स्पाइकर नरसंहार

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स्पाइकर नरसंहार की एक पेंटिंग

स्पाइकर नरसंहार (अरबीःجريمة سبايكر) इराक़ में शियो का नरसंहार जो खुरदाद 1393 शम्सी / जून 2014 ई में आईएसआईएस द्वारा हुआ था। इस नरसंहार के बाद, आईएसआईएस बलों ने 1,700 से 4,000 इराकी सैनिकों को पकड़ लिया और उनमे से शियो को मार डाला।

इराक की बअस पार्टी के प्रति वफादार अरबों और इराक़ के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के परिवार के बचे लोगों पर इस नरसंहार में आईएसआईएस के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया गया है। पीड़ितों का नरसंहार करने के बाद, आईएसआईएस बलों ने उनके शवों को सामूहिक कब्रों में दफ़ना दिया या उन्हें दजला नदी में फेंक दिया, और रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने कैदियों के एक समूह को जिंदा दफना दिया।

आईएसआईएस ने इस नरसंहार की एक फिल्म बनाई और प्रकाशित की। इस मानवीय आपदा का उल्लेख हश्द शाबी बनाने के लिए इराकियों की प्रेरणाओं में से एक है। इस घटना के बाद इराकी सरकार को पीड़ितों की कई सामूहिक कब्रें मिलीं। घटना के कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया और उन्हें मौत और कारावास की सजा सुनाई गई।

महत्व एवं स्थिति

स्पाइकर नरसंहार को आईएसआईएस के जीवनकाल की सबसे बड़ी हत्या के रूप में वर्णित किया गया है। कुछ सूत्र इस घटना को 11 सितंबर के हमलों के बाद सबसे बड़ी आतंकवादी घटना मानते हैं।[१] एक समूह इस नरसंहार को शिया नरसंहार के रूप में दर्ज करने की भी मांग कर रहा है।[२] इस नरसंहार में मारे गए लोगों की कुल संख्या यूरोप में आईएसआईएस के आतंकवादी अभियानों में मारे गए लोगों की कुल संख्या से कई गुना अधिक है।[३] इस आपदा में मरने वालों की सबसे अधिक संख्या 2,500[४] और कैदियों की संख्या 4,000 है।[५]

घटना

आईएसआईएस द्वारा राष्ट्रपति महल और स्पाइकर बेस की फांसी की तस्वीरें प्रकाशित की गईं, जिन्हें स्पाइकर नरसंहार के रूप में जाना जाता है

नरसंहार में जीवित बचे सैनिकों में से एक के अनुसार, 11 जून 2014 को रात 10:00 बजे, आईएसआईएस द्वारा मूसिल और सलाहुद्दीन प्रांतों पर कब्जे के बावजूद, लगभग तीन हजार लोगों को इराक के सबसे बड़े हवाई अड्डे स्पाइकर बेस सलाहुद्दीन प्रांत में स्थित स्थानांतरित कर दिया गया था। है। अगले दिन बेस कमांडर के आदेश के मुताबिक सभी लोग 15 दिन की छुट्टी पर चले गये। सैनिकों के बेस छोड़ने के थोड़ी ही देर बाद, उन्हें आईएसआईएस सशस्त्र बलों ने पकड़ लिया और तिकरित में राष्ट्रपति भवन ले गए। महल में लंबी जांच और पूछताछ के बाद शिया सेनिको को गैर-शिया सैननिको से अलग कर दिया गया और शिया सैनिको को मार दिया गया। बाकी लोग आईएसआईएस की शरिया अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने का इंतजार कर रहे थे।[६] घटना में जीवित बचे एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि सैनिकों के जाने का कारण बेस से 3,000 सैनिकों का भाग जाना था, जिन्हें अंततः 50 आईएसआईएस बलो द्वारा पकड़ लिया गया।[७] कुछ स्रोतों के अनुसार, सैनिकों को राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाने वाले सशस्त्र बल क्षेत्र के सशस्त्र खानाबदोशों में से थे, और राष्ट्रपति महल में कैदियों को आईएसआईएस बलों को सौंप दिया गया था[८] 12 जून 2014 ई को स्पाइकर बेस गैंग पर कब्ज़ा कर लिया।[९] उसके बाद, इराकी सेना आईएसआईएस से भिड़ गईं।[१०]

