हज़रत मुहम्मद का उत्तराधिकार (पुस्तक)
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का उत्तराधिकार, प्रथम ख़िलाफ़त के बारे में एक अध्ययन, (फ़ारसी: جانشینی حضرت محمد (کتاب)) (The succession to Muhammad: a study of the early caliphate)
यह एक ईसाई इस्लामी विद्वान विल्फ्रेड मैडलॉन्ग द्वारा लिखित पुस्तक है। यह पुस्तक अबू बक्र से लेकर मरवानियों के पहले ख़लीफा की मृत्यु तक खिलाफ़त के इतिहास की जांच करती है।
पुस्तक का मुख्य केन्द्र राशेदीन के ख़लीफाओं के बारे में है। इस संदर्भ में, अबू बक्र खिलाफ़त तक कैसे पहुंचे, बनी हाशिम के संबंध में अबू बक्र और उमर की नीति, उस्मान की हत्या, इमाम अली (अ.स.) कैसे खिलाफ़त तक पहुंचे, जमल का युद्ध और सिफ़्फ़ीन की जंग जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
पुस्तक के लेखक ने पैग़म्बर (स) के उत्तराधिकार के संबंध में जो दृष्टिकोण अपनाया है वह यह है कि क़ुरआन की आयतों के अनुसार, इस्लाम के पैगंबर (स) का उत्तराधिकार उनके परिवार तक पहुंचना चाहिए था। इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्कृति और इस्लामी मार्गदर्शन मंत्रालय ने 1377 शम्सी में मुहम्मद (स) के उत्तराधिकार पुस्तक को वर्ष की (सर्वश्रेष्ठ) पुस्तक के रूप में चुना। इस पुस्तक का फ़ारसी में अनुवाद किया गया है और इसे आस्ताने कुद्स रज़वी रिसर्च फाउंडेशन की ओर से प्रकाशित किया गया है।
लेखक
मुख्य लेख: विल्फ्रेड मैडलॉन्ग
विल्फर्ड फर्डिनेंड मैडेलुंग (जर्मन में: Wilferd Ferdinand Madelung) (26 दिसंबर, 1930 को स्टटगार्ट, जर्मनी में पैदा हुए) समकालीन इस्लामी विद्वानों में से एक हैं। [१] उनके पास 1957 में हैम्बर्ग विश्वविद्यालय से इस्लामी अध्ययन में डॉक्टरेट की डिग्री है। [२]
मैडलॉन्ग को पश्चिमी दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शिया धर्म विशेषज्ञ विद्वानों में से एक माना जाता है। [३] उन्होंने इस्लाम और विशेष रूप से शिया पर लगभग 200 लेख और किताबें लिखी और संपादित की हैं। [४]
लेखक प्रेरणा
लेखक के अनुसार, पुस्तक लिखने का उद्देश्य सबसे पहले ख़िलाफ़त की प्रकृति को व्यक्त करना और उसका संक्षिप्त इतिहास प्रदान करना था; लेकिन शोध के बीच में यह एहसास हुआ कि इस्लाम की शुरुआत की घटनाओं के संदर्भ में "पश्चिमी इतिहासकारों के इस्लामी स्रोतों पर सबसे अधिक अविश्वास" के कारण इस क्षेत्र में विकृतियाँ पैदा की गईं और कुछ मामलों को नज़रअंदाज कर दिया गया। इस कारण से, उन्होंने अधिक विस्तृत शोध करने और इस्लाम की शुरुआत के क़रीब के विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करके ख़िलाफ़त के इतिहास की "अधिक सटीक और विश्वसनीय तस्वीर" प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। [५]
सामग्री
पुस्तक की मुख्य सामग्री में एक परिचय, चार अध्याय (प्रत्येक अध्याय का नाम राशिद ख़लीफाओं में से एक के नाम पर रखा गया है) और एक "निष्कर्ष" शामिल है। पुस्तक का अपेक्षाकृत लंबा परिचय इस्लाम के पैगंबर के उत्तराधिकार के महत्व, मुसलमानों के बीच विभाजन में इस मुद्दे की भूमिका, समकालीन पश्चिमी इतिहासकारों का इस मुद्दे पर ध्यान न देने का कारण और पैगंबर के उत्तराधिकार के बारे में पश्चिमी इस्लाम विशेषज्ञ विद्वानों के नज़रिये की आपत्ति, पैगंबर की अपने परिवार के उत्तराधिकारी होने की इच्छा के बारे में है। [६] और अंत में, इमाम हसन (अ.स.) के प्रति निष्ठा, मुआविया की शासन पाना, बनी उमय्या युग की घटनाओं की पहले मरवानी ख़लीफ़ा की मृत्यु तक की चर्चाएं की गई है। [७]
अध्यायों के शीर्षक और विषय
- अबू बक्र: ईश्वर के दूत के उत्तराधिकारी और ख़लीफा। [८] विषय: सक़ीफ़ा बनी साएदा और अबू बक्र को कैसे चुना गया, रिद्दा युद्ध श्रृंखला, पैगंबर (स) के अहले बैत के साथ सुलूक। [९]
- उमर: अमीर अल-मोमिनीन, इस्लामी सरदार की योग्यता, शूरा (परिषद) और अरब साम्राज्य। [१०] विषय: उमर ने राजनीतिक शक्ति कैसे वितरित की, विशेष रूप से बनी हाशिम और अली (अ) के बारे में (अ), उमर की हत्या और विजयों के संबंध में। [११]
- उस्मान: ईश्वर का ख़लीफा और बनी अब्द शम्स का शासक। [१२] विषय: उस्मान की हत्या के कारण और उससे संबंधित घटनाएं। [१३]
- अली: बनी हाशिम की खिलाफ़त पर प्रतिक्रिया। [१४] विषय: इमाम अली (अ.स.) खिलाफ़त तक कैसे पहुंचे, जमल की लड़ाई, सिफ़्फीन घटना, हकमीयत, ख़वारिज, इमाम अली की शहादत [१५]
संलग्नक
पुस्तक में सात परिशिष्ट हैं:
- ईश्वर के दूत (स) का कफ़न और दफ़्न
