1 मुहर्रम
12. ज़िल हिज्जा | 1. मुहर्रम | 2. सफ़र | ||||
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हिजरी कालक्रम |
1 मुहर्रम, पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर में हिजरी वर्ष का पहला दिन है।
- 7 बेअसत, शेअबे अबी तालिब में पैग़म्बर (स) और बनी हाशिम की आर्थिक घेराबंदी की शुरुआत
- 7 हिजरी, ज़ात अल रक़ाअ की लड़ाई, ग़तफ़ान जनजाति के बनी महारिब और बनी सालबा के दो कुलों द्वारा इस्लाम के खिलाफ़ युद्ध की साज़िश को बेअसर करने के उद्देश्य से
- 9 हिजरी, पैग़म्बर (स) द्वारा जक़ात इकट्ठा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को पहली बार भेजना
- 20 हिजरी, दूसरे खलीफ़ा के समय में अम्र बिन आस द्वारा मिस्र पर विजय
- 37 हिजरी, सिफ़्फ़ीन में इमाम अली (अ) और मुआविया के बीच युद्ध विराम
- 81 हिजरी, इमाम अली (अ) के बेटे मुहम्मद हन्फ़िया की मृत्यु
- 161 हिजरी, बसरा में सूफ़ी, न्यायविद्, मोहद्दिस और इमाम सादिक़ (अ) के छात्र सुफ़ियान सूरी की मृत्यु
- 220 हिजरी, मोअतसिम अब्बासी द्वारा इमाम जवाद (अ) को बग़दाद बुलाना
- 918 हिजरी, न्यायविद्, धार्मिक विद्वान, रेजाली और शेख़ बहाई के पिता हुसैन बिन अब्दुस्समद हारेसी का जन्म
- 1011 हिजरी, शहीद सानी के पुत्र और न्यायशास्त्र और न्यायशास्त्र के सिद्धांतों (उसूले फ़िक़ह) पर मआलिम अल-दीन व मलाज़ अल-मुज्तहेदीन पुस्तक के लेखक हसन आमोली का निधन
- 1297 हिजरी, शिया न्यायविद्, कवि और लेखक मिर्ज़ा जाफ़र क़ज़विनी का निधन (15 दिसम्बर, 1879 ईस्वी)
- 1363 हिजरी, न्यायविद् और हकीम शेख़ मुर्तज़ा तालेक़ानी का निधन (28 दिसम्बर, 1943 ईस्वी)
- 1366 हिजरी, पाकिस्तान के शिया मौलवियों में से एक और जाफ़रिया आंदोलन के नेता सय्यद आरिफ़ हुसैन हुसैनी का जन्म (25 नवम्बर, 1946 ईस्वी)
- 1395 हिजरी, न्यायविद्, दार्शनिक और क़ुम सेमिनरी में उच्च पाठ्यक्रमों के प्रोफेसर सय्यद अबुल हसन रफ़ीई कज़विनी का निधन (14 जनवरी, 1975 ईस्वी)
- 1405 हिजरी, शिया न्यायविद् सय्यद अब्दुल्लाह मूसवी शिराज़ी उन मौलवियों में से एक जो पहले और दूसरे पहलवियों की धार्मिक-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के विरोध में क्रांति से पहले सक्रिय थे, का निधन (27 सितम्बर, 1984 ईस्वी)
आमाल