अरब जनजातियों ने राष्ट्रपति महल में पकड़े गए सैनिकों के भाग्य के बारे में एक बैठक की और तर्क दिया कि बअस सरकार जल्द ही इराक पर शासन करेगी, उन्होंने इराकी शिया आबादी को कम करने के लिए शियो का नरसंहार करने का फैसला किया। इस फैसले के मुताबिक 22 जून 2014 ई को बंदी शियो का नरसंहार शुरू हुआ। 13 जून 2014 ई को आईएसआईएस के लड़ाके राष्ट्रपति भवन में दाखिल हुए और कैदियों को उन्हें सौंप दिया गया। आईएसआईएस के कमांडरों ने शरिया अदालत आयोजित की और शियो को मौत की सजा सुनाई और पश्चाताप करने वाले सुन्नियों को रिहा कर दिया।[११]

आईएसआईएस के लड़ाके सैनिको की सामूहिक हत्या के वीडियो बना कर उसी समय उन्हें ऑनलाइन शेयर करते रहे। दज़्ला नदी के किनारे सैनिकों के सिर में गोली मार कर और उनके शवों को दज्ला नदी में फेंक दिया गया। अन्य स्थानों पर, सैनिकों को उनके हाथ बांधकर गोली मार दी गई।[१२] सैनिकों का एक समूह जो आईएसआईएस की कैद से भागने में सक्षम था, अंततः अरब जनजाति की सांप्रदायिक हिंसा का सामना करना पड़ता था और मार दिए जाते थे।[१३] आईएसआईएस ने उनके शवों को सामूहिक क़ब्रो मे दफन करते थे।[१४] कुछ सैनिको को जिंदा ही कब्र मे दफ़न कर देते थे।[१५] इराक़ की एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार 18 मार्च 2018 तक मरने वालो मे से 1150 लोगो की शव मिल चुके है।[१६]

हताहतों की संख्या

सलाहुद्दीन प्रांत के स्पाइकर बेस से आईएसआईएस द्वारा पकड़े गए सैनिकों की संख्या अलग-अलग बताई गई है। समाचारी स्रोतो के आंकड़ों में 1,700 से लेकर लगभग 4,000 निहत्थे सैन्य छात्रों का उल्लेख किया गया है जो स्पाइकर के गिरने के समय इस बेस पर मौजूद थे[१७] लेकिन आईएसआईएस की आधिकारिक घोषणा में बताया गया है कि इस नरसंहार में 1,700 शिया मारे गए थे[१८] ह्यूमन राइट्स वॉच की कुल संख्या इस हमले में मारे गए लोगों की संख्या 2,134 है।[१९]

परिणाम

मरने वालो के शव

तिकरित के विभिन्न इलाकों में नरसंहार के वर्षों बाद स्पाइकर नरसंहार के पीड़ितों के शव मिलना

मार्च 2015 ई में आईएसआईएस से तिकरित की मुक्ति के बाद, स्पाइकर नरसंहार के पीड़ितों की दर्जनों सामूहिक कब्रों की खोज हो चुकी है।[२०] 10 जून 2015 ई तक, स्पाइकर छावनी के मारे गए लोगों मे से 597 शवों के अवशेष कब्रों में[२१] और इस हिंसा के पीड़ितों के 80 शव दज्ला नदी के तट पर पाए गए।[२२] अब तक खोजी गई सबसे बड़ी सामूहिक कब्र में इस नरसंहार में मारे गए लोगों के 400 शव मिले है।[२३]

आरोपी

कुछ साक्ष्यों और बयानों के अनुसार, इस नरसंहार में क्षेत्र के खानाबदोश लोगों और बअसी पार्टी वाले सैन्य अधिकारियों ने आईएसआईएस के साथ सहयोग किया था।[२४] अल-कायदा से जुड़े कुछ खानाबदोश और समूह,[२५] और सद्दाम हुसैन के परिवार के बचे हुए लोगो पर इस अपराध में भाग लेने का आरोप है।[२६]

