर्माण: यह शहर नजफ़ और कूफ़ा के बीच की दूरी पर कुमैल बिन ज़ियाद की दरगाह के पास लगभग 124,000 मीटर के क्षेत्र में स्थित है। उन्होंने छात्रों के लिए एक सौ आवासीय इकाइयाँ, एक क्लिनिक और एक स्कूल बनाने का निर्णय लिया। उनके जीवनकाल के दौरान कई इमारतें बनवाई गईं और उनकी मृत्यु के बाद भी कई इमारतें उनके बच्चों द्वारा बनाई गईं, 1359 शम्सी में इराकी सरकार ने उनके बच्चों को इराक से निष्कासित कर दिया।[२२]
  • कर्बला तक पद यात्रा: उनके मरजेईयत काल मे नजफ छात्रों के बीच कर्बला तक पद यात्रा की रस्म फली-फूली।[२३] ऐसा कहा जाता है कि उन्होने 260 बार कर्बला तक पद यात्रा की।[२४]

हज मिशन की स्थापना

1968 में नजफ में अल-अदल पत्रिका में हज मिशन की स्थापना को दर्शाया गया है[२५]

1346 शम्सी के बाद से आयतुल्लाह शाहरूदी ने शरई मसाइल का जवाब देने के लिए हज के मौसम मे अल बासातुत दीनीया लिलहज नामक एक समूह भेजते थे। 1345 में उन्होंने इस्तिफता सर्कल के सदस्यों के साथ हज समारोह में भाग लिया और इस तरह की आवश्यकता का एहसास किया।[२६] इस यात्रा के दौरान आयतुल्लाह शाहरूदी का विभिन्न शहरों और स्थानों में लोगों और राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों द्वारा स्वागत किया गया, जिनमें सऊदी नरेश के भाई मदीना के अमीर भी शामिल थे। हज से इराक लौटने के अवसर पर सय्यद अली नकी सामराई ने काज़मैन में एक बड़े समूह की उपस्थिति में उनकी प्रशंसा में एक क़सीदा कहा।[२७]

फैज़िया घटना पर प्रतिक्रिया

सय्यद महमूद शाहरूदी के बेटे सय्यद हुसैन के अनुसार, उनके पिता ने 1342 शम्सी में फ़ैज़िया मदरसा पर पहलवी सरकार के एजेंटों के हमले की निंदा की, और इस संबंध में उन्होंने ईरान के लोगों और विद्वानों के साथ कई टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया।[२८] जबकि 12 फरवरदीन 1342 शम्सी को इमाम खुमैनी का एक टेलीग्राम, जिसमें उनके लिए एक संबोधन है जिसमें उन्होंने क़ुम में मौलवियों की हत्या और इसके बारे में मुसलमानों की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त किया।[२९]

रचनाएं

सय्यद महमूद शाहरूदी ने विभिन्न रचनाएँ लिखी हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ज़ियाउद्दीन इराकी के पाठ्यक्रम की प्रस्तुतियाँ (तक़रीराते दर्से ज़ियाउद्दीन इराक़ी)
  • मिर्ज़ाए नाइनी के न्यायशास्त्र और न्यायशास्त्र के सिद्धांत पाठ्यक्रम की प्रस्तुतियाँ (तक़रीराते दर्से फ़िक़्ह व उसूल मिर्ज़ाए नाइनी)

उन्होंने तहारत, तयम्मुम, वुज़ू, नमाज पढ़ने वाले के वस्त्र, मुसाफ़िर की नमाज़, ख़ुम्स, ज़कात, हज, मीरास, न्यायशास्त्र की परिभाषा, काएदा ए यद, काएदा ला ज़रर और रेजाल पर किताबे लिखी है। इसके अलावा बहुत सारी किताबो पर हाशिया भी लगाया है। तौज़ीह अल मसाइल भी फतवे के अनुसार संकलित की है।[३०] यनाबी उल-फ़िक़्ह नामक पुस्तक नमाज़ से संबंधित दिए गए दर्से खारिज, नताइज अल अफ़कार फ़िल उसूल आपके द्वारा दिए गए उसूल का दर्से खारिज है। जिसे सय्यद मुहम्मद जाफ़र जज़ाएरी मुरव्विज द्वारा लिखा गया है।[३१]

स्मरणोत्सव कांफ्रेंस

आलिम ए ज़ुल शहादतैन शीर्षक नाम से सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी की स्मृति में तीर 1400 शम्सी मे मशहद, क़ुम और नजफ़ में कांफ्रेंस आयोजित की गई थी।[३२] 17 तीर 1400 शम्सी को शाहरूद में उनके सम्मान में एक सम्मेलन आयोजित किया गया।[३३] इस कांफ्रेंस को फ़ारसी, अरबी, उर्दू और अंग्रेज़ी भाषा में विभिन्न देशों में प्रकाशित किया गया है।[३४]

मोनोग्राफ़ी

सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी के बारे में अरबी और फ़ारसी में रचनाएँ लिखी गई हैं;:

