बनी क़ैनोक़ाअ

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मदीना में बनी क़ैनोक़ाअ जनजाति का स्थान
यह लेख बनी क़ैनोक़ाअ के बारे में है। इस नाम के एक युद्ध के बारे में जानने के लिए बनी क़ैनोक़ाअ युद्ध देखें।

बनी क़ैनोक़ाअ (अरबी: بنو قينقاع) मदीना में यहूदियों की पहली जनजाति थी जिन्होंने इस्लाम के पैग़म्बर (स) के साथ अपना वचन को तोड़ दिया था।[१] उनके साथ इत्मामे हुज्जत के बाद,[२] पैग़म्बर (स) ने दूसरी हिजरी के 15 शव्वाल को उनके विरुध युद्ध की घोषणा की।[३] कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक यहूदी व्यक्ति ने एक मुस्लिम महिला के साथ छेड़छाड़ की जिसके कारण उस महिला के शरीर का कुछ अंग प्रकट हो गया।[४] फिर एक मुस्लिम व्यक्ति उस महिला की सहायता करने गया और उस यहूदी की हत्या कर डाली।[५] अन्य यहूदियों ने उस मुस्लिम पर भी हमला किया और उसे मार डाला और इस घटना के बाद मुसलमानों और यहूदियों के बीच संघर्ष बढ़ गया।[६]

बनी क़ैनोक़ाअ युद्ध की शुरुआत के साथ, यहूदी अपने किलों में चले गए और पैग़म्बर (स) ने उन्हें पंद्रह दिनों तक उनके महलों में घेर लिया।[७] पंद्रह दिन बीत जाने के बाद, बनी क़ैनोक़ाअ ने पैग़म्बर (अ) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।[८] पैग़म्बर (स) के आदेश से, बनी क़ैनोक़ाअ को शाम क्षेत्र में निर्वासित कर दिया गया और वह इज़रआत क्षेत्र में बस गए।[९] ऐसा कहा गया है कि इस घटना के बाद, बनी क़ैनोक़ाअ जनजाति के लोग थोड़े समय के बाद ख़त्म हो गए।[१०]

इस्लाम की शुरुआत में, बनी क़ैनोक़ाअ मदीना में रहते थे।[११] कुछ लोगों ने इस जनजाति के यहूदी मूल पर संदेह किया है; लेकिन शोधकर्ताओं को उनकी यहूदी जड़ों के बारे में कोई संदेह नहीं है।[१२] एक रिपोर्ट में, बनी क़ैनोक़ाअ जनजाति को मदीना क्षेत्र के पहले निवासियों के रूप में पेश किया गया है।[१३] इस रिपोर्ट के अनुसार, जब बनी इस्राइल का एक समूह हज करने के लिए पैग़म्बर मूसा (अ) के साथ मक्का गया, तो वापस लौटते समय वे एक ऐसे क्षेत्र में पहुँचे जहाँ उन्हें उस क्षेत्र की विशेषताएँ अंतिम पैग़म्बर के निवास की विशेषताओं के समान मिलीं (जिसका उल्लेख तौरेत में किया गया था)। इसलिए वे वहां बस गए और धीरे-धीरे अरबों का एक समूह उनके साथ जुड़ गया।[१४] हालाँकि, कुछ इतिहासकारों ने अमालक़ा को मदीना का पहला निवासी माना है और बनी क़ैनोक़ाअ को मदीना में बसने वाली दूसरी जनजाति के रूप में पेश किया है।[१५]

बनी नज़ीर और बनी क़ोरैज़ा (मदीना क्षेत्र में रहने वाले यहूदियों की दो जनजातियाँ) के विपरीत, जिन्होंने औस जनजाति के साथ समझौता किया था, बनी क़ैनोक़ाअ ने ख़ज़रज जनजाति के साथ गठबंधन किया था।[१६] ऐतिहासिक रिपोर्टों के अनुसार, बनी क़ैनोक़ाअ, बनी क़ोरैज़ा और बनी नज़ीर के बीच प्रतिस्पर्धा थी और वे कई बार एक-दूसरे से लड़ चुके थे।[१७] कुछ ऐतिहासिक स्रोतों में, मोख़ैरीक़ का उल्लेख इस जनजाति के प्रसिद्ध लोगों में से एक के रूप में किया गया है और यहां तक कि जनजाति के मुखिया[१८] के रूप में भी, जो ओहद युद्ध में शहीद हो गया था।[१९] बनी क़ैनोक़ाअ बाज़ार सबसे प्रसिद्ध अरब बाज़ारों में से एक था,[२०] जो साल भर में कई बार आयोजित किया जाता था और वह लोग इस पर गर्व करते थे।[२१] मदीना में, उनके पास कृषि भूमि या ताड़ के पेड़ नहीं थे, इसलिए उनका व्यवसाय सुनार[२२] और लोहार बनना था।[२३] फ़ोरोग़े अब्दीयत पुस्तक के लेखक जाफ़र सुब्हानी का मानना है कि मदीना की आर्थिक शक्ति बनी क़ैनोक़ाअ जनजाति के हाथों में थी।[२४]

