14 शाबान
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हिजरी कालक्रम |
14 शाबान, पारंपरिक हिजरी चंद्र कैलेंडर वर्ष का 221वां दिन है।
- 1382 हिजरी, शिया न्यायविद, मिर्ज़ा आग़ा तुराबी का निधन (9 जनवरी, 1963 ईस्वी)
- 1417 हिजरी, ईरान के राष्ट्रीय स्मारकों में से एक के रूप में रय शहर के एक क़ब्रिस्तान, इब्ने बाबवैह क़ब्रिस्तान का पंजीकरण (25 दिसम्बर, 1996 ईस्वी)
पंद्रहवीं रात के आमाल
- स्नान करना
- नमाज़, दुआ और इस्तिग़फ़ार करते हुए रात में जागना
- इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत
- पैग़म्बर (स) जिस दुआ का पाठ करते थे उस दुआ का पाठ करना:
"اللَّهُمَّ اقْسِمْ لَنَا مِنْ خَشْيَتِكَ مَا يَحُولُ بَيْنَنَا وَ بَيْنَ مَعْصِيَتِكَ وَ مِنْ طَاعَتِكَ مَا تُبَلِّغُنَا بِهِ رِضْوَانَكَ وَ مِنَ الْيَقِينِ مَا يَهُونُ عَلَيْنَا بِهِ مُصِيبَاتُ الدُّنْيَا اللَّهُمَّ أَمْتِعْنَا بِأَسْمَاعِنَا وَ أَبْصَارِنَا وَ قُوَّتِنَا مَا أَحْيَيْتَنَا وَ اجْعَلْهُ الْوَارِثَ مِنَّا وَ اجْعَلْ ثَارَنَا عَلَى مَنْ ظَلَمَنَا وَ انْصُرْنَا عَلَى مَنْ عَادَانَا وَ لا تَجْعَلْ مُصِيبَتَنَا فِي دِينِنَا وَ لا تَجْعَلِ الدُّنْيَا أَكْبَرَ هَمِّنَا وَ لا مَبْلَغَ عِلْمِنَا وَ لا تُسَلِّطْ عَلَيْنَا مَنْ لا يَرْحَمُنَا بِرَحْمَتِكَ يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ. (अल्लाहुम्मा अक़्सिम लना मिन ख़शयतेक़ा मा यहूलो बैनना व बैना मासियतेका व मिन ताअतेका मा तुबल्लेग़ोना बेही रिज़वानका व मिनल यक़ीन मा यहूनो अलैना बेही मुसीबातो अल दुनिया अल्लाहुम्मा अमतेअना बे अस्माएना व अब्सारेना व क़ूव्वतेना मा अहयय्तना वज्अलहो अल वारेसा मिन्ना वजअल सारना अला मन ज़लमना वन सुरना अला मन आदाना वला तजअल मुसीबताना फ़ी दीनेना वला तजअल अल दुनिया अकबर हम्मेना वला मबलग़ा इल्मेना वला तुसल्लित अलैना मन ला यरहमोना बे रहमतेका या अरहमा अल राहेमीन)