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तीर्थयात्री आवास

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(ज़ायर सरा से अनुप्रेषित)
मशहद शहर मे रज़वी तीर्थयात्री आवास

तीर्थयात्री आवास (फ़ारसीःزائرسرا) तीर्थयात्रियों के ठहरने या आराम करने के लिए एक स्थान है, जिसे धार्मिक शहरों में या धार्मिक शहरों की ओर जाने वाले मार्गों पर एक धर्मार्थ संस्था के रूप में स्थापित किया जाता है। इन इमारतों का निर्माण आम तौर पर तीर्थयात्रा की संस्कृति को बढ़ावा देने और तीर्थयात्रियों को सम्मान देने के उद्देश्य से किया जाता है।

अतीत में तीर्थयात्री आवास शहरों के बाहर और सड़कों के किनारे बनाए जाते थे, और ये ऐसे स्थान होते थे जहाँ यात्रियों के कारवां रुकते थे। लेकिन उसके बाद धार्मिक शहरो के अंदर तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए स्थान बनाए गए। अरबईन वॉक के दौरान नजफ़ से कर्बला तक के मार्ग पर तीर्थयात्री आवासो की संख्या मे मूकिब के रूप में वृद्धि हुई है।

कुछ तीर्थनगरो जैसे मशहद और कर्बला में आवास के लिए बड़े तीर्थ केंद्र बनाए गए हैं, जिन्हें "तीर्थ नगर" कहा जाता है। 1400 हिजरी के आंकड़ों के अनुसार, मशहद में इमाम रज़ा (अ) की दरगाह पर आने वाले 50% से अधिक तीर्थयात्रियों ने अपने आवास के लिए तीर्थयात्री आवास का उपयोग किया।

तीर्थयात्री आवासो का उपयोग

तीर्थ आवास तीर्थयात्रियों के आराम करने और ठहरने के स्थान हैं। अतीत में तीर्थयात्री आवास शहरों के बाहर और सड़कों के किनारे बनाए जाते थे, जो यात्रियों के कारवां के लिए रुकने का स्थान होते थे। आजकल, अधिकांश तीर्थयात्री आवास तीर्थनगरी के भीतर और पवित्र स्थलों के निकट स्थित छोटे होटल हैं। कई तीर्थयात्री आवास का कार्य होटलों के समान होता है; लेकिन उनमें से अधिकांश का उपयोग समूहों में किया जा सकता है और उनमें एकल कमरे नहीं होते हैं। तीर्थयात्री आवास के किनारे स्थित तीर्थस्थलों पर भी तीर्थयात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं। अरबाईन वॉक अनुष्ठान में, कर्बला के लिए तीर्थयात्रियों के मार्ग के साथ बनाए गए मूकिब भी एक प्रकार का तीर्थयात्री आवास हैं।[]

तीर्थयात्री आवास स्थापित करने के लक्ष्यों में तीर्थयात्रा की संस्कृति को बढ़ावा देना और तीर्थयात्रियों को सम्मान देना शामिल है, जो धार्मिक पर्यटन के अनुरूप मे किया जाता है। इसलिए, ये इमारतें धार्मिक शहरों और पवित्र बेका के पास स्थापित की जाती हैं।[] 1400 हिजरी के आँकड़ों के अनुसार, मशहद में इमाम रज़ा (अ) के दरगाह के 50% से अधिक तीर्थयात्रियों ने अपने आवास के लिए तीर्थयात्री आवास का उपयोग किया।[] विद्वानों, व्यापारियों और वक़्फ़करने वालो ने रास्ते में कारवानसरा के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई।[]

तीर्थयात्री आवास आमतौर पर तीर्थयात्रियों को मुफ्त या सस्ती सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाए जाते हैं और इन्हें पर्यटन उद्योग में एक नया प्रकार माना जाता है। कुछ अध्ययनों ने शहरों में तीर्थयात्री आवास को एक ऐसी घटना के रूप में माना है जो पर्यटन और होटल उद्योग के विकास का प्रतिकार करती है, जो इन आवासों पर पर्यवेक्षण की कमी के कारण होता है।[] रिपोर्टों के अनुसार, कई तीर्थयात्री आवास और कारवानसरा पूरी तरह से तीर्थयात्रियों के उपयोग के लिए वक़्फ़ थे और गैर-तीर्थयात्रियों को उनका उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया था।[]

तीर्थयात्री आवासो का इतिहास

शाहरूद सब्ज़ावार मार्ग पर बना तीर्थयात्री आवास

अतीत में, तीर्थयात्राओं में आम तौर पर कठिन यात्राएं शामिल होती थीं, और यात्रा की लंबाई के कारण, रास्ते में तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम स्थल बनाए जाते थे। इन स्थानों को, जिन्हें कारवानसरा या तीर्थयात्री आवास कहा जाता था।[] बाद में, मिडवे बस्तियों के मॉडल के आधार पर, तीर्थयात्री शिविर या इंटरसिटी या मिडवे तीर्थयात्री सराय का गठन किया गया। इन शिविरों का उपयोग आम तौर पर अस्थायी आराम (एक दिन से कम) के लिए किया जाता है।[]