फ़ुटनोट

  1. वाक़ेदी, अल मग़ाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 177।
  2. सुब्हानी, फ़ोरोग़े अब्दीयत, 1385 शम्सी, खंड 1, पृष्ठ 513।
  3. वाक़ेदी, अल मग़ाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 176; मसऊदी, अल तंबीह वा अल अशराफ़, पृष्ठ 206।
  4. वाक़ेदी, अल मग़ाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 176।
  5. वाक़ेदी, अल मग़ाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 177।
  6. इब्ने हिशाम, अल सीरत अल नबविया, दार अल मारेफ़ा, खंड 2, पृष्ठ 48।
  7. वाक़ेदी, अल मग़ाज़ी, 1409 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 177।
  8. तबरी, तारीख़ अल तबरी, 1387 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 480।
  9. बलाज़ोरी, अंसाब अल अशराफ़, 1959 ईस्वी, खंड 1, पृष्ठ 309।
  10. बलाज़ोरी, अंसाब अल अशराफ़, 1959 ईस्वी, खंड 1, पृष्ठ 309; इब्ने असीर, अल कामिल, 1385 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 138।
  11. याक़ूत हम्वी, मोजम अल बुल्दान, 1416 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 424।
  12. फ़रहानी मुनफ़रिद, "बनी क़ैनोक़ाअ", पृष्ठ 470।
  13. सम्हूदी, वफ़ा अल वफ़ा, 1419 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 126।
  14. सम्हूदी, वफ़ा अल वफ़ा, 1419 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 126।
  15. सम्हूदी, वफ़ा अल वफ़ा, 1419 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 126।
  16. इब्ने हिशाम, अल सीरत अल नबीवि, दार अल मारेफ़ा, खंड 1, पृष्ठ 540।
  17. ख़ालिद, मुजतमेअ अल मदीना क़ब्ल अल हिजरत व बादोहा, 1406 हिजरी, पृष्ठ 39।
  18. तबरसी, आलाम अल वरा, 1390 हिजरी, पृष्ठ 69।
  19. इब्ने साद, तबक़ात अल कुबरा, 1990 ईस्वी, खंड 1, पृष्ठ 389; बलाज़ोरी, अंसाब अल अशराफ़, 1996 ईस्वी, खंड 1, पृष्ठ 325।
  20. जवाद अली, अल मुफ़स्सल फ़ी तारीख़ अल अरब, 1422 हिजरी, खंड 14, पृष्ठ 59।
  21. सम्हूदी, वफ़ा अल वफ़ा, 1419 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 95।
  22. तबरी, तारीख अल तबरी, 1387 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 481।
  23. बलअमी, तारीख़ नामे तबरी, 1378 शम्सी, खंड 3, पृष्ठ 151।
  24. सुब्हानी, फ़ोरोग़े अब्दीयत, 1385 शम्सी, खंड 1, पृष्ठ 512।

स्रोत

  • इब्ने असीर, अली बिन अबी अल करम, अल कमाल फ़ी अल तारीख़, बेरूत, दार सादिर, 1385 हिजरी।
  • इब्ने साद, मुहम्मद, तबक़ात अल कुबरा, बेरूत, दार अल कुतुब अल इल्मिया, 1410 हिजरी।
  • इब्ने हिशाम, अब्दुल मलिक, अल सीरत अल नबविया, बेरूत, दार अल मारेफ़त, बी ता।
  • बलाज़ोरी, अहमद बिन यह्या, अंसाब अल अशराफ़, क़ाहिरा, दार अल मआरिफ़, 1959 ईस्वी।
  • बलअमी, मुहम्मद बिन मुहम्मद, तबरी तारीख़ नामे, तेहरान, अल बुर्ज़ प्रकाशन, 1373 शम्सी।
  • जवाद अली, अल मुफ़स्सल फ़ी तारीख़ अल अरब क़ब्ल अल इस्लाम, बेरूत, दार अल साक़ी, 1422 हिजरी।
  • ख़ालिद, हसन, मुजतमेअ अल मदीना क़ब्ल अल हिजरत व बादोहा, बेरूत, दार अल नहज़ा अल अरबिया, 1406 हिजरी।
  • सुब्हानी, जाफ़र, फ़ोरोग़े अब्दीयत, क़ुम, बुस्तान किताब, 1385 शम्सी।
  • सम्हूदी, अली बिन अब्दुल्लाह, वफ़ा अल वफ़ा बे अख़्बार दार अल मुस्तफ़ा, बेरूत, दार अल कुतुब अल-इल्मिया, 1419 हिजरी।
  • तबरसी, फ़ज़्ल बिन हसन, आलाम अल वरा बे आलाम अल होदा, तेहरान, इस्लामिया, 1390 हिजरी।
  • तबरी, मुहम्मद बिन जरीर, तारीख़ अल तबरी, बेरूत, दार अल तोरास, 1387 हिजरी।
  • फ़रहानी मुनफ़रिद, महदी, "बनी क़ैनोक़ाअ",दानिशनामे जहाने इस्लाम खंड 4 में, तेहरान, बुनियाद दाएर अल मआरिफ़ इस्लामी, 1375 शम्सी।
  • मसऊदी, अली बिन हुसैन, अल तंबीह व अल अशराफ़, क़ाहीरा, दार अल-सावा, बी ता, क़ुम अफ़सेट प्रिंटिंग, मोअस्सास ए नशरे अल मनाबेअ अल सक़ाफ़ा अल इस्लामिया।
  • वाक़ेदी, मुहम्मद बिन उमर, अल मग़ाज़ी, बेरूत, मोअस्सास ए अल आलमी, 1409 हिजरी।
  • याक़ूत हम्वी, इब्ने अब्दुल्लाह, मोजम अल बुल्दान, बेरुत, दार सादिर, 1416 हिजरी।