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"हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा": अवतरणों में अंतर

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* '''मदर डे''': ईरान में हज़रत फ़ातिमा (स) के जन्म दिवस 20 जमादी उस-सानी को मदर डे (Mother Day) या महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।<ref>आईन नामा हाए मुसव्विब शूरा ए फ़रहंगे उमूमी, इदारा ए कुल्ले फ़रहंग व इरशाद इस्लामी किरमान शाह, तारीख वीजीट 2/12/1395</ref> इस दिन ईरान में लोग अपनी मां को तोहफे देते हैं और आपका जन्म दिवस मनाते है।<ref>पीशनेहाद बराए हदिया रोज़े मादर, पायगाह इंटरनेटी बैतूते, तारीख वीजीट 2/12/1395</ref>
* '''मदर डे''': ईरान में हज़रत फ़ातिमा (स) के जन्म दिवस 20 जमादी उस-सानी को मदर डे (Mother Day) या महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।<ref>आईन नामा हाए मुसव्विब शूरा ए फ़रहंगे उमूमी, इदारा ए कुल्ले फ़रहंग व इरशाद इस्लामी किरमान शाह, तारीख वीजीट 2/12/1395</ref> इस दिन ईरान में लोग अपनी मां को तोहफे देते हैं और आपका जन्म दिवस मनाते है।<ref>पीशनेहाद बराए हदिया रोज़े मादर, पायगाह इंटरनेटी बैतूते, तारीख वीजीट 2/12/1395</ref>


* '''बेटियों के नाम''': [[शिया]] अपनी बेटियों का नाम फ़ातिमा रखते हैं या नाम के रूप में हज़रत ज़हरा (स) के उपनामो में से किसी एक उपनाम का चयन करते हैं, और हाल के वर्षों में ईरान में, "फ़ातिमा" और "[[ज़हरा]]" नाम का शुमार बेटियों के लिए पहले दस नामो मे होता है।<ref>दह नाम नुखुस्त बराए दुख्तरान व पिस्रान ईरानी, खबरगुज़ारी फार्स, तारीख प्रकाशन 15/2/1392, तारीख वीजीट 2/12/1395  </ref>  
* '''बेटियों के नाम''': [[शिया इसना अशरी|शिया]] अपनी बेटियों का नाम फ़ातिमा रखते हैं या नाम के रूप में हज़रत ज़हरा (स) के उपनामो में से किसी एक उपनाम का चयन करते हैं, और हाल के वर्षों में ईरान में, "फ़ातिमा" और "[[ज़हरा]]" नाम का शुमार बेटियों के लिए पहले दस नामो मे होता है।<ref>दह नाम नुखुस्त बराए दुख्तरान व पिस्रान ईरानी, खबरगुज़ारी फार्स, तारीख प्रकाशन 15/2/1392, तारीख वीजीट 2/12/1395  </ref>  


* '''फ़ातिमा ज़हरा (स) के वंशजों को श्रेय''': शियों के बीच ज़ैदीया संप्रदाय का मानना है कि इमामत और नेतृत्व केवल हज़रत फ़ातिमा के वंशजों के लिए आरक्षित हैं। इस आधार पर, ज़ैदीया केवल उस व्यक्ति को अपना इमाम मानते हैं और उसके शासन को स्वीकार करते हैं जो आप (स) के वंशज है।<ref> रसास, मिस्बाहुल उलूम, 1999 ई, पजे 23-24</ref> इसी प्रकार फ़ातिमी शासकों ने जब मिस्र मे अपनी सरकार स्थापना की तो उन्होने खुद को हज़रत फ़ातिमा (स) के वंशज होने का दावा किया।<ref>रब्बानी गुलपाएगानी, अली, फ़ातेमयान व क़रामेता, पायगाह इत्तेला रसानी हौज़ा, तारीख प्रकाशन 4/5/1385, तारीख वीजीट 06/12/1395</ref>
* '''फ़ातिमा ज़हरा (स) के वंशजों को श्रेय''': शियों के बीच ज़ैदीया संप्रदाय का मानना है कि इमामत और नेतृत्व केवल हज़रत फ़ातिमा के वंशजों के लिए आरक्षित हैं। इस आधार पर, ज़ैदीया केवल उस व्यक्ति को अपना इमाम मानते हैं और उसके शासन को स्वीकार करते हैं जो आप (स) के वंशज है।<ref> रसास, मिस्बाहुल उलूम, 1999 ई, पजे 23-24</ref> इसी प्रकार फ़ातिमी शासकों ने जब मिस्र मे अपनी सरकार स्थापना की तो उन्होने खुद को हज़रत फ़ातिमा (स) के वंशज होने का दावा किया।<ref>रब्बानी गुलपाएगानी, अली, फ़ातेमयान व क़रामेता, पायगाह इत्तेला रसानी हौज़ा, तारीख प्रकाशन 4/5/1385, तारीख वीजीट 06/12/1395</ref>
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