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हौअब

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हौअब, मक्का[] के रास्ते में बसरा के पास एक जल स्रोत था, जहाँ से जमल के युद्ध की सेनाएँ गुज़री थीं। यह तालाब बनू कल्ब बिन वबरा जनजाति के मुखिया कल्ब बिन वबरा की बेटी हौअब का था।[] तीसरी शताब्दी ई. के इतिहासकार इब्न कुतैबा दिनवरी के अनुसार, पैग़म्बर (स) ने अपनी पत्नी हज़रत आयशा को सलाह दी थी कि वे हव'अब और उसकी घटना (जमल की लड़ाई) से दूर रहें। पैग़म्बर (स) ने कहा था: "मैं एक ऐसे दिन को देख रहा हूं कि जब हवअब के कुत्ते तुम महिलाओं (पत्नियों) में से एक पर भौंक रहे होंगे, हुमैरा (आयशा) वह तुम ना होना।"[]

हंबली विचारधारा के नेता अहमद इब्न हनबल के अनुसार, जमल की लड़ाई और इमाम अली (अ.स.) से लड़ने के लिए बसरा से नाक़ेसीन समूह के प्रस्थान की घटना में, आयशा रास्ते में जहाँ भी पहुचती थीं, उस जगह का नाम पूछती थीं, यहाँ तक वह हौअब के तालाब के पास पहुँच गयीं और वहाँ के कुत्ते भौकने लगे। जब उन्हे उस जगह के नाम का पता चला, तो उन्होने सेना छोड़ कर और मक्का लौटने का फैसला किया;[] लेकिन अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर ने पचास लोगों को इकट्ठा किया जिन्होंने क़सम खाई कि यह जगह हौअब नहीं है।[] इस प्रकार, उन्होंने आयशा के वापस जाने के निर्णय से उन्हे रोक दिया।[]

फ़ुटनोट

  1. हिमयरी, अल-रौज़ अल-मोअतार, 1984 ई., पृ. 206.
  2. बलाज़री, फ़ुतूह अल-बुलदान, 1988 ई., पृ. 361.
  3. इब्न क़ुतैबा, अल इमामत व अल सियासत, 1410 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 82।
  4. इब्न हंबल, मुसनद, क़ुर्तुबा इंस्टीट्यूट, खंड 6, पृष्ठ 52.
  5. बलाज़री, अंसाब अल-अशराफ़, 1417 एएच, खंड 3, पृष्ठ 24; बैहक़ी, अल-महासिन वल-मसावी, 1420 एएच, पृष्ठ 43.
  6. इब्न अबी शयबा, अल-मुसन्नफ़, 1409 एएच, खंड 7, पृष्ठ 536; हंज़ली, मुसनद इसहाक़ इब्न राहवैह, 1412 एएच, खंड 3, पृष्ठ 891; हकीम नैशापूरी, अल-मुस्तद्रक अला अल सहीहैन, 1411 एएच, खंड 3, पृष्ठ 129; अल-मूसली अल-तमीमी, मुसनद अबी या'ली, 1404 एएच, खंड 8, पृष्ठ 282; इब्न कसीर, अलबिदाया व अलनिहाया, 1398 एएच, खंड 6, पृष्ठ 212; हैसमी, मजमा अल-ज़वायद, 1407 एएच, खंड 7, पृष्ठ 234; इब्न हजर अस्कलानी, फ़त्ह अल-बारी, दार अल-मारेफ़ा, खंड 13, पृष्ठ 55.

स्रोत

  • इब्न अबी शयबा, अब्दुल्लाह बिन मुहम्मद, अलकिताब अलमुसन्नफ़ फ़िल अहादीस वल आसार, कमाल यूसुफ़ अल-हौत द्वारा शोधित, रियाद, मकतबा अल-रुश्द, 1409 हिजरी।
  • इब्न हजर असक़लानी, अहमद बिन अली, फ़तह अल-बारी शरह सहीह अल-बुखारी, मुहिब अल-दीन अल-ख़तीब द्वारा शोधित, बेरूत, दार अल-मारेफ़ा, बी ता।
  • इब्न कुतैबा, अब्दुल्लाह इब्न मुस्लिम, अलइमामा वल सियासह, अली शिरी द्वारा शोध, बेरूत, दार अल-अज़वा, 1410 एएच।
  • इब्न कसीर, इस्माइल इब्न उमर, अल बिदाया व अलनिहाया, ख़लील शहादा द्वारा शोधित, बेरूत, दार अल-फ़िक्र, 1398 एएच।
  • इब्न हंबल, अहमद, मुसनद अहमद इब्न हंबल, क़ाहिरा, क़ुर्तुबा फाउंडेशन, बी ता।
  • बलाज़री, अहमद बिन यह्या, जुमल मिन अंसाब अलअशराफ़ा, सुहैल ज़कार और रियाद ज़रकली द्वारा शोध और अध्ययन स्कूल, बेरूत, दार अल-फ़िक्र की देखरेख में शोध किया गया, 1417 एएच।
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  • हैसमी, अली इब्न अबी बक्र, मजमा अल-ज़वायद और मनबा अल-फ़वायद, क़ाहिरा और बेरूत, दार अल-रय्यान हेरिटेज लिलतुरास व दार अल-किताब अल-अरबी, 1407 एएच।