शरह नहजुल बलाग़ा (इब्ने अबिल हदीद)

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नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी
लेखकइब्न अबी अल-हदीद मोतज़ली
विषयनहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी
भाषाअरबी


नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी (फ़ारसी: شرح نهج البلاغه (ابن‌ ابی‌ الحدید)), 7वीं शताब्दी में सुन्नी विद्वानों में से एक, इब्न अबी अल-हदीद द्वारा लिखी गई एक पुस्तक है, जिसे नहज अल-बलाग़ा पर सबसे महत्वपूर्ण टिप्पणियों में से एक माना गया है। शिया और सुन्नी स्रोतों के प्रयोग के साथ-साथ बहुआयामी (ऐतिहासिक, साहित्यिक और धार्मिक) होना इस विवरण की विशेषता मानी जाती है।

इब्न अबी अल-हदीद ने इस टिप्पणी पर लिखे परिचय में अपनी कुछ राय का उल्लेख किया है। उन्होंने इमाम अली (अ.स.) को तीनों ख़लीफाओं से बेहतर माना है, लेकिन कहा है कि उनकी खिलाफ़त के बारे में पैग़म्बर (स.अ.व.) की ओर से कोई हदीस नहीं है। उनके मुताबिक ख़वारिज, जमल के साथी और शाम की सेना, जिन्होंने अली (अ) के साथ युद्ध में भाग लिया था, नरक के लोग हैं।

इस पुस्तक में ऐसी सामग्री है जो शियोें की मान्यताओं के अनुकूल नहीं है, जो अली (अ) को अपना पहला इमाम मानते हैं। इसलिए इसके ख़िलाफ़ किताबें लिखी गई हैं। इस पुस्तक में बीस "भाग" या खंड हैं और इसे दो-खंड, चार-खंड और बीस-खंड के संस्करणों में प्रकाशित किया गया है।

लेखक

मुख्य लेख: इब्न अबी अल-हदीद

अब्द अल-हमीद बिन हिबतुल्लाह को इब्न अबी अल-हदीद (586-656 हिजरी) के नाम से जाना जाता है,[१] का जन्म मदाइन में हुआ था।[२] उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गृहनगर में प्राप्त की और फिर ज्ञान प्राप्त करने के लिये बग़दाद चले गए और वहाँ पढ़ाई जारी रखी।[३]

इब्न अबी अल-हदीद न्यायशास्त्र में शाफ़ेई थे[४] और अपने विश्वासों में मोअतज़ेली थे।[५] उन्होंने धर्मशास्त्र, तर्कशास्त्र, इतिहास और कविता पर काम किया है।[६] नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी और सात अलावाइट्स की कविताएँ (क़सायद सब्अ अलवियात) उनकी रचनाओं में से हैं। उनकी अधिकांश प्रसिद्धि नहज अल-बलाग़ा के उनके वर्णन के कारण है।[७] ऐसा कहा जाता है कि नहज अल-बलाग़ा के वर्णन में उनकी चर्चा साहित्य, धर्मशास्त्र, नैतिकता की नींव, प्रारंभिक इस्लामी इतिहास और अरब कविता के बारे में उनके ज्ञान का संकेत देती है।[८]

सामान्य जानकारी

जैसा कि इब्न अबी अल-हदीद ने "शरह नहज-उल-बलाग़ा" पुस्तक के अंत में लिखा है, इस काम को लिखने में चार साल और आठ महीने लगे, जिसे उन्होंने इमाम अली (अ) की खिलाफ़त की अवधि के बराबर माना है।[९] इब्न अबी अल-हदीद ने इस काम का आरम्भ पहली रजब 644 हिजरी में किया था, और उन्होंने इसे सफ़र 649 हिजरी के अंत में समाप्त किया था।[१०]

इब्न अबी अल-हदीद ने अब्बासी शिया वज़ीर इब्न अलक़मी (591-656 हिजरी) को अपनी किताब नहज अल-बलाग़ा का विवरण प्रस्तुत किया और बदले में उनसे महंगे उपहार प्राप्त किए।[११]

विशेषताएँ

इब्न अबी अल-हदीद के विवरण की कुछ विशेषताएं यह हैं:

  • शिया और सुन्नी स्रोतों का उपयोग: इब्न अबी अल-हदीद ने नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी लिखने में शिया और सुन्नी दोनो की पुस्तकों का उपयोग किया है।[१२] उदाहरण के तौर पर, उस्मान बिन अफ्फान के खिलाफ़ क़ाज़ी अब्दुल जब्बार मोतज़ेली के बचाव को खारिज करते हुए, उन्होंने काजी अब्दुल जब्बार को सय्यद मुर्तज़ा के जवाब के एक हिस्से का उल्लेख किया है।[१३] यह कहा गया है कि चूंकि इब्न अबी अल-हदीद बग़दाद पुस्तकालयों के प्रमुख थे, उनके पास बहुत अधिक सुविधाएं थीं, और इब्न अलक़मी के दस हज़ार किताबों का पुस्तकालय भी उनके इख़्तियार में था। इसलिए, उन्होंने ऐसी पुस्तकों का उपयोग भी किया जो तीसरी चंद्र शताब्दी के इतिहासकार मुहम्मद बिन जरीर तबरी के पास नहीं थीं।[१४]
  • व्यापकता: इब्न अबी अल-हदीद की टिप्पणी को साहित्य, धर्मशास्त्र, न्यायशास्त्र, नैतिकता, प्रारंभिक इस्लामी इतिहास, वंशावली और अरब लोकप्रिय संस्कृति का विश्वकोश माना जाता है।[१५] नहज अल-बलाग़ा के अनुवादक महदवी दमग़ानी के अनुसार, यद्यपि उल्लिखित टिप्पणी में विभिन्न जानकारी शामिल है, लेकिन इसके तीन पहलू: साहित्यिक, ऐतिहासिक-सामाजिक और धार्मिक पहलू इसके अन्य पहलुओं से बेहतर हैं।[१६] यह पुस्तक पैग़म्बर (स) के समय से 623 हिजरी तक के इस्लामी इतिहास को कवर करती है। यानी, मंगोलों के हाथों बग़दाद के पतन से 13 साल पहले।[१७] यह पुस्तक पहली चंद्र शताब्दी के पहले भाग के सामाजिक और ऐतिहासिक मामलों को समर्पित है।[१८] इसी तरह से इस पुस्तक में कविता के लगभग 8 हज़ार छंदों का उपयोग किया गया है।[१९] इब्ने अबिल हदीद ने उन लोगो का उत्तर दिया है जिन्होने नहज अल-बलाग़ा में सजअ के होने की आलोचना की है।[२०] उन्होंने उन लोगों के शब्दों को भी खारिज कर दिया जिन्होंने कहा था कि नहज अल-बलाग़ा या उसके कुछ हिस्सों को इमाम अली (अ) से ग़लत संबंधित किया गया है।[२१] उन्होंने अली (अ.स.) के शब्दों की तुलना एक साधारण शरीर से है की जिसके विभिन्न अंग प्रकृति में एक दूसरे से भिन्न नहीं हैं।[२२]
  • कठिन शब्दों की व्याख्या: इब्न अबी अल-हदीद पहले "अस्ल" शीर्षक के तहत नहज अल-बलाग़ा के पाठ का एक हिस्सा उद्धृत करते हैं, फिर "स्पष्टीकरण" शीर्षक के तहत स्पष्टीकरण देते हैं।[२३] स्पष्टीकरण के तहत, वह कठिन शब्दों की व्याख्या और पाठ का विवरण करते हैं।[२४]
  • लेखक के समय की स्थिति की रिपोर्ट: इब्न अबी अल-हदीद, चूंकि वह मंगोलों के समकालीन थे,[२५] उन्होंने मंगोलों के उद्भव की शुरुआत और ट्रांस-नहर (जीहून नदी व आसपास के क्षेत्र) की विजय की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, ख़ुरासान, इराक़ और अन्य क्षेत्रों और बग़दाद पर उनके आक्रमण का उल्लेख किया है।[२६] इस कारण से, इब्न अबी अल-हदीद के नहज अल-बलाग़ा के विवरण को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोतों में से एक माना जाता है।[२७]
  • सय्यद रज़ी की जीवनी: पुस्तक के परिचय में, इब्न अबी अल-हदीद ने इमाम अली (अ.स.) की वंशावली, सय्यद रज़ी (नहज अल-बलाग़ा के संकलनकर्ता) की वंशावली का उल्लेख किया है और उनके जीवन का संक्षिप्त विवरण और जीवनी का वर्णन किया है।[२८]

