बनी फ़ज़्ज़ाल परिवार

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बनी फ़ज़्ज़ाल (अरबी: بنو فضال) एक परिवार जो फ़ज़्ज़ाल तैमली से मंसूब है, जिन्हें चार शिया इमामों का सहाबी माना जाता है। शेख़ तूसी और मुहम्मद बिन उमर कश्शी ने बनी फ़ज़्ज़ाल के वर्णनकर्ताओं को भरोसेमंद (सेक़ा) और इमाम काज़िम (अ), इमाम रज़ा (अ), इमाम हादी (अ) और इमाम अस्करी (अ) के असहाब में से माना है। हालाँकि, इब्ने इदरीस हिल्ली ने उन्हें फ़तही धर्म का और गुमराह कहा है।

बनी फ़ज़्ज़ाल से कई हदीसें और किताबें वर्णित हुई हैं। इमाम हसन अस्करी (अ) की रिवायत के अनुसार, शियों पर उनकी रिवायतों का पालन करना अनिवार्य है, लेकिन बनी फ़ज़्ज़ाल की राय और मान्यताओं को छोड़ दें। सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई ने उक्त हदीस के अर्थ में संदेह व्यक्त किया है और उनका मानना है कि शेख़ अंसारी की राय के विपरीत, उक्त हदीस को बनी फज़्ज़ाल द्वारा सुनाई गई हदीसों की प्रामाणिकता नहीं माना जा सकता है। हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल और उनके बच्चों अहमद, अली और मुहम्मद का उल्लेख रेजाली किताबों में बनी फ़ज़्ज़ाल परिवार के प्रसिद्ध लोगों के रूप में किया गया है।

परिवार का परिचय

बनी फ़ज़्ज़ाल परिवार, कई शिया कथावाचक जिनका संबंध फ़ज़्ज़ाल बिन उमर बिन एयमन[१] या फ़ज़्ज़ाल तैमली बिन रबीआ बिन बक्र जो तैमुल्लाह बिन सालबा के आज़ाद किए गुलाम थे, से है।[२] कुछ के अनुसार, तैमली, बनी फ़ज़्ज़ाल का उपनाम है।[३]

शेख़ तूसी और कश्शी ने इस परिवार की प्रशंसा और पुष्टि की है और उनका यह मानना है कि बनी फज़्ज़ाल ने, इमाम मूसा काज़िम (अ), इमाम रज़ा (अ), इमाम हादी (अ) और इमाम हसन अस्करी (अ) को देखा है और उनके साथियों में से थे।[४] हालाँकि, इब्ने इदरीस हिल्ली बनी फ़ज़्ज़ाल परिवार को "शापित काफिर" कहते हैं और उन्हें गुमराह मानते हैं।[५] मामक़ानी, शेख़ तूसी, कश्शी, सय्यद इब्ने ताऊस और नजाशी द्वारा बनी फ़ज़्ज़ाल की प्रशंसा और अनुमोदन पर भरोसा करते हुए, बनी फ़ज़्ज़ाल को काफ़िर और गुमराह कहना ग़लत मानते हैं।[६]

कुछ लोगों के अनुसार, बनी फ़ज़्ज़ाल फ़तही धर्म के अनुयायी थे, लेकिन फ़िर उन्होंने इमाम रज़ा (अ), इमाम हादी (अ) और इमाम हसन अस्करी (अ) की इमामत को स्वीकार कर लिया और उनके विशेष साथियों में से एक बन गए।[७]

बनी फ़ज़्ज़ाल के प्रसिद्ध लोग

शिया रेजाली रचनाओं में, हसन और उनके बच्चों अहमद, अली और मुहम्मद को बनी फ़ज़्ज़ाल परिवार का सदस्य माना गया है।[८] फ़ज़्ज़ाल तैमली, उनके बेटे अली और इस परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में कोई रिपोर्ट नहीं है।

हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल

मुख्य लेख: हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल

हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल (मृत्यु 224 हिजरी) इमाम रज़ा (अ) के विशेष साथियों में से एक थे,[९] और सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई और कश्शी सहित कुछ शिया विद्वानों के अनुसार, वह असहाबे इज्मा में से एक थे।[१०] कश्शी की रिपोर्ट के अनुसार, हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल फ़तही धर्म के अनुयायी थे, लेकिन अपनी मृत्यु के समय, उन्होंने इमाम रज़ा (अ) की इमामत स्वीकार कर ली थी।[११]

अहमद बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल

अहमद बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल इमाम हादी (अ) और इमाम हसन अस्करी (अ) के साथियों में से एक थे, जिनकी मृत्यु वर्ष 260 हिजरी में हुई थी।[१२]