27 अगस्त 2014 ई को इराकी सरकार ने इस नरसंहार के अपराधियों की पहचान करने के लिए "मज्मूअतुस सार लेशोहदाए स्पाइकर" नामक एक विशेष सुरक्षा बल के गठन की घोषणा की।[२७] 25 जनवरी 2015 ई में इस नरसंहार के 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।[२८] कुछ महीने बाद, मामले में प्रतिवादियों के लिए पहला अदालती फैसला सुनाया गया, और 19 जून 2015 को, 24 प्रतिवादियों को मौत की सजा सुनाई गई[२९] उसके बाद के महीनो और वर्षो मे भी इसी तरह 2020 ई तक कई बार इस घटना के कुछ आरोपियो की गिरफ्तारी हुई और उनके खिलाफ़ अदालती फैसले किए जाने के समाचार विभिन्न स्रोतों से प्रकाशित हुई है।[३०]

कार्रवाई

इराक़ की न्यूज़ एजेंसी "सौत उल-इराक" (वॉयस ऑफ इराक़) के अनुसार, जून 2014 में स्पाइकर की हत्या के बाद, अल-सद्र आंदोलन के नेता सय्यद मुक्तदा अल-सद्र ने कई अन्य मिलिशिया समूहों के विलय से "सराया अल-सलाम" नामक एक मिलिशिया का गठन किया।[३१] इस घटना के बाद शिया मरजा ए तक़लीद आयतुल्लाह सिस्तानी द्वारा आईएसआईएस के खिलाफ़ जिहाद का फतवा दिया। इराकी जनता स्पाइकर के लामबंदी घटना को इराक मे हश्द शाअबी (सार्वजनिक स्वयंसेवी बल) के गठन का मुख्य प्रेरणा के रूप मे उल्लेख किया गया है।अंतर्राष्ट्रीय शिया राइट्स वॉच संगठन स्पाइकर की हत्या के दिन को "अंतर्राष्ट्रीय शिया अधिकार दिवस" का नाम दिया गया।[३२]

कला और मीडिया

इस घटना के बारे में वृत्तचित्र बनाए गए हैं, जैसे उम्म कुसा नामक एक इराकी महिला की गतिविधियों के बारे में एक युद्ध संवाददाता के संस्मरण,[३३] "दाइश, पेरिस से स्पाइकर तक"[३४] और लंबी वृत्तचित्र "यहां वक्त रुक गया" फ़ित्रुस मीडिया द्वारा निर्मित है।[३५]