प्रस्तावना में लेखक की राय

इब्न अबी अल-हदीद ने नहज अल-बलाग़ा के वर्णन के लिए जो परिचय लिखा है, उसमें इमामत, इमाम अली (अ.स.) की सर्वोच्चता, उनके खिलाफ़ उठने वालों और ख़वारिज के बारे में मोतज़ेला की राय का उल्लेख किया है।[२९]

  • तीन ख़लीफ़ाओं पर इमाम अली (अ.स.) की सर्वोच्चता: इब्न अबी अल-हदीद के अनुसार, ख़लीफ़ाओं की सर्वोच्चता के बारे में मोतज़ेला की राय तीन श्रेणियों की है; कुछ लोग इमाम अली (अ.स.) को श्रेष्ठ मानते हैं, अन्य अबू बक्र को, और कुछ अन्य लोग इस मुद्दे पर रुक गए हैं और कोई निर्णय नहीं लिया है।[३०] बग़दाद के मोतज़िला की पैरवी करते हुए, इब्न अबी अल-हदीद का मानना ​​​​है कि इमाम अली (अ.स.) तीन ख़लीफ़ाओं से श्रेष्ठ हैं; क्योंकि उनका प्रतिफल अधिक है और उनमें अधिक वांछनीय गुण हैं।[३१] हालांकि, इब्न अबी अल-हदीद का मानना ​​​​था कि हज़रत अली (अ) की खिलाफ़त पर पैग़म्बर (स) की ओर से कोई स्पष्ट पाठ और आदेश नहीं आया है।[३२]
  • जमल के साथी नर्क से हैं: इब्न अबी अल-हदीद के अनुसार, आयशा, तल्हा और जुबैर को छोड़कर, जिन्होंने पश्चाताप कर लिया था।[३३] जमल की लड़ाई के संस्थापक नर्क से हैं। इसी तरह से सिफ़्फ़ीन की जंग में शाम की सेना में शामिल होने वाले और ख़वारिज नर्क से हैं, क्योंकि उन्होंने विद्रोह करने पर ज़ोर दिया।[३४]
  • इमाम अली (अ.स.) की राय सबसे मज़बूत और उनकी रणनीति सबसे सही थी: इब्न अबी अल-हदीद के अनुसार, जब उमर बिन अल-ख़त्ताब रोमन और ईरानियों के साथ युद्ध करने गए तो इमाम अली (अ.स.) ने उन्हें सलाह दी[३५] और उन्होंने उस्मान को सलाह भी दी थी और उनकी सलाह उसी में थी, और यदि उन्होंने उनकी सलाह मान ली होती, तो वे घटनाएँ जो उनके साथ घटीं, नहीं घटतीं।[३६]
  • इमाम अली की धर्म के प्रति प्रतिबद्धता: इब्न अबी अल-हदीद के अनुसार, इमाम अली धर्म के प्रति प्रतिबद्ध थे और उन्होंने इसके विपरीत कार्य नहीं किया, लेकिन अन्य ख़लीफ़ाओं ने अपने हितों के अनुसार कार्य किया। चाहे वह शरिया के मुताबिक था या नहीं था। इब्न अबी अल-हदीद का मानना ​​था कि जो व्यक्ति अपने इज्तेहाद के अनुसार कार्य करता है और उन प्रतिबंधों से बंधा नहीं है जो उसे समीचीनता से दूर रखते हैं, उसकी सांसारिक योजनाएँ बेहतर ढंग से व्यवस्थित होंगी।[३७]

किताबें

नहज अल-बलाग़ा पर इब्न अबी अल-हदीद की टिप्पणी की आलोचना, सारांश और अनुवाद पर किताबें लिखी गई हैं। रज़ा उस्तादी के अनुसार, उसकी व्याख्या, अनुवाद, हाशिया और इसके विरोध में लगभग 20 पुस्तकें लिखी गई हैं।[३८]