«اللَّهُمَّ أَنْتَ الْإِلَهُ الْقَدِيمُ وَ هَذِهِ سَنَةٌ جَدِيدَةٌ فَأَسْأَلُكَ فِيهَا الْعِصْمَةَ مِنَ الشَّيْطَانِ وَ الْقُوَّةَ عَلَى هَذِهِ النَّفْسِ الْأَمَّارَةِ بِالسُّوءِ وَ الاشْتِغَالَ بِمَا يُقَرِّبُنِي إِلَيْكَ يَا كَرِيمُ يَا ذَا الْجَلالِ وَ الْإِكْرَامِ يَا عِمَادَ مَنْ لا عِمَادَ لَهُ يَا ذَخِيرَةَ مَنْ لا ذَخِيرَةَ لَهُ يَا حِرْزَ مَنْ لا حِرْزَ لَهُ يَا غِيَاثَ مَنْ لا غِيَاثَ لَهُ يَا سَنَدَ مَنْ لا سَنَدَ لَهُ يَا كَنْزَ مَنْ لا كَنْزَ لَهُ يَا حَسَنَ الْبَلاءِ يَا عَظِيمَ الرَّجَاءِ يَا عِزَّ الضُّعَفَاءِ يَا مُنْقِذَ الْغَرْقَى يَا مُنْجِيَ الْهَلْكَى يَا مُنْعِمُ يَا مُجْمِلُ يَا مُفْضِلُ يَا مُحْسِنُ، أَنْتَ الَّذِي سَجَدَ لَكَ سَوَادُ اللَّيْلِ وَ نُورُ النَّهَارِ وَ ضَوْءُ الْقَمَرِ وَ شُعَاعُ الشَّمْسِ وَ دَوِيُّ الْمَاءِ وَ حَفِيفُ الشَّجَرِ يَا اللَّهُ لا شَرِيكَ لَكَ اللَّهُمَّ اجْعَلْنَا خَيْرا مِمَّا يَظُنُّونَ وَ اغْفِرْ لَنَا مَا لا يَعْلَمُونَ وَ لا تُؤَاخِذْنَا بِمَا يَقُولُونَ حَسْبِيَ اللَّهُ لا إِلَهَ إِلا هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَ هُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِيمِ آمَنَّا بِهِ كُلٌّ مِنْ عِنْدِ رَبِّنَا وَ مَا يَذَّكَّرُ إِلا أُولُوا الْأَلْبَابِ رَبَّنَا لا تُزِغْ قُلُوبَنَا بَعْدَ إِذْ هَدَيْتَنَا وَ هَبْ لَنَا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً إِنَّكَ أَنْتَ الْوَهَّابُ»
(अल्लाहुम्मा अन्तल एलाहुल क़दीमो व हाज़ेही सनतुन जदीदतुन फ़ा अस्अलोका फ़ीहल इस्मता मिनश शैतान वल क़ुव्वता अला हाज़ेहिन नफ़्सिल अम्मारते बिस सूए वल इश्तेग़ाता बेमा योक़र्रेबोनी एलेका या करीमो या ज़ल जलाले वल इकराम या एबादा मन ला एबादा लहू या ज़ख़ीरता मन ला ज़ख़ीरता लहू या हिर्ज़ा मन ला हिर्ज़ा लहू या ग़ेयासा मन ला ग़ेयासा लहू या सनदा मन ला सनदा लहू या कंज़ा मन ला कंज़ा लहू या हसनल बलाए या अज़ीमर रजाए या इज़्ज़ज़ ज़ोअफ़ाए या मुंक़ेज़ल ग़र्क़ा या मुंजीयल हल्का या मुन्एमो यो मुजमेलो या मुफ़ज़ेलो या मोहसेनो अंतल लज़ी सजदा लका सवादुल लैले व नूरुन नहारे व ज़ौउल क़मरे व शोआ उश शम्से व दवीयुल माए व हफ़ीफ़ुश शजरे या अल्लाहो ला शरीका लका अल्लाहुम्म जअलना ख़ैरा मिम्मा यज़ुन्नूना वग़फ़िर लना मा ला यालमून वला तोआख़िज़ना बेमा यक़ूलूना हसबीयल्लाहो ला एलाहा इल्ला होवा अलैहे तवक्कलतो व होवा रब्बुल अर्शिल अज़ीमे आमन्ना बेही कुल्लुन मिन इन्दे रब्बेना वमा युज़क्करो इल्ला उलुल अलबाबे रब्बना ला तोज़िग़ क़ुलूबना बादा इज़ हदैतना व हब लना मिन लदुनका रहमतन इन्नका अन्तल वह्हाब)