हामेदात

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हामेदात (अरबी: الحامدات) सूरह फ़ातेहा, सूरह अनआम, सूरह कहफ़, सूरह सबा और सूरह फ़ातिर को कहा जाता है, जो अल्हम्दुलिल्लाह शब्द से शुरू होते हैं। [१] इन सूरों को "हाआत", "हम्द" और "मक़ासीर अल क़ुरआन"[नोट १] भी कहा जाता है। [२] इन सूरों की सामान्य धुरी (विषय) इस्लाम के सिद्धांतों में से एकेश्वरवाद (तौहीद), नबूवत और पुनरुत्थान (क़यामत) है। [३]

नोट

  1. मक़ासिर, मक़सूरह का बहुवचन है जिसका अर्थ है बरामदा (शबिस्तान), रवाक़ और ऐवान। (इस्लामी प्रचार विभाग, कुरआनिक विज्ञान का शब्दकोश। पृष्ठ 3442।

फ़ुटनोट

  1. कुरआनिक संस्कृति और शिक्षा केंद्र, पवित्र कुरआन का अल-मआरिफ सर्किल, खंड 8, पृष्ठ 418
  2. हुज्जती, पवित्र कुरआन के इतिहास पर एक शोध, 1395, पृष्ठ 105।
  3. अकबरज़ादेह, तनासुबे सोवरे हामेदात।

स्रोत

  • हुज्जती, सैय्यद मोहम्मद बाक़िर, पवित्र कुरआन के इतिहास पर एक शोध, इस्लामिक फरहंग पब्लिशिंग हाउस, 2015।
  • इस्लामी प्रचार कार्यालय, "कुरआन विज्ञान का शब्दकोश", बी टा।
  • द सेंटर फॉर कुरआनिक कल्चर एंड एजुकेशन, अल-मआरिफ़ सर्कल ऑफ द होली कुरआन, क़ुम, बूसताने किताब, तीसरा संस्करण, 1382 शम्सी।
  • अकबरज़ादेह, फातेमेा, तनासुबे सोवरे हामेदात, मास्टर की थीसिस, अल-ज़हरा विश्वविद्यालय, 2013।