उम्मे असवद शैबानी
उम्मे असवद शयबानी (अरबी: أم الأسود الشيباني) आले आअयन वंश की पहली शिया हैं और इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) की हदीस के वर्णनकर्ताओं (रावियों) में से एक हैं।
उम्म असवद शैबानी, आअयन बिन संसन की बेटी और ज़ोरारा बिन आअयन, अब्दुल मलिक बिन आअयन, हुमरान बिन आअयन और बुकैर बिन आअयन की बहन थीं। एक हदीस के अनुसार, वह आले आअयन वंश में अबू ख़ालिद काबुली के माध्यम से शिया बनने वाली पहली फ़र्द थीं, और उनके शिया होने के कारण इस परिवार के अन्य सदस्य शिया बने।[१] वर्ष 153 हिजरी में उनकी मृत्यु हुई। उम्मे असवद वही हैं जिन्होंने ज़ोरारा की मृत्यु के बाद उनकी आँखें बंद कर दी थीं।[२] किताब जामेअ अल-रोवात के लेखक और शहीद सानी उन्हें इमाम सादिक़ (अ) से हदीस के वर्णनकर्ताओं में से एक मानते थे।[३]
अल्लामा हिल्ली, मिर्ज़ा मुहम्मद उस्तुराबादी और हसन बिन अली बिन दाऊद ने उम्मे असवद को एक आरिफ़ महिला माना है।[४] अल्लामा के कथन के बाद अब्दुल्लाह ममक़ानी कहते हैं: अल्लामा ने जो कहा, उससे कम से कम उम्मे असवद की अच्छी स्थिति (हुसने हाल) का निष्कर्ष निकाला जा सकता है।[५]
फ़ुटनोट
- ↑ मुहद्दिसाते शिया , पृष्ठ 44, अबी ग़ालिब ज़रारी के ग्रंथ, पृष्ठ 231 से उद्धृत।
- ↑ मुहद्दिसाते शिया, पृष्ठ 44, अल-खुलासा, पृष्ठ 191 से उद्धृत।
- ↑ देखें: मुहद्दिसाते शिया, पृष्ठ 44, जामेअ अल-रोवात, खंड 2, पृष्ठ 455 वल-दिरायह, पृष्ठ 137 से उद्धृत।
- ↑ मुहद्दिसाते शिया, पृष्ठ 44, मंहज अल-मक़ाल, पृष्ठ 400 और रेजाल इब्ने दाऊद, पृष्ठ 392 से उद्धृत।
- ↑ मुहद्दिसाते शिया, पृष्ठ 44, मिन फ़ज़्लिन नेसा, तन्किह अल-मकाल, खंड 3, पृष्ठ 70 से उद्धृत।
स्रोत
- ग़रवी नानी, नहला मुहद्देसाते शिया, तरबियते मोदर्रिस यूनिवर्सिटी, तेहरान, दूसरा संस्करण, 2006।