इराक में

रिपोर्टों के अनुसार, 14वीं शताब्दी से पहले, नजफ़-कर्बला मार्ग पर कम से कम चार कारवां सराय बनाए गए थे, जिन्हें खान जुज़्आन, खान मुसल्ला, खान हम्माद और खान नुखैला के नाम से जाना जाता था।[] बाद में, तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए मार्ग के साथ अन्य सराय स्थापित किए गए थे। अरबाईन वॉक के दौरान, मूकिब के रूप में इन तीर्थस्थलों की संख्या में वृद्धि हुई।[१०] इसके अलावा, बहुत से इराकी अरबईन के दौरान तीर्थयात्रियों को अपने घर मुफ्त में देते हैं।[११]

ईरान में

ऐसा कहा जाता है कि 14वीं शताब्दी हिजरी से पहले तेहरान से कर्बला तक के मार्ग पर 99 से अधिक सक्रिय कारवानसरा थे, जबकि उसी समय नजफ़ से कर्बला तक के मार्ग पर केवल तीन सक्रिय कारवानसरा थे।[१२]

इस्लामी गणतंत्र ईरान के कानूनों के तहत, तीर्थयात्री आवास और विश्रराम गृहो की स्थापना और प्रबंधन गैर-सरकारी संगठनों की जिम्मेदारी है, और सरकारों को सरकारी धन से तीर्थयात्री आवास की स्थापना और प्रबंधन करने का अधिकार नहीं है।[१३] तीर्थयात्री आवास के लिए पर्यवेक्षी निकाय आम तौर पर ईरानी वक़्फ़ विभाग है, और इनमें से अधिकांश तीर्थयात्री आवास का प्रबंधन न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाता है।[१४] मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित ईरानी तीर्थयात्री आवास के वर्गीकरण के कानूनों के अनुसार, तीर्थस्थलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: पहला, दूसरा और तीसरा, और प्रत्येक को विशिष्ट मानकों को पूरा करना आवश्यक है।[१५]

तीर्थ नगरी

इराक़ मे एक तीर्थ शहर इमाम हुसैन (अ) की दरगाह दुवारा कर्बला शहर के पास बनाया गया

14वीं और 15वीं शताब्दियों में दानदाताओं और वक़्फ़ करने वालो के द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं में से एक थी तीर्थ नगरों की स्थापना, अर्थात धर्मार्थ उद्देश्यों वाले बड़े तीर्थ केंद्र। ईरान में सबसे बड़ी तीर्थस्थल निर्माण परियोजनाओं में से एक मशहद में तीर्थस्थल शहर की स्थापना है। यह परियोजना इस्लामी गणतंत्र ईरान के नेता सय्यद अली ख़ामेनेई के आदेश पर बनाई गई थी। इस परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन 2018 में किया गया था। पहले चरण में इस तीर्थस्थल की क्षमता प्रतिदिन पाँच हज़ार तीर्थयात्रियों की थी।[१६]

इमाम हुसैन (अ) की पवित्र दरगाह ने इराक में कई तीर्थ शहरों के निर्माण को भी एजेंडे में रखा है, जिनमें से दो स्थापित हो चुके हैं; एक शिलमचेह और सफवान सीमा चौकियों पर है और दूसरा दक्षिणी इराक के बसरा प्रांत में है। ये दोनों तीर्थ शहर इराक में आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हैं।[१७] इराक के सबसे बड़े तीर्थ शहरों में से एक कर्बला में है, और दूसरा बगदाद-कर्बला रोड पर है, जो तीर्थयात्रियों को चिकित्सा, स्वास्थ्य और कल्याण सेवाओं जैसी कई सेवाएँ प्रदान करते है।[१८]