अली बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल

अली बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल, कूफ़ा के एक न्यायविद् थे, और इमाम हादी (अ) और इमाम अस्करी (अ) के साथियों में से एक थे।[१३] उनके जन्म और मृत्यु की तारीख ज्ञात नहीं है, लेकिन मामक़ानी के अनुसार, जब उनके पिता की मृत्यु हुई तो उनकी आयु 18 वर्ष थी।[१४]

आयतुल्लाह ख़ूई ने कश्शी के हवाले से कहा है कि अली इराक़ और खोरासान चले गए और वहां उनसे अधिक गुणी कोई न्यायविद् नहीं था। उन्होंने आइम्मा (अ) की सभी हदीसों को अपने पास रखा और उनमें से अधिकांश को याद कर लिया था।[१५]

मुहम्मद बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल

मुहम्मद बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल, इमाम हादी (अ) और इमाम हसन अस्करी (अ) के साथियों में से एक हैं।[१६] उनके जन्म, मृत्यु और कार्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।[१७] सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई ने उनके भरोसेमंद (सेक़ा) होने,[१८] और शेख़ सदूक़ के शिक्षकों में से एक के रूप में उनको मानने का विरोध किया है।[१९]

हदीस वर्णित करने की विशेषताएं

बनी फ़ज़्ज़ाल ने विभिन्न विषयों पर कई हदीसें और किताबें वर्णित की हैं।[२०] सनद में 297 से अधिक हदीसों में हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल का नाम उल्लेखित है।[२१] अहमद बिन हसन बिन अली बिन फ़ज़्ज़ाल से ग़ुस्ल के बारे में, मस्जिद के गुण, बिक्री (बैअ), विवाह (निकाह), ख़ुम्स, नमाज़ पढ़ने वाले के कपड़ों की शर्तों, ज़िब्ह, नमाज़े मय्यत के बारे में भी हदीसें वर्णित हुई हैं।[२२]

अल-बशारात, रद अला अल ग़ालिया, अल ज़ियारात, अल नवादिर और अल नासिख़ व अल मंसूख़ पुस्तकों का श्रेय हसन बिन अली को दिया जाता है।[२३] किताब अल वुज़ू, किताब अल सलात, किताब अल ज़कात , किताब अल तंजील मिनल कुरआन व अल तहरीफ़, किताब अल फ़राएज़, किताब अल मवाएज़, किताब अल तफ़सीर, किताब इस्बाते इमामत अब्दुल्लाह और किताब वफ़ाते हज़रत मुहम्मद (स), अली इब्ने हसन की रचनाओं में से हैं।[२४]

अस्फ़िया ए अमीर अल मोमेनिन नाम की एक किताब उनसे वर्णित हुई है। कुछ लोग इस किताब को इमाम अली (अ) के ख़िलाफ़ मानते हैं।[२५]

शेख़ तूसी से वर्णित एक हदीस के अनुसार, इमाम हसन अस्करी (अ) ने शियों के एक समूह के उत्तर में, निर्दिष्ट किया कि आप बनी फ़ज़्ज़ाल द्वारा वर्णित हदीसों का पालन करें, लेकिन उनकी राय और मान्यताओं को एक तरफ़ छोड़ दें।[२६] इसलिए कुछ शोधकर्ताओं ने बनी फ़ज़्ज़ाल से वर्णित हदीसों के दस्तावेज़ में कथावाचक के नाम के उल्लेख को सामान्य प्रमाणीकरण (तौसीक़ाते आम्मा) के उदाहरण के रूप में माना है।[२७] हालांकि, शेख़ अंसारी के विपरीत, सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई ने, इमाम हसन अस्करी (अ) से वर्णित हदीस को बनी फ़ज़्ज़ाल द्वारा वर्णित हदीसों के प्रामाणिकता का संकेत नहीं माना है।[२८]