  • अल इमाम अल-शाहरुदी अल-सय्यद महमूद अल-हुसैनी, सय्यद अहमद हुसैनी अशकवरी द्वारा आयतुल्लाह शाहरूदी के जीवनकाल के दौरान उनके जीवन के बारे में लिखी गई थी। यह किताब 122 पेज पर आधारित अरबी भाषा में प्रकाशित है।
  • जिंदगी वा मुबारेज़ात आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी बे रिवायते असनाद, दाऊद कासिमपुर और शाहीन रेज़ाई की रचना है। जिसे 1389 शम्सी मे इंतेशारात मरकज़े अनसादे इंक़ेलाबे इस्लामी द्वारा 352 पेज पर आधारित तेहरान मे प्रकाशित की गई थी।[३५]

फ़ोटो गैलरी

फ़ुटनोट

  1. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 13
  2. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 20
  3. शरीफ़ राज़ी, गंजीना ए दानिशमंदान, 1353 शम्सी, भाग 5, पेज 365
  4. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 20
  5. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 99
  6. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 101
  7. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 102
  8. शरीफ़ राज़ी, गंजीना ए दानिशमंदान, 1353 शम्सी, भाग 5, पेज 366
  9. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 77
  10. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 28-29
  11. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 30
  12. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 20
  13. मुसाहेबा बा सय्यद हुसैन शाहरूदी, पेज 8
  14. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 70
  15. मुसाहेबा बा सय्यद हुसैन शाहरूदी, पेज 9
  16. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 76
  17. मुसाहेबा बा आयतुल्लाह सय्यद काज़िम हाएरी, पाएगाह इत्तेलारसानी हौज़ा
  18. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 70
  19. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 43
  20. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 70
  21. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 94-97
  22. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 71-72
  23. हुसैनी शाहरूदी, सय्यद महमूद, पाएगाह इत्तेला रसानी हौजा
  24. नुजूमे उम्मत 20 (जिदगी मरहूम आयतुल्लाह शाहरूदी), मोअर्रफ़ी वा नक़्द, पेज 75
  25. मुरूरी बर शकलगीरी बाअसा मराज ए एज़ाम तक़लीद, मुबाहेसात
  26. मुरूरी बर शकलगीरी बाअसा मराज ए एज़ाम तक़लीद, मुबाहेसात
  27. देखेः हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 75-83
  28. अबीरी, आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी, पेज 755
  29. इमाम ख़ुमैनी, सहीफा नूर, भाग 21, पेज 499
  30. हुसैनी, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबअतुल बयान, पेज 47-48
  31. यनाबी उल फ़िक़्ह ... इस्दारे जदीद लेआयतुल्लाह अल सय्यद महमूद अल हुसैनी अल शाहरूदी, अल इजतेहाद
  32. कुंगरे बैनुल मिलाली बुज़र्गदाश्त आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी दर क़ुम बरगुज़ार मी शवद, रोजनामा इत्तेलाआत, 14 इस्फंद, 1399 शम्सी
  33. हुमाइश मिल्ली नेकूदाश्त आयतुल्लाह हुसैनी शाहरूदी बर गुज़ारशुद + तस्वीरे, खबरगुजारी रसा
  34. कुंगरे बैनुल मिलाली बुज़र्गदाश्त आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी दर क़ुम बरगुज़ार मी शवद, रोजनामा इत्तेलाआत, 14 इस्फंद, 1399 शम्सी
  35. जिंदगी वा मुबारेज़ात आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी बे रिवायत अस्नाद, आदीना बुक

स्रोत

  • हुसैनी, सय्यद अहमद, अल इमाम अल शाहरूदी अल सय्यद महमूद अल हुसैनी, मतबाअतुल बयान, बगदाद
  • अबीरी, अब्बास, आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी, दर गुलशन अबरार (भाग2), क़ुम, नशर मारूफ़, तीसरा संस्करण 1385 शम्सी
  • मुसाहेबा बा सय्यद हुसैन शाहरूदी, मजल्ला हरीम ए इमाम, क्रमांक 165, उरदीबहिश्त, 1394 शम्सी
  • शरीफ राज़ी, मुहम्मद, कंजीना ए दानिशमंदान, भाग 5, क़ुम, पीरूज 1353 शम्सी
  • कुंगरा ए बैनुल मिलाली बुजुर्गदाश्त आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद महमूद हुसैनी शाहरूदी दर क़ुम बरगुज़ार मी शवद, रोजनामा इत्तेलाआत 14 इस्फंद 1399 शम्सी
  • नुजूमे उम्मत 20, जिंदगानी मरहूम आयतुल्लाह शारूदी, मोअररफी वा नक़्द, नूरे इल्म, क्रमांक 23 आबान 1366 शम्सी
  • यनाबी उल फ़िक़्ह ... इस्दार जदीद लेआयुत्लाह अल सय्यद महमूद अल हुसैनी अल शाहरूदी, अल इज्तेहाद, दरज मतलब 9 अक्टूबर 2020 ई, वीजीट 12 उरदीबहिश्त 1400 शम्सी
  • मुरूरी बर शकलगीरी बाअसा मराज ए एज़ाम तक़लीद, मुबाहेसात, दरज मतलब 1 मेहेर 1394 शम्सी, वीजीट 20 उरदीबहिश्त 1400 शम्सी
  • हुसैन शाहरूदी, सय्यद महमूद, पाएगाह इत्तेलारसानी हौज़ा, तारीख प्रकाशन 18 मेहेर 1378 शम्सी, तारीख वीजीट 11 खुरदाद 1402 हिजरी