खंडन

शिया विद्वानों ने इब्न अबी अल-हदीद के नहज अल-बलाग़ा के विवरण पर खंडन लिखा है और इसका विरोध किया है; क्योंकि इस काम में, कुछ चीजें हैं जो इमामत और उससे संबंधित ऐतिहासिक मुद्दों के बारे में शिया मान्यताओं के साथ संगत नहीं हैं,[३९] उनमें से: किताब सलासिल अल हदीद लेतक़यीद इब्न अबी अल-हदीद, शेख़ यूसुफ़ बहरानी (मृत्यु 1186 हिजरी/1772 ईस्वी) द्वारा लिखित,[४०] अल-रूह फ़ि अल-नक़द मा अब्रमा इब्न अबी अल-हदीद, अहमद इब्न तावूस हिल्ली (मृत्यु 673 हिजरी/1274 ईस्वी), अल-रद्द अला इब्न अबी अल-हदीद, अली इब्न हसन बलादी बहरानी (मृत्यु 1340 हिजरी/1922 ईस्वी), सलासिल अल-हदीद फ़ी अल-रर्द अला इब्न अबी अल-हदीद, शेख़ यूसुफ़ कूफी द्वारा, व अल नक़्द अल सदीद ले शरह अल ख़ुतबा अल-शक्शकिया ले इब्ने अबी अल-हदीद।[४१]

अनुवाद

नहज अल-बलाग़ा के विवरण का फ़ारसी में अनुवाद किया गया है; मुल्ला शम्स अल-दीन बिन मुहम्मद बिन मुराद (मृत्यु 1013 हिजरी) और नसरुल्लाह बिन फ़त्हुल्लाह दिज़फ़ूली ने इसका फ़ारसी में अनुवाद किया है।[४२] महमूद महदवी दामग़ानी द्वारा अनुवाद और मार्जिन के साथ किताब "जलवए तारीख़ दर शरह नहज अल-बलागा इब्न अबी अल-हदीद", आठ खंडों में, और शरह नहज अल-बलाग़ा इब्न अबी अल-हदीद का बीस खंडों में अनुवाद, गुलाम रज़ा लायक़ी का काम फ़ारसी में इसके अन्य अनुवादों में से है। इसके अलावा, हुसैन तैयबियान की पुस्तक "इमाम अली (अ.स.) अज़ दीदगाहे इब्ने अबी अल-हदीद मोतज़ेली" नहज अल-बलाग़ा के विवरण से ली गई है।[४३]

सारांश

शरह नहज अल-बलाग़ा के सारांश यह हैं:

  • अल-अक़्द अल-नज़ीद अल-मुस्तख़रज मिन शरहे इब्ने अबिल हदीद मोतज़ेली, फ़ख़्र अल-दीन अब्दुल्लाह अल-मुअय्यद बिल्लाह।[४४]
  • सुल्तान महमूद तबसी ने भी इसका सारांश दिया है और शेख़ मोहम्मद क़नबर अली काज़ेमी ने इसमें से अल-तोक़ात अल-दुरर अल-मुंतख़ब नामी किताब निकाली है।[४५]

इसके अलावा, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में, इब्न अबी अल-हदीद के स्रोतों में एक किताब अल-उज़ैक़ अल-नज़ीद, अहमद रबीई द्वारा, उन स्रोतों और स्रोतों के बारे में है जो इब्न अबी अल-हदीद ने इस पुस्तक में उपयोग किए हैं।[४६] इस किताब में इब्न अबी अल-हदीद के स्रोतों की संख्या 222 में उल्लिखित है।[४७]

प्रकाशन

इब्न अबी अल-हदीद का विवरण बीस भाग में लिखा गया है।[४८] रेज़ा उस्तादी के अनुसार, यह पुस्तक दो खंडों, चार खंडों और बीस खंडों में प्रकाशित हुई है।[४९] इसके अलावा यह तेहरान में (1271, 1302-1304 शम्सी), क़ाहिरा (1329 हिजरी) और बेरूत (1378 हिजरी) प्रकाशित हो चुकी हैं।[५०]

इस कृति की एक प्रति आस्ताने कुद्स रज़वी की लाइब्रेरी में रखी गई है,[५१] जो संभवतः लेखक के जीवनकाल के दौरान लिखी गई है।[५२]