फ़ुटनोट

  1. Rubin. "Massacre Claim Shakes Iraq". The New York Times
  2. कुश्तार पादगान इस्पाएकर, नस्ल कुशी अलैहे शिआयान, पाएगाह खबरी दीदबान शिया
  3. फिल्म दाइश, अज़ पारिस ता इस्पाइकर, खबर गुज़ारी बैनुल मिल्ली क़ुरआन
  4. हक़ीक़त मोजज़रत सबाइकर, सौतुल इराक
  5. करम जादा व मुरादियान, बर रसी मबानी रिआयत क़वाइद बशर दोस्ताना तवस्सुत गिरोह हाए ग़ैरे दौलती, पुजूहिश तत्बीक़ी हुक़ूक़ इस्लाम व ग़र्ब, 1395 शम्सी
  6. शाहिद अयान यरवी मा हद्दिस लैलत सक़ूत सबाइकर, अल-मदा पैरिस
  7. Escaping Death in Northern Iraq". the new york times
  8. हक़ीक़त मोजज़रत सबाइकर, सौतुल इराक
  9. IS-led Militants Storm Iraqi Air Base near Tikrit". Naharnet
  10. IS-led Militants Storm Iraqi Air Base near Tikrit". naharnet; "The Iraqi Army’s Alamo: Standoff in Tikrit". thedailybeast.
  11. हक़ीक़त मोजज़रत सबाइकर, सौतुल इराक
  12. नब्श क़ब्र गोरहाए दस्ते जमई, खबर गुज़ारी दवीचे विले
  13. हक़ीक़त मोजज़रत सबाइकर, सौतुल इराक
  14. नब्श क़ब्र बक़ायाए अजसाद 600 क़ुरबानी इस्पाइकर, खबर गुज़ारी, सदा ए अमेरिका
  15. सबाइकर, महनत उल-वतन, सौत उल-इराक़, अम्मार हकीम ख़ास्तार गुंजानदन कुश्तार इस्पाइकर दर कुतुब दरसी, खबर गुज़ारी शफ़क़्ना
  16. IS-led Militants Storm Iraqi Air Base near Tikrit". Naharnet
  17. करम ज़ादा व मुरादयान, बर रसी मबानी रिआयत कवाइद बशर दोस्ताने तवस्सुत गिरोह हाए ग़ैरे दौलती, पुज़ूहिश तत्बीक़ी हुक़ूक़ इस्लाम व ग़र्ब, 1395 शम्सी शहबाज़ी, शवाहिद कीनातूज़ी दाइश, मुतालेआत मंतक़ेई, 1395 शम्सी, पेज 37 रिवायत रूज़ी कि दज्ला बे ख़ून निशस्त, खबर ऑनलाइन
  18. Iraqi teams exhume mass graves of soldiers in Tikrit". BBC news; "Escaping Death in Northern Iraq". the new york times
  19. चहार्रूमीन सालरोज़ फ़ाजा ए इस्पाइकर, खबर गुज़ारी अब्ना
  20. दरख़ास्त बराए बाज़गुशाई परवंदे कुश्तार इस्पाइकर दर इराक़, खबर गुज़ारी मशरिक़
  21. नब्श क़ब्र बकाया अजसाद 600 क़ुरबानी इस्पाइकर, खबर गुज़ारी सदा ए अमेरिका
  22. कश्फ 80 जसद अज़ क़ुरबानीयान कुश्तार इस्पाइकर, पार्स न्यूज़
  23. कश्फ़ 470 जसद दर गोरहाए जमई दर तिकरीत, खबर गुज़ारी दवीचे विले
  24. ज़िकरी ख्यानत फ़लूल उल-बअस व ख़ाजेनतोहुम बेतस्लीम इल मूसिल, सौत उल-इराक़, बाज़दाश्त आमिल कुश्तार इस्पाइकर बा आराइश ज़नाने, खबर गुज़ारी आवा
  25. इरसाल परवंदे कुश्तार इस्पाइकर बे हुक़ूक़ बसर साज़माने मिलल, साज़मान दिफ़ाअ अज़ क़ुरबानियान ख़ुशूनत
  26. मजज़रतुन सबाइकर, अल-वसीत
  27. एअतेक़ाल अरबआ मिनल मशतबते बेमुशारेकतेहिम फ़ी जरीमते सबाइकर जुनूबी करकूक, अल-सूमरीया
  28. 30 मुत्तहम कुश्तार इस्पाइकर इराक़ दस्तगीर शुदंद, बर गुज़ारी इंतेखाब
  29. Iraqi court sentences 24 to death over Speicher massacre". Middleeastmonitor
  30. अल-क़ब्ज़ अला अख्तरुल मुशारेकीन बेमजजेरिन सबाइकर, सौत उल-इराक़, दरखास्त बराए बाज़ गुशाई परवंदे कुश्तारे इस्पाइकर दर इराक़, खबर गुज़ारी मशिरक़
  31. अल-हश्द अल-शाअबी व मुस्तक़बल अल-इराक़, सौत उल-इराक़
  32. रोज़े जहानी हुक़ूक़ शीयाआन, साज़माने जहानी दीदबान हुक़ूक़ बशर
  33. ख़ातेरात खबर निगार जंग, अज़ मुक़ाबले जसूराने बा दाइशीहा, बाशगाह खबर निगारान जवान, खातेरात खबर निगारान जंग दरबार ए वाक़ेआ कुश्तार इस्पाइकर, बसीज न्यूज़
  34. फ़िल्म दाईश, अज़ पारिस ता इस्पाइकर, खबर गुज़ारी बैनुल मिल्ली क़ुरआन
  35. तौलीद 32 उनवान फ़िल्म मुस्तनद, शफ़क़्ना

स्रोत