फ़ुटनोट

  1. अकवानी, उसूल तर्राही ज़ायरसराई बैने राही बा रुईकर्दे अरबईन हुसैनी, 1399 शम्सी, पेज 25-27
  2. तारीफ़ ज़ायरसार, इदारा कुल्ले मीरास फ़रहंगी व गरदिशगिरी हमदान
  3. तवानगर, गूनेशनासी व बररसी साख्तारहाए मुदीरीयत ज़ायरसराहाए अरज़ान क़ीमत दर शहरे मशहद, बा निगाही बर त्योरी नौ आवरी मुखरिब, 1400 शम्सी, पेज 978
  4. हैदर अल जद, मनज़िलगाहाए राहे कर्बला व नजफ, 1388 शम्सी, पेज 87
  5. तवानगर, गूनेशनासी व बररसी साख्तारहाए मुदीरीयत ज़ायरसराहाए अरज़ान क़ीमत दर शहरे मशहद, बा निगाही बर त्योरी नौ आवरी मुखरिब, 1400 शम्सी, पेज 978
  6. हैदर अल जद, मनज़िलगाहाए राहे कर्बला व नजफ, 1388 शम्सी, पेज 88
  7. अकवानी, उसूल तर्राही ज़ायरसराई बैने राही बा रुईकर्दे अरबईन हुसैनी, 1399 शम्सी, पेज 25-27
  8. अकवानी, उसूल तर्राही ज़ायरसराई बैने राही बा रुईकर्दे अरबईन हुसैनी, 1399 शम्सी, पेज 25-27
  9. हैदर अल जद, मनज़िलगाहाए राहे कर्बला व नजफ, 1388 शम्सी, पेज 87 और 93
  10. हैदर अल जद, मनज़िलगाहाए राहे कर्बला व नजफ, 1388 शम्सी, पेज 88-91
  11. ख़ानेहाए इराक ज़ायरसरा शुद, शुमाल न्यूज़
  12. हैदर अल जद, मनज़िलगाहाए राहे कर्बला व नजफ, 1388 शम्सी, पेज 88
  13. तवानगर, गूनेशनासी व बररसी साख्तारहाए मुदीरीयत ज़ायरसराहाए अरज़ान क़ीमत दर शहरे मशहद, बा निगाही बर त्योरी नौ आवरी मुखरिब, 1400 शम्सी, पेज 979
  14. तवानगर, गूनेशनासी व बररसी साख्तारहाए मुदीरीयत ज़ायरसराहाए अरज़ान क़ीमत दर शहरे मशहद, बा निगाही बर त्योरी नौ आवरी मुखरिब, 1400 शम्सी, पेज 985
  15. तारीफ़ ज़ायरसार, इदारा कुल्ले मीरास फ़रहंगी व गरदिशगिरी हमदान
  16. तवानगर, गूनेशनासी व बररसी साख्तारहाए मुदीरीयत ज़ायरसराहाए अरज़ान क़ीमत दर शहरे मशहद, बा निगाही बर त्योरी नौ आवरी मुखरिब, 1400 शम्सी, पेज 986
  17. आसतान कुद्स हुसैनी दो ज़ायरशहर दर मर्ज़े ईरान व कुवैत मी साज़द, खबरगुज़ारी शफ़्क़्ना
  18. सेह ज़ायर शहर आसतान मुताहर आमादेह इस्तिक़बाल अज़ ज़ाऐरान मोहतरम सय्यद अल शोहदा (अ), आसतान कुद्स हुसैनी

स्रोत

  • आसतान कुद्स हुसैनी दो ज़ायरशहर दर मर्ज़े ईरान व कुवैत मी साज़द, ख़बरगुज़ारी शफ़क़्ना, प्रविष्ट की तारीख 15 मुरदाद 1402 शम्सी, वीजिट की तारीख 3 आबान 1403 शम्सी
  • अकवानी, अब्बास, उसूल तर्राही ज़ायर सराए बैने राही बा रूईकर्द अरबईन हुसैनी, दर मजल्ला नुखबेगान उलूम व मोहन्नदिसी, क्रमांक 27 बहमन 1399
  • तारीफ़ ज़ायरसरा, इदारा कुल्ले मीरास फ़रहंगी व गरदिशगिरी हमदान, वीज़िट की तारीख 3 आबान 1403 शम्सी
  • तवानगर, मासूमा, गूनेशनासी व बररसी साख्तारहाए मुदीरीयत ज़ायरसराहाए अरज़ान क़ीमत दर शहर मशहद, बा निगाही बर त्योरी नौ आवरी मुखरिब, दर मजल्ले पुजूहिशहाए जुग़राफ़ीयाई इंसानी, क्रमांक 3, पाईज़ 1400 शम्सी
  • हैदर अल जद, मंज़िलगाहाए राहे कर्बला व नजफ़, दर फ़सलनामा फ़रहंग ज़ियारत, तरजुम मुहम्मद अली रज़ाई, क्रमांक 1, ज़मिस्तान, 1388 शम्सी
  • ख़ानेहाई इराक ज़ायरसरा शुद, शुमाल न्यूज़, प्रविषट की तारीख 17 आबान 1395 शम्सी, वीजिट की तारीख 3 आबान 1403 शम्सी
  • सेह ज़ायर शहर आसतान मुताहर आमादेह इस्तिक़बाल अज़ जाएरान मोहतरम सय्यद अल शोहदा (अ), आसातान कुद्स हुसैनी, प्रविष्ट की तारीख 22 अक्टूबर 2018 ई, वीज़ित की तारीख 3 आबान 1403 शम्सी