इस पुस्तक को इब्न अबी अल-हदीद के विभाजन के आधार पर मुहम्मद अबुल फ़ज़्ल इब्राहिम द्वारा संपादित किया गया है और बीस खंडों और 6460 पृष्ठों में प्रकाशित किया गया है।[५३] इसी तरह से इसे अब्दुल करीम निमरी द्वारा ग्यारह खंडों में संपादित किया गया है और दारुल किताब अल-इल्मिया बेरुत द्वारा प्रकाशित किया गया है।[५४]

फ़ुटनोट

  1. इब्न फ़ोती, मजमा अल-आदाब फ़ी मोजम अल-अलक़ाब, 1374, खंड 1, पृष्ठ 214।
  2. इब्न कसीर, अल-बिदाया वा अल-निहाया, 1407 एएच, खंड 13, पृष्ठ 199।
  3. महदवी दमग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ सात।
  4. इब्न ख़लकान, वफ़यात अल-आयान, 1994, खंड 7, पृष्ठ 342।
  5. फ़िक्रत, "इब्न अबी अल-हदीद", पीपी. 642-641.
  6. देखें: इब्न ख़लकान, वफ़यात अल-आयान, 1994, खंड 7, पृष्ठ 342।
  7. फ़िक्रत, "इब्न अबी अल-हदीद", पीपी. 642-641.
  8. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 12।
  9. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 20, पृष्ठ 349।
  10. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 20, पृष्ठ 349।
  11. हिंदू शाह, ख़लीफ़ाओं और उनके मंत्रियों के इतिहास में सलफ़ के अनुभव, 1357, पृष्ठ 349।
  12. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 15।
  13. सुबहानी निया, "इब्न अबी अल-हदीद की नहज अल-बलाग़ा की व्याख्या", पृष्ठ 59।
  14. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 15।
  15. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 17
  16. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 14
  17. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 15।
  18. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृष्ठ 233।
  19. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ 18।
  20. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 126-130।
  21. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 10, पृष्ठ 128 और 129
  22. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 10, पृष्ठ 128 और 129।
  23. उदाहरण के लिए, देखें: इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 57-58।
  24. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृष्ठ 234।
  25. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृष्ठ 233।
  26. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 8, पृष्ठ 243-219।
  27. फ़िक्रत, "इब्न अबी अल-हदीद", पृष्ठ 641।
  28. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 11-42।
  29. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 6-11।
  30. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 7-8।
  31. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 9।
  32. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 2, पृष्ठ 59।
  33. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 9।
  34. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 9।
  35. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 28।
  36. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 28।
  37. इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, 1404 एएच, खंड 1, पृष्ठ 28।
  38. उस्तादी, नहज अल-बलाग़ा की ग्रंथ सूची, 1359, पीपी 37-39।
  39. उदाहरण के लिए, देखें: इब्न अबी अल-हदीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, खंड 2, पृष्ठ 59।
  40. आगा बुज़ुर्ग तेहरानी, ​​अल-ज़रिया, 1408 एएच, खंड 12, पृष्ठ 210।
  41. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृ. 237-238; उस्तादी, नहज अल-बलाग़ा की ग्रंथ सूची, 1359, पीपी 37-39।
  42. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृष्ठ 238।
  43. "इमाम अली (अ.स.) इब्न अबी अल-हदीद मोतज़ेली के दृष्टिकोण से/ हुसैन तैयबियान द्वारा लिखित।"
  44. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृष्ठ 238।
  45. हुसैनी, नहज अल-बलाग़ा के स्रोत, 1409 एएच, खंड 1, पृष्ठ 238।
  46. रबी'ई, अल-उज़ैक अल-नज़ीद, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इब्न अबी अल-हदीद के स्रोतों के साथ, परिचय, 1407 एएच, पीपी 5-6।
  47. सुबहानी निया, "शरह नहज अल-बलाग़ा इब्न अबी अल-हदीद", पृष्ठ 59।
  48. इब्न कसीर, अल-बिदाया व अल-निहाया, 1407 एएच, खंड 13, पृष्ठ 199।
  49. उस्तादी, नहज अल-बलाग़ा की ग्रंथ सूची, 1359, पृष्ठ 37।
  50. फ़िक्रत, "इब्न अबी अल-हदीद", पृष्ठ 642।
  51. आसताने क़ुद्स, खंड 5, पृष्ठ 112-113: फ़िक्रत को उद्धृत करते हुए, "इब्न अबी अल-हदीद", पृष्ठ 642।
  52. फ़िक्रत, "इब्न अबी अल-हदीद", पृष्ठ 642।
  53. महदवी दामग़ानी, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, 1379, अनुवादक का परिचय, पृष्ठ।
  54. "मअल-फ़हारिस के साथ नहज अल-बलाग़ा 1-11 का विवरण"