फ़ुटनोट

  1. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1381 शम्सी, खंड 20, पृष्ठ 216।
  2. इब्ने नदीम, अल फ़ेहरिस्त, 1366 शम्सी, पृष्ठ 408; शुश्त्री, क़ामूस अल रेजाल, 1410 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 428; ख़ूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 16, पृष्ठ 244।
  3. कलबासी, रेसाला अल रेजालिया, 1380 शम्सी, खंड 3, पृष्ठ 95।
  4. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 437; शेख़ तूसी, अल-फ़ेहरिस्त, अल-मकतब अल-रज़विया का प्रकाशन, पृष्ठ 47; कश्शी, इख़्तियार मीरेफ़त अल रेजाल, 1404 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 836।
  5. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1381 शम्सी, खंड 20, पृष्ठ 136।
  6. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1381 शम्सी, खंड 20, पृष्ठ 136।
  7. शेख़ तूसी, अल-फ़ेहरिस्त, अल-मकतब अल-रज़विया द्वारा प्रकाशित, पृष्ठ 47।
  8. शुश्त्री, क़ामूस अल रेजाल, 1410 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 428; खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 244।
  9. इब्ने नदीम, अल-फ़ेहरिस्त, 1366 शम्सी, पृष्ठ 408; शेख़ तूसी, अल-फ़ेहरिस्त, अल-मकतब अल-रज़विया द्वारा प्रकाशित, पृष्ठ 47।
  10. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 53; कश्शी, इख़्तियार मारेफ़त अल रेजाल, 1404 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 217।
  11. कश्शी, इख़्तियार मारेफ़त अल रेजाल, 1404 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 837।
  12. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 245।
  13. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 359।
  14. मामक़ानी, तंक़ीह अल मक़ाल, 1381 शम्सी, खंड 20, पृष्ठ 290।
  15. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 361।
  16. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 244।
  17. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 244।
  18. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 244।
  19. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 244।
  20. इब्ने नदीम, अल-फ़ेहरिस्त, 1366 शम्सी, पृष्ठ 408; नज्जाशी, रेजाल, 1424 हिजरी, पृष्ठ 36; खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 359।
  21. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 54।
  22. शुश्त्री, क़ामूस अल रेजाल, 1410 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 429।
  23. नज्जाशी, रेजाल, 1424 हिजरी, पृष्ठ 36।
  24. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 359।
  25. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 359।
  26. शेख़ तूसी, अल-ग़ैबा, 1411 हिजरी, पृष्ठ 390।
  27. ईरवानी, दुरूस तमहीदिया फ़ी अल क़वाएद अल रेजालिया, 1431 हिजरी, पृष्ठ 36-37।
  28. खूई, मोजम रेजाल अल-हदीस, 1372 शम्सी, खंड 2, पृष्ठ 68।

स्रोत

  • इब्ने नदीम, मुहम्मद बिन इस्हाक़, अल-फ़ेहरिस्त, मुहम्मद रज़ा तजद्दुद, तेहरान, अमीर कबीर प्रकाशन, 1366 शम्सी।
  • ईरवानी, मुहम्मद बाक़िर, दुरूस तमहीदिया फ़ी अल क़वाएद अल रेजालिया, क़ुम, मदीन प्रकाशन, 1431 हिजरी।
  • ख़ूई, अबुल क़ासिम, मोजम रेजाल अल हदीस, क़ुम, मरकज़ नशर अल सक़ाफ़ा अल इस्लामिया फ़िल आलम, 1372।
  • शुश्त्री, मुहम्मद तक़ी, क़ामूस अल रेजाल, क़ुम, जामेअ मुदर्रेसीन, दूसरा संस्करण, 1410 हिजरी।
  • शेख़ तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल-फ़ेहरिस्त, मुहम्मद सादिक़ बहरुल उलूम द्वारा संपादित, नजफ़, अल-रज़विया स्कूल, बी ता।
  • शेख़ तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल-ग़ैबा, एबादुल्लाह तेहरानी और अली अहमद नासेह द्वारा शोध, क़ुम, अल-मआरिफ इस्लामिक फाउंडेशन, 1411 हिजरी।
  • कश्शी, मुहम्मद बिन उमर, इख्तियार मारेफ़त अल रेजाल, महदी रजाई का शोध, मुहम्मद बाकिर मिर दामद द्वारा संपादित, क़ुम, आल अल बैत अल एहिया अल तोरास संस्थान, 1404 हिजरी।
  • कलबासी, मुहम्मद बिन मुहम्मद इब्राहीम, अल रसाएल अल रेजालिया, मुहम्मद हुसैन देरायती द्वारा संशोधित, क़ुम, दार अल-हदीस, 1380 शम्सी।
  • मामक़ानी, अब्दुल्लाह, तंक़ीह अल मक़ाल फ़ी इल्म अल रेजाल, मुहिउद्दीन और मोहम्मद रज़ा मामकानी द्वारा शोध, क़ुम, आल-अल-बेत ले एहया अल तोरास संस्थान, 1388 शम्सी।
  • नजाशी, अहमद बिन अली, रेजाल अल नजाशी, क़ुम, इस्लामिक पब्लिशिंग हाउस, 1424 हिजरी।