- पैगंबर मुहम्मद (स) की विरासत (फदक के मुद्दे पर केंद्रित)
- उस्मान बिन अफ्फान की पत्नियाँ और बच्चे
- हसन बिन अली (अ.स.) की पत्नियाँ और बच्चे
- उमर के समय में इराक़ की ख़ालेसा भूमियाँ
- उस्मान की ख़िलाफ़त के संकट से संबंधित स्रोतों के बारे में एक स्पष्टीकरण
- मूसा बिन तल्हा और बनी उमय्या [१६]
पैग़म्बर के उत्तराधिकार के बारे में लेखक का दृष्टिकोण
पुस्तक के परिचय में, मैडलॉन्ग ने क़ुरआन में रिश्तेदारी के मुद्दे के बारे में एक विस्तृत चर्चा प्रस्तुत की है। [१७] कुरान से विभिन्न आयतों का हवाला देते हुए, वह पैगंबरों (नबियों) के समर्थन में पिछले पैगंबरों के परिवारों की भूमिका और उनकी विरासत की जांच करते हैं, और यह निष्कर्ष निकालते हैं कि, कुरान के आधार पर, पैगंबर (स) के स्वाभाविक उत्तराधिकारी अबू बक्र नहीं हो सकते है। [१८] वह लिखते हैं: "जहां तक क़ुरआन मुहम्मद (स) के विचारों को व्यक्त करता है), यह स्पष्ट है कि वह अबू बक्र को अपना स्वाभाविक उत्तराधिकारी नहीं मानते थे, न ही उन्होंने ऐसा करने के लिए सहमति दी थी।" [१९]
पुस्तक का अनुवाद
इस पुस्तक का 1377 शम्सी में फ़ारसी में अनुवाद किया गया था और आस्ताने कुद्स रज़वी इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन द्वारा इसे प्रकाशित किया गया था। अहमद नुमाई, जवाद क़ासेमी, मोहम्मद जवाद महदवी और हेदर रेज़ा ज़ाबित इसके अनुवाद के प्रभारी थे। यह किताब 1377 शम्सी में इस्लामी गणतंत्र ईरान की ओर से साल की चुनी हुई पुस्तक घोषित गई की गई थी। [२०]
पुस्तक समीक्षा
किताब "इमाम अली (अ); अल्लाह के रसूल (स) के जानशीन, हुसैन अब्दुल मोहम्मदी और असदुल्लाह रहीमी द्वारा लिखित" मैडलॉन्ग की चर्चाओं की एक आलोचना है, जिसे 6 खंडों में व्यवस्थित किया गया है और इसमें पैग़म्बर (स) की वफ़ात के बाद की घटनाओं का प्रत्येक ख़लीफ़ा के ज़माने के अनुसार विश्लेषण किया गया है। [२१]
फ़ुटनोट
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स)", पृष्ठ 388।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स)", पृष्ठ 388।
- ↑ बेहेश्ति मेहर और तक़ी ज़ादेह दावरी, "शिया अध्ययन में विल्फ्रेड मैडलॉन्ग के शोध तरीकों और विशेषताओं की जांच", पृष्ठ 24।
- ↑ बेहेश्ति मेहर और तक़ी ज़ादेह दावरी, "शिया अध्ययन में विल्फ्रेड मैडलॉन्ग के शोध तरीकों और विशेषताओं की जांच", पृष्ठ 24।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 3-4।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), पृष्ठ 390।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), पृष्ठ 392।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 47।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), पृष्ठ 391।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 85।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), पृष्ठ 391।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 113।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), पृष्ठ 391।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 197।
- ↑ अलविरी, "मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स)" पुस्तक का परिचय, पृष्ठ 391 और 392।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पुस्तक सूची।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 20-32।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 32।
- ↑ मैडलॉन्ग, किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ 32।
- ↑ मैडलॉन्ग, मुअर्रेफ़ी किताब जानशीनी हज़रत मुहम्मद (स), 1377, पृष्ठ आठ।
- ↑ "इमाम अली (स)" पुस्तक का परिचय; अल्लाह के दूत (स) के उत्तराधिकारी", अस्तान कुद्स रज़वी इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन।
स्रोत
- बेहेश्ति मेहर, अहमद और महमूद तक़ी ज़ादेह दावरी, "शिया अध्ययन में विल्फ्रेड मैडलॉन्ग के अनुसंधान विधियों और विशेषताओं की जांच", दार्शनिक-धार्मिक शोध, वर्ष 15, ग्रीष्म 2014, संख्या 4।
- मैडलॉन्ग, विल्फ्रेड, मोहम्मद का उत्तराधिकार, मशहद, अस्तान कुद्स रज़वी, पहला संस्करण, 1377 शम्सी।
- अलविरी, मोहसिन, "हजरत मुहम्मद (स) का उत्तराधिकार" पुस्तक का परिचय, जर्नल ऑफ ह्यूमन साइंसेज, संख्या 4-5, शीतकालीन 1379 और वसंत 1380।
- "इमाम अली (अ)" पुस्तक का परिचय; मैसेंजर ऑफ़ गॉड (स) के उत्तराधिकारी", अस्तान कुद्स रज़वी इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की वेबसाइट, पोस्टिंग की तारीख़: 22 नवंबर, 2018।