स्रोत

  • इब्न अबी अल-हदीद, अब्दुल हमीद, नहज अल-बलाग़ा पर टिप्पणी, मुहम्मद अबुल फज़्ल इब्राहिम द्वारा संपादित, क़ुम, आयतुल्लाह मरअशी नजफ़ी, 1404 हिजरी।
  • इब्न ख़लकान, शम्स अल-दीन अहमद बिन मुहम्मद, वफ़यात अल आयान व अंबा अज़ ज़मान, एहसान अब्बास द्वारा शोध, बेरुत, दार सादिर, 1994 ई.।
  • इब्न कसीर दमिश्ची, इस्माइल इब्न उमर, अल-बिदाया वा अल-निहाया, बेरूत, दार अल-फ़िक्र, 1407 हिजरी/1986 ई.।
  • इब्न फ़ौती, अब्द अल-रज़्ज़ाक़ बिन अहमद, मोअजम अल-अदब फ़ी मोजम अल-अलक़ाब, मोहम्मद अल-काज़िम द्वारा अनुसंधान, तेहरान, संस्कृति और इस्लामी मार्गदर्शन मंत्रालय, 1435 एएच/1374 शम्सी।
  • उस्तादी, रेज़ा, नहज अल-बलाग़ा की ग्रंथ सूची, तेहरान, नहज अल-बलाग़ा फाउंडेशन, 1359 शम्सी।
  • आग़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, ​​मोहम्मद मोहसिन, अल-ज़रिया इला तसानीफ अल-शिया, क़ुम और तेहरान, इस्माइलियान और इस्लामिक लाइब्रेरी, 1408 एएच।
  • "इमाम अली (अ.स.) इब्न अबी अल-हदीद मोतज़िली के दृष्टिकोण से/ हुसैन तैयबियान द्वारा लिखित।" https://opac.nlai.ir/opac-prod/bibliographic/2325288, ईरान के रिकॉर्ड्स और पुस्तकालयों का संगठन, 30 दिय 1398 शम्सी को देखा गया।
  • हुसैनी, अब्दुल ज़हरा, मसादिरो नहज अल-बलाग़ा व असनिदोहु, बेरूत, दार अल-ज़हरा, 1409 एएच/1988 ई.
  • रबीई, अहमद, अल-उज़ैक़ अल-नज़ीद बे मसादिर इब्ने अबिल हदीद फ़ी शरहे नहज अल-बलाग़ा, बग़दाद, अब्दुल मजीद हुसैन अल-रबीई, 1407 एएच।
  • सुबहानी निया, मोहम्मद तक़ी, "शरह नहज अल-बलाग़ा इब्न अबी अल-हदीद", दो-फ़स्ल नामा हदीस अंदिशेह, संख्या 6, शरद ऋतु और सर्दी 1387 शम्सी।
  • फ़िक्रत, मोहम्मद आसिफ़, इब्न अबी अल-हदीद https://www.cgie.org.ir/fa/publication/entryview/1331, ग्रेट इस्लामिक इनसाइक्लोपीडिया में, खंड 2, तेहरान, सेंटर ऑफ़ द ग्रेट इस्लामिक इनसाइक्लोपीडिया, 1374 शम्सी।
  • महदवी दमग़ानी, महमूद, नहज अल-बलाग़ा के विवरण में इतिहास का प्रभाव, तेहरान, नेई पब्लिशिंग हाउस, 1379 शम्सी।
  • हिंदु शाह बिन संजर, तजारिब सलफ़, अब्बास इक़बाल आशतियानी के प्रयासों से, तेहरान, 1357 शम्सी।